छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (16392)

 

रायपुर :शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। एक पढ़े-लिखे व्यक्ति और अनपढ़ व्यक्ति के जीवन में जमीन आसमान का अंतर होता है। स्कूली बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने में पाठ्य पुस्तक निगम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह बातें मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री राजा पांडेय के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कहीं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने पर श्री राजा पांडेय को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम का दायित्व है की किताबें समय पर छपें और बच्चों को स्कूल में पुस्तकें समय पर उपलब्ध हों। मुझे पूरी उम्मीद है कि श्री राजा पांडेय पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में शिक्षा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। इस लिहाज से पाठ्यपुस्तक निगम के पास एक बड़ी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति की शुरुआत की गई है, जिसे हमने छत्तीसगढ़ में लागू किया है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ-साथ रोजगार पर भी फोकस किया गया है। प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर हम बच्चों को 18 स्थानीय बोलियों में किताबें उपलब्ध करा रहे हैं। इससे बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त कर पायेंगे। नई शिक्षा नीति का लाभ राज्य के बच्चों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ की 25 वर्ष की यात्रा में शिक्षा के क्षेत्र में देश के शीर्ष संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ स्कूल और ट्रिपल आईटी छत्तीसगढ़ में स्थापित हुए हैं। आज चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में 14 मेडिकल कॉलेज हैं। एम्स जैसे राष्ट्रीय चिकित्सा संस्थान का लाभ लोगों को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। आज नवा रायपुर में हमने प्रदेश के पहले सेमीकंडक्टर यूनिट का भूमिपूजन किया है। ये सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में देश का दूसरा यूनिट है। 1143 करोड़ की लागत से इस संयंत्र की स्थापना हुई है। कम्पनी ने 10 हज़ार करोड़ के अतिरिक्त निवेश का प्रस्ताव भी दिया है। इससे सेमीकंडक्टर चिप्स निर्माण में प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा। इसी तरह नवा रायपुर को आईटी हब बनाने की दिशा में आज स्कवायर बिजनेस सर्विसेज को ऑफिस स्पेस आबंटित किया गया है। बिहान की बहनों को 40 बैटरी चालित ई-रिक्शा भी दिया गया है। साथ ही आज एल्कलाइन वाटर बॉटलिंग प्लांट का भी हमने शुभारंभ किया है। छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की निवेशकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। एनर्जी और टेक्सटाइल सहित कई क्षेत्रों में राज्य को निवेश प्राप्त हो रहा है। हम सभी को मिलकर छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाना है।

केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री राजा पाण्डेय को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा समाजिक परिवर्तन की धुरी है। समाजिक परिवर्तन से आर्थिक परिवर्तन संभव है। आर्थिक परिवर्तन से ही सशक्त राष्ट्र की संकल्पनाओं को साकार किया जा सकता है।

उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार सुशासन को लेकर कार्य कर रही है। अभी गांवों से लेकर शहरों तक सुशासन तिहार मनाया जा रहा है। सुशासन के उद्देश्यों और आम जनमानस तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने में सभी निगम-मंडल का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने इस अवसर पर नवनियुक्त श्री राजा पाण्डेय को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर विधायक श्री अमर अग्रवाल,विधायक श्रीमती गोमती साय,विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री सुशांत शुक्ला,विधायक श्री प्रबोध मिंज, विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, पूर्व मंत्री श्री रामसेवक पैंकरा, पूर्व विधायक श्री शिवरतन शर्मा,पूर्व विधायक श्री देवजी भाई पटेल सहित निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षगण श्री भूपेंद्र सवन्नी,श्री रामप्रताप सिंह, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री अनुराग सिंहदेव, श्री लोकेश कांवड़िया, श्री शशांक शर्मा, श्री श्रीनिवास मद्दी , श्री अमरजीत छाबड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा छ. ग. पाठ्यपुस्तक निगम के अधिकारी-कर्मचारीगण व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर आए केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी से आज रात यहां एक निजी होटल में सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव और रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार के तहत गांव-गांव, शहर-शहर आवेदन लिए जाने का सिलसिला जारी है। आम जनता से 11 अप्रैल तक लिए जाएंगे। आवेदन प्राप्त करने के प्रथम चरण में तीन दिनों में तीन लाख 18 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 2 लाख 89 हजार 648 आवेदन विभिन्न मांगों से संबंधित है जबकि शिकायतों से संबंधित आवेदनों की संख्या मात्र 19 हजार 375 है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सुशासन तिहार तीन चरणों में आयोजित होगा। प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं। लोग अपनी समस्याओं एवं मांगों से संबंधित आवेदन अपने-अपने जिलों में ऑनलाईन, शिविर एवं समाधान पेटी में डाल रहे हैं।
जनसमान्य की समस्याओं से संबंधित आवेदनों को भरने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायो के कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है, ताकि लोगों को अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाने की व्यवस्था है। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी गई है, जहां लोग अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन डाल रहे है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व में ही सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।

सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी।

समाधान शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के रांकाडीह में आयोजित कंवर पैकरा समाज के नवनिर्वाचित आदिवासी पंचायत जनप्रतिनिधियों के सम्मान समारोह और धमतरी राज कंवर पैकरा समाज का वार्षिक महासभा में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर नगरीय निकाय निर्वाचन और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में विजयी जनप्रतिनिधियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गहिरागुरू बाबा द्वारा समाज कल्याण के लिए किये गये कार्यों को बताते हुए उनसे प्रेरणा लेकर समाज कल्याण के लिए कार्य करने की बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कंवर एवं पैकरा समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है, हम सभी को मिलकर इस गौरवशाली इतिहास को संजोए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा की आज समाज के अनेक लोग विभिन्न क्षेत्रों में काम कर समाज का नाम रौशन कर रहे है। उन्होंने समाज के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि मदिरापान और मांस से दूर रहकर विकास में सहभागी बनें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत् किये गये वादों को पूरा करने में कोई कमी नहीं की है। हमने शपथ लेते ही 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृत प्रदान की। वहीं धमतरी जिले में 40 हजार आवासों की स्वीकृति जल्द ही दी जायेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों से 3100 रूपये क्विंटल की दर से धान की खरीदी की और उसके बोनस की अंतर राशि भी एक सप्ताह के भीतर उन्हें प्रदान कर दी है। इसके साथ ही लंबित 2 वर्षाे का धान बोनस भी किसानो को दिया गया, जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाओं को एक हजार रूपये प्रदान किये जा रहे हैं, जल्द ही ऐसी महिलायें जो नवविवाहित है या जिनका नाम नहीं जुड़ पाया है, उन्हें भी जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता खरीदी में भी हमने प्रति मानक बोरा की दर में वृद्धि करते हुए 5500 रूपये किया है। रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत् प्रदेश के लोगों को धार्मिक स्थानों पर जाने का अवसर मिल रहा है। भूमिहीन ग्रामीण कृषि मजदूर योजना के तहत् भी प्रदेश के पात्र हितग्राहियों को सहायता राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक नीति और प्रदेश में संचालित उच्च शैक्षणिक संस्थानों और विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को कांकेर लोकसभा सांसद श्री भोजराज नाग, प्रदेश अध्यक्ष कंवर समाज श्री हरिवंश सिंह मिरी, कंवर समाज के अध्यक्ष श्री विश्राम जी दाउ और अन्य अतिथियों ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक सिहावा श्रीमती पिंकी धुव, पूर्व विधायक सिहावा श्री श्रवण मरकाम सहित अनेक समाज के पदाधिकारी और ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने 10 हितग्राहियों को पीएम आवास की सौंपी चाबी

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कंवर समाज के 10 हितग्राहियों को प्रतीकात्मक रूप से आवास की चाबी प्रदान करते हुए गृह प्रवेश की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत् जिले में सभी पात्र हितग्राहियों को पक्का आवास प्रदान करने के उद्देश्य से 21 हजार 875 आवास स्वीकृत किए गए है। वर्तमान में नवीन परिवारों का सर्वे किया जा रहा है, जिसमें जिले 32 हजार 565 का सर्वे हो चुका है।

25 हितग्राहियों को मिला अधिकार अभिलेख

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 25 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान कर हितग्राहियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अधिकार अभिलेख मिल जाने से अब किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण राजस्व ग्रामों में स्थित आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को स्वामित्व कार्ड जिले में प्रदाय किया जा रहा है। धमतरी जिला, स्वामित्व कार्ड वितरण में पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर है।

कबीरधाम जिले की ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित गांव पटपरी में निवासरत 25 बैगा परिवारों के जीवन में अब अंधेरा नहीं रहा। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत यहां के सभी बैगा परिवारों के घरों में क्रेडा की ओर से निःशुल्क सोलर सिस्टम लगाया गया है, जिससे उनके आशियाने अब रोशनी से जगमगा उठे हैं। शासकीय योजनाओं का लाभ अब दूरस्थ आदिवासी अंचलों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। पटपरी गांवों में बिजली, पानी, स्वास्थ्य और पहचान जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाकर शासन-प्रशासन ने जनजातीय समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव की नींव रखी है।

पटपरी गांव, जो जिला मुख्यालय कबीरधाम से लगभग 80 किलोमीटर तथा ब्लॉक मुख्यालय पंडरिया से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, अब एक नई ऊर्जा की मिसाल बन गया है। हर घर में 300 वाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगाया गया है। प्रत्येक सोलर सिस्टम की लागत 65 हजार रूपए है, जो कि पीएम जनमन और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पूर्णतः निःशुल्क बैगा परिवारों को प्रदाय किया गया है। इस पहल से ग्रामीणों को न सिर्फ अंधेरे से छुटकारा मिला है, बल्कि उनके जीवन में एक नई उम्मीद भी जगी है। बैगा समुदाय के फूल सिंह का कहना है, अब हमारे घरों में अंधेरा नहीं रहता, रात में भी बच्चे पढ़ाई कर पाते हैं।

जगातीन बाई बैगा ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि जनमन योजना के तहत उनके घर में बिजली पहुंची है, जिससे वे अत्यंत उत्साहित हैं। जनमन योजना की लाभार्थी होने के नाते वे राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के विशेष आमंत्रण पर दिल्ली भी गई थीं और उनसे भेंट की थी। पटपरी गांव में निवासरत बैगा परिवारों के पेयजल की व्यवस्था के लिए दो हैंड पंप भी स्थापित किए गए हैं, जिससे उन्हें स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है। इस गांव के सभी बैगा परिवारों के आधार कार्ड व राशन कार्ड प्रदाय किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यकर्ता समय-समय पर पटपरी गांव पहुंचते हैं और ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करते हैं। खेती-बाड़ी पर आश्रित बैगा परिवारों का जीवन यापन मुख्यतः पट्टे पर मिली वनभूमि पर खेती से होता है। इसके अलावा गन्ना सीजन में मजदूरी कर वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लघु वनोपज का संग्रहण बैगा परिवारों के आय का अतिरिक्त जरिया है।

रायपुर, 10 अप्रैल 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज महासमुंद जिले के खल्लारी ग्राम में आयोजित आदिवासी कंवर-पैंकरा समाज महासभा एवं वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री का कंवर समाज के प्रतिनिधियों ने पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों से आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर महासभा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खल्लारी माई, भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी, राम जानकी भगवान एवं कंवर समाज की जयघोष के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने समाज के प्रति आभार व्यक्त करते हुए माता खल्लारी और राम जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जंगल सत्याग्रहियों की भूमि को नमन करते हुए कहा कि मैं आप सभी का आशीर्वाद लेने आया हूं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जंगल सत्याग्रह के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों को शॉल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर 55 लाख रूपए के विकास कार्यों की घोषणा की, जिनमें राम-जानकी मंदिर परिसर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपये, कंवर समाज के छात्रावास निर्माण के लिए 25 लाख रुपये तथा सर्व-सुविधायुक्त शौचालय निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा शामिल है।

रायपुर :सुशासन तिहार को जन -जन तक पहुंचने के लिए बलौदाबाजार भाटापारा जिला प्रशासन द्वारा जोर - शोर से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें रैली,साईकिल रैली,मुनादी, दीवाल लेखन आदि शामिल है लेकिन ग्रामीण अंचल में सुआ नृत्य जनजागरूकता का सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है। बुधवार को बलौदा बाजार जिले के विकासखंड पलारी के ग्राम पंचायत कुसमी में बिहान की महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा सुवा गीत व नृत्य के माध्यम से सुशासन तिहार को लोगों तक पहुंचाया। छत्तीसगढ़ में पारंपरिक लोक नृत्यों में पंथी, राउत नाचा, कर्मा,पंडवानी,सुवा,सैला, गेंड़ी आदि शामिल हैं। ये नृत्य विभिन्न समुदायों द्वारा त्योहारों और उत्सवों के दौरान किए जाते हैं और वे क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

सुशासन तिहार के प्रथम चरण अंतर्गत 8 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में आवेदन प्राप्ति स्थल पर लोगों से आवेदन प्राप्त किये जाएंगे।कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन एवं सीईओ जिला पंचायत सुश्री दिव्या अग्रवाल के नेतृव में जिले में गठित स्व सहायता समूह (बिहान )द्वारा संकुल संगठन स्तर ,ग्राम संगठन स्तर,पंचायत स्तर पर दीवाल लेखन,सुशासन नारे,रैली,घर -घर दस्तक अभियान का सफल आयोजन किया जा रहा है एवं आमजन को अवगत कराने प्रचार- प्रसार किया जा रहा है।बिहान के कैडर के द्वारा प्रत्येक पंचायत में सुशासन तिहार का शुभारंभ किया गया।

रायपुर : सुशासन तिहार के प्रथम चरण जारी है जिसमें आवेदक अपनी समस्या और मांग से सम्बंधित आवेदन दे रहे है। इस दौरान ऐसे भी दृश्य सामने आ रहे है जिसमें आवेदन देने के तत्काल बाद निराकरण भी किया जा रहा है जो मिसाल बनने के साथ ही लोगों में विश्वास बढ़ा रहा है।

नगर पालिका बलौदाबाजार के वार्ड क्रमांक 17 निवासी आवेदक हेमलता वर्मा बुधवार को नगर पालिका कार्यालय के आवेदन प्राप्ति स्थल में अपना आवेदन देने पहुंची। आवेदन में अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र के लिए अनुपलब्धता प्रमाण की जरुरत थीं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी खिरोद्र भोई ने संवेदनशीलता क़ा परिचय देते हुए तत्काल अनुपलब्धता प्रमाण पत्र बनाकर उन्हें सौंप दिया गया।

हेमलता ने बताया कि लम्बे समय से अपने बेटे राजू नयन वर्मा का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान थीं। राजू इस समय कक्षा 12वीं का छात्र है और उसे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए यह दस्तावेज बेहद जरूरी था। लेकिन बार-बार प्रयासों के बावजूद कहीं से भी प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा था। कई दफ्तरों के चक्कर लगाने के बावजूद हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगती थी। लेकिन इसी बीच उन्होंने मोबाइल पर देखा कि नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार में 8 से 11 अप्रैल तक "सुशासन तिहार 2025" के तहत एक विशेष शिविर लगाया जा रहा है, जिसमें आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित रूप से समाधान किया जा रहा है। इससे एक नई उम्मीद जगी और बिना समय गंवाए शिविर में जाकर आवेदन दिया। जिस समस्या को लेकर वे महीनों से इधर-उधर भटक रही थीं उसका समाधान महज 2 मिनट में मिल गया। हेमलता वर्मा कहती हैं, “मैं मुख्यमंत्री जी की अत्यंत आभारी हूं, जिन्होंने सुशासन तिहार जैसा अभियान चलाकर हम आम लोगों की वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान इतने सरल और सम्मानजनक तरीके से करवाया। यह वास्तव में जनसेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।"

 

रायपुर :राज्यपाल श्री रमेन डेका आज एमिटी विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आज की दुनिया की प्रगति में ज्ञान और कौशल की प्रमुख भूमिका है। उच्च शिक्षा संस्थानों को विचारकों, नेताओं और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न पुरूस्कार एवं 18 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 15 को रजत पदक और 6 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। समारोह में वर्ष 2024 बैच के 660 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधियां वितरित की गई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डॉ. वी.के. दास और उद्योगपति श्री एस.एन. स्वामी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि सहित 16 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह दिन सभी स्नातक विद्यार्थियों के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता का प्रतीक है। यह न केवल आपके लिए बल्कि आपके परिवारों, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के लिए भी गर्व का क्षण है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लंबे समय से ज्ञान, परंपरा और उत्कृष्टता की भूमि रही है। वे स्वयं यह जानकर चकित हैं कि छत्तीसगढ़ का इतिहास रामायण काल से भी पुराना है। इस राज्य ने विज्ञान, साहित्य, संगीत, लोक कला, सिनेमा, खेल और राजनीति में बहुत योगदान दिया है। इसकी एक मजबूत शैक्षणिक, संस्कृति, शिक्षा और अनुसंधान के प्रति गहरी प्रतिबद्धता है।
श्री डेका ने कहा कि भारत विकास और परिवर्तन के एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है। प्रौद्योगिकी, उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल बुनियादी ढांचे में प्रगति के साथ, हमारा देश एक वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार है और 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर है। श्री डेका ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे नवाचार के बारे में सोचें और उसे अपनाए। भविष्य उन लोगों का है जो हिम्मत करते हैं। सपने देखें और उन सपनों को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम करें। भारत को उद्यमियों, शोधकर्ताओं और दूरदर्शी लोगों की जरूरत है, जो नए विचारों और समाधानों के साथ देश को आगे बढ़ा सकें। श्री डेका ने कहा कि भारत हमेशा से बौद्धिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों का देश रहा है। नालंदा और तक्षशिला के प्राचीन विश्वविद्यालयों से लेकर आधुनिक शोध संस्थानों तक, हमारा देश हमेशा ज्ञान सृजन में सबसे आगे रहा है। हमारे महान भारतीय विद्वानों ने गणित, विज्ञान, चिकित्सा और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
जीवन एक यात्रा है। आप अपने जीवन में आगे बढ़ते रहें और अच्छा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि आप सभी आजीवन सीखने, नैतिक नेतृत्व और समाज की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हो। शिक्षा केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए नहीं है; यह राष्ट्र और दुनिया के प्रति एक जिम्मेदारी है।
श्री डेका ने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाना चाहिए बल्कि यह जीवन की उन्नति का मार्ग है। वे स्वयं शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रयास करते रहेंगें।
इस अवसर पर श्री डेका ने ‘एक पेड़ मां के नाम‘ पर पौधा लगाया।
समारोह में विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के .चौहान, अध्यक्ष डॉ. असीम के. चैहान, कुलाधिपति डब्लू सेल्वमूर्ति, कुलपति डॉ. पीयूष कांत पाण्डे, रजिस्ट्रार, फैकल्टी मेंम्बर्स, डीन, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

रायपुर :राज्यपाल श्री रमेन डेका आज एमिटी विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आज की दुनिया की प्रगति में ज्ञान और कौशल की प्रमुख भूमिका है। उच्च शिक्षा संस्थानों को विचारकों, नेताओं और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री डेका ने विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को विभिन्न पुरूस्कार एवं 18 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 15 को रजत पदक और 6 को कांस्य पदक प्रदान किए गए। समारोह में वर्ष 2024 बैच के 660 विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधियां वितरित की गई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डॉ. वी.के. दास और उद्योगपति श्री एस.एन. स्वामी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि सहित 16 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में पी.एच.डी की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह दिन सभी स्नातक विद्यार्थियों के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता का प्रतीक है। यह न केवल आपके लिए बल्कि आपके परिवारों, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के लिए भी गर्व का क्षण है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लंबे समय से ज्ञान, परंपरा और उत्कृष्टता की भूमि रही है। वे स्वयं यह जानकर चकित हैं कि छत्तीसगढ़ का इतिहास रामायण काल से भी पुराना है। इस राज्य ने विज्ञान, साहित्य, संगीत, लोक कला, सिनेमा, खेल और राजनीति में बहुत योगदान दिया है। इसकी एक मजबूत शैक्षणिक, संस्कृति, शिक्षा और अनुसंधान के प्रति गहरी प्रतिबद्धता है।
श्री डेका ने कहा कि भारत विकास और परिवर्तन के एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है। प्रौद्योगिकी, उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल बुनियादी ढांचे में प्रगति के साथ, हमारा देश एक वैश्विक नेता बनने के लिए तैयार है और 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर है। श्री डेका ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे नवाचार के बारे में सोचें और उसे अपनाए। भविष्य उन लोगों का है जो हिम्मत करते हैं। सपने देखें और उन सपनों को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम करें। भारत को उद्यमियों, शोधकर्ताओं और दूरदर्शी लोगों की जरूरत है, जो नए विचारों और समाधानों के साथ देश को आगे बढ़ा सकें। श्री डेका ने कहा कि भारत हमेशा से बौद्धिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों का देश रहा है। नालंदा और तक्षशिला के प्राचीन विश्वविद्यालयों से लेकर आधुनिक शोध संस्थानों तक, हमारा देश हमेशा ज्ञान सृजन में सबसे आगे रहा है। हमारे महान भारतीय विद्वानों ने गणित, विज्ञान, चिकित्सा और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
जीवन एक यात्रा है। आप अपने जीवन में आगे बढ़ते रहें और अच्छा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि आप सभी आजीवन सीखने, नैतिक नेतृत्व और समाज की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हो। शिक्षा केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए नहीं है; यह राष्ट्र और दुनिया के प्रति एक जिम्मेदारी है।
श्री डेका ने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बनाना चाहिए बल्कि यह जीवन की उन्नति का मार्ग है। वे स्वयं शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रयास करते रहेंगें।
इस अवसर पर श्री डेका ने ‘एक पेड़ मां के नाम‘ पर पौधा लगाया।
समारोह में विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक के .चौहान, अध्यक्ष डॉ. असीम के. चैहान, कुलाधिपति डब्लू सेल्वमूर्ति, कुलपति डॉ. पीयूष कांत पाण्डे, रजिस्ट्रार, फैकल्टी मेंम्बर्स, डीन, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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