छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (16392)

रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च को बिलासपुर के मोहभट्टा ग्राम में आयोजित आमसभा और लोकार्पण शिलान्यास समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का शुभारंभ कर नया रायपुर को भारतीय रेल नेटवर्क से सीधे जोड़ने की ऐतिहासिक शुरुआत की।

इस नई मेमू सेवा के शुरू होने से अब रायपुर रेलवे स्टेशन से मंदिरहसौद, सीबीडी, केंद्री होते हुए नया रायपुर तक की यात्रा सीधी, सहज और मात्र 10 रुपये में संभव हो गई है। राज्य सचिवालय, मंत्रालय, आवासीय क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत हजारों कर्मचारी, विद्यार्थी और आमजन इससे लाभान्वित होंगे।

रेल सेवा की शुरुआत से अब रायपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर हसौद, सीबीडी, केंद्री होते हुए नया रायपुर तक यात्रियों के लिए सीधी और किफायती ट्रेन सुविधा उपलब्ध होगी। इसका सीधा लाभ नया रायपुर के मंत्रालय, सचिवालय, आवासीय क्षेत्रों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को मिलेगा । यह सेवा नया रायपुर को रायपुर शहर और क्षेत्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर है। यह न केवल यात्रियों के समय और धन की बचत करेगा, बल्कि नया रायपुर को आवागमन, निवेश और आवासीय विकास की दृष्टि से नई उड़ान देगा।

मेमू ट्रेन सेवा की प्रमुख विशेषताएँ:

अत्याधुनिक थ्री-फेज़ मेमू ट्रेन – उच्च गति, ऊर्जा दक्षता और आरामदायक यात्रा अनुभव

स्टॉपेज: रायपुर, मंदिर हसौद, नया रायपुर सीबीडी, केंद्री और अभनपुर

विशेषता: कुशन वाली सीटें, बड़ी खिड़कियाँ, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, जीपीएस-आधारित स्टेशन डिस्प्ले, सीसीटीवी निगरानी, बायो-टॉयलेट्स

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की 4 पूर्ण रेल परियोजनाओं (कुल लागत: ₹2,695 करोड़) को राष्ट्र को समर्पित किया और 7 नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जो आने वाले समय में राज्य के रेल नेटवर्क को और सशक्त बनाएँगी।

रायपुर :प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा और विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में कोसा सिल्क से निर्मित एक विशेष हस्तनिर्मित शॉल भेंट किया, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध बुनाई परंपरा और जनजातीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह शॉल न केवल कपड़े का एक सुंदर नमूना है, बल्कि छत्तीसगढ़ की कला, संगीत और जनजातीय अस्मिता का जीवंत दस्तावेज भी है। यह शॉल पूरी तरह हस्तनिर्मित है और इसमें राज्य की स्थानीय बुनकर परंपरा की गहराई को दर्शाया गया है। इस शॉल पर बांस से निर्मित पारंपरिक वाद्ययंत्र ‘टोड़ी’ और बस्तर के प्रसिद्ध ‘बाइसन हॉर्न माड़िया नृत्य’ को कढ़ाई के माध्यम से दर्शाया गया है। टोड़ी वाद्ययंत्र छत्तीसगढ़ की जनजातीय जीवनशैली में संगीत का अभिन्न हिस्सा है। वहीं माड़िया जनजाति का यह नृत्य शौर्य, ऊर्जा और सामूहिक एकता की अभिव्यक्ति है। यह शॉल केवल वस्त्र नहीं, बल्कि जनजातीय गर्व, सांस्कृतिक विविधता और शिल्प कौशल की अभिव्यक्ति है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया यह कोसा शॉल छत्तीसगढ़ की हुनरमंद बुनकर महिलाओं, जनजातीय समुदायों, और लोक परंपराओं की महत्ता को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का एक भावनात्मक और सशक्त प्रयास है। यह भेंट भारत की विविधता में एकता, और लोककला के माध्यम से जुड़ाव का प्रतीक है।

 

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू नववर्ष के शुभारंभ के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ की पावन धरती पर विकास की नई रोशनी फैली है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 33,700 करोड़ रुपए से अधिक की बहुआयामी परियोजनाओं की सौगात दी है। उन्होंने जनसभा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।

जनकल्याण और अधोसंरचना के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लोकार्पित एवं शिलान्यास की गई परियोजनाएं रेल, सड़क, ऊर्जा, ईंधन, आवास और शिक्षा से जुड़ी हैं, जो न केवल लोगों के जीवन में खुशहाली और सुविधा का नया सूर्याेदय लाएंगी, बल्कि विकसित छत्तीसगढ़ की नींव भी मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी पर लोगों ने भरोसा किया जिससे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में डबल इंजन की सरकार बनी और अब स्थानीय निकाय चुनावों में तीसरा इंजन भी जुड़ गया है।

2047 के विकसित भारत की ओर छत्तीसगढ़ का मजबूत कदम

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भावी पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ इसमें ऊर्जा, खनिज और कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक बनेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि जैसे कार्यक्रमों के जरिए अंतिम छोर तक लाभ पहुंचा है। साथ ही रेल, सड़क, एयर कनेक्टिविटी और डिजिटल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है।

आदिवासी विकास में विशेष योगदान

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-मन, धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने जनजातीय बहुल छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा और दशा दी है। भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अयोध्या में श्रीरामलला का भव्य मंदिर बना और प्रयागराज महाकुंभ में भारत की संस्कृति की भव्यता को दुनिया ने देखा।

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी शक्ति से जुटी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अंत में प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि जब-जब छत्तीसगढ़ के विकास के लिए हमने मांग की, आपने अपेक्षा से अधिक दिया। इसके लिए हम सदैव आभारी रहेंगे। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।

 

रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के मोहभट्ठा बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर अभनपुर-रायपुर मेमू ट्रेन सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर 2,695 करोड़ रूपए की लागत से पूरी हो चुकी चार रेल परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही 7 रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विकास और यात्रियों को किफायती एवं सुगम परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को भी नई गति मिलेगी।

रायपुर और अभनपुर के बीच मेमू ट्रेन शुरू होने से आम लोगों के लिए आवागमन किफायती और आसान होगा। इस ट्रेन का ठहराव मंदिर हसौद, सीबीडी, केंद्री और अभनपुर स्टेशनों पर होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 747 करोड़ की लागत से राजनांदगांव-बोरतलाव तक बिछाई गई तीसरी रेल लाइन, 353 करोड़ की लागत से मंदिर हसौद-केन्द्री-अभनपुर नई रेल लाइन, 88 करोड़ की लागत से दुर्ग-रायपुर स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खरसिया-झाराडीह पांचवीं रेल लाइन, सरगबुंदिया-मड़वारानी तीसरी-चौथी रेल लाइन, दाधापारा-बिल्हा-दगोरी चौथी रेल लाइन, निपनिया-भाटापारा-हथबंद चौथी रेल लाइन, भिलाई-भिलाई नगर-दुर्ग लिंक केबिन चौथी रेल लाइन, राजनांदगांव-डोंगरगढ़ चौथी रेल लाइन, और करगी रोड-सल्का रोड तीसरी रेल लाइन का शिलान्यास किया।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप इस मौके पर अभनपुर रेल स्टेशन पर आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रेल सुविधाओं का विकास राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। रेल संपर्क का विस्तार दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार और व्यापार के नए अवसर खोलेगा, जिससे आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।

सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर से अभनपुर के बीच शुरू की गई मेमू ट्रेन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि भविष्य में रेल सुविधाओं का विस्तार बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक किया जाए, ताकि छत्तीसगढ़ का बड़ा हिस्सा रेल्वे नेटवर्क से जुड़े। कार्यक्रम में विधायक श्री राजेश मूणत, श्री सुनील कुमार सोनी, श्री पुरन्दर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री इंद्र कुमार साहू, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, नगर निगम कमिश्नर श्री विश्वदीप, ज़िला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।

रायपुर :प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित आमसभा एवं विकास कार्यों के लोकार्पण-शिलान्यास समारोह के दौरान हितग्राहियों से संवाद किया, तो मंच पर एक विशेष क्षण आया – प्रधानमंत्री और दल्लु राम बैगा के बीच सरल, संक्षिप्त किन्तु सजीव, आत्मीय एवं सारगर्भित संवाद।

प्रधानमंत्री ने मुस्कराकर पूछा –
“पक्का मकान बन गया है?”
दल्लु राम ने हाथ जोड़कर जवाब दिया –
“हां, बन गया है।”
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फिर स्नेहपूर्वक पूछा –
“अच्छा लग रहा है की नहीं?”
भावुक दल्लु राम ने जवाब दिया
“अच्छा लग रहा है।”
प्रधानमंत्री ने अंत में पूछा –
“बाकी सब ठीक है?”
दल्लु राम ने आत्मविश्वास के साथ कहा –
“ठीक है।”

यह संवाद कोई औपचारिक प्रश्नोत्तर नहीं था, बल्कि विश्वास, संवेदना और साझेदारी का साक्षात चित्रण था।

छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवारों के लिए आज का दिन बेहद खास और अविस्मरणीय है। आज चैत्र नवरात्रि के पहले दिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें उनके सपनों के आशियानों में गृहप्रवेश कराया। इनमें बड़ी संख्या में दूरस्थ वनांचलों के गरीब और वंचित परिवार भी शामिल हैं। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास जैसी योजना नहीं होती तो शायद ही कभी अपने खुद के पक्के मकान का सपना पूरा कर पाते। यह योजना प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों का बड़ा सपना पूरा कर रही है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज बिलासपुर के मोहभट्ठा में दूरस्थ अंचलों के तीन आदिवासी परिवारों को खुद अपने हाथों से नए आवासों की चाबी सौंपी। बीजापुर जिले के चेरपाल पंचायत की श्रीमती सोमारी पुनेम, कबीरधाम जिले के ग्राम हाथीडोब के श्री दल्लुराम बैगा और जशपुर जिले के करदना पंचायत के पहाड़ी कोरवा श्री जगतपाल राम को जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रतीक रूप में मंच से उनके नवनिर्मित पक्के आवासों की चाबी सौंपी तो उनकी खुशियां देखते ही बनती थी।

रोटी, कपड़ा और मकान हर इंसान की सबसे बुनियादी जरूरतें हैं। पिछड़े ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जहां आज भी संसाधनों की भारी कमी है, वहां एक पक्का घर सिर्फ एक दीवार और छत नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास का प्रतीक है।

विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के दल्लुराम बैगा कभी कच्ची मिट्टी और खपरैल के घर में भय और असुरक्षा के साये में रहते थे। बरसात में छत से टपकते पानी, कमजोर मिट्टी की दीवारें और रात के सन्नाटे में रेंगते जहरीले जीव-जंतु... ऐसे हालात में पूरे परिवार के साथ रहना रोज का संघर्ष था।

प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत दल्लुराम का आवास स्वीकृत होने के बाद उसके सपनों के घर का सफर शुरू हुआ। आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही 95 दिनों की मनरेगा मजदूरी के रूप में 23 हजार रुपए भी मिले। अन्य योजनाओं से रसोई गैस, शौचालय और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मिलीं। अब दल्लुराम और उसका परिवार न केवल सुरक्षित मकान में रह रहा है, बल्कि आत्मसम्मान और गर्व के साथ समाज में अपनी पहचान भी बना रहा है।

दीवारों की नहीं सपने के पूरे होने की मुस्कान

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरबा समुदाय के जशपुर जिले के सुदूर अंचल में बसे ग्राम करदना के श्री जगतपाल राम वर्षों से एक टूटी-फूटी झोपड़ी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता था, चारों ओर कीचड़ और भीतर डर का माहौल बना रहता था। सांप-बिच्छुओं का डर, हर साल झोपड़ी की मरम्मत का बोझ, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा का भी अभाव था।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना जगतपाल के लिए उम्मीद की रोशनी लेकर आई। योजना के तहत मिली दो लाख रुपए की सहायता से जगतपाल ने साफ-सुथरा, मजबूत पक्का घर बनवाया जहां न केवल रहने के लिए कमरे हैं, बल्कि शौचालय और बिजली भी है। अब उनका परिवार मूसलाधार बारिश के थपेड़ो, जंगली जानवर और रात के अंधेरे के खतरों से सुरक्षित है।

आज जब जगतपाल अपने घर के सामने बैठते हैं, तो उनके चेहरे पर संतोष की मुस्कान होती है। यह मुस्कान सिर्फ दीवारों की नहीं, बल्कि सपने के पूरे होने की मुस्कान है। जगतपाल की ही तरह हजारों गरीब और वंचित आदिवासी परिवारों की भी ऐसी ही कहानी है जिनका जीवन प्रधानमंत्री आवास योजना ने खुशियों से भर दिया है।

रायपुर :छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जयस्तंभ चौक, रायपुर में भगवान झूलेलाल की जयंती और चेट्रीचण्ड्र (चैतीचांद) पर्व पर आयोजित शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर आत्मीय स्वागत किया। यह शोभायात्रा नगर भ्रमण के बाद जयस्तंभ चौक पहुंची, जहां मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धा और उल्लास के साथ शामिल होकर समूचे सिंधी समाज को पर्व की शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री ने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को भगवान झूलेलाल जयंती, चेट्रीचण्ड्र पर्व, हिंदू नववर्ष एवं नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान झूलेलाल केवल सिंधी समाज के आराध्य नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, साहस और सेवा भाव के प्रतीक हैं। चेट्रीचण्ड्र का यह पर्व नए वर्ष की उम्मीद, विश्वास और विजय की शुरुआत है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भगवान झूलेलाल और मां भवानी से प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कहा किnनवरात्रि के साथ प्रारंभ हो रहे इस शुभ समय में हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि समाज और देश के लिए मिलकर काम करें।”

मुख्यमंत्री ने सिंधी समाज के संघर्षों, परिश्रम और उपलब्धियों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि देश के विभाजन के बाद जब सिंधी समाज को अपना सबकुछ छोड़कर नए सिरे से जीवन शुरू करना पड़ा, तब भी आपने हार नहीं मानी। आपकी कर्मठता, एकजुटता और आत्मबल ने आपको देश के हर कोने में सम्मानजनक स्थान दिलाया है।

मुख्यमंत्री ने भारत रत्न श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का विशेष रूप से स्मरण करते हुए कहा कि आडवाणी जी जैसे महान नेता सिंधी समाज की प्रेरणा हैं, जिन्होंने उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री जैसे दायित्वों को निभाकर राष्ट्रनिर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया।

उन्होंने आगे कहा कि सिंधी समाज का योगदान व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्रसेवा के हर क्षेत्र में अनुकरणीय है। आपकी एकजुटता और पारिवारिक मूल्य आज भी नई पीढ़ी को रास्ता दिखाते हैं।

इस अवसर पर रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री किरण देव, श्री पुरंदर मिश्रा, सिंधी काउंसिल के अध्यक्ष श्री ललित जयसिंघ, श्री श्रीचंद सुंदरानी, श्री संजय श्रीवास्तव, पार्षद अमर गिदवानी, फिल्म अभिनेत्री श्रीमती भाग्यश्री सहित अनेक गणमान्यजन, जनप्रतिनिधि और समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यापक आर्थिक सुधारों के कारण भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जीएसटी और कर सुधारों ने टैक्स व्यवस्था को सरल बनाया है और राजस्व संग्रहण को मजबूत किया है।चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भारत की इस विकास यात्रा में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पाने में भी उनकी भागीदारी अहम होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन बैंक ऑडिट एंड एआई' को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने सीए छत्तीसगढ़ के विशेष लोगो का भी विमोचन किया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भविष्य का सबसे बड़ा औजार

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बौद्धिक वर्ग हमेशा नई तकनीकों को अपनाता है और एआई (AI) ऐसी ही एक गेम-चेंजर तकनीक है। उन्होंने माना कि एआई न केवल सीए पेशे को और सशक्त करेगा, बल्कि इस क्षेत्र की गुणवत्ता व गति को भी बढ़ाएगा। उन्होंने एआई से जुड़ी संभावनाओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आईसीएआई की स्थापना को भारतीय अकाउंटिंग क्षेत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि 1949 में 1600 लोगों के साथ शुरू हुआ यह संस्थान आज चार लाख से अधिक सदस्यों का मजबूत संगठन बन चुका है, जो देशभर में आर्थिक उत्तरदायित्व निभा रहे हैं।

नई औद्योगिक नीति से बढ़ा निवेश, प्रदेश को 4 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति निवेशकों के लिए आकर्षक है और सभी वर्गों का ध्यान रखती है। अब तक 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लिथियम जैसे दुर्लभ खनिज की उपलब्धता और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 15 महीनों में राज्य सरकार ने कई दूरदर्शी फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में तेज़ी से विकास हो रहा है और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नागरिकों के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक सिद्ध हो रहा है।

छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047: विकसित भारत में प्रदेश की महती भूमिका

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ विज़न डॉक्यूमेंट 2047 का ज़िक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। प्रदेश के 3,000 से अधिक चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इसमें भागीदार बनेंगे।

आईसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चरणजोत सिंह नंदा ने संस्था की स्थापना (1949) से लेकर अब तक की विकास यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्य से जुड़ी चुनौतियों और दायित्वों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश के सभी सीए मिलकर प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के सपनों को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।

इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी सीए श्री अमित चिमनानी, सीए श्री पंकज शाह, सीए श्री अभय छाजेड़, सीए श्री विकास गोलछा सहित आईसीएआई के रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ ब्रांच के सदस्य उपस्थित थे।

 

रायपुर : उद्यम के लिए बदलती हुई तकनीक से तालमेल बहुत जरूरी है। समय के साथ तकनीक में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है। जो उद्यम तकनीक के साथ खुद को अपडेट नहीं करते, वे पीछे रह जाते हैं। आज नई तकनीक को अपनाकर ही सफलता के मानदंडों पर खरा उतरा जा सकता है। विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में भी टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में आयोजित आईआईटी भिलाई एंड छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री कान्क्लेव : विजन विकसित भारत 2047 में उद्यमियों, प्रोफेसर्स और आईआईटी भिलाई के छात्रों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

दंतेवाड़ा में रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए एमओयू सम्पन्न

आईआईटी भिलाई एंड छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री कान्क्लेव में दंतेवाड़ा में रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए आईआईटी भिलाई और दंतेवाड़ा जिला प्रशासन के मध्य एमओयू भी संपादित किया गया। यह कॉन्क्लेव शिक्षा जगत के सहयोग से क्षेत्रीय उद्योगों की तकनीकी उन्नति और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अहम : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे हार्दिक खुशी है कि आईआईटी भिलाई द्वारा ‘विजन विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रीज कान्क्लेव किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का जो सपना देखा है, उसे साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सबको मिलकर विकसित छत्तीसगढ़ के लिए योगदान देना है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ हर लिहाज से समृद्ध है। यहां वन संपदा और खनिज संसाधन भरपूर हैं। हमारा प्रदेश ‘धान का कटोरा’ कहलाता है और यहां के किसान मेहनतकश हैं।

विजन 2047 डॉक्यूमेंट और नई औद्योगिक नीति 2024-30 लागू

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि विकसित छत्तीसगढ़ के लिए राज्य सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार किया है और नई औद्योगिक नीति 2024-2030 लागू की गई है।

इस नीति में सभी वर्गों को विकास में भागीदार बनाया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, दिव्यांगजन सहित अन्य वर्गों को विशेष सहूलियत दी गई है। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष फोकस है। बीस्पोक पॉलिसी और सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस नई नीति को लेकर निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।

 

रायपुर : जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित - संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।

कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार श्री सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख श्री व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ श्रीमती शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक श्री अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।

 

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बलौदाबाजार में कृषि उपज मंडी परिसर में संचालित मनोविकास केंद्र का अवलोकन किया। उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से आत्मीय बातचीत कर उनकी प्रगति की जानकारी ली और अभिभावकों से फीडबैक प्राप्त किया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत योग, संगीत और सांस्कृतिक गतिविधियों को देखकर मुख्यमंत्री भावविभोर हो उठे और उनकी प्रतिभा की मुक्त कंठ से सराहना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व में कोविड केंद्र रहे भवन को मनोविकास केंद्र के रूप में पुनः उपयोग में लाने की प्रशासनिक पहल की प्रशंसा करते हुए इसे अनुकरणीय मॉडल करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास समाज में समावेशिता और करुणा के भाव को बढ़ावा देते हैं। यह मानवता की सच्ची सेवा है।

इस अवसर पर विशेष बालक शेष साहू ने गायत्री मंत्र का उच्चारण कर मुख्यमंत्री श्री साय को मंत्रमुग्ध किया, वहीं सोमनाथ साहू ने ढोलक की थाप पर जसगीत प्रस्तुत किया। इसके अलावा नीलकमल, पुष्कर, सोमनाथ और शेष द्वारा प्रस्तुत सूर्य नमस्कार योग प्रदर्शन को मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से सराहा और कहा कि यह बच्चों की शारीरिक और मानसिक सशक्तता का प्रमाण है।

मनोविकास केंद्र : समर्पण, संवेदना और सशक्तिकरण का संगम

जनवरी 2025 में शुरू हुआ बलौदाबाजार का मनोविकास केंद्र विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के समग्र विकास और पुनर्वास के लिए एक आदर्श संस्थान बनकर उभरा है। यह केंद्र अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र के सीएसआर मद से संचालित हो रहा है, और वर्तमान में 40 से अधिक बच्चों को विशेष शिक्षा, चिकित्सा सहयोग, व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा कौशल विकास की सुविधा प्रदान कर रहा है।

यहाँ बच्चों को फिजियोथेरेपी, स्पीच व बिहेवियर थेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, सिलाई, कंप्यूटर साक्षरता, बागवानी जैसे प्रशिक्षणों के साथ-साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अशोक जैन, डॉ. सनम जांगड़े, श्री आनंद यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।

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