छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (16392)

  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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  • रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे 
  • पूर्व आइएएस चौधरी खरसिया सीट से मैदान में उतरेंगे

रायपुर. भाजपा ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 77 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पार्टी द्वारा जारी सूची में महिला विकास विभाग मंत्री रमशीला साहू समेत 14 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव और पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बिल्हा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए आईएएस अफसर और रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी रायगढ़ की खरसिया सीट से किस्मत आजमाएंगे।

 

भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक में की गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी करते हुए कहा कि पार्टी ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। संसदीय बोर्ड की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राममाधव, सैयद शाहनवाज हुसैन समेत अन्य नेता उपस्थित रहे।

 

भाजपा ने पहली सूची में 14 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा की। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल को कसडोल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर दक्षिण, ननकीराम कंवर को रामपुर से, प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से, अमर अग्रवाल को बिलासपुर से, राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से, चंद्रशेखर साहू को अभनपुर से, अजय चंद्राकर को कुरुद से, केदार कश्यप को नारायणपुर से, लता उसेंडी को कोंडागांव, महेश गागड़ा को बीजापुर से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

 

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  • छत्तीसगढ़ में नहीं है एक भी एविएशन कंपनी
  • नेता हेलिकॉप्टर के लिए दौड़ रहे दिल्ली-मुंबई 

रायपुर. आचार संहिता लागू होने के बाद एविएशन कंपनियों ने हेलिकॉप्टर का किराया दोगुना कर दिया है। सामान्य दिनों में किसी समारोह, विवाह या धार्मिक कार्यक्रम के लिए 25 से 35 हजार रुपए प्रति घंटे किराए पर मिलने वाले सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर के लिए एविएशन कंपनियां 50 से 60 हजार रुपए मांग रही है। डबल इंजन हेलिकॉप्टर के लिए डेढ़ लाख रुपए किराया तय किया गया है। सबसे ज्यादा किराया अगुस्ता कंपनी का है। राज्य में एक भी एविएशन कंपनी नहीं है। 

हेलीकॉप्टर के लिए जाना होगा दिल्ली और मुंबई

  1.  

    चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर चाहिए तो दिल्ली और मुंबई जाना होगा। दिल्ली में पांच और मुंबई में सात कंपनियां हैं, जो देशभर में चुनाव प्रचार के लिए हेलिकॉप्टर किराये पर देती है। हेलिकॉप्टर की मांग को देखते हुए एविएशन कंपनियों ने किराया भी बढ़ा दिया है। सिंगल इंजन वाले हेलीकॉप्टर के लिए 50 हजार और डबल इंजन वाले हेलिकॉप्टर के लिए डेढ़ लाख रुपए प्रति घंटे किराया लिया जा रहा है। 

     

  2.  

    एयरपोर्ट से सभा के लिए निकलने और सभा के दौरान जितनी देर तक हेलिकॉप्टर खड़ा रहेगा, उसका भी किराया लिया जा रहा है। इस वजह से ज्यादा किराया महंगा हो गया है। फिलहाल भाजपा ने दो, कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने एक-एक हेलिकॉप्टर किराये पर लिया है, जबकि दूसरे चरण के चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस तथा जोगी कांग्रेस एक-एक हेलिकॉप्टर और किराये पर लेगी। इसके लिए कंपनियों से संपर्क कर लिया गया है। 

     

  3. पांच सीटर की मांग ज्यादा, चाॅपर सवा लाख तक के

     

    सुरक्षा कारणों एवं 4-5 सीटर होने से डबल इंजन वाले हेलिकॉप्टर की डिमांड सबसे ज्यादा है। किसी भी पार्टी ने अभी तक चॉपर किराये पर नहीं लिया है। 6 सीटर वाले चॉपर की एक घंटे की उड़ान के लिए एक से सवा लाख रु. तक का किराया लिया जा रहा है। अगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के लिए साढ़े तीन लाख रु. प्रति घंटे उड़ान के लिए चार्ज किया जा रहा है। अगुस्ता को तकनीकी सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। 

     

  4. पार्किंग के लिए 250 रुपए, फ्लाइंग चार्ज ढाई हजार

     

    पार्टिंयों ने जितने हेलिकॉप्टर किराये पर लिए हैं, उनके लिए माना एयरपोर्ट के अंदर जहां बांग्लादेशी विमान खड़ा है, ठीक उसी के पास हैंगर बनाया गया है। यहां एक साथ छह हेलिकॉप्टर खड़े किए जा सकते हैं। प्राइवेट कंपनियों के हेलीकॉप्टर खड़े करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी 250 रुपए प्रति घंटे पार्किंग शुल्क और प्रति उड़ान यानी फ्लाइंग चार्ज 2500 रुपए वसूल करती है। हेलिकॉप्टर जितनी बार उड़ेगा उतनी बार फ्लाइंग चार्ज देना होगा। 

     

  5. एक घंटे उड़ान के लिए इतना किराया

     

    • सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर (बेल 407, बेल 206) के लिए 50 हजार रुपए 
    • डबल इंजन हेलीकॉप्टर सरकोजी के लिए डेढ़ लाख रुपए 
    • डबल इंजन हेलीकॉप्टर (बेल 430 डीएस) के लिए 2 लाख रुपए 
    • अगुस्ता वेस्टलैंड डबल इंजन हेलीकॉप्टर के लिए साढ़े तीन लाख रुपए 

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह स्टार प्रचारक के रूप में सक्रिय रहेंगे। इस चुनाव में जोगी की पार्टी, बसपा और सीपीआई के बीच गठबंधन हुआ है। अजीत जोगी सभी 90 सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे। उनकी व्यस्तता के मद्देनजर फैसला लिया गया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे ताकि प्रचार के काम में पूरा ध्यान लगा सकें।

हयात ने बताया कि इस विषय पर पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन के कार्यकर्ता, महागठबंधन के पदाधिकारियों के बीच इस बात को उठा रहे थे कि मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को पहले चरण में बस्तर की सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है और इसी कारणवश इस संबंध में तत्काल फैसला लेने की आवश्यकता है।
90 सीटों पर सघन प्रचार करेंगे जोगी
उन्होंने बताया कि इस विषय पर गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं एवं पदाधिकारियों के बीच आज चर्चा हुई और यह निर्णय किया गया कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा बल्कि 90 सीटों में सघन प्रचार कराया जाएगा।
महागठबंधन के इस निर्णय का कारण बताते हुए महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि अगर जेसीसीजे अकेले 90 सीटों पर चुनाव लड़ती तो अजीत जोगी ख़ुद चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र थे। लेकिन महागठबंधन होने के वजह से उनके दौरों, सभा और प्रचार कार्यक्रमों की संख्या दुगनी हो गयी है और इसलिए अब उनका समय सभी 90 विधानसभाओं में प्रमुखता से बंटना चाहिए।
हयात ने बताया कि अगर जोगी किसी एक सीट से लड़ेंगे तो उनका अधिक समय उस अकेली सीट में प्रचार करने में व्यतीत होगा जिससे महागठबंधन को बस्तर और अन्य स्थानों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी कारणवश, महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने यह निर्णय किया है कि मुख़्यमंत्री पद के प्रत्याशी अजीत जोगी को किसी भी सीट से चुनाव न लड़ाया जाए।

जोगी ने कहा, महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही चलूंगा 

महागठबंधन के इस फैसले पर अजीत जोगी ने कहा कि महागठबंधन के निर्णय के अनुसार ही वह चलेंगे। महागठबंधन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों और उनकी सभी 90 सीटों पर सघन आवश्यकता के अनुरूप यह निर्णय लिया गया है। यह निर्णय छत्तीसगढ़ में महागठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीगसगढ़ में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा। पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र और राजनांदगांव जिले की 18 सीटों पर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान होगा।

राज्य में चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महागठबंधन बनाया है। राज्य में 90 विधानसभा सीटों में बसपा 33 सीटों पर, जनता कांग्रेस 55 सीटों पर तथा भाकपा दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदा सीट राजनांदगांव से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। अब उनके चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

12 नवंबर को मतदान

कांग्रेस की ओर से 12 उम्मीदवारों के नाम के एलान के साथ ही राज्य में चुनावी हलचल और तेज हो गई है। पांच राज्यों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ में मतदान होना है। यहां 12 और 20 नवंबर को मतदान होगा। बता दें कि पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम में चुनाव होने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार 15 साल से सत्ता में है। वहीं राजस्थान में भाजपा ने 2013 में सरकार बनाई थी। 

इन पांचों राज्यों में सबसे पहले मतदान छत्तीसगढ़ में होगा। यहां दो दौर में मतदान होगा। पहले फेज में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 12 नवंबर को जबकि दूसरे फेज में 20 नवंबर को चुनाव होगा। छत्तीसगढ़ की सत्ता पर भाजपा 15 साल से काबिज है। डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री पद की कमान संभाले हुए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती और पूर्व कांग्रेस नेता अजीत जोगी के बीच गठबंधन के एलान के बाद मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।

रायपुर/दिल्ली. शुक्रवार को  मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है। हालांकि इस मुलाकात का ब्यौरा सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों के नाम को लेकर रायशुमारी की गई है। इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह और राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय भी मौजूद थीं। 

50 सीटों पर हो सकता है नामों का ऐलान

  1.  

    मुख्यमंत्री रमन सिंह, सौदान सिंह, सरोज पांडे के साथ पवन साय की बैठक कर पैनल में आए नामों को एक बार फिर रिफाइन किया। उसके बाद शाम को रमन ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिले और प्रत्याशियों के नाम पर रायशुमारी की। इस दौरान राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री सौदान सिंह और पांडेय भी मौजूद थीं।

     

  2.  

    संकेत हैं कि भाजपा 20 से अधिक मौजूदा विधायकों का टिकट काट सकती है। अब शनिवार को चुनाव समिति बैठक में प्रत्याशियों के नामों को रख सिर्फ औपचारिकता पूरी होगी। बस्तर की सभी 12 सीटों पर पैनल में अब सिंगल नाम हैं। मंत्री महेश गागड़ा और केदार कश्यप को टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

     

  3.  

    शुक्रवार की बैठक में 60 से ज्यादा नामों पर चर्चा हुई। विधायकों के नाम के साथ भी 2 से 3 नामों का पैनल है। इस बार 20-22 नए उम्मीदवारों में युवा-महिलाएं होंगी। शनिवार को आने वाली पहली सूची में करीब 50 नामों का ऐलान हो सकता है।

रायपुर. राजधानी रायपुर से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र में विगत ३० जुलाई को गरियाबंद जिले में स्थित उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सम्बन्ध में च्च् उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में १५ सालो से नहीं है कोई बाघ, उड़ीसा के बाघों को अपना बाघ होने का ढिंढोरा पिट कर वन विभाग ने उड़ा डाले १३ करोड़ च्च् शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया गया था  जिस पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक विवेकानंद रेड्डी ने सर्वोच्य छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के सम्पादक व जिला संवाददाता को नोटिस भेजा है तथा उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराया गया है  प्रकाशित समाचार में लिखा गया था की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व का गठन २००९ में हुआ है परन्तु  इससे पहले उसका नाम उदंती अभ्यारण्य हुआ करता था  उदंती अभ्यारण्य वन भैसों के लिए बनाया गया था जहा वन भैसों का संरक्षण संवर्धन किया जाता है यहाँ १५ से २० साल पहले ही टाईगर का नामोनिशान मिट चुका है अर्थात १५ से २० साल से यहाँ कोइ भी टाईगर नहीं है  परन्तु टाईगर नहीं होने के बाद भी उदंती अभ्यारण्य को बता नहीं क्यों जबदस्ती टाईगर रिजर्व घोषित कर के उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व नाम करण कर दिया गया है  जबकि वास्तविकता यह है की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में पिछले १५ सालो से कोइ टाईगर है ही नहीं  और गत वर्ष कुल्हाड़ीघाट के जंगलो में कैमरों में जो बाघ की तस्वीरे आई थी वो उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ नहीं थे वे बाघ उड़ीसा के सोनाबेडा अभ्यारण्य के बाघ थे जो भोजन और प्रजनन की तलास में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में एकाध चक्कार लगा लेते थे जैसे की उड़ीसा के हाथी अभी इस क्षेत्र में आ जा रहे है बिलकुल वैसा ही उड़ीसा के बाघ भी कभी कभार इधर आ जाते है  और इसी दौरान उड़ीसा के बाघ की तस्वीर उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में लगाए गए कैमरों में आ गयी  समाचार में लिखा है की उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर विवेकानंद रेड्डी ने भी कहा है की बाघों का कोइ निश्चित स्थान नहीं है कभी तो वे उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में रहते है तो कभी उड़ीसा के जंगलो में चले जाते है 7 स्पष्ट हो रहा है की वन विभाग के द्वारा बहुत कुछ छिपाया जा रहा है  परन्तु इस साल की गणना ने उनकी पोल खोल दिया है 7 इस साल के गणना में उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में लगाए गए २०० कैमरों में से एक में भी यहां बाघ की मौजूदगी के सबूत नहीं मिले हैं  जबकि बाघ के नाम पर विभाग अब तक १४ करोड़ रुपया खर्च कर चुकी है और यह राशि कहा खर्च किया गया कोइ रिकार्ड ही नहीं है
समाचार में आगे लिखा है की  यहां पिछले साल देखे गए बाघ के जोड़े का शिकार किया जा चुका है है  पुलिस ने बाघ की खाल बेचने की फिराक में घूम रहे दो लोगों को १४ फरवरी को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया था  आरोपियों ने सोनाबेड़ा जंगल में बाघ का शिकार करने की बात कुबूल की थी 7 २०० में से एक भी कैमरा ट्रेप में बाघ की मौजूदगी का एक भी सबूत वन विभाग के हाथ नहीं लगा है  उदंती और सीतानदी वाइल्डलाइफ सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाए जाने से पहले सीतानदी वाइल्डलाइफ सेंचुरी में २००५ तक करीब पांच बाघ हुआ करते थे  लेकिन आज हालत ये है कि यहां के जंगल से बाघों का सफाया हो चुका है  इसलिए अब उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व को समाप्त कर देना चाहिये 7 बाघों की गणना के काम से जुड़े एनटीसीए के लोगों का कहना है कि उदंती- सीतानदी टाइगर रिजर्व में इस वर्ष एक भी बाघ कैमरे में ट्रैप नहीं हुआ है और न ही अन्य माध्यमों से इसकी मौजूदगी के पुख्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष तक देखे गए बाघ के जोड़े का शिकार हो चुका है और आरोपियों को गरियाबंद पुलिस जेल भेज चुकी है। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश पर देशभर में बाघों की गणना इस साल की है परन्तु उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में कोइ भी बाघ के मोजुदगी के प्रमाण नहीं मिले है जबकि उदंती और सीतानदी अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाए जाने से पहले सीतानदी अभयारण्य में २००५ तक ४ से ५ बाघ मौजूद होने का दावा अधिकारी करते रहे है  । इसकी पुष्टि वन विभाग की वन्य प्राणी गणना में भी करता रहा  है। बाद में एक-एक कर सारे बाघों का शिकार हो गया। इसके बाद २-३ साल पहले ही ओडिशा के सीमावर्ती जंगल से बाघ के एक जोड़े ने यहां आना जाना करने की बात अधिकारियों ने कही थी  पर यह जोड़ा भी शिकारियों की भेंट चढ़ गया। कुल्हाड़ीघाट रेंज में पिछली गणना में जो बाघ के चिन्ह मिले थे वो उडीसा के बाघों के थे मिले थे जिनका शिकार हो गया है । गरियाबंद पुलिस ने शेर की खाल बेचने की फिराक में घूम रहे ग्राम कुकरार निवासी मेघनाथ नेताम और जरंडी निवासी कंवल सिंह नेताम को बीते १४ फरवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खाल के लिए उड़ीसा के सोनाबेड़ा जंगल में शेर का शिकार करने की बात कुबूल की थी। उपरोक्त समाचार के प्रकाशन के बाद उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक विवेकानंद रेड्डी ने सर्वोच्य छत्तीसगढ़ समाचार पत्र के सम्पादक व जिला संवाददाता को नोटिस भेजा है तथा उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराया गया है जिसकी जांच एस डी ओ पी मैनपुर के कार्यालय में की जा रही है.

रायपुर. चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों और उनके दलों को अपने आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी मतदाताओं को देनी होगी। उन्हें अखबारों और न्यूज चैनलों में बकायदा विज्ञापन देना होगा। इसके लिए आयोग ने नामांकन दाखिले के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले हलफनामे के प्रारूप-26 में संशोधन किया है।
मतदान के 48 घंटे पूर्व तक प्रसारित कराई जाएगी घोषणा
ऐसे उम्मीदवार जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले पंजीबद्ध हैं या पूर्व में रहे हैं, उन्हें अपने विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की जानकारी अपनी संबद्धता के राजनीतिक दल को देनी होगी। साथ ही उन्हें संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष घोषित करना होगा कि उन्होंने अपने आपराधिक प्रकरणों की सूचना अपने दल को दे दी है।
उम्मीदवारों को अपने विरूद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी अपने क्षेत्र के बहुप्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में प्रकाशित कराना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है। उम्मीदवार को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। टी.वी. चैनल पर यह घोषणा मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक प्रसारित करवायी जा सकती है। मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा।  साथ ही आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-2) में क्षेत्र में वृहद रूप से प्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में इसे प्रकाशित कराना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है।
टीवी पर करनी होगी आपराधिक मामलों की घोषणा
राजनीतिक दलों को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। दलों को टी.व्ही. चैनल पर इस घोषणा का प्रसारण मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले सुनिश्चित कराना होगा। रिटर्निंग अधिकारी प्रत्याशियों को समाचार पत्रों और टी.वी. चैनलों में वृहद प्रचार के लिए आपराधिक मामलों की घोषणा के प्रकाशन-प्रसारण के संबंध में आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-3) में स्मरण पत्र जारी करेंगे। उम्मीदवार निर्वाचन व्यय लेखों के साथ ही घोषणा प्रकाशन के प्रमाण के तौर पर समाचार पत्रों की प्रतियां भी जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करेंगे।

पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में दो चरण में चुनाव होंगे बाकी अन्य राज्यों में एक चरण में चुनाव कार्य पूरा हो जाएगा। 11 दिसंबर को सभी राज्यों में मतगणना होगी और नतीजे आ जाएंगे। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे। जिसमें नक्सल प्रभावित बस्तर की 12 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है। 

 

छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। यह भारत का 26वां राज्य है। इसका प्राचीन समय में नाम दक्षिण कौशल भी था। 'दक्षिण कौशल' में छत्तीस गढ़ समाहित थे जिसके कारण विभाजन के बाद नए राज्य का नाम "छत्तीसगढ़" पड़ा। यह क्षेत्र अत्यंत प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। 

छत्तीसगढ़ वैदिक और पौराणिक काल से विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केंद्र रहा है। यहां के प्राचीन मंदिर और उनके भग्नावशेष के आधार पर पता चलता है कि यहां पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। 

छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से प्रभावित है इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इस राज्य में दो चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया है। 

केंद्र की सूची में राज्य के नक्सल प्रभावित जिले

बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, राजनांदगांव, बीजापुर, जशपुर, कांकेर, कोरिया, महासमुंद, गरियाबंद, सरगुजा, धमतरी, बालोद, सुकमा, कोंडागांव व बलरामपुर।

किस क्षेत्र में कौन सी विधानसभा सीट 

बिलासपुर - 24 सीटें 

बिलासपुर, बेलतरा, बिल्हा, कोरबा, रामपुर, कटघोरा, पाली, तानाखारा, मुंगेली, लोरमी, तखतपुर, मस्तुरी, कोटा, मरवाही (रायगढ़, जिला), लाइलुंगा, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, जाजंगीर, चापां (जांजगीर चांपा जिला), अकलतरा, पामगढ़, जैजयपुर, चंद्रपुर, सक्ती।

रायपुर - 20 सीटें 

रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, धरसींवा, अभनपुर, आरंग, महासमुंद, खल्लारी, बसपा, सराईपाली, बलौदाबाजार, भाटापारा, कसडोल, बिलाईगढ़, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, कुरूद, धमतरी।

दुर्ग - 20 सीटें  

दुर्ग भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा, दुर्ग ग्रामीण, पाटन, राजनांदगांव, खैरागढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, संजारी बालोद, गुंडेरदेही, डौंडीलोहारा, बेमेतरा, नवागढ़, साजा, कवर्धा, पंडरिया।

सरगुजा - 14 सीटें 

भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, अंबिकापुर, सीतापुर, लुंड्रा, रामानुजगंज, समरी, प्रेमनगर, भटगांव, प्रतापपुर, जशपुर (जिला जशपुर), कुनकुरी, पत्थलगांव।

बस्तर - 12 सीटें

नारायणपुर, केशकाल, कोंडागांव, जगदलपुर, बस्तर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, कोंटा, बीजापुर, कांकेर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर।

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