ईश्वर दुबे
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बारिश के बाद नक्सलियों पर निर्णायक ऑपरेशन की तैयारी
रायपुर: नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र और राज्यों की सुरक्षा एजेंसियां अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई हैं। शुक्रवार को राजधानी रायपुर में हुई हाईलेवल बैठक में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के डीजीपी, CRPF, BSF, ITBP के DG, IB और NIA के डायरेक्टर समेत नक्सल ऑपरेशन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसमें तय हुआ कि बारिश खत्म होते ही सीमावर्ती इलाकों में वृहद ऑपरेशन चलाया जाएगा।
इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन पर जोर
बैठक में यह साफ किया गया कि अब फोर्स मूवमेंट केवल संख्या के आधार पर नहीं होगा, बल्कि हर कार्रवाई खुफिया इनपुट पर आधारित होगी। जंगल और पहाड़ी इलाकों में छिपे नक्सलियों के ठिकानों की पहले से पहचान कर ली गई है। ड्रोन सर्विलांस और सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर ठिकानों को एक-एक कर ध्वस्त किया जाएगा।
पड़ोसी राज्यों की संयुक्त कार्रवाई
खासकर छत्तीसगढ़–ओडिशा, छत्तीसगढ़–तेलंगाना और मध्यप्रदेश के बालाघाट से लगे इलाकों
रायपुर: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की पेशी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रायपुर कोर्ट में हुई। अदालत ने उन्हें 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) इसी तारीख को चैतन्य बघेल के खिलाफ चालान पेश कर सकती है।
घोटाले के आरोप:
ईडी का कहना है कि चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश किया। आरोप है कि उन्होंने ठेकेदारों को नगद भुगतान किया, फर्जी बैंक एंट्री की और त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर फर्जी फ्लैट खरीदकर 5 करोड़ रुपये प्राप्त किए। जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाई।
2500 करोड़ का कथित घोटाला:
ईडी और एसीबी-ईओडब्ल्यू रायपुर की जांच में सामने आया कि 2019-20 में हुए शराब घोटाले से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और लगभग 2500 करोड़ रुपये की अवैध आय अर्जित की गई।
गिरफ्तारी और रिमांड:
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को ईडी ने दुर्ग से गिरफ्तार किया था। 23 अगस्त को उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर जेल भेजा गया। आज की पेशी के बाद उनकी रिमांड 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई।
सियासी प्रतिक्रिया:
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ में आर्थिक नाकेबंदी की थी। रायपुर से लेकर बस्तर तक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष पर सियासी प्रहार कर रही है।
*मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया एरोकॉन 2025 का शुभारंभ, कैंसर उपचार और शोध में मिलेगी नई दिशा*
*छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज रायपुर में 65 करोड़ की लागत से बनेगा छात्रावास : मुख्यमंत्री श्री साय*
*बस्तर–सरगुजा सहित दूरस्थ अंचलों तक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर सरकार का फोकस*
*कैंसर के शोध, रोकथाम और इलाज में उपयोगी साबित होगी एरोकॉन 2025 संगोष्ठी*
रायपुर, 06 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता का स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में वित्तीय संसाधन कभी बाधा नहीं बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज सभागार में ‘एरोकॉन 2025’ छत्तीसगढ़–मध्यप्रदेश चैप्टर के दो दिवसीय आयोजन का शुभारंभ कर विशेषज्ञों और उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज रायपुर के छात्रों के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से नए छात्रावास निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हजारों मरीज आज विशेषज्ञ चिकित्सकों के परिश्रम और नवीनतम चिकित्सा पद्धतियों के कारण संजीवनी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में कैंसर की प्रारंभिक पहचान और उपचार के क्षेत्र में हुए शोध से भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक जिले में कैंसर डे-केयर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं और छत्तीसगढ़ भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत प्रदेश में अनेक मरीजों का इलाज संभव हुआ है। जीएसटी में कैंसर की दवाइयों और उपकरणों को सस्ता किए जाने से मरीजों को बड़ी राहत मिली है। श्री साय ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में कैंसर उपचार के लिए अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं और आज ही एम्स रायपुर में रोबोटिक सर्जरी सिस्टम का शुभारंभ किया जा रहा है, जो यह प्रमाणित करता है कि सरकारी अस्पताल नवीनतम तकनीक अपनाने में अग्रणी हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कैंसर की पहचान में बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है और राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में इसे तेजी से शामिल कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार लगातार स्वास्थ्य बजट में वृद्धि कर रही है और नये मेडिकल कॉलेज खोल रही है। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में 5,000 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। बस्तर और सरगुजा जैसे दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार हर विकल्प पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरगुजा, धरमजयगढ़ और बस्तर में नये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एरोकॉन 2025 संगोष्ठी कैंसर की रोकथाम और उपचार की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एरोकॉन 2025 के सातवें आयोजन में कैंसर उपचार से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एक मंच पर आए हैं। इससे इस बीमारी के इलाज में नये आयाम खुलेंगे। उन्होंने कहा कि रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यभारत के अन्य राज्यों के मरीजों के लिए भी प्रमुख उपचार केंद्र है। भविष्य में अत्याधुनिक तकनीकों और मशीनों के माध्यम से यहां चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज रायपुर राज्य का सबसे बड़ा कैंसर सेंटर है, जहाँ आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि आने वाले समय में प्रदेश में छह फिजियोथेरेपी कॉलेज स्थापित होंगे, बस्तर और सरगुजा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रारंभ होंगे, मानसिक रोगियों के लिए पृथक चिकित्सालय और नेचुरोपैथी कॉलेज खोले जाएंगे। मेकाहारा में 232 करोड़ रुपये की लागत से 700 बिस्तरों की वृद्धि की जाएगी तथा रोबोटिक सर्जरी और आईवीएफ सेंटर जैसी नवीनतम सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, मेडिकल कॉलेज रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. पात्रा, विशेषज्ञ चिकित्सकगण, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
नवगुरुकुल : बालिकाओं की शिक्षा और संस्कारों के संवर्धन की नई पहल
रायपुर, 05 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के प्रवास के दौरान खरसिया तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने नवप्रवेशी छात्राओं को लैपटॉप वितरित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नवगुरुकुल में स्थापित आधुनिक कंप्यूटर लैब का निरीक्षण करते हुए शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे बालिकाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा और मूल्य आधारित संस्कार प्रदान करें ताकि उनका भविष्य सुनहरा बने।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम गणेशोत्सव, शिक्षक दिवस और चक्रधर समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, इसलिए समाज में उनका सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण कराया कि पिछले वर्ष चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर रायगढ़ में प्रयास विद्यालय का उद्घाटन किया गया था और आज नवगुरुकुल की स्थापना इस कड़ी को आगे बढ़ाती है। उन्होंने इस अभिनव पहल के लिए वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि और उनकी टीम की प्रशंसा की तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी बालिकाओं को बधाई देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक नीति लागू की गई है, जिससे प्रदेश के युवाओं को व्यापक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से नवगुरुकुल संस्था द्वारा जशपुर जिले की 150 बालिकाओं को प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की सराहना की और इस प्रयास को और व्यापक बनाने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था में प्रवेश पाने वाली 120 बालिकाएँ अपनी योग्यता और मेहनत का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास, ऊर्जा, जज्बा, जुनून और कठिन परिश्रम की पराकाष्ठा आवश्यक है। निराशा के लिए जीवन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशा के साथ कोई भी व्यक्ति प्रगति नहीं कर सकता। उप मुख्यमंत्री ने सभी बालिकाओं को निरंतर आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने की प्रेरणा दी।
वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद से प्रदेश में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने नवगुरुकुल की स्थापना को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया और कहा कि यह संस्था विशेष रूप से बहनों के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि रायगढ़ जिले में 35 करोड़ रुपये की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बदलती तकनीक और समय की जरूरतों के अनुरूप छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि ने गुरुकुल की शिक्षा प्रक्रिया और प्रशिक्षण पद्धति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य छात्राओं को न केवल तकनीकी शिक्षा देना है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने योग्य बनाना है। शुभारंभ समारोह में पूर्व विधायक श्री विजय अग्रवाल, श्री गुरुपाल भल्ला, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ श्री जितेंद्र यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थीं। सभी ने नवगुरुकुल की स्थापना को इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल बताते हुए इसे बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर करार दिया।
रायपुर,
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रांत प्रचारक एवं वरिष्ठ स्वयंसेवक श्री शांताराम सर्राफ जी के देवलोक गमन के समाचार पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सर्राफ जी का संपूर्ण जीवन समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण, अनुशासन तथा प्रेरणा का अद्वितीय उदाहरण रहा है। सामाजिक कार्यों में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों व शुभचिंतकों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के खरसिया में आयोजित कार्यक्रम में रेलवे ओवरब्रिज सहित 66.84 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने 20 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की घोषणा भी की। इनमें खरसिया के कबीर चौक से डभरा रोड तक बाईपास सड़क निर्माण के लिए 10 करोड़, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्विमिंग पूल सहित अन्य सुविधाओं की मरम्मत के लिए 2 करोड़ तथा खरसिया नगर पालिका क्षेत्र में अन्य विकास कार्यों के लिए 8 करोड़ रुपये की घोषणा शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने खरसिया में पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया तथा अटल परिसर का लोकार्पण भी किया। साथ ही उन्होंने रेलवे अंडरब्रिज निर्माण के लिए तकनीकी सर्वे कराए जाने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रायगढ़ से उनका 20 वर्षों का पारिवारिक संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगरीय निकायों में मिली जीत अटल विश्वास पत्र के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र के विकास के लिए सात से आठ हजार करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। अटल विश्वास पत्र में की गई एक-एक घोषणा को पूरा किया जा रहा है। मोदी जी की अधिकांश गारंटियाँ पूरी हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह 1000 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों से खरीदी मूल्य 4000 से बढ़ाकर 5500 रुपये कर दिया गया है। 5.62 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मज़दूरों को प्रति वर्ष 10-10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर भी अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से बैंकिंग और शासकीय सेवाएँ गांव-गांव तक पहुँच रही हैं। 1460 पंचायतों में यह सुविधा प्रारंभ हो चुकी है, जहाँ न केवल पैसों का लेन-देन संभव है, बल्कि आय, भूमि, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जैसी सेवाएँ भी अब गांव में ही उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने घोषणा की कि रजत जयंती वर्ष के दौरान 4000 पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की सीबीआई जाँच चल रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन हमारा उद्देश्य है, सुशासन हमारा संकल्प है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते एक-एक कर बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की पहल उन्होंने सांसद रहते हुए की थी। सभी औपचारिकताएँ पूर्ण होने के बाद आज इसका भूमिपूजन संभव हुआ है। आने वाले दो से तीन वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के प्रवास के दौरान खरसिया तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने नवप्रवेशी छात्राओं को लैपटॉप वितरित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नवगुरुकुल में स्थापित आधुनिक कंप्यूटर लैब का निरीक्षण करते हुए शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे बालिकाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा और मूल्य आधारित संस्कार प्रदान करें ताकि उनका भविष्य सुनहरा बने।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम गणेशोत्सव, शिक्षक दिवस और चक्रधर समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, इसलिए समाज में उनका सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण कराया कि पिछले वर्ष चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर रायगढ़ में प्रयास विद्यालय का उद्घाटन किया गया था और आज नवगुरुकुल की स्थापना इस कड़ी को आगे बढ़ाती है। उन्होंने इस अभिनव पहल के लिए वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि और उनकी टीम की प्रशंसा की तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी बालिकाओं को बधाई देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक नीति लागू की गई है, जिससे प्रदेश के युवाओं को व्यापक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से नवगुरुकुल संस्था द्वारा जशपुर जिले की 150 बालिकाओं को प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की सराहना की और इस प्रयास को और व्यापक बनाने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था में प्रवेश पाने वाली 120 बालिकाएँ अपनी योग्यता और मेहनत का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास, ऊर्जा, जज्बा, जुनून और कठिन परिश्रम की पराकाष्ठा आवश्यक है। निराशा के लिए जीवन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशा के साथ कोई भी व्यक्ति प्रगति नहीं कर सकता। उप मुख्यमंत्री ने सभी बालिकाओं को निरंतर आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने की प्रेरणा दी।
वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद से प्रदेश में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने नवगुरुकुल की स्थापना को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया और कहा कि यह संस्था विशेष रूप से बहनों के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि रायगढ़ जिले में 35 करोड़ रुपये की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बदलती तकनीक और समय की जरूरतों के अनुरूप छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि ने गुरुकुल की शिक्षा प्रक्रिया और प्रशिक्षण पद्धति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य छात्राओं को न केवल तकनीकी शिक्षा देना है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने योग्य बनाना है। शुभारंभ समारोह में पूर्व विधायक श्री विजय अग्रवाल, श्री गुरुपाल भल्ला, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ श्री जितेंद्र यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थीं। सभी ने नवगुरुकुल की स्थापना को इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल बताते हुए इसे बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर करार दिया।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का संकल्प - समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित छत्तीसगढ़मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का संकल्प - समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ में चक्रधर समारोह के समापन कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि महाराजा चक्रधर सिंह ने संगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रायगढ़ में कला और संस्कृति के प्रति अलग ही प्रेम है। इस प्रेम को स्थायी बनाए रखने की दिशा में यहाँ कला और संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा विगत वर्ष की गई थी। उन्होंने बताया कि इसके लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है और महाविद्यालय हेतु स्थान का चयन भी हो चुका है। कुछ माह के पश्चात यह महाविद्यालय अस्तित्व में आ जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने विगत 20 माह में अनेक योजनाएँ बनाई हैं और उन्हें जन-जन तक पहुँचाकर लोगों को लाभान्वित किया है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो गारंटी दी थी, उसे हमारी सरकार ने अल्प समय में ही पूरा किया है और 2047 तक के लिए छत्तीसगढ़ का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को महतारी वंदन योजना से लाभान्वित करते हुए हर माह उनके खाते में एक एक हजार रुपये की राशि डाली जा रही है। इससे राज्य की लगभग 70 लाख महिलाएँ लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने नई उद्योग नीति लागू कर राज्य में लाखों-करोड़ों रुपये का निवेश आकर्षित किया है और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बेटे-बेटियों को रोजगार देने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने राज्य में संस्कृति और आस्था की पहचान राजिम कुंभ को भी भव्य रूप देने की बात कही।
*ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायी: मुख्यमंत्री श्री साय*
*मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षक दिवस के खास मौके पर मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान का किया शुभारंभ*
*अंतरिक्ष यात्री श्री शुभांशु शुक्ला ने बच्चों के साथ साझा किए अपने अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव*
*जिला प्रशासन रायपुर और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन तथा विज्ञान भारती के मध्य हुए दो महत्वपूर्ण समझौते*
*अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय मेधा की बढ़ेगी दखल*
रायपुर, 05 सितंबर 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री निवास परिसर से स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूकता के लिए मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान जिला प्रशासन रायपुर और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन तथा जिला प्रशासन रायपुर और विज्ञान भारती के मध्य दो महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिनसे बच्चों को अंतरिक्ष से जुड़े विषयों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से ग्रुप कैप्टन श्री शुभांशु शुक्ला को उनकी सफल अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और उनका अभिनंदन किया। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को नमन करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन की इस विशेष पहल की सराहना करते हुए कहा कि इन समझौतों का उद्देश्य स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और विज्ञान के प्रति जिज्ञासा एवं उत्साह को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक सोच है। विज्ञान प्रश्न पूछने और तर्क करने की शक्ति और समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रोजेक्ट जय विज्ञान के अंतर्गत आयोजित कार्यशालाएं, विज्ञान प्रदर्शनियाँ, प्रतियोगिताएँ और नवाचारी परियोजनाएँ विद्यार्थियों को नई चीजें सीखने और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं, बल्कि नए विचारों और खोजों के सृजनकर्ता बनेंगे। यही आत्मनिर्भर भारत और विज्ञान-आधारित समाज की सच्ची नींव है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से आह्वान किया कि वे श्री शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा लेकर अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ें और अपना तथा देश का नाम ऊँचा करें।
अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन श्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि देश ने जो अवसर उन्हें प्रदान किया है, उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा—“मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का मैं विशेष आभार व्यक्त करता हूँ कि उनकी पहल से ऐसे सार्थक कार्यक्रम आयोजित हो पा रहे हैं। जब प्रदेश का मुखिया विज्ञान और शिक्षा से जुड़े आयोजनों को महत्व देता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है और बच्चों के भीतर नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा उत्पन्न होती है।”
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, कलेक्टर रायपुर श्री गौरव कुमार सिंह, प्रदेश भर से जुड़े स्कूली छात्र-छात्राएँ और शिक्षकगण उपस्थित थे।
*शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है: राज्यपाल श्री रमेन डेका*
*शिक्षा के बिना जीवन अधूरा: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
*राजभवन में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित*
रायपुर 05 सितंबर 2025/राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम् में आयोजित गरिमामय समारोह में वर्ष 2024 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया।
समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 के लिए सभी सम्मानित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रदेश के 64 शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने राज्य शिक्षक सम्मान वर्ष 2025 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की भी घोषणा की।
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सर्वप्रथम भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, महान दार्शानिक और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनकी जयंती पर नमन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है। बेहतर शिक्षक एक जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में महती भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन के प्रेरणास्रोत होते है। उनके विकास में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है। आज का जीवन सरल नहीं है। गिरकर खड़े होना और जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए यह विद्यार्थियों को सीखाना चाहिए।
श्री डेका ने कहा कि शिक्षक ऐसा पढ़ाएं जिससे बच्चे स्कूलों की ओर आकर्षित हो। स्कूल भवन नहीं बल्कि उसके अंदर क्या पढ़ा रहे है ये महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्राचीन भारत की गुरूकुल परंपरा को श्रेष्ठ बताया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक गेम चेन्जर है। इस नीति के अनुरूप बच्चों को शिक्षा मिले यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसका मूल उद्देश्य यही है कि शिक्षा अधिक व्यवहारिक, कौशल आधारित और सर्वांगीण बनाया जाए। इस नीति में विशेष बल मातृभाषा में शिक्षा पर दिया गया है। बालक को उसकी मातृभाषा में शिक्षा देने से वह अधिक रूचि तथा सहजता के साथ शिक्षा ग्रहण करता है।
श्री डेका ने कहा कि नवाचारी शिक्षा अपने आप में एक मिसाल है। यह गौरव का विषय है कि हमारे शिक्षक साथी अध्यापन के लिए नए-नए उपयोगी शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग कर रहें हैं, जिससे बच्चों को सिखाना, रुचिकर एवं सहज हो गया है। बदलते परिवेश के अनुसार बच्चों को शिक्षा दिया जाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस हेतु सार्थक पहल एवं प्रयास की आवश्यकता है। पाठ्यक्रमों में भी उचित पाठों का समावेश किया जाना समय की मांग है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं। वे देश को ऐसे राष्ट्रभक्त नागरिक देते हैं, जो आगे चलकर समाज और राष्ट्र की उन्नति में योगदान देते हैं। जिस प्रकार दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, उसी प्रकार शिक्षक भी अनेक कठिनाइयों के बावजूद ज्ञान का उजाला फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस रजत जयंती वर्ष में प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है और इसके बिना जीवन अधूरा है। पिछले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में 20 से अधिक विश्वविद्यालय, 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, एम्स तथा लॉ विश्वविद्यालय स्थापित हैं।
श्री साय ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि हर बच्चे को आसानी से शिक्षा उपलब्ध हो। इसी दृष्टि से प्रत्येक 1 किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय, 3 से 4 किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय, 6 से 7 किलोमीटर पर हाई स्कूल, 8 से 10 किलोमीटर पर हायर सेकेंडरी विद्यालय और प्रत्येक विकासखंड में महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के नवाचारी पहल पर भी अपने विचार साझा किए।
समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होेने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर आने वाले समय में और बेहतर होगा। उन्होंने आगामी वर्ष के लिए राज्य शिक्षक सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों के नामों की घोषणा की।
राज्यस्तरीय समारोह में चार उत्कृष्ट शिक्षकों सूरजपुर जिले के श्री अजय कुमार चतुर्वेदी को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कबीरधाम जिले के श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी को श्री गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की श्रीमती सुनीता यादव को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरूस्कार और रायगढ़ जिले के श्री भोजराम पटेल को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी तरह प्रधान पाठक, व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी., शिक्षक एल.बी., सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक एल.बी वर्ग के 64 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन संचालक लोक शिक्षण श्री ऋतुराज रघुवंशी ने किया।
समारोह में राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री संजीव झा सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री से ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने की सौजन्य मुलाकात*
*मुख्यमंत्री ने गोंडी अनुवादक ऐप ‘आदि वाणी’ परियोजना की सफलता पर दी बधाई*
रायपुर, 05 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से यहाँ उनके निवास कार्यालय में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने सौजन्य मुलाकात की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘आदि वाणी’ परियोजना के अंतर्गत गोंडी भाषा अनुवादक मोबाइल ऐप के सफल लॉन्च पर प्रोफेसर व्यास एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से गोंडी बोलने वाले जनजातीय भाई-बहनों की आवाज़ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगी। यह तकनीक उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षा तथा शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ट्रिपल आई टी नया रायपुर भविष्य में भी इसी प्रकार के नवाचार और समाजोन्मुखी अनुसंधान से प्रदेश एवं देश का गौरव बढ़ाएगा।
प्रोफेसर व्यास ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना में गोंडी भाषा के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच एवं अनुवाद प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से गोंडी से हिंदी और अंग्रेज़ी तथा इसके विपरीत अनुवाद संभव होगा। यह सुविधा अब मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है, जिससे आम नागरिक इसे आसानी से उपयोग कर सकेंगे।
उन्होंने अवगत कराया कि इस परियोजना में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के साथ-साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और बिट्स पिलानी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी सहभागी हैं। ‘आदि वाणी’ परियोजना को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया है।
प्रोफेसर व्यास ने बताया कि इस उपलब्धि से ट्रिपल आई टी नया रायपुर ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई है। विशेष रूप से बस्तर अंचल के 30 लाख से अधिक गोंडी भाषी समुदाय को इस तकनीक से अपनी भाषा और संस्कृति की पहचान सुरक्षित करने और डिजिटल युग में अपनी आवाज़ को बुलंद करने का अवसर मिलेगा।
रायपुर :
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज नगरीय निकायों में संपत्ति करों के युक्तियुक्तकरण के लिए बैठक ली। मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित वर्चुअल बैठक में राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर व आयुक्त तथा नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के अध्यक्ष और मुख्य नगर पालिका अधिकारी शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री श्री साव के साथ नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और संचालक श्री आर. एक्का भी मंत्रालय से बैठक में ऑनलाइन जुड़े।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि नगरीय निकायों के कार्यों से प्रदेश की छवि निर्मित होती है। शहर में नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराना संबंधित नगरीय निकाय की जिम्मेदारी है। उन्होंने महापौरों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों से कहा कि शहर को आगे ले जाने का जिम्मा आप पर है। शहर में संपत्ति करों के मूल्यांकन और उनमें सुधार की शुरुआत अपने कार्यालयों और अपने घरों से करें। उन्होंने कहा कि वार्षिक भाड़ा मूल्य (ARV) को वर्तमान संपत्ति मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने से राजस्व में अच्छी बढ़ोतरी होगी। इससे कर भार सभी संपत्ति मालिकों पर समानुपातिक रूप से वितरित होगा। उन्होंने कहा कि अधिक राजस्व से निकाय वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे और उन्हें अनुदानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बढ़े हुए राजस्व से नागरिकों को तेजी से बेहतर जनसुविधाएं उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नगरीय निकायों से कहा कि राज्य शासन की मंशा ई-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से नागरिकों को पारदर्शी और सुगम सेवाएं प्रदान करने की है। यह शहरों के चहुंमुखी विकास और त्वरित नागरिक सेवाओं के लिए जरूरी है। इससे साफ-सफाई, पानी और बिजली आपूर्ति की व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। श्री साव ने बताया कि वर्ष 2016 के बाद से संपत्ति कर प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके चलते कई नगरीय निकायों में विसंगतियां उत्पन्न हो गई हैं। उन्होंने सभी महापौरों और अध्यक्षों से संपत्ति करों में सुधार के कार्यों को पूरी शिद्दत और गंभीरता से करने का आग्रह किया।
श्री साव ने बैठक में नगरीय निकायों को अटल परिसरों और नालंदा परिसरों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को रोज प्रातः भ्रमण कर निर्माण और साफ-सफाई के कार्यों का निरीक्षण करने को भी कहा। उन्होंने निविदा प्रक्रिया में त्रुटि या लापरवाही पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। नगरीय प्रशासन विभाग की उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय और नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य भी बैठक में मौजूद थे।
रायपुर :
बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।
बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।
सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके।
स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण श्री मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत – 2025 करमा तिहार कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। ऐसे पर्व और परंपराएँ समाज को एकजुट होने का अवसर देती हैं, जिससे स्नेह, सद्भाव एवं सौहार्द की भावना विकसित होती है।
संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि कंवर समाज के युवाओं द्वारा राजधानी रायपुर में करमा तिहार का आयोजन किया जा रहा है। हमारी आदिवासी संस्कृति में अनेक प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है, जो हमारी कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस करमा तिहार का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को उत्तम वर और उत्तम गृहस्थ जीवन मिले। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर बेटियाँ अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का पर्व आता है, जिसमें विवाह के पश्चात पहली बार जब बेटी मायके आती है, तो वह उपवास रखकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। इसी प्रकार जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है, जिसमें माताएँ पुत्र-पुत्रियों के दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। यह एक कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएँ चौबीस घंटे तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं।
संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां अंग्रेजों के विरुद्ध 12 आदिवासी क्रांतियाँ हुईं। हमारी सरकार नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी संस्कृति के महानायकों की छवि को आमजन की जागरूकता के लिए प्रदर्शित करने मॉडल के रूप में उकेरा जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया जा रहा है। उनके करकमलों से इस म्यूजियम का शुभारंभ किया जाएगा।
संस्कृति एवं परंपरा को जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी बल्कि नैतिक कर्तव्य भी – मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समाज के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देती रही है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने आजादी के लगभग 40 वर्षों बाद आदिवासी विभाग का पृथक मंत्रालय बनाकर आदिवासी समाज के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हीं के बताए मार्ग पर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आदिवासी समाज के बेहतरी एवं समग्र विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के लिए पीएम जनमन योजना का संचालन कर रहे हैं, जिससे हितग्राहियों को शत-प्रतिशत योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह ने बस्तर, सरगुजा एवं मध्य क्षेत्र प्राधिकरण का गठन कर विकास को गति प्रदान करने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि युवा आदिवासियों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से हमने नई उद्योग नीति बनाई है, जिसमें बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतें दी गई हैं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना राज्य में ही की जा रही है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली परंपरा रही है। इसी परंपरा के निर्वहन में आज हम करमा तिहार मना रहे हैं। हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। साय जी के नेतृत्व में ही बस्तर संभाग में बस्तर पांडुम के नाम से ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिसकी चर्चा पूरे भारत में हुई। श्री कश्यप ने इस अवसर पर समस्त छत्तीसगढ़वासियों को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
संरक्षक, अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति पमशाला, जशपुर, श्रीमती कौशिल्या साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज और प्रकृति एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। आदिवासी समाज के लिए प्रकृति सदैव आराध्य रही है। करमा पर्व प्रकृति प्रेम का पर्व है। हमारी संस्कृति अत्यंत गौरवशाली रही है और उसका संरक्षण तथा समय के साथ संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि समाज की महिलाएँ आगे आकर इस संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सभी को प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार की बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राम कुमार टोप्पो, विधायक श्री आशाराम नेताम, विधायक श्री प्रबोध मिंज, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री राम सेवक सिंह पैकरा, केशकला बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, सभापति जिला पंचायत धमतरी श्री टीकाराम कंवर, प्रदेश अध्यक्ष कंवर समाज श्री हरवंश सिंह मिरी, अध्यक्ष कंवर समाज रायपुर महानगर श्री मनोहर सिंह पैकरा सहित कंवर समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।