छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ (16392)

 

रायपुर :राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अधिकारी कार्यालयों में बैठे, आम जनता से मिले, उनसे नियमित संवाद करें। उनकी समस्याओं को जाने और उनका निराकरण करें। शासकीय सेवक जनता के सेवक होते है। उनकी समस्याओं को हल करना पहली प्राथमिकता है।

राज्यपाल श्री डेका ने आज रायपुर के रेडक्रॉस हॉल, कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
रायपुर जिले में किसी राज्यपाल इस तरह समीक्षा करने पहली बार आए है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केन्द्र सरकार की फ्लैगशीप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन आप लोगों के माध्यम से ही होगा।

इस बैठक में जिले के विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। इसके साथ ही, राज्यपाल ने कलेक्ट्रेट परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने जिले की प्रमुख समस्याओं जैसे ट्रैफिक जाम, पेयजल की स्थिति, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और अन्य मुद्दों पर गहन चर्चा की। राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य समस्याओं को उजागर करना नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम सुझाना और लागू करना है।

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने रायपुर की मूलभूत समस्याओं के बारे में पूछा और कहा कि राजधानी रायपुर में पेयजल की कमी, ट्रैफिक जाम और ड्रग्स तीन बड़ी समस्याएं है। उन्होंने इन मुद्दों को जिले के विकास में बाधा बताया और अधिकारियों से इनके समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी।

राज्यपाल ने इस पर जोर दिया कि ट्रैफिक सुधार का मकसद सिर्फ चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को यातायात के लिए शिक्षित करना है। इसको मिशन की तरह ले. उन्होंने सुझाव दिया कि बाएं मोड़ (लेफ्ट टर्न) को आसान बनाया जाए, रेलवे फाटकों पर डिवाइडर लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाएं कम हों, और स्टंट करने वाली तेज रफ्तार टू-व्हीलर गाड़ियों पर सख्ती से कार्रवाई हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे किसी भी दबाव में न आएं और नियमों का सख्ती से पालन करवाएं।

राज्यपाल श्री डेका ने अधिकारियों से पूछा कि जलसंचयन के लिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में कितना काम हुआ है और बरसात के बाद इसका मापन कर स्थिति बताने को कहा। उन्होंने यह भी पूछा कि जिले में 149 डबरी हैं, इनका क्या हाल है। जल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा कि रायपुर जिले में पेयजल में कौन से खनिज मुख्य रूप से मिलते हैं। पीएचई के अधिकारी ने बताया कि यहां पानी में फ्लोराइड और आयरन की समस्या पाई गई है। राज्यपाल ने आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से विकसित प्रोटोटाइप का जिक्र करते हुए निर्देश दिया कि धरसीवां के एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट की तरह फ्लोराइड और आयरन हटाने के लिए यह प्लांट लगाया जाए। उन्होंने क्रेडाई द्वारा रायपुर के शासकीय भवनों में बनाए गए जल संग्रहण रिचार्ज पिट की तारीफ की और कहा कि ऐसे छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिल सकती है।

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के नव नियुक्त अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री हरीश दुहन ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री दुहन को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को श्री दुहन ने एसईसीएल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत राज्य के खनन प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के औद्योगिक और सामाजिक विकास के लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज विश्व बंजारा दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बंजारा समाज का इतिहास बहुत समृद्धशाली रहा है। बहुत पहले से यह समाज व्यापार से जुड़ा रहा है। देश की स्वतंत्रता में भी बंजारा समाज का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री का बंजारा समाज द्वारा पारम्परिक बंजारा पोशाक पहना कर सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री को बंजारा समाज द्वारा प्रकाशित पुस्तिका भी भेंट की गयी। बंजारा समाज की महिलाओं ने पारम्परिक लड़ी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशाल बंजारा महाकुंभ कार्यक्रम की शुरुआत बंजारा समाज के आराध्य श्री गुरुनानक देव व सन्त सेवालाल महाराज व के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर के किया। उन्होंने बंजारा समाज को विश्व बंजारा दिवस 08 अप्रैल की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंजारा समुदाय बरसों से व्यापार करता रहा है। पहले बैल के माध्यम से बंजारा समाज व्यापार के सामान दूर-दूर तक ले जाता था। मुझे बंजारा समाज के आदरणीय लखी शाह जी के योगदान का स्मरण हो रहा है। बताते हैं कि उनके पास दो लाख बैल थे और उनके हर कारवां में सैकड़ों बैल होते थे, वे रावलपिंडी से काबुल-कंधार तक यात्रा करते थे। उस जमाने में दिल्ली के चांदनी चौक में बड़ी जमीन उनके पास थी।धन-दौलत के भंडार होने के बावजूद वे हमेशा विनम्र रहे और परोपकार में अपना धन खर्च किया। उन्होंने 95 साल की उम्र में औरंगजेब की सेना का प्रतिरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा बंजारा समाज से घनिष्ठ संबंध रहा है। मेरे गांव बगिया के आसपास मदनपुर, पत्थलगांव, हथगड़ा आदि अनेक गांव हैं, जहां बंजारा समाज के भाई-बंधु रहते हैं, वे सब मेरे आत्मीय हैं। ग्राम हथगड़ा में तो पूरा बंजारा समाज के लोग ही निवासरत है। जहां पूरा गांव कैटरिंग का काम करते है। आसपास के गांव में कोई भी कार्यक्रम होता है तो इसी गांव के लोगों को ही बुलाते है। छत्तीसगढ़ के बसना में भी बंजारा समाज के लोगों की बड़ी जनसंख्या है। बहुत खुशी की बात है कि आज यह महाकुंभ का आयोजन बंजारा समाज कर रहा है। ऐसे आयोजन से समाज को आपस मिलने-जुलने और एकजुट होने का अवसर मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकार बनने के बाद हमने पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास को स्वीकृति दी। छत्तीसगढ़ में 70 लाख माताओं- बहनों को महतारी वंदन की राशि दी जा रही है। हमारा राज्य धान का कटोरा है। हम 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी कर रहे हैं। हमारे वनवासी भाई-बहनों को तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 5500 रुपये दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। रामलला दर्शन योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ वासियों को भगवान श्री रामलला का दर्शन कराया जा रहा है। अभी तक 22000 से ज्यादा श्रद्धालु भगवान रामलला का दर्शन कर चुके हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की भी शुरुआत शुरूआत की गई है। हम हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। यह बहुत गर्व की बात है कि राज्य बनने के बाद 25 वर्ष की यात्रा में छत्तीसगढ़ में हमने आईआईटी, आईआईएम, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, ट्रिपल आईटी जैसे शीर्ष संस्थाएं स्थापित हैं।

 

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने मंच पर भगवान श्री राम, भारत माता, बिरसा मुंडा, स्वर्गीय जगदेव राम उरांव और स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे के छायाचित्र पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘सेवांकुर भारत: एक सप्ताह देश के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के तहत आदिवासी क्षेत्रों में किए जा रहे सेवाभाव की सराहना की।

इस अवसर पर एनटीपीसी लारा के महाप्रबंधक श्री रविशंकर ने कलेक्टर श्री रोहित व्यास को जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय लोगों के सेवाकार्य और इन क्षेत्रों के विकास में स्वर्गीय जगदेव राम उरांव, स्वर्गीय बाला साहब देशपांडे, स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का निर्माण मानव समाज के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनटीपीसी लारा के सीएसआर फंड से इस अस्पताल के निर्माण के लिए 35 करोड़ 53 लाख रुपये आबंटित किया गया है। इस अस्पताल के बन जाने से जशपुर और इसके आसपास के ग्रामीण अंचल के रहवासियों को लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस बार के बजट में जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज, शासकीय नर्सिंग कॉलेज और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद से अब तक के कार्यकाल में ही मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया गया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति प्रदान की गई। महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रति माह 01 हजार रुपये देकर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। तेंदूपत्ता का प्रति मानक बोरा 5500 रुपये मूल्य निर्धारित किया गया है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों का विकास किया जा रहा है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना के माध्यम से आदिवासी इलाकों का विकास कार्य और नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बस्तर के नक्सल प्रभावित ग्रामों में विकास किया जा रहा है।

अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय

उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। 100 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में 15 ओपीडी, 4 आईसीयू, 4 ऑपरेशन थिएटर, फिजियोथेरेपी, पैथोलॉजी लैब, सीटी स्कैन, डायलिसिस, एक्स-रे, आपातकालीन वार्ड, एमआरआई, ईसीजी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

आदिवासी क्षेत्रों में जाकर कार्य कर रहा है ‘सेवांकुर भारत: एक सप्ताह देश के नाम’

सेवांकुर भारत की तरफ से 5 से 13 अप्रैल तक ‘एक सप्ताह देश के नाम’ मनाया जा रहा है। सेवांकुर भारत एक सेवाभावी संस्था है, जिसमें डॉक्टरों सहित मेडिकल फील्ड से जुड़े अन्य लोग काम कर रहे हैं। यह संस्था आदिवासी इलाकों में जाकर मेडिकल कैंप लगाकर उनका इलाज करती है और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है। इस संस्था में 18 ग्रुप हैं, प्रत्येक ग्रुप में 15 से 16 लोग जुड़े हैं। सेवांकुर भारत 2016 से हर वर्ष ‘एक सप्ताह देश के नाम’ से आदिवासी इलाकों में जाकर सेवा का कार्य कर रही है। यह संस्था नए चिकित्सकों को सेवा कार्य के लिए प्रेरित भी करती है। इसके अलावा यह संस्था आदिवासियों के घरों में जाकर उनकी संस्कृति और जीवनशैली का अध्ययन करती है, ताकि उनके इलाज की जरूरतों को बेहतर समझा जा सके।

इस अवसर पर सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, विधायक रायमुनि भगत, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र कुमार सिंह, महामंत्री श्री योगेश बापट, संनिर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांतीय अध्यक्ष श्री रणविजय सिंह जूदेव, कमिश्नर श्री नरेन्द्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. रवि मित्तल, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, कृष्ण कुमार राय सहित वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जिला अस्पताल, जशपुर में सिकलसेल, थैलेसीमिया परामर्श जागरूकता एवं एचएलए मैचिंग शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सिकलसेल और थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनके उपचार संबंधी जानकारी प्राप्त की। इस विशेष शिविर में न केवल जशपुर जिले, बल्कि पड़ोसी जिले बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर एवं झारखंड के गुमला जिले से भी सिकलसेल और थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे एवं उनके परिजन शामिल हुए।

बेंगलुरु से पहुंचे विशेषज्ञ चिकित्सक, निःशुल्क हुआ एचएलए डीएनए टेस्ट

शिविर में बेंगलुरु के नारायणा हॉस्पिटल से आए बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. सुनील भट्ट द्वारा 12 वर्ष तक के बच्चों का एचएलए डीएनए टेस्ट और परामर्श निःशुल्क किया गया। यह परीक्षण बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त डोनर की पहचान हेतु आवश्यक होता है।

संपूर्ण इलाज सहित विदेश में होने वाला महंगा टेस्ट भी अब निःशुल्क

शिविर में कास फाउंडेशन की श्रीमती काजल सुरेश सचदेव ने बच्चों एवं परिजनों को सिकलसेल और थैलेसीमिया के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए न केवल आवश्यक दवाइयों एवं जांच की सुविधाएं निःशुल्क दी जा रही हैं, बल्कि जर्मनी में होने वाला अत्यंत महंगा एचएलए डीएनए टेस्ट और देश के प्रमुख अस्पतालों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी जटिल प्रक्रिया भी पूर्णतः निःशुल्क कराई जा रही है।

राष्ट्रीय सिकलसेल एवं एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत जशपुर जिले में 0-15 आयु वर्ग के 209 सिकलसेल एवं थैलेसीमिया मरीजों की पहचान की गई है। इनमें से 110 बच्चों का एचएलए डीएनए टेस्ट कर ट्रांसप्लांट के लिए चयनित किया गया, जिनमें से अब तक 8 बच्चों का सफलतापूर्वक निःशुल्क बोन मैरो ट्रांसप्लांट हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सिकलसेल एवं एनीमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ, संगवारी संस्था एवं कास फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से जिले में सिकलसेल के उन्मूलन की दिशा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री यशप्रताप सिंह जूदेव, श्री भरत सिंह, संभागीय कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में जशपुर जिले की समृद्ध जनजातीय विरासत को समर्पित "धरोहर" पत्रिका के प्रथम संस्करण का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि

यह पत्रिका न केवल जनजातीय अस्मिता को सहेजने का कार्य कर रही है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विविधता को भी उजागर कर रही है। यह एक प्रेरणादायक प्रयास है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखेगा। जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित "धरोहर" पत्रिका का उद्देश्य जिले की विविध जनजातियों की पारंपरिक पहचान, संस्कृति, रीति-रिवाज, तीज-त्योहार, परंपरागत वेशभूषा, आभूषणों और पीढ़ियों से चली आ रही सामाजिक विरासत को संजोना और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इस विशेष अवसर पर विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुख एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 63 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने जिला मुख्यालय जशपुर में आयोजित कार्यक्रम में 59.75 करोड़ रुपये के 22 कार्यों का भूमिपूजन और 3.64 करोड़ रुपये के 5 कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें जय स्तंभ चौक के सौंदर्यीकरण, छात्रावासों के निर्माण, सामुदायिक भवन, कम्पोस्ट सेंटर और आरआर सेंटर जैसी जनोपयोगी परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भूमिपूजन किए गए कार्यों में नगर पालिका परिषद, पुलिस विभाग, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और पंचायत एवं ग्रामीण सड़क विकास विभाग से जुड़े 22 महत्वपूर्ण विकास कार्य सम्मिलित हैं। इनमें बीटी रोड, सीसी रोड, नालियों और स्टॉर्म वॉटर ड्रेन, सामुदायिक भवन, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, स्ट्रीट लाइट विस्तार, तालाब और पार्क उन्नयन, छात्रावास भवन और सड़क निर्माण कार्य प्रमुख हैं।

जय स्तंभ चौक सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जशपुर के जय स्तंभ चौक में 23 लाख 86 हजार की लागत से कराये गए सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया। भारत के स्वतंत्रता दिवस कीे यादगार के रूप में स्थापित जय स्तंभ चौक का उन्नयन कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जय स्तंभ चौक वर्षों तक आने वाली पीढ़ियों को हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान और राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा देता रहेगा, राष्ट्रसेवा हेतु सभी को प्रेरित करता रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह परियोजनाएं जशपुर जिले के समग्र विकास और नागरिकों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। उन्होंने सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।

कार्यक्रम में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।

 

रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज कांकेर के ग्राम भिरावाही में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित मरका पंडुम (चैतरई महापर्व) के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गोंडवाना समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगा देव की पूजा-अर्चना कर तेंदू, चार, चिरौंजी, महुआ और आम फल अर्पित किया और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भिरावाही के गोंडवाना भवन परिसर में आयोजित मरका पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है। मरका पण्डुम पर्व में नए फलों, फसलों का अर्पण अराध्य देवी-देवताओं को किए जाने की परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज को शिक्षित होने पर जोर देते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सबको आगे आने तथा जागरूक होने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति का तेजी से विकास हुआ है, वहीं प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी जैसी उच्च संस्थाएं स्थापित हुई हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर से नक्सलवाद जड़ से खत्म करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह का संकल्प अवश्य पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि अब नियद नेल्लानार योजना के दायरे को विस्तारित किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोंडवाना समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर 80 लाख 48 हजार रूपए के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की घोषणा की, जिसमें गोंडवाना समाज के भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 45 लाख रुपए, बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए 23 लाख 47 हजार रूपए और देवगुड़ी के सांदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों के लिए 12 लाख 01 हजार रूपए की स्वीकृति शामिल है।

समापन समारोह को कांकेर विधायक श्री आशाराम नेताम ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के हितचिंतक मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का नेतृत्व कर रहे, यह गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को विस्मृत नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी जड़ और वास्तविक पहचान है।

इस दौरान बस्तर गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष श्री सुमेर सिंह नाग ने सामाजिक गतिविधियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रम उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी, नगर पालिका कांकेर के अध्यक्ष श्री अरूण कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण नरेटी, पूर्व सांसद श्री मोहन मंडावी, पूर्व विधायक श्री शिशुपाल सोरी, श्रीमती सुमित्रा मारकोले, कलेक्टर श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, एसएसपी श्री इंदिरा कल्याण एलेसेला एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री सवन्नी को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में क्रेडा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वास जताया कि श्री सवन्नी के नेतृत्व में राज्य में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और यह क्षेत्र नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में यह सेक्टर रोजगार, पर्यावरण और आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा आधार बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सौर ऊर्जा और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

पदभार ग्रहण के उपरांत श्री भूपेंद्र सवन्नी ने मुख्यमंत्री सहित सभी विशिष्ट अतिथियों और आमंत्रितजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस दायित्व को पूर्ण निष्ठा, समर्पण और पारदर्शिता के साथ निभाएंगे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाना है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, विधायकगण श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, श्री संपत अग्रवाल, श्री धरमलाल कौशिक, श्री पवन साय, ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव, क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश राणा, तथा अन्य निगम-मंडलों के नवनियुक्त अध्यक्षगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

 

रायपुर :अक्षय ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग स्वच्छ, सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा। बिजली आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नए लक्ष्य तय किए गए हैं और इसे पूरा करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के क्रेडा कार्यालय परिसर में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 50 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन कर कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सौर ऊर्जा संचालित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और सामान्य से सौर ऊर्जा में परिवर्तित ई रिक्शा का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी को रामनवमी के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज के इस शुभ घड़ी में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े कामों की शुरुआत हुई है। परंपरागत ईंधन के स्रोतों से पर्यावरण को हो रही क्षति को देखते हुए सौर और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा से जुड़ी अनेक योजनाएं संचालित है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश के आमजनों और किसानों को बड़ा लाभ मिल रहा है। साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में भी नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से बिजली पहुंचाने का काम पूरा हो रहा है और सुदूर अंचल के गांव इससे रोशन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से संचालित ई रिक्शा का आज लोकार्पण किया गया है और इस पहल से ई रिक्शा का संचालन किफायती हो जाएगा और ई रिक्शा चालकों के आय में वृद्धि होगी।

श्री साय ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में हॉफ बिजली नहीं बल्कि मुफ्त बिजली मिले और इस दिशा में सरकार प्रयासरत है। उन्होंने पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया और कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक गरीब परिवारों को इससे लाभान्वित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा भी सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान बजट में किया गया है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने की जानकारी दी और कहा कि इससे ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा और हम भविष्य की जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया स्वच्छ पर्यावरण के लिए अक्षय ऊर्जा को अपना रही है। उन्होंने कहा कि अब फॉसिल फ्यूल का उपयोग धीरे धीरे कम होगा और आने वाले समय में नवीकरणीय ऊर्जा से यह रिप्लेस हो जाएगा। डॉ. सिंह ने अक्षय ऊर्जा से जुड़े 50 करोड़ रुपए से अधिक के कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दी और इसे स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ी पहल बताया।

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