ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" का शुभारंभ किया। उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्री साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएँ, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने।इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी। इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है। हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी।
श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।
श्रम मंत्री श्री देवांगन ने आगे कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुँचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव श्री हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्रीमती फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव श्री गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।
तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या दोगुनी, 17 से बढ़कर हुई 35
छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक सम्पन्न
रायपुर, छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या पिछले तीन वर्षों में दोगुनी हो गई है। वर्ष 2022 में जहां बाघों की संख्या 17 थी, वहीं अप्रैल 2025 के सर्वेक्षण में यह बढ़कर 35 हो गई। यह जानकारी आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सम्पन्न छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक में दी गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी प्राथमिकता है। हमारा राज्य वन संपदा और वन्य प्राणियों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। इन्हें सुरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में बाघों की संख्या में तीन वर्षों के भीतर हुई दोगुनी वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बाघों की संख्या 17 से बढ़कर 35 होना इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में संतोषजनक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी ठोस प्रयास करने होंगे। छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं जिन्हें वन्यजीव संरक्षण के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। जशपुर जिले के नीमगांव में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु आवश्यक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों की पहचान कर उनका भी विकास किया जाना चाहिए। इससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में बाघों की संख्या के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन में भी वृद्धि हुई है तथा उनके रहवासों में सुधार के प्रयास जारी हैं। आगे इसके और बेहतर परिणाम जनता के सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आज पारित प्रस्ताव जनहित के महत्वपूर्ण कार्य हैं, जो शांति का वातावरण स्थापित करने में सहायक होंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वन्यजीवों एवं जैव विविधता को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे।
बोर्ड के सदस्य सचिव श्री अरुण कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा विभागीय उपलब्धियों और एजेण्डा पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सदस्य सचिव ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक बाघ अचानकमार टाइगर रिज़र्व में हैं। राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व और गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में मध्यप्रदेश से बाघ एवं बाघिन के ट्रांसलोकेशन की अनुमति मिल चुकी है। शीघ्र ही ट्रांसलोकेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राजकीय पशु वनभैंसा की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। असम से लाए गए वनभैंसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संरक्षण हेतु भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। “मैना मित्र” नामक समूह का गठन किया गया है, जो मैना के संरक्षण और उनके रहवास की निगरानी करता है। टाइगर रिज़र्व और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य सुविधाएं विस्तारित की जा रही हैं, जिससे समीपवर्ती ग्रामवासियों को रोजगार मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण में भी सहयोग प्राप्त होगा।
बैठक में वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन हेतु गश्ती मार्ग निर्माण तथा संरक्षित क्षेत्र के युक्तियुक्तकरण के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व, गरियाबंद अंतर्गत धवलपुर से कुकरार तक सड़क निर्माण कार्य; मिशन अमृत योजना के तहत पाइपलाइन विस्तार कार्य; तथा कवर्धा वनमंडल में इंटरनेट सुविधा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति प्रदान की गई। इससे वन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, शासकीय योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलेगी, ग्रामीणों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार होगा और क्षेत्रीय अमलों के लिए सूचना संप्रेषण मजबूत होगा।
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 11 सितंबर को बस्तर में आयोजित होने वाले छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट का शुभारंभ करेंगे। यह आयोजन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति देने के साथ-साथ अवसरों के नए द्वार खोलने वाला साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में बस्तर का विकास सदैव अग्रणी रहा है। इन्वेस्टर कनेक्ट इसी संकल्प को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समावेशी विकास की इस सोच के अंतर्गत उद्योग और निवेश को केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित न रखकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे मूलभूत क्षेत्रों से जोड़ा गया है, ताकि बस्तर का विकास केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित न रहकर सामाजिक उन्नति का आधार भी बन सके।
इन्वेस्टर कनेक्ट न केवल बस्तर में नए उद्योगों और व्यापक रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास की प्रत्येक उपलब्धि का लाभ सीधे स्थानीय समुदायों तक पहुँचे और वे इस प्रगति यात्रा के सक्रिय भागीदार बनें।
रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्री सी.पी. राधाकृष्णन को भारत का उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक प्रभावशाली नेता और कुशल प्रशासक के रूप में श्री राधाकृष्णन जी ने समाज की जड़ों से उठकर राष्ट्र के उच्च संवैधानिक पद तक पहुँचने का गौरव अर्जित किया है। उनका यह सफर लोकतांत्रिक मूल्यों की सशक्त मिसाल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री राधाकृष्णन जी का दूरदर्शी नेतृत्व और गहरा प्रशासनिक अनुभव न्याय, समानता और विकास के मूल्यों को नई ऊँचाइयों पर स्थापित करेगा। वंचित और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उत्थान के प्रति उनकी निष्ठा सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय प्रगति को और सुदृढ़ बनाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सफलता श्री राधाकृष्णन जी के विश्वास, कड़ी मेहनत और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण का परिणाम है, जो पूरे देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से श्री राधाकृष्णन जी को पुनः शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।
रायपुर :
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आम उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर कर दिया है। इसी योजना के तहत बालोद जिले के ग्राम टेकापार निवासी श्री रमेश कुमार उइके ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट का सौर सिस्टम स्थापित कराकर न केवल अपने बिजली बिल को शून्य कर लिया है, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर ऊर्जा उत्पादक की भूमिका भी निभा रहे हैं।
श्री उइके ने बताया कि पहले उनके घर का मासिक बिजली बिल काफी अधिक आता था, जो उनके लिए आर्थिक बोझ का कारण बनता था। लेकिन प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने सौर सिस्टम लगाने का निर्णय लिया। अब उनके घर की पूरी ऊर्जा जरूरत सौर ऊर्जा से पूरी हो रही है और बची हुई बिजली से उन्हें अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो रही है। वे उत्साहपूर्वक कहते हैं कि यह योजना मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज मेरा बिजली बिल शून्य हो गया है और मैं अतिरिक्त बिजली बेचकर आय अर्जित कर रहा हूँ। पहले हम केवल बिजली उपभोक्ता थे, अब ऊर्जा उत्पादक बन गए हैं। यह शासन की दूरदर्शी और प्रशंसनीय पहल है, जो हमारी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी स्वच्छ बना रही है। उन्होंने गांव और आसपास के लोगों से भी अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएँ और अपने घरों पर सौर सिस्टम स्थापित करें।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जिससे सौर सिस्टम लगवाने की लागत में भारी कमी आई है। योजना का उद्देश्य हर घर को सस्ती, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराना है।
श्री रमेश कुमार उइके ने योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह वास्तव में एक क्रांतिकारी पहल है, जो आम उपभोक्ताओं को ‘ऊर्जादाता’ बना रही है और देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
*मंत्रिपरिषद के निर्णय*
*दिनांक - 09 सितम्बर 2025*
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -*
1) मंत्रिपरिषद ने सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 09 जून 2025 को बम विस्फोट की घटना में शहीद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरेपूंजे की शहादत और अदम्य वीरता को सम्मानित करते हुए उनकी पत्नी श्रीमती स्नेहा गिरेपूंजे को विशेष प्रकरण मानते हुए राज्य पुलिस सेवा में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
2) मंत्रिपरिषद की बैठक में पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत की निर्भरता को कम करने तथा गैर पारंपरिक स्त्रोत आधारित ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की सौर ऊर्जा नीति में आवश्यक संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
नीति की अवधि - नई व्यवस्था के अनुसार यह संशोधित नीति अब 2030 तक लागू रहेगी, या फिर जब तक राज्य सरकार नई सौर ऊर्जा नीति जारी नहीं करती।
उद्योगों को मिलने वाले लाभ - सौर ऊर्जा परियोजनाओं को अब राज्य की औद्योगिक नीति के तहत प्राथमिकता उद्योग का दर्जा मिलेगा।
इसके तहत निवेशकों को कई तरह की रियायतें और प्रोत्साहन मिलेंगे, जैसे ब्याज अनुदान, पूंजी लागत पर अनुदान (सूक्ष्म उद्योगों को), जीएसटी प्रतिपूर्ति (लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को), बिजली शुल्क में छूट, स्टाम्प शुल्क में छूट, परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर अनुदान, भूमि उपयोग बदलने की फीस में छूट, भूमि बैंक से जमीन लेने पर शुल्क में रियायत मिलेगी, अनुसूचित जाति/जनजाति, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और तृतीय लिंग समुदाय के उद्यमियों को जमीन के प्रीमियम में छूट, दिव्यांगों को रोजगार देने पर अनुदान, मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान किया गया है।
3) मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सुश्री रीता शांडिल्य, जो वर्तमान में लोक सेवा आयोग की सदस्य एवं कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, को लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
4) मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि के तहत सेवानिवृत्त हो चुके मीडिया कर्मियों को दी जाने वाली सम्मान राशि 10 हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 20 हजार रूपए प्रतिमाह करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसकी घोषणा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई थी।
--00--
*छत्तीसगढ़ में 10,538 शालाओं का युक्तियुक्तकरण पूर्ण – 16,165 शिक्षक एवं प्राचार्य हुए समायोजित*
*अब कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं, एकल-शिक्षकीय विद्यालयों की संख्या घटी*
रायपुर, 9 सितंबर 2025/
छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण निर्देशों के प्रावधानों के तहत राज्य में व्यापक युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही की गई है। इस बड़े कदम के फलस्वरूप 16,165 शिक्षकों एवं प्राचार्यों का समायोजन किया गया है। अब प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पहले जहां 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, वहीं युक्तियुक्तकरण के बाद केवल 1,207 प्राथमिक शालाएँ शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण एकल-शिक्षकीय रह गई हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन विषयवार किया गया है। यदि किसी संस्था में किसी एक विषय का शिक्षक अतिशेष पाया गया, किन्तु उसी संस्था में सेटअप के आधार पर किसी अन्य विषय का पद रिक्त था, तो ऐसे अतिशेष शिक्षक का युक्तियुक्तकरण करते हुए आवश्यकता के आधार पर रिक्त विषय के पद पर उस विषय के शिक्षक की पदस्थापना की गई है।
युक्तियुक्तकरण निर्देशों के अंतर्गत, शालाओं में पदस्थापना तिथि के आधार पर अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन किया गया है। इस दौरान विषय, विकलांगता तथा परिवीक्षा अवधि जैसे कारकों का भी विशेष ध्यान रखा गया।
इसके अलावा, अतिशेष शिक्षकों की गणना उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज मूल विषय के आधार पर की गई है।
जिन शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के पश्चात कार्यमुक्त होकर नवीन पदस्थापना स्थल में कार्यभार ग्रहण कर लिया है, उनके वेतन आहरण की कार्यवाही पूर्व पदस्थ संस्था से प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाणपत्र के आधार पर की जा रही है।
इसी तरह, युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान विभिन्न शिक्षकों से प्राप्त अभ्यावेदन (जिनमें न्यायालयीन प्रकरण भी सम्मिलित हैं) पर शासन गंभीरता से परीक्षण कर रहा है। इन प्रकरणों की जांच संभागीय आयुक्त की समिति, संचालनालय स्तरीय समिति एवं शासन स्तरीय समिति में की जा रही है और शीघ्र ही इनका निराकरण कर लिया जाएगा।
*सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
*आगामी वर्षों में नीतिगत निर्णयों और योजनाओं के निर्माण में प्रगति रिपोर्ट मार्गदर्शक सिद्ध होगी – वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी*
*सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि*
*राज्य नीति आयोग ने जारी की जिला प्रगति रिपोर्ट 2024*
रायपुर, 09 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान राज्य नीति आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा तैयार “सतत विकास लक्ष्य (SDG) राज्य एवं जिला प्रगति रिपोर्ट 2024” का विमोचन किया। इस अवसर पर मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य उपस्थित थे।
यह रिपोर्ट वर्ष 2023-24 के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें राज्य एवं जिला स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में राज्य का कंपोजिट स्कोर 69 था, जो 2024 में बढ़कर 70 हो गया है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की सतत विकास की दिशा में सकारात्मक प्रगति को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह रिपोर्ट इस तथ्य का प्रमाण है कि राज्य और जिले स्तर पर किए जा रहे प्रयास सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ऊर्जा और लॉजिस्टिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष बल देकर सतत विकास लक्ष्यों को और अधिक गति प्रदान की जाएगी।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य नीति आयोग द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट न केवल नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जिला स्तर पर हो रहे कार्यों की स्पष्ट तस्वीर भी प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट आगामी वर्षों में नीतिगत निर्णयों और योजनाओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि जिला स्तर पर एसडीजी प्रदर्शन का यह आकलन, नीति निर्माण और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। आयोग का प्रयास है कि प्रत्येक जिले को उसकी ताकत और चुनौतियों के अनुरूप आवश्यक समर्थन और दिशा प्रदान की जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के बीच एक आदर्श रूप में स्थापित होगा।
गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार 82 संकेतकों के आधार पर प्रत्येक जिले का स्कोर और रैंकिंग तय की गई है। जिलों को चार श्रेणियों—एस्पिरेटर, परफॉर्मर, फ्रंट रनर और अचीवर में वर्गीकृत किया गया है। वर्ष 2024 में राज्य के 28 जिले फ्रंट रनर श्रेणी में शामिल हुए, वहीं 5 जिले परफॉर्मर श्रेणी में आए। धमतरी जिले ने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी अचीवर श्रेणी में अपना स्थान बनाए रखा। 12 जिलों ने अपने स्कोर में वृद्धि दर्ज की, जबकि 10 जिलों ने अपना स्कोर बरकरार रखा।
राज्य स्तर पर 16 सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत 275 संकेतकों का मूल्यांकन किया गया, जिनमें से 40 संकेतकों ने वर्ष 2024 तक ही अपने निर्धारित 2030 लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। यह उपलब्धि राज्य की विकास यात्रा को नई गति प्रदान करने वाली है। अनुमान व्यक्त किया गया है कि आगामी दो से तीन वर्षों में 83 संकेतकों के लक्ष्य भी हासिल कर लिए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री मुकेश बंसल, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव श्री आशीष भट्ट तथा सदस्य डॉ. के. सुब्रह्मण्यम उपस्थित थे।
*जीएसटी में बदलाव से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति, कारोबारियों और आमजन को मिलेगा लाभ – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*
रायपुर, 09 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से नवा रायपुर स्थित महानदी भवन में राज्य के विभिन्न व्यावसायिक संघों के प्रतिनिधियों ने भेंट कर जीएसटी में किए गए सुधारों के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि जीएसटी ने न केवल व्यापार जगत को सशक्त किया है, बल्कि पारदर्शिता और कर संग्रहण में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भारत को वैश्विक व्यापार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की कर व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा सुधार माने जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राज्य और देश के व्यापार जगत को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। जीएसटी में किए गए हालिया सुधारों से राज्य के उद्योगों और व्यापारियों के साथ-साथ आमजन को भी महत्वपूर्ण राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे। यह सुधार भविष्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत सहित राज्य के विभिन्न व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(ईश्वर दुबे) रायपुर। जनसंपर्क विभाग सरकार का आईना होता है, विभागीय प्रचार प्रसार से ही सरकार की छबि निखरती है इसमें दो मत नहीं कि विभाग का मुखिया जितना अधिक प्रतिभा संपन्न वह अपने विभाग को अपनी प्रतिभा के बलबूते पर उतने ही प्रभावशाली ढंग से संचालित करेगा। वर्तमान में जनसंपर्क विभाग के मुखिया का दायित्व डॉ. रवि मित्तल संभाल रहे हैं। मात्र 22 वर्ष की उम्र मे आई.ए.एस. की परीक्षा उतीर्ण करने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी डॉ. रवि मित्तल की कार्यशैली कलेक्टर जशपुर के रुप में देखकर ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हे जनसंपर्क आयुक्त की महती जिम्मेदारी से अलंकृत किया तथा कुछ ही महिनों में उन्हे मुख्यमंत्री के सचिव पद पर भी आसीन कर दिए गए। जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक वहन करते हुए शासन की योजनाएँ को जन जन तक अखबार, इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर पहुंचाया जा रहा है जिससे विष्णदेव सरकार की छबि जनता मे निखरने लगी है। निरंतरता को अक्षुण्ण रखने सरकार को चाहिए कि वर्तमान जनसंपर्क आयुक्त को दीर्घकाल तक जनसंपर्क विभाग से स्थानांतरित न किया जाए। अति आवश्यक होने पर ही जनसंपर्क आयुक्त बदलना सरकार के हित में होगा। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की सरकार में भी तात्कालीन जनसंपर्क आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा दीर्घकाल तक इस पद पर बने हुए थे जिससे तात्कालीन सरकार को लाभ हुआ था परंतु अंतिव वर्षों मे आयुक्त बदलने से सरकार की छबि को आयुक्त सुधारने मे असफल हुए और सरकार गिर गई। वर्तमान सरकार को सबक लेना होगा तथा जनसंपर्क विभाग के मुखिया को स्थायित्व प्रदान करना होगा। आई.ए.एस. डॉ. मित्तल जशपुर मे बतौर कलेक्टर लंबी पारी खेलने वाले 2016 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफरसर हैं। चिकित्सक परिवार से आने वाले रवि मित्तल ने खुद भी एम.बी.बी.एस. की पढाई की है। डॉ. मित्तल रायगढ और रायपुर के जिला पंचायत सी.ई.ओ. तथा रायपुर के एस.डी.एम. भी रह चुके हैं। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं उन्होने बिना कोचिंग के ही सेल्फ स्टडी के दम पर यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास मे 61 रैंक हासिल की। बहरहाल प्रसन्नता का विषय है कि एक प्रतिभा संपन्न अधिकारी वर्तमान मे माननीय मुख्यमंत्री के सचिव और जनसंपर्क आयुक्त के पदभार पर है।
रायपुर :
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार राजनांदगांव जिले में खाद वितरण व्यवस्था पर सतत निगरानी और उर्वरक विक्रेता संस्थानों की जांच-पड़ताल की जा रही है। इसी कड़ी में डोंगरगढ़ विकासखंड के सिन्हा कृषि केंद्र में अनियमितता की शिकायत मिलने पर कृषि विभाग द्वारा की गई जांच में संचालक द्वारा संतोषजनक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने पर नोटिस जारी करने के साथ ही उक्त संस्थान की पंजियों को जब्त किया गया।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में किसानों को समय पर यूरिया और डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कंपनियों से समन्वय कर लगातार आपूर्ति और भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। जिले में खरीफ सीजन के दौरान धान की फसल गभोट अवस्था में है, ऐसे में खाद की उपलब्धता को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है।
उप संचालक कृषि श्री टीकम सिंह ठाकुर ने बताया कि राजनांदगांव रेक पॉइंट सहित रायपुर, तिल्दा और बालोद रेक पॉइंट से निरंतर यूरिया एवं डीएपी खाद की आपूर्ति की जा रही है। प्राप्त खाद को सीधे डबल लॉक केंद्रों के माध्यम से समितियों में भंडारित कराया जा रहा है। हाल ही में डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम अर्जुनी में श्रीराम कृषि केंद्र के माध्यम से 70 किसानों को शासन द्वारा निर्धारित दर 266 रुपए 50 पैसे प्रति बोरी पर 70 बोरी यूरिया खाद का वितरण किया गया।
इस वर्ष राजनांदगांव जिले में खरीफ फसलों के लिए 20,500 मीट्रिक टन यूरिया खाद भंडारण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुद्ध अब तक 16,300 मीट्रिक टन की आपूर्ति हो चुकी है। इसी प्रकार 5,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य की तुलना में 7,000 मीट्रिक टन डीएपी खाद किसानों को वितरित किया जा चुका है। इसके अलावा, 12,000 बोतल नैनो यूरिया और 10,000 बोतल नैनो डीएपी का भंडारण किया गया, जिनमें से 7,000 बोतल का वितरण किसानों को किया गया है।
रायपुर :
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज राजभवन में प्रख्यात गायक, संगीतज्ञ एवं कवि, भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की शताब्दी जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
राजभवन में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में राज्यपाल श्री रमेन डेका ने श्री हजारिका के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राजभवन के अन्य अधिकारीयों एवं कर्मचारीयों ने भी इस महान कलाकार को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के सादिया में हुआ था। वे न केवल असमिया बल्कि हिंदी और कई भारतीय भाषाओं में गीत गाने वाले महान गायक और संगीतकार थे। उनकी रचनाओं में मानवीय पीड़ा, सामाजिक सरोकार और राष्ट्रीय एकता का स्वर गूंजता था। वर्ष 1992 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
रायपुर :
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के पुलिस लाइन स्थित रायपुर की पहली महिला विधायक एवं समाजसेवी स्वर्गीय श्रीमती रजनी ताई उपासने के निवास पहुँचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने रजनी ताई उपासने के योगदानों का पुण्य स्मरण किया तथा शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी। इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी, श्री संतोष शर्मा, श्री जगदीश उपासने सहित परिजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि रजनी ताई का निधन पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। आपातकाल के कठिन दौर में उन्होंने जिस साहस और धैर्य का परिचय दिया, वह प्रेरणादायी है। अपने कार्यकाल में उन्होंने जनता के हितों और रायपुर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सादगी, ईमानदारी और समाज से गहरे जुड़ाव के कारण उन्हें विशिष्ट पहचान मिली। वे महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए निरंतर सक्रिय रहीं। श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
उल्लेखनीय है कि रायपुर की पहली महिला विधायक और समाजसेवी श्रीमती रजनी ताई उपासने का हाल ही में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्ष 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीतकर उन्होंने इतिहास रचते हुए रायपुर की पहली महिला विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। उस दौर में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सीमित थी, ऐसे समय में जनता का विश्वास जीतना उनके साहस और संघर्ष का प्रतीक था।
रायपुर :
प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब केवल ऊर्जा उत्पादक ही नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी पहल के माध्यम से प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति के संकल्प को तीव्र गति से पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सौर ऊर्जा के फायदों, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना और इसके अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी के विषय में लोगों को जानकारी देने और जागरूक करने के उद्देश्य से सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने 618 उपभोक्ताओं के खातों में प्रत्येक को 30 हजार रुपये की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपये की राज्यांश सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण किया।
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान में हुए शामिल, उत्कृष्ट वेंडरों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में पूरे समर्पण और क्षमता के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए हॉफ बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर ले जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इसे हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझते हुए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आमजन से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रदेश को अग्रसर बनाने में योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। साथ ही बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आज लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किए गए हैं। इन योजनाओं से उपभोक्ता स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली का विक्रय कर रहे हैं और साथ ही सस्ती बिजली का लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर बिजली पहुँचाने का संकल्प लिया था। उस समय देश के 18 हजार गाँव अंधेरे में थे और आज उन सभी गाँवों तक बिजली पहुँच चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब देश स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, जबकि आज प्रदेश 30,000 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत ऊ