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कोच्चि: झारखंड के रहने वाले केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, उनकी मां और बहन की रहस्यमयी मौत की जांच कर रही पुलिस टीम ने उनकी मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है। मृतकों की पहचान कोच्चि में भारतीय राजस्व सेवा IRS अधिकारी और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग में अतिरिक्त आयुक्त मनीष विजय (43), उनकी बहन शालिनी विजय और उनकी मां शकुंतला अग्रवाल के रूप में हुई है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मनीष की बहन शालिनी को हाल ही में अदालत से एक समन मिला था, जिसमें उन्हें सीबीआई द्वारा जांचे जा रहे एक मामले के सिलसिले में 15 फरवरी को झारखंड की एक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। वह झारखंड सरकार की सेवा में उनकी नियुक्ति में अनियमितताओं से संबंधित मामले में आरोपी थीं। मनीष और शालिनी के शव फंदे से लटके मिले, जबकि शकुंतला अपने बिस्तर पर मृत पाई गईं। शकुंतला के शव को सफेद कपड़े में लपेटा गया था और उस पर फूल रखे हुए थे। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चलता है कि भाई-बहन ने आत्महत्या की है। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी मां की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा। पुलिस को पता चला है कि मनीष ने 14 फरवरी को फूल खरीदे थे।

अधिकारी ने कहा कि पुलिस को मनीष की डायरी में 15 फरवरी की एक प्रविष्टि भी मिली है, जिसमें निर्देश दिया गया था कि कुछ दस्तावेज उसकी छोटी बहन को सौंप दिए जाएं, जो फिलहाल दुबई में है। पुलिस ने कहा कि उसकी छोटी बहन के शनिवार को कोच्चि पहुंचने की उम्मीद है, जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। हालांकि जांचकर्ता सभी कोणों से जांच कर रहे हैं, लेकिन वे अभी तक मौतों और मामले के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं कर पाए हैं। एक अधिकारी ने कहा, "अगर मां की मौत स्वाभाविक पाई जाती है, तो भाई-बहनों की आत्महत्या दुख के कारण हो सकती है। अभी हमारा ध्यान पोस्टमार्टम के जरिए मौत के कारण की पुष्टि करने पर है।"

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अतिरिक्त आयुक्त मनीष विजय यहां कक्कनाडु स्थित सरकारी आवास में रह रहे थे। अधिकारी कुछ दिनों की छुट्टी पर थे, लेकिन जब वे काम पर नहीं लौटे, तो गुरुवार रात उनके सहकर्मी उनके घर पहुंचे। जब उन्हें दुर्गंध आई तो उन्होंने खुली खिड़की से देखा तो एक शव फंदे से लटका हुआ था। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और जब वे घर में दाखिल हुए तो उन्हें दो और शव मिले।

काश पटेल ने शनिवार को भगवद गीता पर हाथ रखकर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के नौवें निदेशक के रूप में शपथ ली. पटेल एफबीआई का नेतृत्व करने वाले पहले हिंदू-भारतीय और एशियाई मूल के व्यक्ति बन गए हैं. इन सब के बीच उनके राम मंदिर को लेकर दिए गये बयानों की भी चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने पश्चिमी मीडिया की जमकर आलोचना की थी. उस दौरान कई मीडिया आउटलेट्स ने 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन को बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में पेश किया. हालांकि, काश पटेल ने इसकी कड़ी आलोचना की और बाबरी मस्जिद विध्वंस विवाद और हिंदू विरासत को नजरअंदाज करने के लिए रिपोर्टों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मीडिया 500 साल पुराने इतिहास को कवर नहीं कर रहा जबकि बाबरी मस्जिद विध्वंस की बाते कर रहा है.

मीडिया ने 500 साल पुराने इतिहास के बजाय 50 साल पुराना इतिहास दिखाया
काश पटेल ने कहा, राम मंदिर का उद्घाटन के लिए जब पीएम मोदी वहां गए थे तो वाशिंगटन के सभी अखबारों ने केवल पिछले 50 सालों के इतिहास को कवर किया. वे 500 साल पहले के इतिहास को भूल गए. चाहे आप हिंदू हों या मुस्लिम, 1500 में हिंदू देवताओं में से एक के लिए वहां एक हिंदू मंदिर था, जिसे गिरा दिया गया था और वे इसे 500 सालों से वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने अमेरिकी मीडिया की कवरेज को गलत सूचना अभियान करार दिया. उन्होंने आगे कहा, लेकिन वाशिंगटन की सत्ता ने इतिहास के उस हिस्से को भुला दिया है और मेरे ख्याल से एक गलत सूचना अभियान चलाया है जो भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पद के लिए हानिकारक है. वे इसका इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुझे लगता है कि वे ट्रंप और मोदी को एक जैसे व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं और वाशिंगटन में सत्ता प्रतिष्ठान ऐसा नहीं चाहता है.

एफबीआई डायरेक्टर बनने के बाद क्या बोले काश पटेल?
शपथ ग्रहण के बाद सभा को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि अमेरिकी सपना जीवित है क्योंकि 'पहली पीढ़ी का भारतीय बच्चा' एफबीआई का कार्यभार संभालने जा रहा है. अपनी बहन निशा पटेल, गर्लफ्रेंड एलेक्सिस विल्किंस और अन्य रिश्तेदारों के सामने खड़े होकर पटेल ने कहा, मैं अमेरिकी सपना जी रहा हूं.

गुजरात में हिंदू माता-पिता के घर जन्मे पटेल का परिवार जातीय दमन से बचने के लिए युगांडा से भागकर कनाडा होता हुआ संयुक्त राज्य अमेरिका आ गया था. पहली पीढ़ी के अप्रवासी से लेकर अमेरिका की प्रमुख जांच एजेंसी के प्रमुख तक का पटेल का सफर अमेरिकी और भारतीय-अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है.

 

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का सत्र 24 फरवरी को सुबह 11 बजे शुरू होगा। 24 फरवरी को नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद दोपहर में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 25 फरवरी को एलजी का अभिभाषण और लंबित कैग रिपोर्ट सदन में रखी जाएगी। दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक 27 फरवरी को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव होगा और उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने सरकार बनाई है और रेखा गुप्ता राज्य की नई सीएम बनी हैं। दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा का सत्र 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली विधानसभा में शुरू होगा। पहला सत्र 24, 25 और 27 फरवरी को तीन दिन चलेगा। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के कारण इसका आयोजन नहीं होगा।


असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री सरमा ने गृह मंत्री शाह को गुवाहाटी में दो दिवसीय मेगा बिजनेस समिट को देश के भीतर और बाहर से भागीदारी और प्रमुख क्षेत्रों में निवेश की उम्मीद के लिहाज से एक बड़ी सफलता बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आगामी कार्यक्रम के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से गाइडेंस भी मांगा। यह शिखर सम्मेलन 25 से 26 फरवरी, 2025 को गुवाहाटी के पशु चिकित्सा क्षेत्र, खानापारा में आयोजित किया जा रहा है।

असम को मिलेगा निवेश
शाह ने शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आशा जताई की कि यह मेगा इवेंट न केवल भारी निवेश लाएगा बल्कि असम को भारत के विकास इंजन और निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में वैश्विक मानचित्र पर भी लाएगा। डॉ सरमा ने शाह के साथ भी बातचीत की और उन्हें गमछा भेंट कर सम्मानित किया। यह बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली।

दो दिवसीय एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 फरवरी को करेंगे। बाद में एक्स पर मुख्यमंत्री ने लिखा, "आज नई दिल्ली में, मुझे गृह मंत्री अमित शाह से #AdvantageAssam2 के लिए उनका मार्गदर्शन लेने का मौका मिला।"

प्रगति की रफ्तार पकड़ने को तैयार असम
इस शिखर सम्मेलन में असम की विनिर्माण क्षमता और निर्यातोन्मुखी विनिर्माण तथा सेवाओं में अवसरों को बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से आसियान और बीबीएन देशों में प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्य शिखर सम्मेलन से पहले असम सरकार राज्य में व्यापार क्षमता और निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्थानों पर रोड शो आयोजित कर रही है। सम्मेलन राज्य के निवेश अवसरों को प्रदर्शित करते हुए जी2बी और बी2बी बैठकों के लिए एक प्रमुख मंच बनेगा। यह निवेश विशेष रूप से बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी, ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, आईटी, रक्षा, एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल विनिर्माण, खेल, फार्मा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, पर्यटन और वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख क्षेत्रों में के लिए होगा।

 


मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की आज 395वीं जयंती है, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकों श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी श्रद्धांजलि दी है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "उनकी वीरता और दूरदर्शी नेतृत्व ने स्वराज्य की नींव रखी, पीढ़ियों को साहस और न्याय के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। वह हमें एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।"

पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्हें हमेशा राष्ट्र निर्माता के रूप में याद किया जाएगा।

उन्होंने एक्स पर लिखा, "हिंदवी स्वराज्य का उद्घोष करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी का जीवन नैतिकता, कर्तव्य और धर्मपरायणता का संगम था। कट्टरपंथी आक्रांताओं के खिलाफ जीवनभर संघर्ष कर सनातन स्वाभिमान की ध्वजा के रक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्र निर्माता के रूप में सदैव याद किया जाएगा।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं, उनका अद्वितीय साहस, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और लोगों के कल्याण के प्रति अटूट समर्पण हमें प्रेरित करता रहेगा। निस्वार्थ सेवा, निष्ठा और लचीलापन की शिवाजी महाराज की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।"

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के शिवनेरी किले में छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी। सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शिवाजी महाराज की जयंती पर शिवनेरी किले में पालना समारोह सहित कई कार्यक्रमों में भाग लिया।

कैसे सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बना मराठा
बता दें, 1630 में महाराष्ट्र में जन्मे शिवाजी ने अपने राज्य का विस्तार करने के लिए दक्षिण में मुस्लिम सुल्तानों और उत्तर में मुगलों को चुनौती देने के लिए सैन्य प्रतिभा और राजनीतिक निपुणता का संयोजन किया, जो अंग्रेजों द्वारा पराजित होने से पहले भारत का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बन गया।

 

देश के कई हिस्सों में मौसम एक बार फिर बदल रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, नोएडा और मुंबई में बारिश की संभावना जताई गई है। इन जगहों के तापमान में भी उतार-चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है।

एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से इन राज्यों में मौसम बदलने वाला है। साथ ही पहाड़ी इलाकों में भी बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है।

दिल्ली में बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के शहरों में एक बार फिर मौसम में बदलाव के संकेत हैं। आज बादल छाए रहने की संभावना है। दिन के समय आंधी और बारिश का अनुमान है। बुधवार को भी अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहने की संभावना है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में आज बारिश के आसार बन रहे हैं।

आईएमडी के मुताबिक गुरुवार को भी बादल छाने और दिल्ली में हल्की बारिश होने का अनुमान है। बारिश होने पर न्यूनतम तापमन में भी गिरावट आने के संकेत हैं।

राजस्थान के पांच शहरों में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में 20 फरवरी तक पश्चिमी व उत्तरी भागों में कहीं कहीं बादल छाए रहने की संभावना है।
इस दौरान हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने का अनुमान भी जताया गया है।
19 और 20 फरवरी को भरतपुर, जयपुर, कोटा, बीकानेर तथा जोधपुर में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

रेलवे को भारत की लाइफलाइन कहा जाता है. रोजाना 2.3 करोड़ से भी ज्यादा लोग ट्रेनों में यात्रा करते हैं. अगर कोई तीज-त्योहार हो तो ट्रेनों में टिकट Train Ticket Cancel Refund मिल पाना भी मुश्किल हो जाता है. रोजमर्रा में कई यात्री ऐसे भी होते हैं जिनकी ट्रेन छूट भी जाती है. लेकिन ऐसे में क्या टिकट बेकार हो जाता है या उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. रेलवे के नियमों के मुताबिक, सब चीज इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास कौन-सा टिकट है. अगर आपके पास जनरल टिकट है तो आप बिना किसी दिक्कत के उसी कैटेगरी की किसी दूसरी ट्रेनसे सफर कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप किसी दूसरी कैटेगरी की ट्रेन में सफर करना चाहते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.

मेल-एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, राजधानी, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में जनरल टिकट मान्य नहीं होता. अगर आप ऐसी ट्रेनों में जनरल टिकट पर सफर करते हैं तो टीटीई आपको बिना टिकट का यात्री मान सकता है और जुर्माना वसूल सकता है.

बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. हालांकि, अभी इसमें कुछ महीने का समय बचा हुआ है. चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की कवायद शुरू हो गयी है. सभी राजनीतिक दल उन वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुट गए हैं, जो उनके लिए चुनाव में मत दे सकते हैं. आलम यह है कि बिहार में रैलियों का रैला शुरू हो गया है.

पहले तेली और धोबी अधिकार रैली, अब अन्य रैलियां
कुछ दिन पहले ही राजधानी के मिलर स्कूल मैदान में तेली जाति को इकट्ठा करने के लिए तेली हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. हालांकि, इसे एक सामाजिक रैली का नाम दिया गया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि इसका राजनीति से कोई खास लेना देना नहीं है. लेकिन, इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल हुए और उन्होंने एक के बाद एक कई वादे भी कर दिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि तेली समाज हमारा साथ देगा. आप लोगों को आगे बढ़ाने की चिंता हम करेंगे. विकसित बिहार बनाने के लिए सबको साथ लेकर चलेंगे. तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के द्वारा तेली समाज के उत्थान के लिए किए गए कामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. खास बात यह कि इस रैली की अध्यक्षता बिहार तैलिक साहू सभा के अध्यक्ष रणवीर साहू ने की. रणविजय साहू राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रधान महासचिव होने के साथ-साथ पार्टी के विधायक भी हैं.

धोबी अधिकार रैली
इसी प्रकार राजधानी में बीती नौ फरवरी को धोबी अधिकार रैली का भी आयोजन हो चुका है. इस रैली के भी माध्यम से धोबी समाज को अपने अधिकार के प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई. इस रैली को भी इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

कुर्मी एकता रैली
तेली रैली और धोबी अधिकार रैली अभी खत्म ही हुई थी कि अब राजधानी का मिलर स्कूल का मैदान फिर एक रैली का गवाह बनने जा रहा है. दरअसल, अब इस मैदान में एक रैली का आयोजन आगामी 19 फरवरी को किया जाएगा. इसे कुर्मी एकता रैली का नाम दिया गया है. खास बात यह कि इस रैली में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का भी जिक्र किया गया है. बिहार की राजनीति में यह पहला मौका है, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम किसी रैली में लिया गया है. इस रैली को लेकर के राजधानी में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ ही सीएम नीतीश कुमार, सरदार वल्लभभाई पटेल के अलावा अन्य लोगों की तस्वीरें हैं. इस रैली के पोस्टर को प्रदेश जदयू कार्यालय के मेन गेट पर तो लगाया ही गया है, राजधानी में कई जगह पर इसके पोस्टर लगाए गए हैं.

हम पार्टी करेगी दलित समागम
राज्य और केंद्र सरकार में एनडीए की सहयोगी घटक दल हिंदुस्तानी एवं मोर्चा यानी हम पार्टी ने भी इसी माह में समागम करने का फैसला किया है. इसका आयोजन राजधानी के गांधी मैदान में किया जाएगा. इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है. पार्टी का मानना है कि इस दलित समागम में पूरे राज्य के कोने-कोने से हम पार्टी के समर्थक हिस्सा लेंगे.


प्राथमिक शिक्षक भर्ती में नौकरी चाहने वालों के नामों की सिफारिश राज्य के विपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी के भाई और पूर्व सांसद दिव्येंदु अधिकारी, भाजपा नेता और पूर्व पुलिस अधिकारी भारती घोष ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से की थी. सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच में सीबीआई को नामों की एक ऐसी ही सूची मिली है. इस सूची में तृणमूल विधायक शौकत मोल्ला और पूर्व तृणमूल सांसद ममताबाला ठाकुर का नाम भी शामिल है. सीबीआई का मानना ​​है कि इनमें से सभी ने नौकरी चाहने वालों के नामों की सिफारिश की थी.

उनमें से किसी से भी सीबीआई ने पूछताछ नहीं की है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से 2014 की प्राथमिक परीक्षा में भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर 2022 से जांच कर रही है. जिस साल परीक्षाएं इतनी विवादास्पद थीं, उस दौरान न तो दिव्येंदु और न ही भारती भाजपा में थे. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए.

भारती घोष ने कहां से लड़ा था चुनाव?
भारती घोष ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा. पिछले साल जून में सीबीआई ने विकास भवन (स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यालयों में से एक) के गोदाम पर छापा मारा था. वहां तलाशी के बाद दस्तावेज बरामद किए गए थे. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु अधिकारी और भारती घोष की ओर से अनुशंसित उम्मीदवारों के नाम दस्तावेज में लिस्टेड हैं. यह सूची राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को भेजी गई थी. पार्थ चटर्जी इस शिक्षक घोटाले में फिलहाल जेल में हैं. कुल 324 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई थी, जिनमें से 134 उम्मीदवारों को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई.

क्या बोले शुभेंदु अधिकारी?
शुभेंदु अधिकारी ने भाई का नाम सामने आने कहा कि जिन लोगों की सिफारिश पर अवैध नियुक्तियां की गईं. उनमें भारतीय जनता पार्टी का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं था. आप जिनका नाम बता रहे हैं, वे उस समय राज्य के सत्ताधारी दल के सांसद या विधायक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे उस समय भाजपा पार्टी से जुड़े नहीं थे. अगर कोई अवैध नियुक्ति हुई थी तो उनसे पूछताछ होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया.


एकनाथ शिंदे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक रैली के दौरान कहा कि जिन लोगों ने उन्हें हल्के में लिया. उनका क्या हुआ? इस दौरान उन्होंने विपक्षी पार्टी के नेताओं जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए हैं. हम लोगों को सुनहरे दिन दिखाने के लिए राजनीति में आए हैं. हमने ढाई साल पहले इसकी शुरुआत की थी. अब हमें वह गति दिखानी होगी. अब हम घर बैठकर सरकार नहीं चलाते, हम जनता के लिए सड़कों पर निकलते हैं.

एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने किसानों के साथ बात की. हम कोई भी विकास योजना बंद नहीं करेंगे. शिंदे ने कहा कि हमने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद योजना बनाई है और स्पष्ट किया कि लड़की बहिन सहित अन्य योजनाएं जारी रहेंगी..
शिंदे ने कहा कि राजनीति में पद ऊपर-नीचे होते रहते हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे को लड़का भाऊ के ​​रूप में नई पहचान मिली. यह सभी पदों से अधिक है. मैं इससे संतुष्ट हूं. मुझे गर्व है. मैं महाराष्ट्र के लिए समर्पण की भावना से तब तक काम करूंगा जब तक मेरे खून की एक-एक बूंद बह न जाए. वे बकवास बातें कर रहे हैं. इस महाराष्ट्र ने आपको घर जैसा एहसास कराया. वे अभी भी नहीं समझे.

जिन लोगों ने मुझे हल्के में लिया…
एकनाथ शिंदे ने लोगों का आभार जताते हुए कहा, “एक बार जब मैं कोई प्रतिबद्धता जता देता हूं तो फिर मैं खुद की भी नहीं सुनता. मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं. मुझे हल्के में मत लो. वह बालासाहेब और दिघे साहेब के कार्यकर्ता हैं. एकनाथ शिंदे ने विपक्ष से कहा, आप जानते हैं कि जिन लोगों ने मुझे हल्के में लिया, उनका क्या हुआ उन्होंने बाद में यह भी कहा. मैंने जो वचन दिया था और मैं उसे निभाने आया हूं. मैं बालासाहेब के चरणों में विजय अर्पण करने आया हूं. बालासाहेब को कोंकण बहुत प्रिय था. आप भी शिवसेना, बालासाहेब और धनुषबाण से प्रेम करते थे.

जीत में कोंकणी समुदाय के लोगों ने निभाई अहम भूमिका
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘शिवसेना की जीत में कोंकणी लोगों की बड़ी भूमिका है. कुछ लोगों ने कहा कि वे किसी भी विधायक को निर्वाचित नहीं होने देंगे. मैंने कहा था कि मैं किसी भी विधायक को हारने नहीं देंगे. इस चुनाव में हमारे 232 विधायक चुनकर आये. भारी बहुमत से बहुमत प्राप्त हुआ. हमने केवल 80 सीटों पर चुनाव लड़ा और 60 विधायक चुने गये.’

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