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नीम की पत्तियों से लेकर इसकी छाल और निबौरियों भी कई रोगों को ठीक करने के काम आती है। सुबह खाली पेट नीम का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति को कई बीमारियों से भी निजात मिलती है। नीम के इतने फायदे होने के बावजूद अगर इसका सेवन गलत तरह से किया जाता है तो ये फायदे की जगह व्यक्ति की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

लो ब्लड शुगर होना - नीम की पत्तियों का सेवन करने से शरीर के अंदर हाइपोग्लाइसेमिक या ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। अगर आप नीम की पत्तियों का रोज और ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपका ब्लड शुगर अधिक लो हो सकता है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब अधिक मात्रा में नीम लिया जाता है, तो व्यक्ति को हाइपोग्लाइसीमिया की परेशानी हो सकती है, जिसके कारण चक्कर आना और कमजोरी आदि हो सकती है।
 
एलर्जी - एक अध्ययन के अनुसार लगातार तीन हफ्तों  तक नीम का सेवन करने से शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई, जो कि दाने और चक्कते के रूप में नजर आते हैं। कई बार इसके कारण लोगों के शरीर पर बिना वजह खुजली होती है। ऐसे में व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए नीम लेना बंद कर देना चाहिए।

किडनी डैमेज का खतरा -नीम आपके शरीर को प्यूरीफाई और डिटॉक्स कर देता है। पर अगर ये ज्यादा हो जाए तो किडनी फ्लेयोर का डर बढ़ जाता है। ऐसे में हर व्यक्ति को इसे लेने से पहले  अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

पेट की परेशानियां - नीम आपकी पेट से जुड़ी परेशानियों का भी कारण बन सकता है। ज्यादा नीम की पत्तियों का सेवन करने से आपको मतली या पेट में जलन आदि हो सकती है। जब आप नीम का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह आपके फैट को ज्यादा बर्न करेगा और आपको खाली पेट जलन और मतली आदि हो सकती है।

इम्यून सिस्टम को ओवर एक्टीवेट करने का खतरा - नीम या नीम आधारित उत्पादों का सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। हालांकि, आपको डॉक्टर से पूछ कर ही नीम का सेवन करना चाहिए।  क्योंकि नीम का अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर सकता है और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है।

कितनी मात्रा में नीम लेना सही - नीम के पत्तों का अर्क या जेल दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है।ब्रश करने के बाद 30 सेकंड के लिए माउथवॉश के रूप में 15 एमएल नीम का ही उपयोग करें।रोजाना 3 मिलीग्राम से ज्यादा नीम के पत्तियों के अर्क का सेवन न करें।

सदाबहार का पौधा न सर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाने का काम करता है बल्कि आपको डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से दूर रखने में भी आपकी मदद करता है। पांच पंखुड़ियों वाला यह फूल सफेद, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों का होता है, जिसे अंग्रेजी में विंका के नाम से जाना जाता है।  

हाई ब्लड प्रेशर - सदाबहार की जड़ में अजमलिसिन और सर्पटाइन नामक क्षाराभ पाए जाते हैं, जो के एंटी अतिसंवेदनशील होते हैं। ये गुण उच्च रक्तचाप के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबाकर के खाने से हाई ब्लड प्रेशर में काफी आराम मिलता है।

पेट के लिए फायदेमंद - सदाबहार की जड़ का उपयोग पेट की सेहत को बनाए रखने के लिए भी किया जाता है।  जिन लोगों को कब्ज रहता है या फिर पेट के अन्य रोग परेशान करते हैं, उनके लिए भी यह पौधा बहुत लाभदायक होता है।

मुंह व नाक से खून निकलना - विकां का उल्लेख ब्रिटेन औषधीय शास्त्र में सातवीं शताब्दी में मिलता है। कल्पचर नामक ब्रिटिश औषधी विशेषज्ञ ने मुंह व नाक से खून निकलने इसके प्रयोग की सलाह दी थी। लॉर्ड बेकन ने भी अंगों की जकड़न में इसका प्रयोग को लाभदायक बताया। वैसे स्कर्वी, अतिसार, गले में दर्द, टांसिल्स में सूजन, रक्तस्नव आदि में भी यह लाभदायक होता है।

डिप्थीरिया रोग में फायदेमंद - सदाबहार की पत्तियों में मौजूद विण्डोलीन नामक क्षार डिप्‍थीरिया के जीवाणु कारिनेबैक्टिीरियम डिप्थेरी के खिलाफ सक्रिय होता है। इसलिये इसकी पत्तियों के सत्व का उपयोग डिप्थिीरिया रोग के उपचार में किया जा सकता है।

गोमुखासन योग करने के लाभ - योग शरीर, मन और आत्मा के सामंजस्य की कला है। यह समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में आपके लिए सबसे सहायक उपाय हो सकता है। शरीर को पोषण देने और अंगों की टोनिंग से लेकर शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने और इसके कारण शरीर में होने वाली दर्द की समस्या से आराम दिलाने में दैनिक रूप से योगासनों के अभ्यास की आदत आपके लिए मददगार हो सकती है। योगासन शरीर में लचीलापन, रक्त प्रवाह और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना के साथ मांसपेशियों को स्वस्थ और शक्तिशाली बनाए रखने का साधन हो सकते हैं। यही कारण है स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना योग के लिए समय निकालने की सलाह देते हैं।
गोमुखासन योग करने के लाभ : किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरीके से अभ्यास करना बहुत आवश्यक माना जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले क्रॉस लेग वाली मुद्रा में बैठ जाएं। इसमें अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी को पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता हैं ले जाएं। फिर बाईं कोहनी के पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को मिलाएं। इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस का अभ्यास करें। अब दोबारा पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।

  •    सायटिका की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
  •     हाई ब्लड प्रेशर का इलाज किया जा सकता है।
  •     यौन प्रदर्शन को बढ़ावा मिलता है।
  •     फ्रोजन शोल्डर और गर्दन में दर्द को ठीक करता है।
  •     रीढ़ के लचीलेपन में सुधार करने के साथ गड़बड़ बॉडी पोश्चर में सुधार करता है।
  •     चिंता और तनाव को कम करने वाला अभ्यास है।
  •     इस योगासन से पीठ, कूल्हे, टखनों, कंधों, जांघों, ट्राइसेप्स और छाती की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

सावधानियां : गोमुखासन योग पूर्णत: सुरक्षित है और इससे शरीर को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है। इसका सुबह के समय अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता। योग के अभ्यास के दौरान शरीर पर अधिक तनाव न डालें। जब तक आप सहज हों तब तक ही इस स्थिति में रहें। यदि आप कंधे, गर्दन, पीठ में दर्द का अनुभव करते हैं, तो कोई भी आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान दें। कई बार ऐसा देखा जाता है कि रक्तचाप बढ़ जाता है, लेकिन व्यक्ति को पता नहीं चलता है। आसान शब्दों में कहें तो हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण नजर नहीं आते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक और 60-90 mmHg डायस्टोलिक होता है। उच्च रक्तचाप में रीडिंग 90/140 mmHg या इसके ऊपर रहता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव बहुत बढ़ जाता है। रक्तचाप को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दो तरह से मापा जाता है। इससे यह पता चलता है कि धड़कनों के बीच तनाव या संकुचन है।

  • अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग बैलेंस्ड डाइट यानी संतुलित आहार पर ध्यान नहीं देती हैं। इससे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इससे शरीर में कई बीमारियां जन्म लेती हैं। खासकर, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए पोटैशियम बहुत जरूरी है। डॉक्टर की मानें तो पोटैशियम युक्त फल और सब्जी के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
  • नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें। खाने में नमक के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ने लगता है। खासकर, खाने में ऊपर से नमक का सेवन बिल्कुल न करें।
  • उच्च रक्तचाप के मरीजों को शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इससे हृदय तक जाने वाली रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है। अगर शराब का सेवन करते हैं, तो सीमित मात्रा में करें।
  • तनाव से दूर रहें। तनाव से हृदय संबंधी समस्या होती है। जानकारों की मानें तो तनाव के चलते उच्च रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके लिए स्ट्रेस बिल्कुल न लें। इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

भोपाल । रक्षाबंधन का पर्व पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ 11 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन का पर्व श्रवण नक्षत्र में चार योग के साथ मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण लोग असमंजस में हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को शुरू हो रही है इसीलिए इसी दिन रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। 12 अगस्त को स्नान दान की पूर्णिमा रहेगी। ज्योतिषियों ने बताया कि भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। श्रवण नक्षत्र का योग सुबह 6.23 से प्रारंभ होगा। श्रवण नक्षत्र एवं पूर्णिमा का संयोग भी रक्षाबंधन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। यदि 12 अगस्त को तिथि का मान सूर्योदय से 4 घंटे से अधिक होता तो रक्षाबंधन 12 अगस्त को मान्य होती। रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने के चार शुभ मुहूर्त भी बनेंगे। इस साल रक्षाबंधन पर एक नहीं बल्कि चार शुभ योग बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व दोगुना बढ़ गया है। अच्छे मुहूर्त, शुभ योग और भद्रारहित काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से उसके हर कार्य सफल होते हैं।रक्षाबंधन पर शुभ योग: आयुष्मान योग - 10 अगस्त को रात 7.35 बजे से 11 अगस्त को दोपहर 3.31 बजे से, रवि योग - 11 अगस्त को सुबह 6.53 बजे तक। सौभाग्य योग - 11 अगस्त को दोपहर 3.32 बजे से 12 अगस्त को सुबह 11.33 बजे तक, शोभन योग - रक्षाबंधन पर शोभन योग भी बनेगा। 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 9:18 बजे से शुरू होगी, जिसके साथ ही भद्रा का प्रारंभ भी हो जाएगा जो कि रात 8 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष विषयक ग्रंथों के आधार पर एवं निर्णय सिंधु के अनुसार भद्रा पुच्छ में शुभ कार्य किया जा सकता है अत: रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शाम 6:29 से शुरू होगा। भद्रा पुच्छ या भद्रा के उपरांत राखी बांधना अति उत्तम रहेगा। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भद्रा का निषेध किया गया है अत: भद्रा के समय रक्षाबंधन नहीं मनाना चाहिए। आज ही पूर्णिमा व्रत एवं श्रावणी उपाकर्म भी किया जाएगा स्नान दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को की जाएगी।

लिवर खराब होने का सबसे बड़ा कारण शराब पीना है। फिर जरूरत से ज्यादा वजन, डायबिटीज, हेपाटाइटिस बी और सी से भी लिवर खराब होता है। इसका प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन से लेकर कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और भोजन, शराब, दवाओं, लीवर से विषाक्त पदार्थों को निकालने तक आपके मस्तिष्क की हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है |

चाय : चाय पीने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार और सेल रिवाइव होते हैं। रोजाना ब्लैक टी और ग्रीन टी पीने से लीवर एंजाइम का स्राव बढ़ सकता है और लीवर में फैट लेवल कम होता है। चाय में एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकती है और कई प्रकार के कैंसर को भी रोक सकती है। एक जापानी शोध के अनुसार यह पाया गया कि रोजाना चाय पीने से लीवर की हेल्थ सुधरती है।
ग्रेपफ्रूट : अंगूर एंटीऑक्सिडेंट की अच्छाई से भरा होता है, जो स्वाभाविक रूप से लीवर की सुरक्षा करने के साथ इसकी कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार, ग्रेपफ्रूट में एंटीऑक्सिडेंट हेपेटिक फाइब्रोसिस के विकास की संभावना को कम करने में मदद करते हैं, जो लीवर पर हानिकारक संयोजी ऊतकों के निर्माण के कारण पुरानी सूजन और दर्द का कारण बनता है।
फैटी फिश : ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर, फैटी फिश सूजन को ठीक करने और लीवर पर वसा के जमाव को कम करने के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक है। एक शोध के अनुसार, फैटी मछली लीवर में वसा और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिल सकती है। असल में यह प्राकृतिक कोलेजन की उपस्थिति के कारण कोशिका और सेल्स को रिपेयर करता है। याद रखें कि आपको जरूरत से ज्यादा ओमेगा 6 फैटी एसिड का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे लीवर की बीमारियां ट्रिगर हो सकती है।

एसएससी भ्रष्टाचार मामले में ईडी के आदेश पर पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी का हर 48 घंटे में स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है। मंगलवार का दिन था। दोनों को जोकर ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। वहाँ से बाहर निकलते ही पार्थ चटर्जी पर एक महिला ने जूता फेंका।

शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर हमला हुआ है। पार्थ जब स्वास्थ्य जांच के लिए ईएसआई अस्पताल से बाहर जा रहे थे तो एक महिला ने उन पर हमला करने की खबर है। हालांकि खबर है कि इसका पार्थ चटर्जी पर कोई असर नहीं हुआ। इतने हाई प्रोफाइल मामले में अचानक हुई इस तरह की घटना को लेकर अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया है। सुरक्षा गार्डों ने आनन-फानन में पूर्व मंत्री को वहां से हटाकर कार में बिठा लिया। महिला का साफ बयान, ''गुस्सा था, जूते मारकर मुझे शांति मिली। 

एसएससी भ्रष्टाचार मामले में ईडी के आदेश पर पार्थ चटर्जी, अर्पिता मुखर्जी का हर 48 घंटे में स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है। मंगलवार का दिन था। दोनों को जोकर ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। वहाँ से बाहर निकलते ही पार्थ चटर्जी पर एक महिला ने जूता फेंका। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महिला का नाम शुभ्रा घोरुई है। आमटा की रहने वाली शुभ्रादेवी आम नागरिक हैं। मीडिया के सामने शुभ्रादेवी ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती थीं। उनका बयान, "मैं उनसे नाराज था, मुझे जूते मारकर शांति मिली। जूते उसे फिट हो जाते तो अच्छा होता। 

महिला ने कहा कि क्या आप माला पहनाकर स्वागत करना चाहेंगे?" सुभ्रादेवी ने यह भी कहा, "उन्होंने इतने लोगों के पैसे को मारकर और उनकी नौकरियों को मारकर फ्लैट और घर खरीदे। उसे फिर से एसी कार में ले जाया जा रहा है! दरअसल, ईएसआई अस्पताल में लगातार 2 दिन इन दोनों के स्वास्थ्य जांच के लिए जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  जो लोग बाहर हैं, उन्हें सुरक्षा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसको लेकर गुस्सा भी बढ़ रहा है। 

पात्रा चॉल घोटाला मामले को लेकर शिवसेना सांसद एवं नेता संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि ईडी ने तड़के सुबह संजय राउत के आवास पर छापेमारी की। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, संजय राउत जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे थे।

मुंबई। पात्रा चॉल घोटाला मामले को लेकर शिवसेना सांसद एवं नेता संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि ईडी ने तड़के सुबह संजय राउत के आवास पर छापेमारी की और उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद जांच एजेंसी ने संजय राउत को हिरासत में ले लिया। कहा जा रहा है कि ईडी  के समन के बावजूद संजय राउत पेश नहीं हुए थे। ऐसे में जांच एजेंसी ने उनके आवास पर छापेमारी की।

संजय राउत ने नहीं किया सहयोग

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, संजय राउत जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्होंने ईडी से अधिकारियों से कहा कि आप मेरे घर क्यों आ गए, मैं आपके दफ्तर आ जाते। जिसके बाद जांच एजेंसी ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

इससे पहले ईडी ने संजय राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था। संजय राउत को मुंबई के एक चॉल के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य सहयोगियों की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था। 

 शिवसेना कार्यकर्ताओं का धरना

शिवसेना सांसद के आवास पर ईडी की छापेमारी और उन्हें हिरासत में लिए जाने के मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। आपको बता दें कि शिवसेना कार्यकर्ता संजय राउत के आवास के बाहर एकत्रित हो गए और वहीं पर बैठकर ईडी की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और जांच एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी भी हो रही है।

ईडी की छापेमारी के दौरान संजय राउत ने कहा कि मैं मर जाऊंगा मगर आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत...मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा..मैं मर भी जाऊंगा, मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा...मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।

 कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ है, जो रक्त में पाया जाता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है।पिछले कुछ वर्षों में कोलेस्ट्रॉल के बारे में लोगों की जानकारी बढ़ी है। दिल की बीमारियों को इसका खतरा होता है लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोलेस्ट्रॉल का केवल उच्च स्तर ही दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है!हाई कोलेस्ट्रॉल का आंखों पर असर: आपके रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च उपस्थिति आपकी आंखों में इकट्ठा होने पर समस्या पैदा कर सकती है।जो आपकी आंखों में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल के निर्माण का संकेत देते हैं।

- कॉर्निया के चारों ओर सफेद, भूरे और पीले रंग के जमाव

- धुंधली दृष्टि

- आंखों के आसपास पीले रंग के धक्कों

रेटिना को पहुंचता है नुकसान : एक और आंख की स्थिति, जो रेटिना में 'खराब' कोलेस्ट्रॉल के निर्माण के कारण हो सकती है, वह है रेटिनल वेन रोड़ा। रेटिना ऊतक की एक पतली परत होती है, जो आपकी आंखों के पीछे होती है। यह वह है जो प्रकाश को मस्तिष्क को संकेतों में परिवर्तित करता है, उन्हें दृष्टि में परिवर्तित करता है। जब रेटिना में एक नस अवरुद्ध हो जाती है, जिससे थक्के बनते हैं, तो यह रेटिना की शिरा को रोक देता है। कुछ अवरोधों को हटाया जा सकता है, जिससे आंशिक और अस्थायी अंधापन हो सकता है।कुछ लोग स्थायी अंधेपन से पीड़ित हो सकते हैं।

 

मुंबई के चांदीवली इलाके में आदित्य की सभा हुई। आदित्य ठाकरे की चांदीवली की यात्रा उनके द्वारा निकाली जा रही निष्ठा यात्रा का ही हिस्सा थी। जिसे उन्होंने एक सप्ताह पहले ही शुरू किया है

आदित्य ठाकरे इन दिनों महाराष्ट्र में 'निष्ठा यात्रा' निकाल रहे हैं। इसमें वे लोगों से बातचीत कर रहे हैं। आम लोगों की समस्याओं को सुनकर और शिवसेना को मजबूत करने के प्रयास में शिवसैनिकों को एकजुट करने में लगे हैं। ऐसे में उनकी निष्ठा यात्रा की सभा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इसमें अजान की आवाज सुनाई दे रही है और तभी  आदित्य ठाकरे ने इस समय अपना भाषण रोक दिया। उन्होंने कुछ देर के लिए अपना भाषण रोकते हुए कहा कि दो मिनट रुकिए। उनके वीडियो की इस समय खूब चर्चा हो रही है। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये घटना शुक्रवार 29 जुलाई की बताई जा रही है। मुंबई के चांदीवली इलाके में आदित्य की सभा हुई। आदित्य ठाकरे की चांदीवली की यात्रा उनके द्वारा निकाली जा रही निष्ठा यात्रा का ही हिस्सा थी। जिसे उन्होंने एक सप्ताह पहले ही शुरू किया है। शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करने के लिए आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की।

उनके वीडियो इस समय चर्चा में हैं। एक तरफ राज ठाकरे अजान के लिए लाउडस्पीकर के सख्त खिलाफ हैं, लेकिन उनके भतीजे आदित्य ठाकरे अजान का सम्मान करते नजर आ रहे हैं। आदित्य के अजान के दौरान भाषण रोकने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही तरह-तरह की प्रतिक्रिया आने लगी। कई लोग इसमें मिली जुली राय देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग आदित्य की हर धर्म के प्रति सम्मान को सही ठहरा रहे हैं। वहीं कुछ इसे सेक्युलर इमेज बनाने की कवायद बता रहे हैं। 

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