ईश्वर दुबे
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Bhilai
सरकार ने इस साल चुनाव से पहले फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था, अब 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश होगा
अरुण जेटली के पद छोड़ने के बाद वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पहली बार बजट पेश करेंगी
नई दिल्ली. एनडीए सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट अगले महीने 5 जुलाई को पेश करेगी। देश की नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि वे बजट पर ऑनलाइन साझा किए गए विचारों और सुझावों का स्वागत करती हैं। उनकी टीम हर सलाह का विश्लेषण कर रही है।
सीतारमण ने ट्वीट में कहा, “प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए साझा किए गए विद्वानों, अर्थशास्त्रियों और समर्थकों के विचारों और सुझावों के लिए आभार। मैं इनमें से ज्यादातर को खुद पढ़ती हूं। साथ ही मेरी टीम भी इन सुझावों पर नजर रखती है। इनका काफी महत्व है। शुक्रिया। बजट के लिए विचार और सुझाव आते रहने चाहिए।’’
जेटली के रिटायरमेंट के बाद मिली जिम्मेदारी
पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के रिटायरमेंट के ऐलान के बाद एनडीए-2 में सीतारमण को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उन्हें कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय भी दिया गया है। इससे पहले एनडीए-1 में उन्होंने रक्षा मंत्री का पद संभाला था। सीतारमण ने 30 मई को वित्त मंत्री के तौर पर पदभार संभाला था।
छह कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को जगह
बुधवार को सरकार ने अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर आठ कैबिनेट कमेटियों का पुनर्गठन किया है। इनमें 6 कैबिनेट कमेटियों में सीतारमण को रखा गया है। कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ, कैबिनेट कमेटी ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड स्किल डेवलपमेंट और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी में उनकी भागीदारी अहम रहेगी।
मुरैना का मामला, ये घड़ियाल 1.20 मीटर के होने पर चंबल में छोड़े जाएंगे
मुरैना. चंबल नदी में घड़ियालों का परिवार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को देवरी घड़ियाल केंद्र पर अंडों से निकले 8 बच्चों के बाद नए शावक घड़ियालों की संख्या 233 हो गई है। वहीं चंबल में 1265 से अधिक घड़ियाल विचरण कर रहे हैं। अभी 25 अंडों से बच्चे निकलना शेष हैं। घड़ियाल शावकों का संरक्षण तीन वर्ष तक देवरी घड़ियाल केंद्र पर किया जाएगा।
चंबल का 485 किमी क्षेत्र घड़ियाल अभयारण्य: चार दशक पूर्व विश्व में कराए भारतीय प्रजाति के घड़ियालों के सर्वे में 46 घड़ियाल चंबल में मिले थे। इसके बाद 80 के दशक में चंबल नदी के 435 किमी क्षेत्र को घड़ियाल अभयारण्य घोषित किया गया। इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए देवरी पर घड़ियाल केंद्र बनाया गया।
देवरी केंद्र पर हर साल रखे जाते हैं घड़ियालों के 200 अंडे: प्रतिवर्ष घड़ियालों के 200 अंडे नदी के विभिन्न घाटों से लाकर देवरी केंद्र पर रखे जाते हैं। यहां इनकी हेचिंग होती है। तीन वर्ष तक इन शावक घड़ियालों का संरक्षण वयस्क होने तक किया जाता है। ग्रो एंड रिलीज कार्यक्रम के अन्तर्गत यह घड़ियाल 1.20 मीटर की लंबाई होने पर नदी में छोड़े जाते हैं।
मंगलवार की रात ग्वालियर से दिल्ली के लिए दक्षिण एक्सप्रेस से हुए थे रवाना
बुधवार सुबह फरीदाबाद के पास चोर ने उड़ाया बैग, जीआरपी ने किया मामला दर्ज
ग्वालियर। बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश में भाजपा सरकार में मंत्री रहे जयभान सिंह पवैया का ग्वालियर से दिल्ली जाते समय ट्रेन से बैग चोरी हो गया। बैग में 47 हजार नगद और एटीएम कार्ड रखा हुआ था। पवैया ने चोरी होने की घटना की शिकायत दिल्ली में हजरत निजामउद्दीन स्थित जीआरपी थाने में कराई है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार रात पवैया दक्षिण एक्सप्रेस से ग्वालियर से दिल्ली के लिए फर्स्ट क्लास एसी कोच से रवाना हुए थे। सुबह स्टेशन आने से पहले उनकी नींद खुली तो उन्हें उनका बैग गायब मिला। निजामउद्दीन स्टेशन पर उतरने के बाद पवैया ने घटना की जानकारी जीआरपी को दी और मामला दर्ज कराया।
मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते जीआरपी तुरंत हरकत में आई और उसने दिल्ली के नजदीक के स्टेशनों के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए। जांच शुरू हुई तो पता चला कि एक युवक को फरीदाबाद स्टेशन पर बैग ले जाते देखा गया है। पुलिस का कहना है चोर ने फरीदाबाद स्टेशन से कुछ देर पहले बैठ उड़ाया था। सीसीटीवी में युवक का फुटेज दिखने के बाद जीआरपी फरीदाबाद स्टेशन के आस-पास के इलाके में जांच की तो पवैया का बैग झाड़ियों में पड़ा मिल गया। इसमें से 47 हजार नगद और एटीएम गायब था। जबकि दस्तावेज और कपड़े ऐसे ही रखे हुए थे।
भोपाल। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने वर्ष 2020 का एक्जामिनेशन कैलेंडर जारी कर दिया है। परीक्षा की शुरुआत इंजीनियरिंग सर्विस प्रीलिम्स एक्जामिनेशन से होगी। यह एक्जाम 5 जनवरी 2020 को होगा, हालांकि इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत 25 सितंबर 2019 से होगी, जो 15 अक्टूबर तक चलेगी।
सिविल प्रीलिम्स और इंडियन फॉरेस्ट सर्विस प्रीलिम्स का आयोजन 31 मई 2020 को किया जाएगा। इसके लिए 12 फरवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा और 3 मार्च 2020 तक आवेदन किए जा सकेंगे। इस संबंध में यूपीएससी की ओर से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। अधिक जानकारी के लिए https://upsc.gov.in वेबसाइट पर विजिट की जा सकती है।
इस तारीख में होंगे मेन एक्जामिनेशन
कंबाइंड जियो साइंटिस्ट मेन एक्जामिनेशन 27 जून को होगा। इंजीनियरिंग सर्विस मेन एक्जामिनेशन 28 जून को होगा। एनडीए व एनए एक्जामिनेशन-2, 6 सितंबर को होगा। सिविल सर्विसेज मेन एक्जामिनेशन-2020, 18 सितंबर से होगा। इंडियन फॉरेस्ट सर्विस मेन एक्जामिनेशन 22 नवंबर से होगा। वहीं 12 जून को सीडीएस-2 का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसका एक्जाम 8 सितंबर को होगा। यह एक्जाम देशभर एक ही दिन होगा।
कब-कब होंगे कौन-कौन से एक्जाम
कंबाइंड जियो साइंटिस्ट प्रीलिम्स एक्जाम 19 जनवरी को होगा।
नोटिफिकेशन 25 सितंबर 2019 को जारी होगा।
कंबाइंड डिफेंस सर्विस एक्जामिनेशन-1, 2 फरवरी को होगा, नोटिफिकेशन 30 अक्टूबर को जारी होगा।
सीआईएसएफ एसी एलडीसीई एक मार्च को होगा और नोटिफिकेशन 4 दिसंबर 2019 को जारी होगा।
एनडीए और एनए एक्जामिनेशन का नोटिफिकेशन 8 जनवरी 2020 को जारी होगा और एक्जाम 19 अप्रैल को होगा।
आईईएस आईएसएस का नोटिफिकेशन 25 मार्च 2020 को जारी होगा और 26 जून को एक्जाम होगा।
कंबाइंड मेडिकल सर्विस एक्जामिनेशन का नोटिफिकेशन 8 अप्रैल को जारी होगा और एक्जाम 19 जुलाई को होगा।
सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस एसी एक्जामिनेशन का आयोजन 9 अगस्त को होगा।
ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट दिया है। इसके साथ ही वह सभी कॉलोनियां फिर से अवैध हो गईं हैं, जिन्हें वैध किया गया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है। साथ ही कॉलोनियों को वैध करने वाले सर्किल अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का ये फैसला पूरे प्रदेश में लागू माना जाएगा।
इस योजना की शुरुआत मई 2018 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह ने ग्वालियर से ही की थी। याचिका कर्ता और एडवोकेट उमेश बोहरे ने कहा था कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने 2018 में अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए कई सारी योजनाओं को नियमों के विपरीत लाभ लेने के कोशिश की है। साथ ही इससे शिवराज सरकार को 25 हजार करोड़ का फायदा हुआ।
सरकार द्वारा प्रदेश में बस चुकी अवैध कॉलोनियों को धारा 15 A के तहत वैध किया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने तत्कालीन प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व समेत पांच लोगों को पार्टी बनाया था।
कोर्ट ने अपने आदेश में खत्म की धारा-15 A
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में ऐसे सरकारी सर्वे नंबर पेश किए, जिन्हें नियम विरूद्ध वैध कॉलोनियों में शामिल कर दिया गया। सभी तथ्य जानने के बाद हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार की धारा-15 A को खत्म कर दिया है।
दोषी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश
इस धारा-15 A जिसके बाद अब फिर से अवैध से वैध हुई कॉलोनियां फिर से अवैध हो गयी हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनियों को बसाने के दौरान जिम्मेदारों अफसरों के खिलाफ भी निगम की धारा 292 E के तहत कार्रवाई की जाये इसके लिए दोषी उस सर्किल के डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, आरआई, अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
6 हजार कालोनियों होनी थी वैध
8 मई 2018 को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसकी शुरुआत ग्वालियर से की गई थी। इसके तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की 4624 कॉलोनियों को वैध करने का एलान किया था। लेकिन अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह कालोनियां फिर से अवैध हो गयी है। हालांकि शिवराज सरकार के समय ही शासन की इस योजना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
इससे पहले कोर्ट ने प्रज्ञा के चुनावी व्यस्तता की वजह से पेशी से छूट की अपील को मंजूरी दी थी
मालेगांव ब्लास्ट केस में 7 आरोपी हैं, स्पेशल एनआईए कोर्ट कर रहा सुनवाई
मुंबई. स्पेशल एनआईए कोर्ट ने मालेगांव धमाके की आरोपी और भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सप्ताह में एक बार अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। इससे पहले प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी को अदालत में पेशी से छूट मिली हुई थी। तीनों ने याचिका में चुनावी व्यस्तता और निजी परेशानियों का हवाला देकर अदालत ने मंजूरी ली थी। कोर्ट ने उस समय केस के बाकी चार आरोपियों को अदालत में हर हफ्ते पेश होने के आदेश दिए थे।
प्रज्ञा और सुधाकर ने चुनावी व्यस्तता का हवाला दिया था
भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा सांसद (तब उम्मीदवार) प्रज्ञा और उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर से निर्दलीय प्रत्याशी सुधाकर चतुर्वेदी ने अपनी याचिकाओं में चुनावी व्यस्तताओं का हवाला दिया था। उधर, कर्नल पुरोहित ने कुछ व्यक्तिगत परेशानियां बताई थीं। कोर्ट ने आरोपियों के वकीलों को मालेगांव विस्फोट स्थल पर जाने की अनुमति भी दे दी है। उन्होंने इस संबंध में अलग से याचिका लगाई थी।
अदालत में दर्ज हो रहे गवाहों के बयान
फिलहाल, अदालत में मामले से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इन तीनों के अलावा मामले बाकी चार आरोपी मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी हैं। ये सभी जमानत पर हैं।
सात लोगों के खिलाफ हैं आरोप
अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में सातों आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र और हत्या की धाराओं में आरोप तय किए थे। उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
मुंबई में डीसीपी मनोज शर्मा के संघर्ष की कहानी पर आधारित 'ट्वेल्थ फेल' उपन्यास का होने वाला है विमोचन
मुरैना जिले की जौरा के बिलगांव में जन्मे आईपीएस शर्मा हैं युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत
मुरैना. असफलता आपके लक्ष्य में बाधा नहीं बन सकती। बस आपके अंदर लक्ष्य को पाने का हौसला होना चाहिए। ऐसी ही कहानी है मुरैना जिले की जौरा तहसील के बिलगांव में जन्मे आईपीएस मनोज शर्मा की। आज वह मुंबई पुलिस में डिप्टी कमिश्नर हैं और उनकी गिनती महाराष्ट्र के ईमानदारों अफसरों में होती है।
9वीं, 10वीं में थर्ड डिवीजन से पास आईपीएस मनोज बारहवीं कक्षा में सभी विषयों में (हिंदी को छोड़कर) फेल हो गए। गांव वालों के सामने बेइज्जती महसूस हुई। उन्हें ऐसा इसलिए लगा क्योंकि जब वे भैंस चराते समय उपन्यास पढ़ते थे तो गांव के लोग सोचते थे कि बहुत मेहनत करता है। लेकिन फेल हुए तो गांव के लोग हैरान रह गए और दोस्त चिढ़ाने लगे।
मनोज निराश हो गए भी निराशा हुई तो बचपन के दोस्त राकेश ने हौसला अफजाई की और कहा कि तुम्हे कुछ बनकर दिखाना है। फिर क्या था अगले ही साल 70 प्रतिशत अंकों से हायर सेकंडरी की परीक्षा पास। कॉलेज में भी टॉपर्स रहे और वर्ष 2005 में आईपीएस में सिलेक्ट हुए। आज मनोज न सिर्फ मुंबई में अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात हैं बल्कि उनकी गिनती महाराष्ट्र के ईमानदार अफसरों में होती है। जल्द ही मनोज के संघर्ष की कहानी पर आधारित 'ट्वेल्थ फेल' नामक उपन्यास का विमोचन होने वाला है।
जिद के आगे जीत है, इस जज्बे ने बनाया आईपीएस
मनोज के बचपन के दोस्त राकेश शर्मा बताते हैं कि मनोज ग्वालियर में 2 साल तैयारी करने के बाद यूपीएससी की कोचिंग करने दिल्ली गया। तीन चांस में सिलेक्शन नहीं हुआ। जब वह जौरा आते तो हम घंटों नहर किनारे बैठकर गपशप करते। इस दौरान गांव के ही कुछ अन्य दोस्तों ने यहां तक कह दिया कि मनोज पढ़ते-पढ़ते तुम्हारे चश्मा तो लग गया, अब तुम्हारा कुछ नहीं हाेने वाला। गांव लौट आओ। लेकिन मनोज ने सफल होने की जिद ठान रखी थी। आईपीएस में सिलेक्ट होकर उसने पूरे गांव का नाम रोशन किया।
घर वाले चाहते थे क्लर्क बन जाऊं 12वीं में ले लिया गणित, हो गए फेल
जौरा तहसील के बिलगांव में ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में पदस्थ ओमप्रकाश शर्मा व शकुंतला शर्मा की दूसरी संतान मनोज शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा बिलगांव के सरकारी स्कूल में हुई। 9वीं, 10वीं की पढ़ाई के लिए जौरा के सरकारी बालक हासे स्कूल में दाखिल लिया। पढ़ने-लिखने में कमजोर मनोज 9वीं में थर्ड डिवीजन में पास हुए, जबकि 10वीं में ग्रेस लेकर थर्ड डिवीजन आई।
बकौल आईपीएस मनोज, घर वाले चाहते थे कि मैं क्लर्क बन जाऊं इसलिए मैंने उनकी सलाह पर मैथ ले लिया। चूंकि उस समय नकल का कल्चर था और उम्मीद थी कि पास हो जाऊंगा। इसलिए 12वीं में मैथ सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई शुरू कर दी। लेकिन फेल हो गया।
यूपीएससी के इंटरव्यू में भी पूछा-तुम 12वीं फेल, क्यों करें सिलेक्ट
मनोज शर्मा ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि-जब चौथे चांस में प्री व मैन्स निकालने के बाद इंटरव्यू में सामने चयन समिति में बैठे अफसरों ने मेरा बायोडाटा देखा तो उनका पहला सवाल यही था कि यहां आईआईटी, आईआईएम क्वालिफाई कर चुके लोग आए हैं, उनके सामने हम आपको सिलेक्ट क्यों करें। मैंने बेबाकी से उनके सामने कह दिया कि 12वीं में फेल होने के बाद मैं यहां तक पहुंच गया तो मेरे अंदर कुछ तो क्वालिटी होगी। बस मेरे इसी सवाल से चयन समिति सदस्य खुश हुए। हालांकि कुछ अन्य सवाल भी मुझसे पूछे गए। इसके बाद वर्ष 2005 में मेरा सिलेक्शन महाराष्ट्र कैडर में आईपीएस के लिए हुआ।
रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुईं थी रामबाई
अपने विवादित बयान और फिर पति और देवर पर लगे हत्या के आरोपों से सुर्खियों में आईं थीं रामबाई
भोपाल। पति पर लगे हत्या के आरोप के बाद करीब ढाई महीने तक लाइमलाइट से दूर रहीं बसपा विधायक रामबाई रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुई। सोमवार को उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस सरकार हमे खुश करने का वादा करने की बात कह रही है। ये तो तब ही हो जाना चाहिए था जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी।
मध्य प्रदेश से पथरिया से विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामबाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में मंत्रीमंडल के विस्तार की बात चल रही है। लेकिन मुख्यमंत्री इसका विस्तार कैसे करेंगे, क्योंकि मंत्रीमंडल में विस्तार की गुंजाइश ही नहीं है। उम्होंने कहा कि वैसे देखा जाए तो मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं और वे कुछ तो करेंगे ही।
रामबाई ने कहा कि हमसे खुश करने का वादा किया जा रहा है, लेकिन ये काम तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अब वे खुश कैसे करेंगे वे ही जाने। सरकार के समर्थन पर रामबाई ने कहा कि उनका समर्थन कांग्रेस सरकार को जारी रहेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की तबीयत ठीक नहीं चल रही है। इसलिए बीते दो महीने से ज्यादा समय से वे दिल्ली उसका इलाज करा रही थीं।
पति सहित परिवार पर हत्या का आरोप
15 मार्च को हटा के कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या कर दी गई थी। हमले में देवेंद्र के बेटा भी घायल हो गया था। मामले में हटा थाना पुलिस ने पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह, देवर कौशलेंद्र सिंह, भतीजा गोलू सिंह, भाई लोकेश सिंह के अलावा भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल के बेटे इंद्रपाल पटेल, श्रीराम शर्मा, अमजद खान को मुख्य आरोपित बनाया। हत्याकांड में शामिल आरोपितों की तलाश में पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के घर पर दबिश दी थी। जिसके बाद उन्होंने उन्होंने कहा था कि पति और उनके देवर को झूठा फंसाया जा रहा है। इतना ही नहीं बसपा विधायक ने कहा कि अगर पुलिस लिखित में आश्वसान दे तो वो पति और देवर को पेश करा देंगी। हालांकि कुछ दिन बाद देवर ने सरेंडर कर दिया पति अब भी फरार चल रहा हैं।
मप्र सरकार के गिरने की अटकलों के बीच समर्थन वापस लेने के बयान से मुकरे विधायक
कहा- मैंने शुरू से कांग्रेस का समर्थन किया है, अभी भी मेरा पूरा समर्थन कांग्रेस को ही है
बुरहानपुर. मप्र में सरकार के गिरने की अटकलों के बीच कांग्रेस से समर्थन वापस लेने के बयान को निर्दलीय विधायक सुरेंद्रसिंह ठाकुर ने सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा- मैंने भोपाल में मीडिया को ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। मैंने शुरू से कांग्रेस का समर्थन किया है। अभी भी मेरा पूरा समर्थन कांग्रेस को ही है। मुझे मंत्रिमंडल में शामिल करने का आश्वासन मिला है। देखते हैं कब तक मंत्री पद मिलता है।
विधायक सुरेंद्रसिंह ने बताया कि भोपाल में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों से कहा है कि भाजपा की बातों में आने की जरुरत नहीं है। हम सब एक है। हमारे मंत्री भी एकजुट है। हम मिलकर काम करेंगे। अपने-अपने क्षेत्रों के कामों की सूची बनाकर रख लें। जितने भी काम है अपने-प्रभारी मंत्रियों को उसकी सूची सौंप दें। यदि उनसे अपने काम पूरे नहीं करवा पाए। या किसी कारण से वो नहीं कर पाए तो मेरे घर बेझिझक आईए। मैं अापके सारे काम करूंगा।
इस बैठक में नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर भी शामिल रहीं। विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने बताया मुख्यमंत्री ने सरकार के सभी काम जनता तक पहुंचाने काे कहा है। किसानों के ज्यादा से ज्यादा कर्जमाफ करने के लिए कार्रवाई तेज करवाने के निर्देश दिए हैं। हमने आश्वासन दिया है कि बुरहानपुर के सभी किसानों के कर्जमाफ करवाएंगे।
5 साल सरकार के साथ करेंगे काम
कमलनाथ सरकार में 114 विधायक कांग्रेस पार्टी के है। 2 विधायक बीएसपी, 4 निर्दलीय और 1 विधायक सपा से है। बच्चन ने बताया बैठक में सभी विधायकों ने एकता व निष्ठा से 5साल तक सरकार के साथ काम करने का समर्थन दिया है। इसको लेकर लिखित में प्रस्ताव भी पारित हुआ है। इसके लिए किसी भी विधायक ने कोई शर्त नहीं रखी है।
भोपाल . पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव में 114 सीटें जीतने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 230 में से 211 सीटों पर भाजपा से पिछड़ गई। उसके 96 विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हारी है यानी इन सीटों पर भाजपा को ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा का वोट पांच महीने में 57.53 लाख बढ़ गया है। जबकि विधानसभा चुनाव में उसके पास कांग्रेस से सिर्फ 47827 वोट ज्यादा थे। कांग्रेस के सिर्फ 19 विधायक ही अपने क्षेत्र में पार्टी को लीड दिला पाए।
29 में से 20 लोकसभा सीटों के विस क्षेत्रों में कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई। यह सीट मुरैना, भिंड, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी, जबलपुर, होशंगाबाद, विदिशा, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, इंदौर, खरगोन, खंडवा और बैतूल हैं।
भाजपा की जीत की वजह : चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर, पीएम आवास स्कीम और उज्जवला गैस योजना का फायदा भाजपा को हुआ है।
यही उसकी प्रदेश में ऐेतिहासिक जीत (28 सीट) का कारण बना है।
सपा, बसपा, निर्दलीय विधायकों की सीट पर भी भाजपा आगे : विधानसभा चुनाव में सपा ने बिजावर, बसपा ने भिंड व पथरिया और निर्दलीयों ने वारासिवनी, बुरहानपुर, सुसनेर व भगवानपुरा सीट जीती थीं। ये विधायक प्रदेश में कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में इन विधायकों की सीटों पर भी भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले।
96 विधायक अपने क्षेत्र में कांग्रेस को नहीं जिता पाए
कांग्रेस का वोट 1.27 करोड़ रह गया : विधानसभा चुनाव में भाजपा को 1 करोड़ 56 लाख 42 हजार 980 वोट मिले थे, जो 2019 में बढ़कर 2 करोड़ 14 लाख 06 हजार 887 हो गए। जबकि कांग्रेस का वोट दिसंबर 2018 में एक करोड़ 55 लाख 95 हजार 153 था, जो अब 1 करोड़ 27 लाख 33 हजार 51 वोट रह गया। यानी उसे 28.62 लाख वोट का नुकसान हुआ।
कर्जमाफी बेअसर : 63 ग्रामीण सीटें अब घटकर सिर्फ 13 किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भी लोकसभा चुनाव में बेअसर रहा। कांग्रेस के पास प्रदेश की 126 ग्रामीण विधानसभा सीटों में से 63 थीं, जो इस चुनाव में सिर्फ 13 बची हैं। जबकि इन सीटों पर भाजपा को 40 से 70 हजार वोट की लीड मिली है। 104 शहरी सीटों में से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 51 सीटें मिली थीं, जिन पर उसकी बढ़त लोस चुनाव में घटकर सिर्फ पांच सीटों तक सिमट गई है।
भाजपा की एक सीट पर कांग्रेस को बढ़त : प्रदेश में भाजपा के 109 विधायक हैं। इनमें से 108 के क्षेत्र में भाजपा ने अपनी बढ़त कायम रखी। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट की झाबुआ विधानसभा में कांग्रेस को अधिक वोट मिले।
भाजपा को कांग्रेस से 24 फीसदी ज्यादा वोट : लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस की तुलना में 24 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा को 58 फीसदी और कांग्रेस को 34 प्रतिशत वोट मिले हैं।
कैबिनेट की बैठक आज
विधायकों के अलावा मंत्रियों के साथ भी मंथन करेंगे सीएम : भाेपाल। कांग्रेस में शनिवार को भोपाल से दिल्ली तक मंथन का दौर चला। मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में हुई सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री सरकार की स्थिरता को लेकर बन रहे कथित सियासी समीकरण को साधने में जुटे रहे। उन्होंने इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से दो दौर की लंबी चर्चा की। सुबह मुख्यमंत्री निवास पर नाथ और दिग्विजय के बीच बातचीत हुई। शाम को भी दोबारा दोनों में चर्चा हुई। नाथ के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबर को कांग्रेस ने भी खारिज कर दिया है। नाथ ने रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री सुबह कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में मंत्रियों से भी चर्चा करेंगे। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार दिग्विजय शनिवार को दिल्ली रवाना होने वाले थे, लेकिन विधायकों की होने वाली बैठक की वजह से उन्हें रुकने के लिए कहा गया है। सूत्रों के अनुसार नाथ ने दिग्विजय को विधायकों की एकजुटता बनाए रखने उन पर नजर रखने को कहा है।
शेरा ने कहा भले ही में कांग्रेस में नहीं, लेकिन मेरा समर्थन : कांग्रेस को समर्थन दे रहे चार निर्दलियों विधायकों में से प्रदीप जायसवाल कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री है। इसलिए वे सरकार के अंग है। दो अन्य निर्दलियों विधायकों में सुरेंद्र सिंह ठाकुर ने भास्कर से चर्चा में कहा कि उन्होंने कभी भी यह बात नहीं कही कि मैं कांग्रेस से समर्थन वापस लेकर भाजपा में शामिल होने जा रहा हूं। मैं भले ही कांग्रेस में नहीं हूं लेकिन मेरा समर्थन जारी रहेगा। मुझे मुख्यमंत्री ने रविवार को विधायक दल की बैठक में बुलाया है। केदार डाबर ने भी बैठक में शामिल होने की बात कही है। बैठक में बसपा विधायक संजीव कुशवाह, रामबाई और सपा विधायक राजेश शुक्ला को भी बुलाया गया है। वहीं, कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने उनके भाजपा में शामिल होने की खबर सिर्फ अफवाह है, मैं कांग्रेस में हूं और रहूंगा।
देवाशीष ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, पार्टी प्रवक्ता का पद खत्म कर देना चाहिए भिंड लोकसभा से चुनाव लड़े देवाशीष जरारिया ने चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि पार्टी को प्रवक्ता का पद समाप्त कर देना चाहिए। अब जब तक मैने अपना प्रवक्ता का पद पार्टी को वापस कर दिया है। इसकी वजह मीडिया पर अब विपक्षी दलों के लिए कोई स्पेश नहीं है। अगर कोई वरिष्ठ नेता समसामियक मुद्दा उठाना चाहता है तो उसे केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए।
विदिशा। शादीशुदा युवती को भगा ले जाने के शक में युवती के परिजनों ने युवक के पिता को जिंदा जला कर हत्या का मामला सामने आया है। आरोपियों ने मृतक का शव विदिशा से सटे करैयाखेड़ा गांव में फेंककर उसके परिजन को फोन पर हत्या की सूचना भी दी। पुलिस के मुताबिक, मृतक की शिनाख्त बैरसिया थाने के ग्राम बवचिया निवासी पर्वत विश्वकर्मा (40) के रूप में हुई। पर्वत का बेटा कपिल विदिशा में टैक्सी चलाता था।
पीड़ित परिवार ने शुक्रवार को बैरसिया थाने में पर्वत विश्वकर्मा के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन बैरसिया इलाके में दिन दहाड़े कार से आए दो बदमाश एक किसान का अपहरण करके ले गए थे। उन्हें संदेह था कि किसान का बेटा उनकी बेटी को भगाकर ले गया है। आरोपियों का कहना है कि लड़की मिलने के बाद ही किसान की रिहाई की जाएगी। लड़की नहीं मिली तो किसान की हत्या कर दी जाएगी।
बाबचिया गांव निवासी 40 वर्षीय पप्पू उर्फ पर्वत सिंह खेती किसानी करते हैं। उनके बड़े बेटे कपिल की विदिशा निवासी महेंद्र यादव की पुत्री से प्रेम प्रसंग चल रहा था। महेंद्र की बेटी तीन दिन पहले विदिशा स्थित निवास से लापता हो गई थी। महेंद्र को संदेह था कि पप्पू का बेटा उसे भगाकर ले गया है। शुक्रवार सुबह महेंद्र अपने ड्राइवर गोविंद के साथ में बाबचिया बस स्टैंड पर आया। यहां उसने पर्वत को मिलने बुलाया। पर्वत पहुंचा तो उसे जबरिया कार में बैठाकर ले गए थे ।
गिन्नौरी क्षेत्र में कुत्तों ने 5 को काटा, लोगों ने एक कुत्ते को मार डाला
भोपाल | कुत्ताें के हमले में जान गंवाने वाले छह साल के संजू जाटव काे अभी लाेग भूल भी नहीं पाए हैं अाैर गिन्नाैरी में अावारा कुत्ताें ने ढाई साल की बच्ची को लहूलुहान कर दिया। चीख सुनकर लाेग दाैड़े अाैर बच्ची की जान बचा ली।
उसके गाल अाैर पीठ पर गहरे घाव हुए हैं। घटना मंगलवार दाेपहर गिन्नाैरी स्थित कप्तान साहब की बगिया की है। कुत्ताें ने एक के बाद एक पांच लाेगाें काे काटा। इससे गुस्से में आए लोगों ने एक कुत्ते को घेरकर मार डाला। निगम का स्क्वाॅड पहंुचा अाैर एक कुत्ता पकड़कर लाैट अाया : स्थानीय रहवासी अाैर प्रदेश कांग्रेस सचिव अकबर बेग ने बताया कि तहूरा पर हमला करने वाले झुंड में दाे-तीन कुत्ते पागल थे। उन्हाेंने गैस राहत अस्पताल के पास बिलकिस बी, एक अाॅटाे चालक तथा दाे अन्य लाेगाें काे भी काटा था। बेग ने इसकी सूचना नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता काे दी। करीब 5.30 बजे निगम का डाॅग स्क्वाॅड पहुंचा। शाम 6.30 बजे तक उन्हाेंने एक कुत्ता पकड़ा अाैर ड्यूटी टाइम खत्म हाेने का कहकर वापस लाैट गया। अमले के इस रवैए से खफा लाेगाें ने एक पागल कुत्ते काे पीट-पीटकर मार डाला।
जबकि, दाे पागल कुत्ते अभी भी घूम रहे हैं। माेहल्ले के लड़के लाठी-डंडे लेकर उन्हें ढूंढ रहे हैं। लाेगाें में दहशत का अालम एेसा है कि उन्हाेंने बच्चाें का घर से निकलना बंद कर दिया है। स्थाानीय लाेगाें का कहना है िक यहां कप्तान शादी हाॅल में हाेने वाले अायाेजनाें में नाॅनवेज खाने के कारण यहां कुत्ताें का जमावड़ा रहता है। बच्ची पर कुत्ताें ने हमला किया है। यह घटना दुखद है। कुत्ते पकड़ने के लिए गाड़ी भेजी गई है। पहले जाे गाड़ी गई थी, वह एक कुत्ता पकड़कर लाई थी। वहां दाेबारा गाड़ी भेजकर कुत्ते पकड़वाए जा रहे हैं। - मयंक वर्मा, अपर अायुक्त, नगर निगम
मोहल्ले वालों ने बचाया : अब्दुल साेहेल की बेटी तहूरा भाई रेहान के साथ दुकान पर जाने के लिए घर से जैसे ही निकली, पांच-छह कुत्ते उनके ऊपर झपट पड़े। एक कुत्ते ने तहूरा काे दबाेच लिया। लाेगाें ने जूते-चप्पल अाैर डंडाें से कुत्ताें काे भगाया।
भोपाल . लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के दो दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस विधायकों को पैसे और पद का लालच दिए जाने के बयान से सियासी हलचल बढ़ गई है। पीसीसी में मंगलवार को विधायकों और मंत्रियों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस के 10 विधायकों ने उन्हें बताया है कि उन्हें पैसे और पद का प्रलोभन दिया जा रहा है।
हालांकि नाथ ने दावे के साथ कहा कि उन्हें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है। इस बीच कांग्रेस को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों में से सुरेंद्र सिंह ठाकुर ‘शेरा’ और केदार सिंह डाबर ने सरकार पर विश्वास व्यक्त किया है। शेरा ने कहा कि उनकी नाथ से बात हो चुकी है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें 100 फीसदी जगह दी जाएगी। डाबर ने भी लगभग यही बात कही। उन्होंने कहा कि नाथ से खरगोन जिले को बड़ी उम्मीदें हं। मुझे भरोसा है कि वे मुझे मंत्रिमंडल में जगह देंगे। उन्होंने भाजपा द्वारा उनसे बात किए जाने के बारे में पूछे जाने पर साफ कर दिया कि उनसे किसी ने भी इस बारे में संपर्क नहीं किया है। विधायकों को दिया जा रहा है 25 से 50 करोड़ रुपए का ऑफर खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने सुबह कहा था कि कांग्रेस के विधायकों को 25 से 50 करोड़ रुपए और पद दिए जाने का ऑफर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात करने वालों का पता नहीं है कि मप्र के विधायकों का अपना सम्मान है। तोमर के इस खुलासे से सियासी पारा चढ़ गया था, जिसकी झलक मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस विधायकों की बुलाई गई बैठक में भी दिखाई दी। उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं द्वारा विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है।