ईश्वर दुबे
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Bhilai
सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में जुलाई में लगेंगी स्पेशल कक्षाएं
भोपाल। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सायबर सुरक्षा की जुड़ी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए स्कूलों में सायबर सिक्योरिटी पर कक्षाएं लगाई जाएंगी।
इसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं को सायबर क्राइम के बढ़ते खतरों से आगाह करने के साथ सेफ्टी नियमों के बारे में भी बताया जाएगा। इसके अलावा यूजीसी की ओर से भी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सायबर सिक्योरिटी को विषय के रूप में पढ़ाने की बात कही गई है। यह कोर्स शैक्षणिक संस्थानों में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के रूप में शुरू हो सकता है। इसको लेकर इन संस्थानों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
सीबीएसई अब खुद करेगी प्रश्न-पत्र का एनालिसिस : सायबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सीबीएसई ने इस शिक्षण सत्र से अहम कदम उठाया है। इसकी गंभीरता को देखते हुए इन कक्षाओं में सायबर एक्सपर्ट को नियुक्त किया जाएगा। जो स्कूली स्तर पर ही विद्यार्थियों को सायबर सिक्योरिटी का पाठ पढ़ाएंगे। शुरुआत में इसमें कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थी शामिल होंगे। इसके अलावा छात्रों को ई-पब्लिशिंग, ई-ऑफिस के अंतर्गत सॉफ्टवेयर व उनसे जुड़ी लाइसेंसिंग योजना, इंटरनेट की कार्यप्रणाली व वेब एप्लीकेशन का ज्ञान भी दिया जाएगा।
ट्रेनिंग में यह हो सकेंगे शामिल : यह ट्रेनिंग अलग-अलग शेड्यूल के हिसाब से स्कूलों में आयोजित होगी। इसके लिए एक से दो घंटे का सेशन होगा। इसमें आईआईटी और सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट शहर के सीबीएसई स्कूलों में ट्रेनिंग देने के लिए आएंगे। विशेषज्ञों की ओर से सभी प्रतिभागियों को सायबर क्राइम के सेफ्टी टिप्स के बारे में भी बताया जाएगा।
अभिभवकों को भी दी जाएगी ट्रेनिंग: स्कूलों में विद्यार्थियों को अलग-अलग सत्र में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावक को भी शामिल किया जाएगा। इससे वह घर पर बच्चे की हर एक्टिविटी पर नजर रख सकेंगे। इसमें उन्हें सायबर क्राइम क्या है, हाल में हुए केस आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
भाेपाल. राजधानी के कमला नगर स्थित मंडवा बस्ती में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने के आरोपी विष्णु (35) को पुलिस ने खंडवा से गिरफ्तार किया है। विष्णु मूलत: खंडवा का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक, वारदात को अंजाम देने के बाद वह भाग गया था। पुलिस आरोपी को भोपाल लेकर आ रही है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पीड़ित परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मामले में 48 घंटे के भीतर चालान पेश किया जाएगा और एक महीने के भीतर सजा दिलवाई जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने बताया कि आरोपी को खंडवा के मोरटक्का से पुलिस गिरफ्त में ले लिया गया है। उसके पहचान पत्रों से उसकी पहचान करने के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। आरोपी को यहां लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे के भीतर चालान पेश किया जाएगा। पुलिस की कोशिश रहेगी कि एक महीने के अंदर आरोपी को सजा दिला सकें। बच्ची के परिजन द्वारा आज भी थाने का घेराव करने से जुड़े मामले पर उन्होंने कहा कि परिजन का गुस्सा जायज है, उनके साथ न्याय होगा। बताया जा रहा है कि आरोपी खंडवा का रहने वाला है और वहीं भाग रहा था।
क्या है पूरा मामला: बच्ची शनिवार रात करीब 8.00 बजे लापता हुई थी और रविवार तड़के घर के पास एक नाले में उसका शव मिला। बच्ची के चेहरे पर ब्लेड के निशान थे। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस का भी अमानवीय चेहरा सामने आया है। बच्ची के पिता रात 9:30 बजे कमला नगर थाने पहुंचे थे। वहां मौजूद एएसआई देव सिंह ने उनकी मदद करना तो दूर, गुमशुदगी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। एएसआई देव सिंह इन सभी पुलिसकर्मियों के साथ रात करीब 10:30 बजे बच्ची के घर पहुंचे। कुछ देर रुके और बिना सर्चिंग किए वापस आ गए। इस दौरान सिपाही रूप सिंह ने बच्ची के पिता से कहा कि वह किसी के साथ भाग गई होगी।
सुबह नाले में मिला शव: रात करीब 11.30 बजे स्थानीय पार्षद और कुछ अन्य लोगों ने वरिष्ठ अफसरों को जानकारी दी, तब पुलिस सक्रिय हुई और बच्ची की तलाश में जुटी। सुबह करीब 5.15 बजे परिजनों ने बच्ची का शव उनके घर के पास नाले में मिला। पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि दुष्कर्म के बाद बच्ची की गला घोंटकर हत्या की गई है। लापरवाही बरतने वाले एएसआई सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा : दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बच्ची को वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को न्याय दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। - कमलनाथ, मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री व गृहमंत्री इस्तीफा दें : उज्जैन और भोपाल में मासूम बच्चियों के साथ हुई घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। कांग्रेस का राज अब जंगलराज में तब्दील हो गया है। मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। -गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
कब तक जिंदा रहेंगे ये दरिंदे : पिछली सरकार ने 4 दिसंबर 2017 में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को फांसी की सजा का कानूनी प्रावधान किया था। कानून बनने के बाद अब तक 26 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन सभी मामले अब हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास लंबित हैं।
पांच साल की मासूम बच्ची की लाश को शिप्रा नदी में फेंक दिया था
पुलिस ने 70 लोगों से पूछताछ के बाद आरोपी खोज निकाला
उज्जैन. पांच साल की बालिका से ज्यादती के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर लाश को शिप्रा नदी में फेंकने वाले दरिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी परिचित ही निकला, जो पड़ोसी है। रात में सोती हुई बच्ची को वह कमरे से उठाकर ले गया था। पुलिस ने ईंट-भट्टे पर काम करने वाले 70 लोगोें से पूछताछ कर परिचित आरोपी को खोजा।
उसने स्वीकारा कि वह मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखता और नशा भी करता था। इसी कारण बच्ची को उठा ले गया। ज्यादती के दौरान वह जाग गई और पहचान लिया, इस कारण उसकी हत्या की। भूखीमाता के समीप स्थित ईंट-भट्टे पर काम करने वाले आगर के आवर गांव निवासी मजदूर दंपती की बच्ची से पड़ोस में रहने वाले मजदूर के 18 साल के बेटे शिवा राव मराठा ने दरिंदगी की थी। शनिवार को पुलिस ने आरोपी को पकड़ने का खुलासा किया। आरोपी ने स्वीकारा कि बच्ची पर ईंट से हमला कर चेहरा खराब किया व शव नदी में इसलिए फेंका ताकि वह पानी में ज्यादा समय तक रहे तो पहचान नहीं हो सके।
एसपी सचिन अतुलकर ने बताया सनसनीखेज प्रकरणों में इस केस को शामिल किया है, इसकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। सोमवार तक चालान पेश कर एक सप्ताह में आरोपी को सजा दिलाने का प्रयास भी करेंगे। इस तरह के प्रकरण में मृत्युदंड का प्रावधान है।
भोपाल . प्रदेश के कई हिस्सों में अघोषित कटौती शनिवार को भी जारी रही। सरकार ने लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इंदौर संभाग के अधीक्षण यंत्री के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है। इधर, कटौती से नाराज लोगों का गुस्सा अब हिंसक हो गया है। हाेशंगाबाद में शुक्रवार रात 50 से ज्यादा लोग कांग्रेस पार्षद लोकेश गोगले के साथ जेई के पास पहुंचे और उन्हें पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद सप्लाई पैनल से बंद कर दी।
इस कारण शुक्रवार रात पूरे होशंगाबाद में ब्लैक आउट रहा। शनिवार को पार्षद गोगले, उनके भाई सहित 35 अज्ञात लाेगाें पर पुलिस ने केस दर्ज किया। विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बाबई में एई द्वारा लापरवाही करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में ऊर्जा मंत्री को भी जानकारी दी गई है। बिजली कटौती करने से संबंधित आडियो वायरल होने के मामले मेंं शर्मा ने कहा कि सायबर सेल को जांच के लिए कहा गया है। इस मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। अब तक यह पता नहीं चल सका है कि यह ऑडियो कहां से वायरल हुआ था और जिन दो लोगों में बात हाे रही है वे कौन हैं।
अघोषित विद्युत कटौती रोकने में लापरवाही बरतने के आरोप में सरकार ने मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के सनावद (शहर) वितरण केन्द्र के सहायक यंत्री महेंद्र कुमार नीम, सरदारपुर वितरण केंद्र के कनिष्ठ यंत्री सुनील मिश्रा और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सिरोंज (शहर) वितरण केन्द्र के सहायक प्रबंधक राजनारायण शर्मा को विद्युत प्रदाय विनियमन निलंबित कर दिया है। इंदौर (शहर) के अधीक्षण यंत्री अशोक शर्मा को इंदौर में विद्युत प्रवाह के अव्यवस्थित होने से परेशान उपभोक्ताओं के द्वारा संपर्क करने पर फोन रिसीव नहीं करने, उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई और समय पर निराकरण नहीं करने पर एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया।
जमीनी हालत बताए, खराब उपकरण लगाने की बात : मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 17 टीमों द्वारा सब स्टेशनों के निरीक्षण का पत्र सामने आया है। इसमें कहा गया है कि सब स्टेशनों पर लगे 33 और 11 केवी के एबी स्वीच,आइसोलेटर बहुत खराब अवस्था में हैं। सब स्टेशनों पर अर्थिंग मानक स्तर की नहीं पाई गई। वायर में जंग लगा हुआ पाया गया और जगह-जगह जोड़ पाए गए। ढीले और खराब जंपर पाए गए। इनकी वाइडिंग भी ठीक से नहीं की गई। जंपर के लिए उचित साइज के तारों का उपयोग भी नहीं किया गया। कांग्रेस का आरोप है कि पिछली सरकार मे घटिया उपकरणों का उपयोग किया गया इस वजह से ऐसी स्थिति बन रही है।
झाबुआ : जिले में कस्बों में करीब 2 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 3 से 4 घंटे अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।
देवास : जिले में बिजली कंपनी का मेंटेनेंस चल रहा है। जहां भी काम किया जाता है एक दिन पहले सूचना दी जाती है। काम होते ही सप्लाई चालू कर दिया जाता है।
धार : धार में मेंटेनेंस के नाम पर तीन से चार घंटे की कटौती की जा रही है। इसके अलावा भी बिजली दिन और रात में कई बार ट्रिप हो रही है।
इंदौर में पैसा लेकर दे रहा था गुणवत्ता का ठप्पा
इंदौर | हम आईएसआई का ठप्पा देखकर ही वस्तुएं खरीदते हैं, लेकिन यह ठप्पा रिश्वत लेकर दिया जा रहा है। शनिवार को लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई से इसका खुलासा हुआ। लोकायुक्त पुलिस ने भाेपाल स्थित भारतीय मानक ब्यूरो के आंचलिक कार्यालय में पदस्थ वैज्ञानिक (बी वर्ग) अरुण कुमार शंखवार को आईएसआई मार्क देने के एवज में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा।
शंखवार ने इंदौर के सांवेर रोड सेक्टर एफ में दवा फैक्टरी के मालिक से साफ-सफाई की दवाओं को मार्क देने के बदले में 50 हजार रुपए मांगे थे। शंखवार फैक्टरी के निरीक्षण के दौरान पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए ले रहे थे, तभी लोकायुक्त डीएसपी प्रताप सिंह बघेल और उनकी टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
फैक्टरी पर आकर ली रिश्वत : शुक्रवार शाम को शंखवार का फोन आया तो अजमेरा ने कहा कि आप फैक्टरी पर निरीक्षण के लिए आ जाइए, यहीं पैसे दे देंगे। सुबह 10 बजे फैक्टरी पहुंचे शंखवार ने कहा कि पानी के लाइसेंस के लिए तो हम दो-दो लाख लेते हैं, आप से तो 50 हजार ही ले रहे हैं। फिर पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए देना तय हुआ। जैसे ही शंखवार ने यह रकम बैग में रखी, उसे पकड़ लिया गया।
भोपाल. मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का 19 दिवसीय मानसून सत्र 8 जुलाई से शुरू हो रहा है, ये 26 जुलाई तक चलेगा। इसे अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र माना जा रहा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की है।
उन्होंने लिखा, "मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि पूर्व में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्रों की समयावधि कम से कम 5 सप्ताह रखी जाती रही है। विधानसभा में बजट सत्र ही ऐसा सत्र होता है, जिसमें प्रदेश के जन हितैषी मुद्दों पर व्यापक चर्चा होती है। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही सरकार की खामियों को गिनाने का काम करते हैं।"
विधानसभा सत्रों का दिया हवाला :
गोपाल भार्गव ने पत्र में मुख्यमंत्री को बीते सालों में हुए विधानसभा सत्रों का उदाहरण दिए हैं। जिसमें विधानसभा बजट सत्रों की समयावधि कम से कम पांच सप्ताह रखी जाती रही है। उन्होंने कहा है कि 8 से 26 जुलाई तक आहूत बजट सत्र में मात्र 15 बैठकें होंगी। इसमें भी पहला दिन श्रद्धांजलि में चला जाता है। कुल 14 बैठकों में सदस्य विभिन्न विभागों के बजटे पर चर्चा करेंगे या जनता के मुद्दों को उठाएंगे ये बड़ा सवाल है।
2002 से अब तक हुए विधानसभा सत्र :
भार्गव ने लिखा कि 2002 में 51 दिन, 2003 में 47 दिन, 2004 में 37 दिन, 2010 में 33 दिन, 2011 में 40 दिन, 2012 में 39 दिन, 2013 में 30 दिन, 2004 में 29 दिन, 2015 में 24 दिन, 2016 में 39 दिन, और 2017 में 22 दिन की समयावधि रही है। उन्होंने कहा कि 15वीं विधानसभा को गठित हुए छह माह की समयावधि पूर्ण हो चुकी है और इस दौरान प्रदेश में अनेक ज्वलंत समस्याएं उत्पन्न हो गई है, लेकिन स्तर बुलाकर चर्चा नहीं कराई गई।
5 सप्ताह की समयावधि की मांग :
वहीं बजट सत्र की अवधि से प्रतीत होता है सरकार मात्र 15 दिवस में सभी शासकीय और अशासकीय कार्य निपटा लेना चाहते हैं, जो कि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बजट स्तर की कार्रवाई की अवधि बढ़ाकर कम से कम पांच सप्ताह अर्थात 25 कार्य दिवस करने की मांग की है।
जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है
प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं
भोपाल. प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। दिन के अलावा अब रातें भी बेहद तप रहीं हैं। हालात ये हैं कि ज्यादातर शहरों में रात का तापमान सामान्य से 4 से 6 डिग्री तक ज्यादा है। राजधानी में रात का तापमान 31.6 डिग्री दर्ज किया गया।ये सामान्य से छह डिग्री ज्यादा रहा। होशंगाबाद, खजुराहो, दमोह, नौगांव समेत अन्य शहरों में भी रातें ऐसी ही तप रही हैं। शिवपुरी में रात का तापमान सबसे ज्यादा 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी में शनिवार को भी पारे की चाल तेज बनी हुई है। सुबह 11.30 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे भी तापमान इतना ही रहा था। प्रदेश के विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल, मालवा निमाड़ के शहर भीषण गर्मी से तप रहे हैं। इधर, जबलपुर, मलाजखंड, मंडला एवं नरसिंहपुर में बीती रात बारिश होने से गर्मी से मामूली राहत मिली है।
ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन
शहर में शुक्रवार काे दर्ज 45.9 डिग्री तापमान जून में सबसे ज्यादा और ऑल टाइम रिकार्ड के लिहाज से अब तक का तीसरा सबसे गर्म दिन है। इससे पहले भाेपाल में 2016 में 20 मई काे दिन का तापमान 46.7, 2010 में 25 मई काे 46.0 डिग्री दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 जून 2009 यानी शुक्रवार काे तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा भाेपाल में अप्रैल, मई और जून में इनसे ज्यादा तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया।
शहर में ऐसा पहली बार : मई में भी कभी तापमान लगातार तीन दिन 45 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। पिछले साल मई में सिर्फ दाे बार 28 और 30 तारीख काे तापमान 45.3 डिग्री दर्ज किया गया था। अभी बुधवार काे 45.4 गुरुवार काे 45.3 और शुक्रवार काे 45.9 यानी लगातार तीन दिन पारा 45 डिग्री पार रहा। ऐसा पहली बार हुआ है।
क्याें चल रही है ऐसी सूखी- गर्म हवा
वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला का कहना है कि भाेपाल में इस बार प्री मानसून गतिविधि 19 फीसदी कम रही। चक्रवात और या प्रति चक्रवात के जरिए अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से जाे नमी मिलना चाहिए इसका पूरी तरह अभाव रहा। इसका असर यह हुआ कि हवा में सूखापन ज्यादा रहने से तापमान लगातार बढ़ता रहा। भाेपाल और उसके आसपास के इलाकाें में इसका प्रभाव ज्यादा रहा।
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के प्रशासनिक और सीनियर जज जस्टिस आरएस झा को मप्र हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति के आदेश पर केन्द्रीय कानून मंत्रालय ने नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। वर्तमान चीफ जस्टिस एसके सेठ 9 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद जस्टिस झा 10 जून से एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालेंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मुंबई हाईकोर्ट के सीनियर जज एए कुरैशी को मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की अनुशंसा की है, लेकिन अभी तक कॉलेजियम की अनुशंसा को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। जबलपुर निवासी जस्टिस आरएस झा का जन्म 14 अक्टूबर 1961 को हुआ। बीएससी-एलएलबी करने के बाद उन्होंने 20 सितंबर 1986 से मप्र हाईकोर्ट में वकालत की शुरूआत की। उन्हें संवैधानिक, सिविल और रेवेन्यू के मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। 18 अक्टूबर 2005 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया। 2 फरवरी 2007 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में स्थाई जज नियुक्त किया गया था।
भोपाल में 44-45 के बीच रहने का अनुमान, चार पांच शहरों में 47 तक जा सकता है पारा
मौसम विभाग जारी कर चुका है रेड अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग एडवाजरी जारी कर लू से बचने के लिए चेता चुका है
भोपाल. शुक्रवार की सुबह से मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं। मौसम के साफ रहने से तीखी धूप है, जिससे हुई उमस ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। गुरुवार की तुलना में राजधानी समेत प्रदेश भर में पारे की चाल ज्यादा तेज है। मौसम विभाग ने प्रदेशभर में रेड अलर्ट जारी किया है और स्वास्थ्य विभाग एडवाजरी जारी कर लू से बचने के लिए चेता चुका है।
भोपाल में सुबह साढ़े 11 बजे तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि गुरुवार को ये 41.4 डिग्री तक ही पहुंच सका था। इसके अलावा प्रदेश के होशंगाबाद, रायसेन, खजुराहो, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, रीवा सतना सीधी, शहडोल और उमरिया। महाकौशल के जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल में पारा 44-45 डिग्री पार रहने का अनुमान है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि राजस्थान और उत्तर भारत से आ रही सूखी और गर्म हवा की तीव्रता और बढ़ गई है। इसके अलावा भोपाल के आसपास एक प्रति चक्रवात और मध्य प्रदेश के मध्य में चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। इसके कारण तापमान में इजाफा हो रहा है।
भीषण गर्मी के चलते जलसंकट
सीहोर जिले से 150 किलोमीटर दूर बुधनी विधानसभा के ग्राम खाड़ावाड़ा गांव में सूखी नदी की झिरिया से पानी भरती महिलाएं। एक-एक घंटे में यहां पर पीने के लिए थोड़ा पानी मिल पा रहा है। वहीं भोपाल में बड़ा तालाब भी तेजी से सूख रहा है। पानी की कमी के कारण तकिया टापू तक तालाब सूख गया है। पानी 15 फीट नीचे उतर गया है। 10 साल बाद बनी ये भयावह हालत अब तकिया टापू दिखने लगा है।
आगे क्या : मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के बड़े हिस्से में गर्मी और लू का असर बना रहेगा। राज्य के हिल स्टेशन पचमढ़ी में भी लू चलने की आशंका है। राज्य में शुक्रवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 32़ 5 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 28़ 5, ग्वालियर का 29़ 2 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 33़1 सेल्सियस दर्ज किया गया।
एसडीएम ने पटवारियों को एडीएम को दारू, चिकन नहीं देने का किया था मैसेज, यह वायरल हुआ
श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के हस्तक्षेप के बाद अपर कलेक्टर का हुआ तबादला
गुना. राजस्व विभाग में तैनात पटवारी और तहसीलदार से शराब और नॉनवेज की मांग करने वाले अपर कलेक्टर (एडीएम) दिलीप मंडावी को तबादला कर दिया गया। मंडावी को मंत्रालय में बतौर उपसचिव तैनात किया गया है। एडीएम मंडावी की शिकायत महिला एसडीएम शिवानी गर्ग और उनके स्टॉफ के कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर से की थी।
शिवानी गर्ग का एक मैसेज वायरल हुआ था। इसमें शिवानी ने राजस्व अधिकारियों के ग्रुप पर एक पोस्ट भेजी थी। इसमें उन्होंने पद का जिक्र करते हुए लिखा था- 'समस्त पटवारी, आरआई, नायब तहसीलदार और तहसीलदार साहिबान ध्यान दें। अगर आप में से किसी ने भी किसी भी स्तर पर एडीएम को दारू, चिकन आदि पहुंचाया तो मैं आपके विरुद्ध कार्रवाई करूंगी और अनाधिकृत लाभ पहुंचाने संबंधित कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।'
यह मैसेज राजस्व अधिकारियों के ग्रुप में 28 मई को डाला गया। अधिकारियों में से ही किसी ने इस मैसेज को वायरल कर दिया। 2 दिन से यह मैसेज ग्रुप में चल रहा था। इसके बाद श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के संज्ञान में यह मामला आया, तो उन्होंने तुरंत ही शासन तक यह संदेश भेजा। इसके बाद शासन ने अपर कलेक्टर को गुना से हटा दिया। इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों ने भी चुप्पी साध ली।
कर्मचारी परेशान हो गए थे
यह मैसेज तो पुराना हो गया है। एडीएम साहब की ऊल-जुलूल फरमाइशें रहती थीं। रोज बेचारे पटवारियों को परेशान करते थे। इसलिए हमने ग्रुप में डाला। दो-ढाई महीने हमारा अमला परेशान रहा। पटवारियों ने इसके लिए कलेक्टर साहब को ज्ञापन भी दिया था। अभी वर्तमान में तो उनके द्वारा कोई ख्वाहिश नहीं की जा रही है।
शिवानी गर्ग, एसडीएम गुना
हालांकि बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो पटवारियों को बुलाकर शिवानी ने उनके मोबाइल से मैसेज डिलीट करा दिया। अपर कलेक्टर मंडावी ने जानकारी न होने की बात कही। वहीं कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने इस बारे में बात करने से मना कर दिया।
उमरिया. उमरिया के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए गर्मी से परेशान बच्चों के लिए अपने कमरे और ऑफिस का एसी निकालकर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में लगवा दिया। इसके बाद इस केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कमजोर बच्चों को राहत मिली है।
कलेक्टर सोमवंशी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "गर्मी के खराब हालात देखक ये फैसला लिया गया है। इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है, इस वजह से पोषण पुनर्वास केंद्र भी अंदर से काफी गर्म था। ऐसे में बच्चों की परेशानी को देखते हुए हम पहले से ही एसी के इंतजाम में जुटे थे। लेकिन इसे फौरन बिल्डिंग में लगाना था। ऐसे में अपने ऑफिस और मीटिंग हॉल में लगे एसी को निकाल कर एनआरसी सेंटर में लगवा दिया।"
ब्लॉक में ऐसे चार पोषण पुनर्वास केंद्र हैं। कलेक्टर सोमवंशी ने बताया कि कलेक्टर की कोशिश के बाद इन चारों केंद्रों पर एसी लग गए हैं।
जबलपुर में हो चुकी है छह माह के बच्चे की मौत
असल में, पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है। पिछले कई दिनों से ज्यादातर जिलों में पारा 45 डिग्री के पार चल रहा है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। जबलपुर में गुरुवार को लू लगने एक बच्चे की मौत हो गई थी, वहीं दमोह जिले के पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्मी से बच्चे बीमार हो गए थे।
ग्वालियर में दो से चार घंटे की अघोषित कटौती से लोग परेशान, शहर में हो रहे हैं रतजगे
ग्वालियर. राजस्थान की ओर से आ रही सूखी गर्म हवा से नौतपा खत्म होने के बाद भी प्रदेश में भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। अधिकांश जिलों में पारा 46 डिग्री से ऊपर चल रहा है। ग्वालियर और राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 21 जिले लू की चपेट में हैं। वहीं लू लगने से दो दिन से बीमार चल रहे जीआरपी के प्रधान आरक्षक विनोद सिंह (55) की बुधवार रात को मौत हो गई।
जीआरपी पुलिस के मुताबिक, बुधवार को प्रधान आरक्षक दस्त-उल्टी से पीड़ित थे, जिसके चलते उसे आरोग्यधाम में डॉक्टरों को दिखाया था लेकिन उसका फायदा आरक्षक नहीं मिला और बुधवार को रात 9.30 बजे उनकी मौत हो गई।
सुबह आठ बजे से ही तपने लगा भोपाल
भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित मौसम केंद्र में धूप की तीव्रता मापने के लिए लगाए गए सनशाइन रिकाॅर्डर के चार्ट से यह मालूम हुआ कि गुरुवार को सुबह 8 बजे से ही तपिश बढ़ गई है। गर्म हवाओं की वजह से दाेपहर 12:00 बजे तक इसमें तीव्रता आ गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि सुबह सूर्याेदय के पहले सनशाइन रिकाॅर्डर के निचले हिस्से में नीले रंग का एक चार्ट लगाया जाता है। जैसे-जैसे सूरज की तीखी किरणाें से तपिश बढ़ती है, वैसे-वैसे इस चार्ट के निचले हिस्से में बना ग्राफ का हिस्सा जलता जाता है।
दवा लेने के बाद क्वार्टर चले गए थे आरक्षक
आरोग्यधाम यहां से दवा लेने के बाद वह पड़ाव स्थित रेलवे क्वार्टर में आराम करने के लिए चले गए। रात 9:30 बजे करीब उन्हें खाना देने के लिए जीआरपी का स्टाफ गया था। इस दौरान गेट खटखटाया गया लेकिन उन्होंने गेट नहीं खोला। काफी देर तक जब अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो स्टाफ ने गेट तोड़ दिया। अंदर प्रवेश करने पर देखा कि प्रधान आरक्षक बिस्तर पर लेटे हुए हैं। इस दौरान उन्हें हिलाकर देखा गया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं दिया।
जीआरपी पुलिस का कहना है कि प्रधान आरक्षक की मौत लू लगने के कारण हुई है। टीआई अजीत सिंह चौहान के मुताबिक प्रधान आरक्षक सतना के रहने वाले हैं। इस घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है।
दतिया का पारा 46 डिग्री पार पहुंचा
बुधवार को अंचल में सबसे अधिक तापमान दतिया का रहा। यहां अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। जबकि ग्वालियर व मुरैना जिले का अधिकतम तापमान 46 डिग्री रहा। हालांकि ग्वालियर के मुरार क्षेत्र में दोपहर 3 बजे करीब 5 मिनट तक हल्की बारिश हुई। इसके बाद फिर से तेज धूप निकल आई।
अब आगे क्या : मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग लू की चपेट में रहेगा। साथ ही तापमान भी अधिकतर जिलों में 45 डिग्री के पार रहने की संभावना है। अभी 5 दिन तक गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
अघोषित कटौती के कारण रातभर अंधेरे में डूबे रहे कई हिस्से
सीएम कमलनाथ ने मंगलवार दोपहर को प्रदेश की बिगड़ती बिजली व्यवस्था को लेकर भले ही बिजली कंपनी के अफसरों की फटकार लगाई हो, लेकिन अंचल में शाम से ही अघोषित कटौती शुरू हो गई। ग्वालियर शहर का आधे से ज्यादा इलाका सारी रात अंधेरे में डूबा रहा। जबकि गुरुवार को सुबह 10 बजे से एक बजे तक के लिए बिजली कटौती की गई है।
इस झुलसाने वाली गर्मी में बुधवार को ग्वालियर सहित श्योपुर, मुरैना और शिवपुरी में लोगों को छह घंटे तक कटौती का सामना करना पड़ा। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि फाल्ट ढूंढने में देर लगी, इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
बिजली कटौती से बेहाल रहे लोग
ग्वालियर: लाइन टूटने एवं केबल जलने से आधे से अिधक क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा।
श्योपुर: तड़के 3.30 बजे फॉल्ट, ढाई घंटे बाद जेई को सूचना मिली, फिर भी दोपहर 12 बजे बिजली आई।
मुरैना: रात में 11 बजे बिजली गुल हुई, दो घंटे बाद बिजलीकर्मी सुधारने आए।
शिवपुरी: लाइन से कबूतर टकराने के बाद 1.40 घंटे बिजली बंद रही।
सर्किट हाउस में बिजली गुल होने से 20 मिनट अंधेरे में बैठे रहे स्कूल शिक्षा मंत्री
रायसेन। भले ही कमलनाथ सरकार प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं होने के तमाम दावे करे, लेकिन लोग परेशान हैं। प्रदेश में बिजली व्यवस्था के कैसे हालात हैं इसका प्रत्यक्ष प्रमाण स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में देखना पड़ा। जैसे ही मंत्री चौधरी सर्किट हाउस पहुंचे वहां लाइट चली गई और मंत्री भरी गर्मी में बैठे रहे और अंधेरे में ही लोगों के दिए कागजात देखते रहे।
दरअसल, शहर में बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री अपने प्रवास के दौरान सर्किट हाउस पहुंचे। वहां वे एक कक्ष में जाकर बैठ गए। उनसे मिलने के लिए लोग भी वहां पहुंचने लगे। ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोग अपने आवेदन देकर डॉ चौधरी को समस्याएं सुनाने लगे।
इसी दौरान सर्किट हाउस की बिजली गुल हो गई। इससे कमरे में अंधेरा छा गया। करीब 20 मिनट तक मंत्री अंधेरे में बैठे रहे। खिड़की की माध्यम रोशनी में मंत्री चौधरी आवेदन पड़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान लोगों ने जनरेटर तलाशने की कोशिश की। लेकिन सर्किट हाउस में इस तरह की कोई सुविधा नहीं थी। बिजली गुल होने से लोग परेशान होने लगे। इस दौरान मंत्री डॉ चौधरी के साथ कांग्रेस नेता ब्रजेश चतुर्वेदी, मनोज अग्रवाल, लोहट सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
जनपद अध्यक्ष मुनियन भी मिले : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सांची जनपद अध्यक्ष एस मुनियन भी इस दौरान डॉ चौधरी से मिलने पहुंचे। उन्होंने ने भी क्षेत्र से संबंधित चर्चा स्कूल शिक्षा मंत्री से की।
मंदसौर में गोलीकांड आज बरसी, छह जून को हुई घटना के मौके पर किसान नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
छह जून को मंदसौर में बेगुनाह किसानों पर चली थी गोलियां, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई थी
भोपाल. मंदसौर में आंदोलन कर रहे बेगुनाह किसानों के ऊपर चलाई गोली से छह किसानों की मौत को आज यानि छह जून को दो साल पूरे हो गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मौके पर ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा, "दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने अपने कहा कि बेगुनाह किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।"
इधर, किसान नेता राजू शेट्टी, बीएम सिंह, डॉ.सुनीलम और डीपी धाकड़ बूढ़ा गांव पहुंचे और मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी। भारतीय किसान यूनियन की तरफ से भोपाल में कार्यक्रम का आयोजन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान आंदोलन पर चली थी गोलियां
बता दें कि दो साल पहले छह जून को किसान आंदोलन को काबू में करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थी। इसमें छह किसानों की मौत हो गई थी। इस कांड से देशभर में शिवराज सरकार की किरकिरी कराई थी। बिगड़ते हालात को काबू में करने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठ गए थे। मृतक किसानों के परिजनों ने मंच पर आकर उनका उपवास तुड़वाया और न्यायिक जांच के आदेश किए गए।