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मुंबई: ‘दिल मद्रासी’ मूल रूप से तमिल फिल्म ‘मध्रासी’ का हिंदी वर्जन है। इसे एआर मुरगदास ने डायरेक्ट किया है और यह हल्की-फुल्की एक्शन-थ्रिलर के रूप में सामने आई है।

कहानी
रघुराम (शिवकार्तिकेयन) एक दुर्लभ मेडिकल कंडीशन और भ्रम विकार से जूझ रहा है। उसका अतीत दुखभरा है, लेकिन मालती (रुक्मिणी वसंत) उसके जीवन में थोड़ी खुशी और उम्मीद लेकर आती है। एनआईए अधिकारी प्रेम (बीजू मेनन) और उनकी टीम एक उत्तर भारतीय गिरोह को हथियार तस्करी में शामिल होने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। रघुराम और प्रेम की मुलाकात तब होती है जब दोनों असफलताओं से गुजर रहे होते हैं। रघुराम का आत्महत्या का प्रयास और प्रेम का मिशन। इस मुठभेड़ से कहानी में ट्विस्ट और थोड़ी ड्रामा आती है, लेकिन पूरी तरह प्रभावशाली नहीं।

अभिनय

 

मुंबई: देओल परिवार से आने वाले अभय देओल ऐसे अभिनेता हैं, जो काफी सेलेक्टिव काम करते हैं। उन्होंने भले ही कम फिल्मों व वेब सीरीज में काम किया हो, लेकिन जितना भी किया है उसमें उनके अभिनय की तारीफ जरूर हुई है। इसके अलावा अभय अपने बयानों को लेकर भी चर्चाओं में रहते हैं। अब एक बार फिर अभिनेता ने शादी और बच्चों को लेकर अपनी राय रखी है।

मैं क्यों धरती पर लाऊं बच्चा
डॉ. जय मदान के साथ पॉडकास्ट में अपनी हालिया बातीचत के दौरान अभय देओल ने शादी और बच्चों को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि मैं बच्चे नहीं चाहता। अगर मुझे घर बसाना होता, तो मैं खुद बच्चे पैदा करने के बजाय गोद लेना पसंद करता। क्योंकि, मुझे नहीं पता मैं बस दुनिया को देखता हूं और सोचता हूं, मैं इस धरती पर बच्चा क्यों लाऊं? हालांकि, अभय ने कहा कि मैं इस धरती पर खुश हूं। लेकिन इस पर इतनी बढ़ती आबादी का बोझ नहीं डाला जा सकता। जो पहले से ही बहुत ज्यादा है। उसमें और ज्यादा आबादी जोड़ने से बचने की कोशिश करना, यही तो है। मैं भी बच्चे नहीं चाहता। और तो और अगर मैं चाहता भी हूं, तो दुनिया को देखकर सोचता हूं कि मैं इस दुनिया में एक बच्चे को क्यों लाऊं?

पता नहीं मैं कैसा पिता बनूंगा
अपने पेरेंट बनने पर भी इस दौरान अभय देओल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं न्याय कर पाऊंगा या नहीं। मैं अपनी भावनाओं को कैसे संभाल पाऊंगा? मुझे नहीं पता कि मैं कैसा महसूस करूंगा। मुझे लगता है कि अगर मेरा बच्चा होता तो मैं अभी जितना हूं, उससे ज्यादा कंट्रोल करने वाला और अधिकार जताने वाला होता। ऐसा हो सकता है। एक्टर ने कहा कि केयरिंग की भावना मुझमें मेरे परिवार में पली-बढ़ी है। खुद को संभालना एक मुश्किल स्थिति है। जैसे मैं अपनी सहज, स्वतंत्र और तनावमुक्त भावना को खोकर हमेशा तनावग्रस्त, सुरक्षात्मक और अधिकार जताने वाला हो जाऊं। इसलिए, मुझे लगता है कि हम बड़े होते हुए बहुत सुरक्षित थे। शायद मैं अपने बच्चे पर भी इसका प्रभाव डालूं।

बन टिक्की में नजर आए थे अभय
वर्कफ्रंट की बात करें तो अभय देओल आखिरी बार इसी साल आई फिल्म ‘बन टिक्की’ में नजर आए थे। इसमें उनके साथ शबाना आजमी और नुसरत भरूचा भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए हैं।

 

मुंबई: भारतीय सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री भूमि पेडनेकर अक्सर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए नजर आती हैं। सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर मुखर रहने वाली भूमि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करती नजर आईं। स्विट्जरलैंड में आयोजित यंग ग्लोबल लीडर्स समिट 2025 में हिस्सा लेने वाली वो पहली भारतीय अभिनेत्री बन गई हैं। ये आयोजन विश्व आर्थिक मंच के तत्वावधान में हुआ, जहां दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों से आए युवा लीडर्स ने वैश्विक चुनौतियों और बदलाव की दिशा में अपने विचार शेयर किए।

भूमि ने भारत का किया प्रतिनिधित्व
भूमि पेडनेकर के करियर को अगर देखें तो उन्होंने हमेशा अपने काम से हटकर भी समाज के लिए योगदान दिया है। फिल्मों में सशक्त किरदार निभाने के अलावा वो लगातार पर्यावरण को लेकर सक्रिय रही हैं। जिनेवा के इस मंच पर उनकी मौजूदगी भारतीय फिल्म जगत के लिए गौरव की बात रही। भूमि ने सोशल मीडिया पर भी अपनी झलकियां साझा कीं, जिनमें वो इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का हिस्सा बनती दिखीं।

जलवायु योद्धा के रूप में पहचान
भूमि को लंबे समय से 'क्लाइमेट वॉरियर' कहा जाता है। उन्होंने कई बार टिकाऊ जीवनशैली, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया है। हाल ही में दिल्ली में हुए आई क्लाइमेट समिट 2025 में उन्होंने पॉप कल्चर और जलवायु परिवर्तन को जोड़ते हुए कहा था कि फिल्मों और कला के जरिए जागरूकता पैदा करना बेहद जरूरी है। उनका मानना है कि जब तक लोकप्रिय संस्कृति में बदलाव नहीं आएगा, तब तक समाज पर स्थायी असर डालना मुश्किल है।

पॉप कल्चर से बदलाव की कोशिश

 

मुंबई: बॉलीवुड की दुनिया में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने पर्दे पर अलग-अलग भूमिकाएं निभाकर अपनी पहचान बनाई, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो कैमरे के पीछे खड़े होकर भी उतने ही चमके जितना कैमरे के सामने। राकेश रोशन उन्हीं में से एक हैं। 6 सितंबर 1949 को जन्मे इस अभिनेता-निर्देशक ने न सिर्फ अपनी मेहनत से इंडस्ट्री में जगह बनाई बल्कि अपने निर्देशन और फिल्मों की कहानियों से हिंदी सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आज जब वह 74 साल के हो चुके हैं, तो उनका सफर अपने आप में प्रेरणा है।

राकेश रोशन का शुरुआती सफर
राकेश रोशन का फिल्मी सफर उनके पिता से ही जुड़ता है। उनके पिता मशहूर संगीतकार रोशन थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को कई यादगार धुनें दीं। संगीत से जुड़े माहौल में पले-बढ़े राकेश रोशन का झुकाव फिल्मों की तरफ होना स्वाभाविक था। करियर की शुरुआत उन्होंने मशहूर फिल्ममेकर मोहन कुमार के असिस्टेंट के तौर पर की। इसके बाद अभिनेता के रूप में उनका सफर 1970 में फिल्म 'घर-घर की कहानी' से शुरू हुआ।

80 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया

बॉलीवुड में मनीषा कोइराला ने सुभाष घई की फिल्म ‘सौदागर’ से डेब्यू किया था। इस फिल्म के बाद एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। शाहरुख खान, सलमान खान, आमिर खान, अमिताभ बच्चन, कमल हासन और अनिल कपूर जैसे कई बड़े स्टार्स के साथ काम कर चुकी मनीषा को जब सक्सेस मिली तब अहंकारी हो गई थीं। उनके करियर में एक ऐसा भी दौर आया जब शराब और ड्रग्स ने उनका करियर बर्बाद कर दिया। अब कैंसर से जंग जीतकर मनीषा अपनी पहचान बना रही है।

है। उन्होंने कहा कि लाइव-इन रिलेशनशिप महिलाओं के लिए सही नहीं है।

कंगना ने हाउटरफ्लाई के साथ बातचीत में कहा,

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शादी हमारे समाज में बहुत जरूरी है। इसमें पति अपनी पत्नी के साथ वफादारी निभाने का वादा करता है। आजकल लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बहुत बातें हो रही हैं, लेकिन मैंने देखा है कि ये महिलाओं के लिए सही चीज नहीं है। अगर कल आप प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो आपका अबॉर्शन कौन कराएगा? आप संतों और महात्माओं को गालियां देते हैं, उन्हें कैंसल कर देते हैं, लेकिन मैं बड़ी बहन की तरह कह रही हूं कि ये महिलाओं के लिए ठीक नहीं है।

चर्चित यूट्यूबर और हाल ही में टीवी शो लाफ्टर शेफ्स में नजर आए एल्विश यादव के गुरुग्राम स्थित घर पर आज सुबह फायरिंग हुई है। घटना सुबह 6 बजे की बताई जा रही है। जिसके बाद सेक्टर 56 पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। फायरिंग के समय एल्विश घर में मौजूद नहीं थे। हालांकि उनकी मां और केयरटेकर घर में ही थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रविवार सुबह साढ़े 5-6 बजे के बीच तीन बाइकसवारों ने लगातार 2 दर्जन से ज्यादा बार फायरिंग की। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुट चुकी है, इसके लिए इलाके के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। अब तक इस फायरिंग की जिम्मेदारी किसी भी ग्रुप द्वारा नहीं ली गई है।

कपिल शर्मा के कैफे के बाहर भी हुई थी फायरिंग

एल्विश यादव से पहले सिंगर फाजिलपुरिया पर हाल ही में फायरिंग हुई थी। इसके अलावा पॉपुलर कॉमेडियन कपिल शर्मा के कनाडा स्थित कैप्स कैफे के बाहर दो बार फायरिंग हुई थी। पहली फायरिंग की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हरिजीत सिंह लाड्डी ने ली थी। जबकि, दूसरी की गैंगस्टर गोल्डी ढिल्लों ने ली थी, जिसने खुद को लॉरेंस गैंग का सदस्य बताया। गोल्डी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसका कहना था कि जो भी सलमान खान के साथ काम करेगा, उसका यही अंजाम होगा।

डबल फायरिंग के बाद कपिल शर्मा की सिक्योरिटी बढ़ाई गई है।

आज अनसुनी दास्तान में कहानी है, रशियन मॉडल ग्रेटा वेडलर की, जिनकी लाश मौत के एक साल बाद एक सूटकेस में सड़ी मिली थी। इससे भी वीभत्स ये रहा कि कत्ल के बाद कातिल तीन दिनों तक लाश के साथ एक ही कमरे में सोता रहा।

 

शिखा ने दर्द में कहा- मुझे नहीं पता।

मधू ने फिर कहा- शिखा, शिखा, शिखा, बताओ क्यों किया, पुलिस हमसे पूछेगी।

कराहती आवाज में शिखा ने कहा- डॉक्टर शर्मा...

मधू ने फिर पूछा- और?

शिखा ने आवाज संभालते हुए लड़खड़ाती आवाज में कहा- शादीशुदा मर्द।

मधू ने फिर आवाज तेज में पूछा- शादीशुदा मर्द कौन-कौन?

शिखा ने कुछ देर कुछ नहीं कहा, फिर धीमी आवाज में कहा- बहुत सारे।

मधू ने फिर कहा- जहां कटा है, वहां रूमाल रखो, वर्ना खून निकलेगा।

आज फिटनेस से अलग पहचान रखने वाले ऋतिक रोशन फिल्मों में आने से पहले बेहद दुबले-पतले हुआ करते थे। जैसे ही उन्हें पता चला कि पिता फिल्म कहो न प्यार है से उन्हें लॉन्च कर रहे हैं, तो बॉडी बनाने के लिए ऋतिक सबसे पहले सलमान खान के पास गए थे। इस मुलाकात का मजेदार और इमोशनल किस्सा ऋतिक रोशन ने रियलिटी शो बिग बॉस में किया था।

ऋतिक ने बिग बॉस में पहुंचकर, सलमान की तारीफ में कहा था, 'मैं सिर्फ एक आदमी के पास गया था, मदद के लिए और वो थे सलमान खान, मैं उनके पास गया था, क्योंकि मैं बहुत पतला था, पतला तो अब भी हूं, लेकिन तब और भी पतला था, आप इमेजिन कर सकते हैं। तो मैंने सोचा कि यार मेरे फादर पिक्चर बना रहे हैं, मुझे हीरो रखकर और मैं दिखता हूं जीरो। तो कौन है इस दुनिया में जो मेरी मदद कर सकता है और जो खुले दिल से करेगा। तो मैं सलमान के पास गया। उन्होंने मुझे अपने जिम की चाबियां दीं और कहा कि ये तुम्हारा हुआ। जो भी तुम चाहो, ये तुम्हारा है। वो बात मेरे दिल को इतनी छू गई।'

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