ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला में नक्सलियों ने बैनर और पोस्टर के जरिये चुनाव बहिष्कार करने का एलान किया है। इससे पहले भी नक्सल प्रभावित जिला बस्तर में भी माओवादियों ने ग्रामीणों को चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी। यहीं नहीं मतदान में शामिल होने वाले ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी तक दी थी।
कांकेर जिला के पखांजुर क्षेत्र के बरदा मार्ग पर नक्सलियों ने बैनर लगाया है और पर्चे फेंके हैं। इनमें विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने को कहा गया है। नक्सलियों ने फेंके पर्चों में लिखा है कि भाजपा को मार भगाओ और जनताना सरकार को मजबूत बनाओं और इसका विस्तार करो।
वैसे जब जब चुनाव नजदीक आता है नक्सली इस तरह से पर्चे फेंकते रहते हैं। कुछ दिनों पहले बस्तर जिला में ग्रामीणों ने बताया था कि नक्सलियों ने फरमान जारी किया है कि अगर किसी आदिवासी मतदाता के हाथ में चुनावी स्याही लगी मिलेगी तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे। जिसमें बस्तर की 12 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है।
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बस्तर के लोग विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं। लेकिन नक्सलियों की धमकी के बाद चुनाव में लगाई जाने वाली स्याही नहीं लगवाना चाहते। वोटर जागरूकता अभियान के दौरान बस्तर के लोगों ने बीजापुर और सुकमा कलेक्टर को इस बारे में बताया था।
अब कांकेर जिला में नक्सलियों की चुनाव बहिष्कार घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग के लिए प्रथम चरण का चुनाव में सतर्कता बरतनी पड़ेगी।
वोटिंग के बाद नक्सलियों का खौफ
नक्सली मतदान के बाद गांव-गांव में घूमकर ग्रामीणों के हाथ देखते हैं। अगर किसी की अंगुली पर स्याही के निशान पाए गए तो उसे परेशान किया जाता है। चुनाव में मतदान करने पर हत्या तक करने के मामले सामने आए हैं। इसलिए ग्रामीण मतदान में हिस्सा नहीं लेते।
बीते चुनावों में बस्तर के अंदरूनी जिले सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर में 100 से अधिक ऐसे बूथ सामने आए थे, जहां एक फीसदी से कम मतदान हुआ।