ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली। सत्ता जब बहुमत में होती हैं और शासक को लगता हैं की में जब तक भी रहूँगा शासन मेरा ही रहेगा यह उसका भरम हैं .और भरम में जीना बुद्धिमानी नहीं हैं .यह शास्वत सत्य हैं की इस जगत में कोई स्थायी नहीं होता हैं और हमेश इतिहास दुहराया जाता हैं आजकल केंद्र और राज्य सरकार नेहरू गाँधी परिवार की विरासत को मिटाने में जुटी हैं .नाम बदल जायेंगे पर उनके द्वारा स्थापित मूल्य नहीं समाप्त होंगे कमल को गुलाब नहीं कह सकते और न गुलाब कमल होगा .
इतिहास गवाह हैं की पूर्व के शासकों ने कभी भी पुराने शासको द्वारा स्थापित मूल्यों को नहीं मिटाया या हटाया .उससे क्या कुछ नया घटता हैं .क्या आप सत्ता के शीर्ष पर बैठना चाहते हैं तो अपने से वरिष्ठ को सत्ता से च्युत करे.आज आप कितने नाम बदलेंगे कल कोई नया शासक आएगा वह भी इतिहास दुहरायेना .यह अच्छी बात नहीं हैं आप अपनी लकीर बढ़ाओ ना की दूसरे की लकीर मिटाओ .जैसे शासक ने अपने नाम से स्टेडियम का नामकरण किया यह सही किया पर दूसरे के नाम की जगह अपनों को उपकृत करना उचित नहीं .
आपको राजीव गाँधी खेल रत्न पुरुस्कार की जगह कोई नया पुरूस्कार समतुल्य बनाकर देते तो उचित होता पर उसकी जगह दूसरे का नाम रखना यानी बासी कुर्सी पर बैठाना या जूठन खिलाना.आपकी पार्टी में बहुत योग्यतम व्यक्ति हैं जिन्होंने देश के निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया हैं उनके नाम से अन्य नए नए नाम रखे दूसरों के नाम मिटाकर अपना नाम लिखना उचित नहीं हैं .नेहरूगाँधी परिवार में इंदिरा के बाद राजीव रहे और राजीव के बाद राहुल हैं पर वर्तमान शासक का कौन परिवार का सदस्य हैं खाना पूर्ती के लिए .आजकल कहते हैं परिवारवाद का चलन बढ़ता जा रहा हैं अरे भाई जिसका परिवार होगा उसका वंश बढ़ेगा जिनका परिवार ही नहीं हैं या रहा या था वे किसको बढ़ाएंगे हैं
इतिहास अपनी पुनरावृत्ति करता हैं दुहराया जाता हैं .जिस प्रकार बाबरी मस्जिद का नाम राम मंदिर हुआ अच्छी बात हुई .तत्कालीन शासक ने अपना नाम रखा वैसे ही नए शासक अपने प्रभाव का उपयोग कर नया नाम रखेंगे यह अंतहीन कार्यवाही होंगी इसकी जगह आप अपनी नयी लाइन बनाये .इसके बाद क्या अन्य कार्यवाही होंगी नहीं जानते पर यह सुनिश्चित हैं की नयी सरकार इसी परिपाटी को दुहरायेंगी चाहे स्वर्ण अक्षरों से लिखे या स्याही से लिखे .
जितनी शक्ति नाम मिटाने में लगाते हैं
उससे कम नया नाम लिखने में लगता हैं
खंडहर के निर्माण में समय अधिक लगता हैं
नव निर्माण में कम समय और उत्तम निर्माण होता हैं
पूरा वतन भरा पड़ा हैं ,
कहाँ कहाँ थीकरा लगाओगे
इससे बदसूरत इमारत लगेगीऔर
तुम्हारा नाम भी गुम हो जायेगा.
नई दिल्ली। भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव का करियर अब ढ़लान की ओर है। टीम में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाजों के अलावा युवा मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के आने से भी उन्हें अंतिम ग्यारह में खेलने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अब उमेश यादव का करियर समाप्त होने की ओर लग रहा है। उमेश पहले ही एकदिवसीय और टी-20 टीम से बाहर हो गये थे और अब उन्हें टेस्ट टीम में भी अवसर नहीं मिल रहा है। ऐसे में भारतीय टीम की ओर से 48 टेस्ट खेले 33 वर्षीय उमेश यादव के लिए इंग्लैंड का यह दौरा अंतिम भी साबित हो सकता है। 33 वर्षीय उमेश ने भारत के लिए अपना अंतिम टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड टेस्ट में उन्होंने तीन और मेलबर्न टेस्ट में एक विकेट लिया था। उसके बाद चोटिल होने के कारण वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर हो गये थे। इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उमेश फिट नहीं होने के कारण शामिल नहीं किये गये थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी उनको अंतिम ग्यारह में खेलने का अवसर नहीं मिला था। अब इंग्लैंड सीरीज में ऐसा ही हो रहा है। अब तक हुए दोनो ही टेस्ट मैचों में उन्हें अवसर नहीं मिला है। जिस प्रकार से पिछले मैच में सिराह, शमी ओर बूमराह ने गेंदबाजी की है उससे उमेश को तीसरे मैच में भी शायद ही जगह मिले।
उमेश ने दो साल पहले साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना अंतिम एकदिवसीय और 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतिम टी20 मुकाबला खेला था। अभी तक खेले 75 वनडे मैचों में उमेश ने 33.63 की औसत के साथ 106 और 7 टी20 मुकाबलों में 24.33 की औसत के साथ 9 विकेट लिए हैं। वैसे देखा जाए तो सीमित ओवरों के दोनों ही फॉर्मेट में उनकी वापसी के आसार अब नहीं हैं। अभी टीम प्रबंधन और कप्तान विराट कोहली युवाओं को ज्यादा अवसर दे रहे हैं।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का टीम इंडिया तक का सफर आसान नहीं रहा है। 23 साल के ऋषभ ने 23 टेस्ट खेलकर ही अनुभवी महेन्द्र सिंह धोनी के कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। ऋषभ के नाम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक हैं पर उनका ये सफर बेहद कठिन रहा है। ऋषभ पंत अभी इंग्लैंड दौरे पर हैं। ऋषभ का जन्म 1997 में रुड़की में हुआ था। 12 साल की उम्र में वह ट्रेनिंग के लिए दिल्ली आते थे। इस दौरान उनके पास ठहरने के लिए कोई जगह नहीं थी, इसलिए वह गुरुद्वारे में ठहरते थे। ऋषभ ने दिल्ली की ओर से अंडर-19 क्रिकेट में 150 रन की पारी खेली जिससे उनपर सभी का ध्यान गया। उन्होंने 2015 में दिल्ली की ओर से फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. ऋषभ ने 2016-17 रणजी सीजन में महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रन की पारी खेलकर सभी को हैरान कर दिया। वे ऐसा करने तीसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज थे। वहीं नवंबर 2016 में इस बल्लेबाज ने झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में 48 गेंद पर ही शतक लगा दिया। यह किसी बल्लेबाज का रणजी में सबसे तेज शतक था। इसके बाद वह 2016 में अंडर-19 विश्व कप टीम में भी शामिल थे।
ऋषभ ने अब तक 23 टेस्ट में 42 की औसत से 1487 रन बनाए हैं। इसमें 3 शतक और 6 अर्धशतक हैं। इसमें से दो अर्धशतक विदेशी धरती पर लगे हैं। वह विदेश में दो शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय विकेटकीपर हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में शतक लगाये हैं। ऋषभ ने घर के बाहर 16 टेस्ट में 38 की औसत से 988 रन बनाये हैं। 2 शतक और 2 अर्धशतक लगाये हैं जबकि धोनी ने घर के बाहर 48 टेस्ट में केवल एक ही शतक लगाया है। ऋषभ डेब्यू के बाद टेस्ट में सबसे अधिक रन बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। उन्होंने 1487 रन बनाए हैं। वहीं अन्य कोई भी बल्लेबाज 1400 रन भी नहीं बना पाया है। दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक 1311 रन के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
मुंबई । सिंगर जोनिता गांधी ने अपना एक शहरी पंजाबी सिंगल "ना ना" रिलीज कर दिया है। इसमें मिकी सिंह ने भी उनका साथ दिया। इस अनुभव को साझा करते हुए गायक ने कहा कि गाने पर काम करना एक साहसिक कार्य रहा है। गीत के बारे में जोनिता ने साझा किया, ""ना ना" हमारा बच्चा है। यह गीत एक ऐसा साहसिक कार्य था, कल्पना से लेकर निष्पादन तक और मैं इसे आप सभी के साथ साझा करने के लिए उत्साहित हूं। मैं मिकी के साथ सहयोग करने के लिए रोमांचित हूं। सिंह के साथ और इस गाने पर पूरी टीम के साथ पहली बार काम करना एक यादगार अनुभव था।" उन्होंने कहा कि "नृत्य प्रथाओं से लेकर गायन तक, मुझे प्रयोग करने को मिला और आप सभी जानते हैं कि मुझे अपने आराम क्षेत्र से बाहर कदम रखना कितना पसंद है। जय, अमन, शिवानी, इवान, और कोरियोग्राफी से लेकर प्रचार तक की पूरी टीम के लिए ढेर सारा प्यार।" बता दें कि जोनिता और मिकी द्वारा गाया गया यह ट्रैक पूर्व और पश्चिम का मिश्रण है। दो गायकों की विशेषता वाले संगीत वीडियो का निर्देशन जे स्किली ने किया है। इसको जोनिता गांधी, मिकी सिंह, चरणप्रीत सिंह और जय स्किली ने लिखा है, जबकि मिकी ने डीजे लियान के साथ मिलकर संगीत तैयार किया है। यह गाना ट्रीहाउस वीएचटी के यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है।
मुंबई । सुपरमॉडल से अभिनेता बने डिनो मोरिया अब प्रोड्यूसर बन गए हैं। वह आगामी कंडोम-कॉमेडी फिल्म "हेलमेट" को प्रोड्यूस करने जा रहे हैं। इसे लेकर डिनो मोरिया काफी खुश हैं। इस फिल्म का बुधवार को ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में प्रनूतन बहल, अपारशक्ति खुराना, अभिषेक बनर्जी और आशीष वर्मा नजर आएंगे। डिनो का कहना है कि यह फिल्म एक मधुर सामाजिक संदेश के साथ बनाई गई है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे एक मधुर संदेश के साथ हास्य की भावना के साथ बनाया गया है। डिनो ने कहा, "मैं अद्भुत प्रतिभाशाली कलाकारों की टुकड़ी, मेरे निर्देशक सतराम की ताजा कहानी और मनोरंजन और एक निश्चित बुद्धिमान संवेदनशीलता दोनों को लेकर भी उत्साहित हूं। एक साथ मिलें। रोहन शंकर के संवाद आपको जोर से हंसाएंगे।" फिल्म डिनो मोरिया द्वारा निर्मित और डेब्यूटेंट सतराम रमानी द्वारा निर्देशित है।
बता दें कि "हेलमेट" एक व्यंग्यात्मक कॉमेडी फिल्म है जो कंडोम के उपयोग के बारे में बात करती है और उन लोगों के क्षेत्र की खोज करती है जो दुकानों से कंडोम खरीदने में संकोच करते हैं या डरते हैं कि समाज उनके बारे में क्या सोचेगा। ओटीटी प्लेटफॉर्म जीईई5 पर फिल्म के रिलीज होने पर, जीईई5 इंडिया के मुख्य व्यवसाय अधिकारी मनीष कालरा ने कहा कि "हमें "हेलमेट" जैसी फिल्म पेश करते हुए गर्व हो रहा है, जो न केवल मनोरंजक है, बल्कि इससे एक मजबूत संदेश भी जुड़ा है। के माध्यम से नायक की यात्रा, यह उस समस्या को उजागर करती है, जिसका इस समय हमारा देश सामना कर रहा है और एक अनोखे और दिलचस्प तरीके से समाधान देने की कोशिश करता है। हमें यकीन है कि दर्शकों को बहुत हंसी आएगी, लेकिन उस समग्र उद्देश्य पर भी ध्यान दें, जिसका हम लक्ष्य रखते हैं।"
मुंबई । अभिनेत्री दृष्टि धामी ने वेब सीरीज "द एम्पायर" से डिजिटल डेब्यू किया है। इस शो में अपने किरदार को लेकर दृष्टि काफी खुश हैं। इस बार में दृष्टि का कहना है कि "यह एक जबरदस्त अनुभव रहा है। इस शानदार टीम के साथ काम करने से लेकर वास्तव में ट्रेलर पर दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने तक। 'द एम्पायर' के सेट पर हर दिन एक अनुभव था। यह सब एक साथ भारतीय मनोरंजन जगत में एक मील के पत्थर के रूप में देखने से सफर और भी मजेदार हो जाता है।" शो में अपने चरित्र के बारे में बात करते हुए दृष्टि ने कहा, "खानजादा बेगम की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उतना ही सशक्त भी था। उसकी आंखों के माध्यम से, आप देखेंगे कि रणनीति और योजना कैसे चलन में आती है और सहयोगी कितनी आसानी से विरोधी बन जाते हैं।" इस सीरीज को मिताक्षरा कुमार द्वारा निर्देशित किया गया है। सीरीज में डिनो मोरिया, शबाना आजमी, आदित्य सील और साहेर बाम्बा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। निखिल आडवाणी के साथ मिलकर बनाई गई और मोनिशा आडवाणी और मधु भोजवानी द्वारा निर्मित 'द एम्पायर' 27 अगस्त को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी। बता दें कि इस शो में दिखाया गया है कि कैसे एक 14 वर्षीय फरगना के सिंहासन पर चढ़ता है और सम्राट बाबर (कुणाल कपूर द्वारा अभिनीत) बनने के लिए अपने भाग्य का अनुसरण करता है। उसके पीछे एक शक्तिशाली ताकत है लोहे जैसी इच्छा रखने वाली खानजादा बेगम (दृष्टि धामी), उसकी बड़ी बहन और मार्गदर्शक, शाही कृपा का प्रतीक जो सतर्क, तेज और लचीला भी है, और किशोर तैमूर शासक की सेना में किसी भी जनरल के रूप में महत्वपूर्ण है।
कोविड नियंत्रण के साथ ही डेंगू की रोकथाम पर होता रहा काम, नतीजन डेंगू की स्थिति नियंत्रण में
भिलाई नगर। तीन साल पहले डेंगू के दंश ने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया था। भिलाई-खुर्सीपार के कई वार्ड आक्रांत थे, प्रशासन ने डेंगू नियंत्रण को लेकर व्यापक मुहिम चलाई थी। इसके बाद तीन सालों में डेंगू के नियंत्रण के लिए व्यापक रोकथाम कार्यक्रम किये गए। अब इसकी सफलता पूरी तरह मुकम्मल हो रही है। जुलाई और अगस्त का महीना मानसून का वक्त होता है। पानी छोटे-छोटे गड्ढों में जमा होता है, गर्मी की वजह से लोग कूलर चलाते हैं और इसका नतीजा होता है कि डेंगू के लार्वा को पनपने के लिए अवसर मिलता है। इस बार व्यापक अभियान की सफलता इस मायने में है कि पड़ोसी बड़े जिले के मुकाबले भिलाई में डेंगू के केस की स्थिति नियंत्रण में है। जिला मलेरिया ऑफिसर डॉक्टर बंजारे ने बताया कि पिछले वर्ष डेंगू नियंत्रण पर किए गए कार्य के नतीजे बताते हैं कि महज 13 मामले सामने आये थे। इस वर्ष जून महीने में सेक्टर एरिया में डेंगू के एक मरीज के चिन्हांकित होते ही भिलाई निगम ने तेजी से टेमीफास वितरण एवं फागिंग की कार्रवाई शुरू की। साथ ही कूलर आदि खाली कराने का व्यापक अभियान छेड़ा गया। स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि इसका अच्छा असर यह हुआ कि माह अगस्त तक भिलाई में केवल पांच ही डेंगू का केस सामने आया उसमें से तीन सेक्टर क्षेत्र के और दो पटरी पार क्षेत्र के शामिल है, इसके अलावा कुछ डेंगू मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री भी रही है। निगम के प्रशासक कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने हाटस्पाट एरिया में विशेष टीम लगाई थी जिन्होंने लगातार सक्रिय रूप से काम किया, इसका असर हुआ और नियमित रूप से टेमीफास के वितरण, छिड़काव से काफी लाभ हुआ। पृथक से टीम हाटस्पाट एरिया में लगाई गई। भिलाई निगम टीम ने इस अवधि में घरों के कूलर चेक किये और टेमीफास का छिड़काव किया। इसके अलावा मेलाथियान और मलेरिया ऑयल घोल का छिड़काव भी किया गया। जलजमाव वाले स्थानों पर विशेष फोकस किया गया ताकि लार्वा की उत्पत्ति न हो!
साल भर की गतिविधियां- इस साल निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई और इन्होंने व्यापक निरीक्षण किया। इस साल 1 लाख 5 हजार 819 घरों में निगम का अमला पहुंचा। हर चीज ध्यान से देखी। 56390 कूलर एवं पानी टंकी एवं अन्य पात्रों का निरीक्षण करते हुए कूलर एवं पानी टंकी से पुराना पानी खाली कराया गया। साथ ही 32799 घरों में पंपलेट वितरण भी किया गया जिसमें डेंगू के पनपने के कारणों एवं इससे बचाव के उपायों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई थी। 88968 टेमीफास् का वितरण किया गया, 119324 घरों में फागिंग कराई गई, इसके अतिरिक्त लापरवाही बरतने वाले लोगों से जुर्माना भी वसूल किया गया!
कोविड नियंत्रण के साथ डेंगू के रोकथाम पर भी होता रहा काम- निगम प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोविड नियंत्रण को लेकर थी और स्वास्थ्य विभाग का बड़ा अमला इस कार्य के लिए लगा हुआ था। इसके बावजूद डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम पर प्रभावी रूप से क्रियान्वयन हुआ। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के साथ लगातार डेंगू के हाटस्पाट माने जाने वाले इलाकों का दौरा किया। इन इलाकों में लोगों से मिलकर डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम की जमीनी स्थिति जानी और फील्ड पर इसके मुताबिक डेंगू नियंत्रण और रोकथाम की गतिविधियों पर काम किया गया! 3 महीनों में किए गए कठिन परिश्रम का प्रतिफल है कि डेंगू के केस में वृद्धि नहीं हो रही है और भविष्य में भी हॉटस्पॉट में डेंगू की जड़ों के कमजोर होने के संकेत है!
दुर्ग। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में एक ही दिन में तीन गर्भवती माताओं का सिजेरियन सफल ऑपरेशन किया गया। तीनों माताओं का प्रसव का समय निकल चुका था। स्वास्थ्य संयोजकों एवं मितानिनों के द्वारा हाई रिस्क गर्भवती माताओं का चिन्हांकन करने निर्देश दिए गए हैं।
बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परिकल्पना एवं निर्देश में कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं एसडीएम विपुल कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सेवाओं में वृध्दि करने प्रयास जारी है। आज सीएचसी पाटन में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. केके डहरिया ने तीन सिजेरियन ऑपरेशन किया। निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ठाकुर, सिस्टर अनिता जोशी, श्रीमती शिव कुमारी दुबे, ओटी टेक्नीशियन गिरवर, जितेंद्र एवं ओटी टीम द्वारा ऑपरेशन कार्य सुरक्षित प्रसव सफलता पूर्वक संपादित किया। तीनो माताएं एवं नवजात स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2021 से आज दिनांक तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में 11 सिजेरियन ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव करवाया गया है। 43 नसबंदी ऑपरेशन, 25 इंसिजन एंड ड्रेनेज ऑपरेशन, 2 ऑर्थो सर्जरी आदि ऑपरेशन किये गए हैं। अतिशीघ्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झीट में भी ऑपरेशन आरंभ किए जाने तैयारी की जा रही है।
इंदौर. इंदौर में एक दिन पहले भाजपा के रंग में घोड़े को रंगने से विवाद पैदा हुआ था। अब एक घोड़े को राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगने की शिकायत शुक्रवार देर रात राऊ थाने में दर्ज की गई है। तिरंगे वाले घोड़े का फोटो सामने आने के बाद सांसद मेनका गांधी की संस्था 'पीपल फॉर एनिमल्स' ने ही पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज करने के लिए शिकायत की है।
PFA की प्रियांशु जैन ने बताया कि सोशल मीडिया पर राऊ इलाके में 15 अगस्त को घोड़े को तिरंगा रंग में रंगने के फोटो वायरल हो रहे थे। जैन ने राऊ के सराय वार्ड निवासी विनोद गोलिया की शिकायत करते हुए बताया कि पशुक्रूरता अधिनियम 1960 और अन्य धाराओं के तहत यह अपराधी श्रेणी में आता है। घोड़े पर रंगे रंग केमिकल युक्त होते हैं, जिससे उन्हें नुकसान भी होता है। जैन ने घोड़ा मालिक और आयोजकों पर केस दर्ज करने की गुहार लगाई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपाई रंग में रंगा घोड़ा चर्चा का विषय बन गया था। दरअसल, भाजपा नेता रामदास गर्ग ने इस घोड़े को भाजपाई रंग में रंगवाया था। इसके बाद पुलिस में शिकायत की गई।
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह के कुछ हफ्तों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना है। राजेश्वर सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश पुलिस के एक मुठभेड़ विशेषज्ञ रहे हैं, जो 2009 में प्रतिनियुक्ति पर ईडी में शामिल हुए थे। उन्होंने 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले और इससे उत्पन्न होने वाले मामलों सहित एयरसेल-मैक्सिस सौदे सहित महत्वपूर्ण मामलों को संभाला है। 2010 से 2018 तक राजेश्वर सिंह ने राष्ट्रमंडल खेल घोटाले और कोयला आवंटन में अनियमितताओं को भी संभाला, जिसने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे को हिलाकर यूपीए सरकार को हिला कर रख दिया। इसके अलावा उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ जांच और कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। राजेश्वर सिंह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच का भी हिस्सा थे, जिसके कारण सीएम ओपी चौटाला, मधु कोड़ा और जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ कार्रवाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए, उन्हें 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा संरक्षित किया गया था और शीर्ष अदालत के निर्देश पर ईडी में समाहित किया गया था। राजेश्वर सिंह ने धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से इंजीनियरिंग की थी। उनके पास कानून और मानवाधिकार से जुड़े विषयों पर भी डिग्री है। लंबी छुट्टी के बाद, जाजेश्वर सिंह अब ईडी के लखनऊ कार्यालय में तैनात हैं। उनकी 12 साल की सेवा बाकी है। सरकार ने 2018 में उसके खिलाफ जांच शुरू की थी, लेकिन जांच में कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं निकला था।
भोपाल. भोपाल की सुंदरता में दाग लगाने वाली सड़कों को लेकर सीएम के तल्ख तेवर को लेकर उनकी ही पार्टी के जबलपुर से विधायक अजय विश्नोई ने चुटीले अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। सोशल पोस्ट में लिखा कि 'धन्यभाग भोपाल की सड़कों का, मुख्यमंत्री की नजरें इनायत हो गई, उम्मीद है बाकी प्रदेश की सड़कों पर मुख्यमंत्री की नजर जल्द पड़ेंगी’।
भोपाल ही नहीं जबलपुर सहित कई प्रमुख शहरों की सड़कों में यही हाल है। पिछले डेढ़ साल से निकायों में प्रशासनिक तैनाती है। अधिकारियों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं। जबलपुर में तो हल्की बारिश में ही सड़कें और गड्ढों में अंतर कर पाना मुश्किल हो गया है। रही सही कसर भरी बारिश में शहर में बन रहे फ्लाईओवर और सीवर के कामों ने कर दिया है। शहर के हर प्रमुख मार्ग कीचड़ और गड्ढों से स्वागत करते नजर आएंगे।
शहर की बदहाल सड़कों पर छलका विधायक विश्नोई का दर्द
पूर्व मंत्री एवं पाटन से विधायक अजय विश्नोई शहर के इसी दर्द को पोस्ट के माध्यम से साझा किया है। जबलपुर शहर में अधिकतर सड़कों का आधिपत्य नगर निगम, केंटोमेंट बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और जबलपुर विकास प्राधिकरण के जिम्मे है। गारंटी पीरियड वाली सड़कें तक टूट गई हैं। शहर में इस कदर अनियोजित विकास के कार्य चल रहे हैं कि नई नवेली बनी सड़कों को सीवर और पाइपलाइन के नाम पर खोदा जा रहा है।
सीएम ने 20 अगस्त को भोपाल में मंत्रालय की बैठक में दिए हैं तल्ख निर्देश
यहां बता दें कि सीएम ने 20 अगस्त को भोपाल में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की थी। इसमें भोपाल की सड़कों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। सड़कों के पुनरुद्धार अविलंब करने सहित सीएम चौहान ने ये भी कहा है कि प्रदेश की सड़कों की स्थिति खराब नहीं होनी चाहिए। प्रदेश के प्रमुख शहरों में सीवर के काम एक रोड पर तीन दिन के अंदर करने के निर्देश दिए हैं। जबलपुर के अधिकारियों पर इसका असर देखने वाली बात होगी, क्योंकि यहां 14 वर्ष से सीवर का काम चलने के बाद भी अधूरा है।
तीन पत्ती मेडिकल रोड
5 किमी के हिस्से में आधी सड़क फ्लाईओवर के चलते टूट चुकी है। शेष सड़क में 2000 छोटे-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। तीन साल पहले नगर निगम ने ये सड़क बनाई थी।
नौदरा ब्रिज से घंटाघर
राष्ट्रपति के आगमन से पहले ये सड़क नगर निगम ने बनवाई थी। इसके बाद सीवर लाइन और बिजली के कबल को अंडरग्राउंड के नाम पर खोद डाला गया। एक किमी की पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील है।
मदनमहल से दमोहनाका
5 किमी की ये सड़क भी फ्लाईओवर के चलते कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। रानीताल से गोलबाजार, यातायात थाने को जाने वाली सड़क की गिटि्टयां उखड़ कर बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
दशमेश द्वार से गुलौआ चौक
3 किमी की इस सड़क को सीवर के नाम पर खोद कर छोड़ दिया गया। तीन किमी की दूरी में दो किमी की पूरी सड़क में 500 से अधिक छोटे-बड़े गड्ढे बन चुके हैं।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती लगातार सरकार के खिलाफ आग उगल आ रही हैं. अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद महबूबा मुफ्ती का लहजा और सख्त होता नजर आ रहा है.
'अमेरिका की तरह होगा भारत का हाल'
पीडीपी नेता ने कुलगाम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी सरकार को चेतावनी दी. महबूबा ने मोदी कहा कि वह अपने पड़ोस (अफगानिस्तान) की ओर नजर घुमाएं, जहां सुपर पावर अमेरिका को भी बैग पैक करके भागने को मजबूर होना पड़ा है. महबूबा ने चेतावनी दी कि अगर उसने वाजपेयी डॉक्टरिन के तहत पाकिस्तान से दोबारा बातचीत शुरू नहीं की तो उसे भी ऐसे ही बर्बाद होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीरियों के सब्र का इम्तेहान न लें. उसे एक दिन परास्त होना पड़ेगा.
'पाकिस्तान से शुरू करो बातचीत'
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'मैं बार बार कहती हूं, सुधर जाओ. पड़ोस में देखो क्या हो रहा है. अमेरिका को बोरिया बिस्तर लेकर जाना पड़ा. जिस तरह से वाजपेयी जी ने बात शुरू की थी उसी तरह से बात शुरू करो, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी.' महबूबा ने कहा, 'JK के टुकड़े टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो. लोग सोचते हैं कि ये क्या करेंगी. लेकिन कभी कभी एक चींटी हाथी के सूंड में घुस जाती है तो उसका भी जीना मुश्किल कर देती है.' महबूबा ने चेताया कि कश्मीरी कमजोर नहीं हैं. वे बहादुर और धैर्यशील हैं. यह उनका साहस और धैर्य ही है कि उन्होंने अब तक बंदूक नहीं उठाई है. जिस दिन उनका धैर्य जवाब दे दिया, उस दिन सब कुछ खत्म हो जाएगा.
'देश को बचाए हुए है कांग्रेस'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कांग्रेस ने आज तक इस देश को बचाए रखा है. हालांकि कांग्रेस नेताओं से भी कई गलतियां हुई हैं लेकिन उसने देश को एक बनाए रखा है. महबूबा ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश के टुकड़े-टुकड़े करवाना चाहती है. वह बीजेपी देश का तालिबानीकरण करने की कोशिश कर रही है
'जम्मू कश्मीर कभी भारत को नहीं मिलता'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस वक्त देश आजाद हुआ, उस वक्त मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत था. पंडित नेहरू और कांग्रेस की नीतियों की वजह से जम्मू कश्मीर भारत में मिलने को तैयार हो गया. अगर उस समय बीजेपी केंद्र की सत्ता में होती और आज की तरह उस समय भी हठधर्मिता दिखाती तो जम्मू कश्मीर कभी भी भारत को नहीं मिलता.
'कश्मीरियों को कोई नुकसान न पहुंचाए तालिबान'
महबूबा मुफ्ती ने भारत सरकार और तालिबान को एक तराजू में तोलते हुए कहा कि वे ऐसी कोई भी हरकत न करें, जिससे पूरी दुनिया उनके साथ हो जाएं. महबूबा ने केंद्र से कहा कि वह अफगानिस्तान में फंसे जम्मू कश्मीर के लोगों को वापस लेकर आए. मुफ्ती ने तालिबान से अपील की कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों को कोई नुकसान न पहुंचाए.
प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नागरिकों के टीकाकरण के प्रति उत्साह से हुआ संभव.
कोरोनावायरस के संक्रमण का खात्मा के लिए आवश्यक है टीकाकरण.
भिलाईनगर। भिलाई के टीकाकरण केंद्रों में 305766 टीकाकरण हो चुका है! निगम की प्रशासनिक कार्य प्रणाली और नागरिकों के टीकाकरण के प्रति उत्साह के कारण यह संभव हो पाया है! कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण अभियान निरंतर जारी है, कोविड का टीका लगाने लोग अपने क्षेत्र के नजदीकी केन्द्रों में पहुंच रहे है। अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने पूरा निगम प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम लगी हुई है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने हर संभव प्रयास किया जा रहा है, अभियान स्वरूप अधिक से अधिक लोगों को कोविड का टीका लगाया जा चुका है। निगम के प्रशासक एवं कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर भिलाई निगम ने टीकाकरण के लिए अभियान छेड़ दिया है तथा निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के नेतृत्व में भिलाई में वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर विभिन्न स्थानों पर टीकाकरण केंद्र संचालित किया जा रहा है, जहां लोग स्वफूर्त टीका लगाकर संक्रमण की रोकथाम में अपनी सहभागिता दे रहे है। एक नजर में टीकाकरण के आंकड़े की बात करें तो 305766 टीकाकरण हो चुका है! जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र समूह के 108362, 45 प्लस वाले लोगों को 109728, 60 प्लस उम्र समूह के व्यक्तियों को 55973, फ्रंटलाइन वर्कर्स को 17901 तथा एचसीडब्ल्यू लोगों को 13802 टीकाकरण किया जा चुका है! निगम क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों का जोन आयुक्त लगातार निरीक्षण करते हुए व्यवस्था को बनाए रखने आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे है। जितना अधिक टीकाकरण होगा उतना ही जल्दी कोरोना के संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष अभियान के तहत टीकाकरण के लिए अब तक कई सारे केन्द्र बनाए जा चुके है, जहां महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुरक्षित तरीके से टीका लगा रही है। टीकाकरण केन्द्रों में निगम क्षेत्र के पूरे वार्डों के नागरिक पहुंच रहे है और बेझिझक टीका लगवाकर अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। निगम का अमला टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया में अपना सहयोग कर रहे है ताकि टीका लगवाने आए लोगों को बिना कोई देरी किए शीघ्रता से टीका लग जाए। सभी टीकाकरण केन्द्रों का निगम आयुक्त तथा अधिकारी लगातार माॅनिटरिंग करते हुए फीडबैक ले रहे है ताकि केन्द्रों में कोई परेशानी न आए और टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से संचालित होता रहे। निगम क्षेत्र के नागरिक अपने-अपने क्षेत्र के नजदीकी टीकाकरण केंद्र में पहुंचकर आसानी से टीका लगवा रहे हैं। टीकाकरण कार्य में नोडल अधिकारी सुनील अग्रहरी, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा एवं सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली का अहम योगदान है! भिलाई के टीकाकरण केन्द्रों में विशेष टीकाकरण के लिये लोगों को प्रेरित करने आंगनबाड़ी कार्यकताओं एवं निगम कर्मचारी जागरूकता प्रसारित कर रहे है, इसके लिए वार्डों में शेड्यूल के मुताबिक मुनादी भी कराई जा रही है। कई केन्द्रों में कोविड का टीका लगवाने वालों का हौसला बढ़ाने सेल्फी पाइंट भी बनाए गए है। टीकाकरण के लिए सामाजिक सहयोग लगातार प्राप्त हो रहा है, हर वर्ग टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित कर रहा है! भिलाई निगम ने दिव्यांग जनों के लिए भी टीकाकरण शिविर का आयोजन किया था, हर वर्ग के लोगों को सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है! भिलाई शहर वासियों की जागरूकता से टीकाकरण का आंकड़ा 305766 तक पहुंच चुका है!
भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्लेट मिल विभाग में शिरोमणि पुरस्कार योजना के अंतर्गत जनवरी से मार्च 2021 हेतू पाली शिरोमणि एवं जनवरी से मार्च-2021 हेतु कर्म शिरोमणि पुरस्कार का सम्मान समारोह का आयोजन प्लेट मिल के सभागार में किया गया। इस सम्मान समारोह में प्लेट मिल के विभाग प्रमुख एवं मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) संजय शर्मा उपस्थित थे। इस सम्मान का मुख्य उद्देश्य अपने कार्यस्थल/पाली में नवीनता, बेहतर संसाधनों का उपयोग एवं संगठनात्मक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सुरक्षा के मानक मापदण्डों के साथ विभाग में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले कर्मठ एवं सृजनशील कार्मिकों को एक विशेष पहचान प्रदान कर सम्मानित करना है।
सर्वप्रथम विभाग प्रमुख संजय शर्मा ने समारोह में उपस्थित सभी सम्मानित होने वाले अधिकारीगण एवं कार्मिकों को बधाई दी। तत्पश्चात उन्होंने शिरोमणि पुरस्कार समिति द्वारा अनुशंसित प्लेट मिल में कार्यरत प्रबंधक (प्रचालन), सुश्री हिमानी को जनवरी से मार्च-2021 विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पाली शिरोमणि एवं प्लेट मिल में कार्यरत डोमन सिंग ठाकुर, एसीटी, विद्युत अनुभाग, को माह जनवरी-2021, भीम सिंग, एसीओ, प्रचालन अनुभाग में कार्यरत को माह फरवरी 2021 एंव रामाकांत प्रसाद, तकनीशियन, यांत्रिकी अनुरंक्षण अनुभाग में कार्यरत को मार्च-2021 के लिये विभाग में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कर्म शिरोमणि पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके तहत शिरोमणि पुरस्कार का स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।
इस समारोह में प्लेट मिल विभाग के सभी अनुभागीय प्रमुख एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। इस समारोह का संचालन वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक मिल्स् जोन-3), सुश्री अंजली पिल्ले ने किया एवं समारोह को सफल बनाने में कार्मिक विभाग मिल्स् जोन-3 का योगदान सराहनीय रहा।