मध्य प्रदेश

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मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक इनकम टैक्स ऑफिसर ने ऐसा काम किया, जिसकी लोग खूब सराहना कर रहे हैं, जहां आज भी लोग दहेज के नाम लाखों रुपये की मांग करते हैं. वहीं उन्होंने शगुन के तौर पर मिले लाखों रुपयों को भी ठुकरा दिया. उन्होंने शगुन का महज एक रुपया रखा और बाकी पैसे ससुरालियों को वापस लौटा दिए. उनके इस काम की लोगों ने खूब तारीफ की. शिवपुरी के सिया मैरिज गार्डन में मंगलवार को आयोजित एक फलदान कार्यक्रम के दौरान इनकम टैक्स ऑफिसर दूल्हे ने दहेज के खिलाफ आज की युवा जनरेशन को एक अहम संदेश दिया. उन्होंने अपनी सगाई समारोह के दौरान आए 5 लाख 51 हजार रुपए में से सिर्फ शगुन के रूप में एक रुपया कुबूल किया. इनकम टैक्स ऑफिसर ने कहा कि वह समाज में दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा के खिलाफ हैं. इसलिए वह इस रकम को स्वीकार नहीं कर सकते. उन्होंने सगाई की रस्म और गांव की परंपरा को निभाते हुए 5,51000 में से सिर्फ एक रुपया कुबूल कर रीति रिवाज के अनुसार सगाई संपन्न की.

18 फरवरी को हुई सगाई
दरअसल ये मामला शिवपुरी के ग्राम पोहरी विधानसभा के ठेह गांव का है, जहां रहने वाले बीरेंद्र सिंह धाकड़ के छोटे बेटे रविंद्र सिंह धाकड़ की सगाई थी, जो इनकम टैक्स ऑफिसर के पद पर दिल्ली में पदस्थ हैं. उनकी सगाई जूली धाकड़ पुत्री आनंद धाकड़ निवासी के साथ 18 फरवरी को हो रही थी, जो ठर्रा बैंक ऑफ इंडिया में (CA) के पद पर दिल्ली में पदस्थ हैं. तभी रविंद्र सिंह धाकड़ ने ससुराल से आए 5 लाख 51 हजार के टीका थाल को लौटा दिया.

नोटों से भरा थाल वापस किया
रविंद्र सिंह धाकड़ ने सगाई की रस्म को पूरी करने के लिए ससुराल पक्ष से आए 5,51000 के नोटों से भरे थाल को वापस कर दिया और सिर्फ एक रुपया स्वीकार किया.इसके बाद जैसे ही उन्होंने कहा कि वह दहेज के खिलाफ हैं. वैसे ही वहां मौजूद शादी-सगाई समारोह में आए रिश्तेदारों ने खूब तालियां बजाईं. लोगों ने न सिर्फ उनके इस फैसले को सराहा, बल्कि दहेज प्रथा के खिलाफ युवाओं के लिए एक संदेश भी बताया.

 


मुख्यमंत्री ने मुरैना में भारत रत्न स्व. वाजपेयी की प्रतिमा का किया अनावरण
मुरैना शहर की सीमावर्ती 13 ग्राम पंचायतों के विकास के लिए मिलेंगे 20 करोड़ रूपए
मुरैना सिटी में 10 करोड़ रुपए से होंगे विद्युत संबंधी कार्य
मुरैना में बनेगा बोट क्लब

भोपाल :मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा के अनावरण के साथ ही मुरैना में नया इतिहास लिखा गया है। स्व. वाजपेयी राजनीति के मर्मज्ञ थे। वे सदैव सच्चाई के लिए जिये। वे पूरे भारत को अपना परिवार मानने वाले विराट हृदय व्यक्तित्व थे। स्व. वाजपेयी लोकतांत्रिक परम्पराओं का पालन करने वाले कालजयी महापुरूष थे। उनकी सहजता, सरलता, विन्रमता और उनके जीवन मूल्य हमें आज भी जीना सिखाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को मुरैना में अटल जी की प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह को नहीं देखा, पर अटल जी को करीब से देखा है। उन्हें शत-शत नमन है। देश को लोकतंत्र का एक नायक अटल जी के रूप में मिला। कोई नेता पक्ष में हो या विपक्ष में, एक जैसी भाषा बोले, ये हमने अटल जी के व्यक्तित्व में ही देखा है। उन्होंने कहा कि अटल जी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया में देश का गौरव बढ़ाया था। अटल जी भारत माता के सच्चे सपूत थे। उन्होंने 50 साल तक विपक्ष में बैठकर लोकतंत्र और संसदीय परम्पराओं को सशक्त करने का अभूतपूर्व कार्य किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अटल जी ने अपनी कविता में कहा था कि “क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो भी मिला, ये भी सही और वो भी सही।" स्व. वाजपेयी के योगदान को हमारा देश कभी नहीं भूल पाएगा। पावर्ती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) और केन-बेतवा (केबी) नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना उन्हीं की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उनकी सोच को हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्रियान्वित किया है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में हमने 70 हजार करोड़ रूपए की नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश में जल संग्रहण का एक नया अभियान शुरू किया है।


मुख्यमंत्री ने मुरैना के श्री कराह धाम आश्रम पहुँचकर गुरू गादी को किया नमन

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुरैना के श्री कराह धाम आश्रम पहुँचकर अनन्त श्री गुरुदेव पटिया वाले बाबा के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने श्री कारह धाम आश्रम की गौशाला में गौ-माता का पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है। आश्रम की गौ-शाला में 7500 से अधिक गौ-माताएं है। आश्रम में आकर अनुभूति हो रही है कि यहां पूरा ब्रहमांड समाया हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा, मुरैना-श्योपुर के सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर, सबलगढ़ विधायक श्रीमती सरला रावत, पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कराह धाम आश्रम में चल रहे श्री सियपिय मिलन समारोह में शामिल होकर संत शिरोमणि श्री हरिगिरी महाराज जी एवं श्री दीनबंधु दास महाराज को सम्मान-पत्र और पुष्पमाला पहनाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो लोग गौ-पालन करेंगे, उन गौवंशों का दूध शासन द्वारा खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि गौमाता के बिना घर सूना होता है, हर घर में गौ पालन को बढावा देना चाहिए। जो भी व्यक्ति 10 से ज्यादा जो गौ पालन करेगा, उसे सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा और गौवंशों से प्राप्त दुग्ध को सरकार खरीद कर गौपालकों को अतिरिक्त अनुदान देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस वर्ष गेंहू उपज को 2600 रूपये क्विंटल खरीदने की घोषणा की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परमात्मा को जिस रूप में देखो उस रूप में दिखाई देते है, वे हमारी परीक्षा भी लेते है, प्रभु लीला सामान्य मनुष्य की समझ के परे है। पटिया वाले बाबा ने अपने तप, साधना, वैराग्यवृत्ति से जो आनंद बरसाया है, उसी का परिणाम श्रद्धालुओं में देखने को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिये सिंचाई के क्षेत्र को निरंतर बढ़ा रही है। वर्तमान में 48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है। इसे बढ़ाकर 1 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय किया गया है। देश की प्रथम दो नदी जोड़ो परियोजनाओं में शामिल पीकेसी (पार्वती, कालीसिंध, चंबल) परियोजना से मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और आगे जाकर मालवा, गुना जिलों में सिंचाई के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस महीने के आखिरी तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री आ रहे हैं। उमसे चर्चा कर ताप्ती नदी को जोडकर वहां के किसानों को पानी उपलब्ध करवा कर उनकी जिंदगी बदलने का अभूतपूर्व कार्य होने वाला है। इन सभी परियोजनाओं के मंजूर होने से समूचे प्रदेश में सिंचाई के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। सरकार का प्रयास है कि कृषि के साथ अन्य संबद्ध विभागों के समन्वय से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जायें।


वन्य जीव पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनकर उभर रहा है मध्यप्रदेश
घड़ियालों के अलावा चंबल नदी में डॉल्फिन के भी पुनर्वास की है प्रबल संभावना
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य के प्राकृतिक आवास में छोड़े 10 घड़ियाल

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीव पर्यटन का एक वैश्विक केंद्र बनकर उभर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मुरैना क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने के लिए सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने भविष्य में माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिलाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम मध्यप्रदेश के वनों में सभी प्रकार के वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सक्षम हैं और इस दिशा में हमारे प्रयास जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना स्थित देवरी घड़ियाल केंद्र से चंबल नदी में 10 घड़ियालों (9 मादा और 1 नर) को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ने के पश्चात मीडिया से चर्चा में यह महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। इस अवसर पर उनके साथ बोट पर विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चम्बल अभ्यारण्य हमारे देश की प्राकृतिक संपदा है। यहां दुर्लभ प्रकार की प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। बदलते हुये जलवायु के दुष्परिणामों के कारण इन प्रजातियों को नुकसान पहुंच रहा है। मध्यप्रदेश हमेशा से जैव विविधता के लिये महत्वपूर्ण प्रजातियों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिये तत्पर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुरैना जिले में स्थित राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य का भ्रमण किया तथा अभयारण्य की व्यवस्थाओं एवं यहां पर्यटकों के लिए उपलबध सुविधाओं का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घड़ियालों को नजदीक से देखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंबल सफारी का भ्रमण किया गया एवं घड़ियाल संरक्षण के बारे में वन विभाग से जानकारी ली।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में वन पर्यटन की अनंत संभावनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा मिले, इसके लिए सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रही है। चंबल अभयारण्य में सिर्फ घड़ियाल ही नहीं, डॉल्फिन के भी पुनर्वास की प्रबल संभावना है। वन विभाग के माध्यम से इस दिशा में भी काम जारी है।


राज्यपाल ने ग्राम पंचायत चैत में सहरिया समुदाय से किया संवाद

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जीवन में प्रगति के लिये शिक्षा सबसे जरूरी है। शिक्षा के बिना कोई भी व्यक्ति या समाज प्रगति नहीं कर सकता। सहरिया समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में कार्य करना सबसे महत्वपूर्ण हैं, बेटे के साथ-साथ बेटी को भी शिक्षित करें, तभी हम प्रगति की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने सोमवार को ग्वालियर की ग्राम पंचायत चैत में सहरिया समुदाय से संवाद करते हुए यह बात कही।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सहरिया, भारिया एवं बैगा समुदाय के सम्पूर्ण विकास के लिये केन्द्र सरकार की ओर से 24 हजार करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया है। इसके माध्यम से इन समुदाय के लोगों को आवास, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। पीएम जनमन योजना के तहत 11 मूलभूत सुविधाओं को 9 विभागों के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। इस योजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को मिले, इसके सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएँ समाज के उत्थान के लिये संचालित हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर सहरिया परिवारों को अपने जीवन स्तर को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सहरिया परिवार में रानी दुर्गावती, रानी कमलावती और बिरसा मुण्डा जैसे महान लोग हुए हैं, जिन्होंने समाज और देश के लिये अनेक कार्य किए हैं। हम सबको इनसे प्रेरणा लेकर अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिये कार्य करना चाहिए।


भोपाल :मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अन्तर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री राजेश यादव ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को त्रिशूल भेंट कर उनका अभिन्नदन किया। कार्यकारी अध्यक्ष श्री राजेश यादव ने 21 फरवरी को दिल्ली में आयोजित महा संगम यात्रा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव को आमंत्रित किया।



भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आनंदपुर धाम ईसागढ़ के महात्मा सार आत्मानंद जी महाराज ने सौजन्य भेंट कर उन्हें सनातन धर्म की सेवा करते रहने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के समीप श्री आनंदपुर धाम में 13 व 14 अप्रैल 2025 के विशाल धार्मिक आयोजन में आमंत्रित किया।



"वसुधैव कुटुंबकम" का संदेश वैश्विक मंच पर देशों और संस्कृतियों के मध्य शांति और सौहार्द्र करेगा स्थापित
जल ही जीवन और जीवन की उत्पत्ति का है मूल स्त्रोत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 में हुए सम्मिलित

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बाबा श्री महाकाल की नगरी, भारत एवं विश्व का एक प्रमुख आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र उज्जैन, यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 आयोजन की मेजबानी कर रहा है। यह भूमि वेदों, पुराणों और योग परंपरा से समृद्ध रही है, और आज हम सभी यहां इसी परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने हेतु एकत्रित हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि "यह दौर युद्ध का नहीं, शांति का है"। उनका यह विचार आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता को इंगित करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह युग संभवतः सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा है, जहाँ युद्ध, गृहयुद्ध, आतंकवाद और आपसी वैमनस्यता ने विश्व को तनावग्रस्त बना दिया है। हमें विचार करना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसी दुनिया सौंप रहे हैं- एक विभाजित, हिंसा-ग्रस्त समाज या शांति, समरसता और आध्यात्मिक चेतना से ओत-प्रोत एक संसार? सनातनी मूल्यों से प्रेरित यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन संपूर्ण मानवता के कल्याण एवं विश्व शांति के लिए एक प्रभावी मंच हो सकती हैं। यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव एकात्म चेतना के माध्यम से शांति की संस्कृति की स्थापना होगी। इस मंच पर 21 से अधिक देशों के विद्वान, संत, मनीषी, आध्यात्मिक शिक्षक, कोच और विचारक एकत्रित हुए हैं, जो इस विषय पर अपने विचार साझा कर रहे है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात कालिदास अकादमी उज्जैन में आयोजित यूनाइटेड कॉन्शसनेस कॉनक्लेव- 2025 में संबोधित करते हुए कही।


मुख्यमंत्री ने महालोक परिसर में 22.5 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित सेतु का किया लोकार्पण
लोकार्पण पर की गई आकर्षक आतिशबाजी
रूद्र सागर पर नवनिर्मित सेतु का नाम होगा सम्राट अशोक सेतु

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री महाकाल महालोक परिसर में रूद्रसागर पर नवनिर्मित सेतु का नामकरण इतिहास में सनातन संस्कृति और उज्जयिनी का परचम विश्व में लहराने वाले महान सम्राट अशोक के नाम पर "सम्राट अशोक सेतु" किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्री महाकाल के संरक्षण में होने से अवंतिका नगरी का कभी अंत नहीं हुआ। यहां तपस्या से सीधे मोक्ष प्राप्त होता है। अवंतिका नगरी ने अनादिकाल से भारतवर्ष और सनातन संस्कृति के ध्वज-वाहकों राजा विक्रमादित्य,राजा भृतहरी, राजा अशोक आदि महान सम्राटों को संरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि लोकार्पण अवसर पर आतिशबाजी ने श्रद्धालुओं सहित सभी का मन मोह लिया। आतिशबाजी में भगवान श्री महाकाल का स्वर्ण शिखर, महाकवि कालिदास के काव्यों अनुसार चमक रहा है। नवीन औद्योगिकरण के पश्चात संपूर्ण उज्जैन और प्रदेश भी भविष्य में इसी प्रकार प्रकाशमान होगा।

स्मार्ट सिटी सीईओ श्री संदीप शिवा ने जानकारी दी कि रुद्र सागर के ऊपर निर्मित सेतु 22.5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हुआ है। इसकी लंबाई 200 मीटर व चौड़ाई 9 मीटर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप श्रद्धालुओं को कम से कम चलकर, भगवान श्री महाकाल के शीघ्र दर्शन हो सके इसके लिए इसका निर्माण किया गया है। सम्राट अशोक सेतु श्रद्धालुओं को मुख्य पार्किंग से सीधा श्री महाकाल लोक तक जाने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे यात्री अधिक सुगमता से दर्शन कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सेतु से श्रद्धालु "लाइट एंड साउंड शो" भी देख सकेंगे।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के पूजन से हुआ। कार्यक्रम में भस्म रमैया भक्त मंडल के डमरू वादकों ने प्रस्तुति देकर भक्तों का मन मोह लिया। लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भगवान श्री महाकाल के दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी श्री उमेशनाथ जी महाराज, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, महाराज श्री विनीत गिरी उपस्थित रहे।


एक लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मंगलवार को मंत्रालय में साहस और संकल्प की मिसाल पेश कर रही मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध सोलो साइकिलिस्ट सुश्री आशा मालवीय ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा के साहसिक सफर की सराहना करते हुए उन्हें एक लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की। इस मौके पर कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री गौतम टेटवाल भी उपस्थित रहे।

17,200 किलोमीटर की रोमांचक यात्रा

साइकिलिस्ट कु. आशा मालवीय ने बताया कि वह अब तक लेह-लद्दाख सहित 17,200 किलोमीटर की यात्रा अपनी सामान्य साइकिल से पूरी कर चुकी हैं। उनके इस प्रयास ने न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आशा मालवीय के इस साहसिक अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा युवाओं और खासतौर पर महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने आशा को भविष्य में भी ऐसे ही कार्यों के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आशा का यह सफर महिला सशक्तिकरण और दृढ़ इच्छाशक्ति की अनूठी मिसाल है। उनकी सफलता से प्रेरित होकर अन्य युवाओं को भी अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा मिलेगी।

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