मध्य प्रदेश

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गेहूँ पर 175 रूपये प्रति क्विंटल मिलेगा बोनस
बालाघाट के खिलाड़ियों को मिली हॉकी एस्ट्रो टर्फ की सौगात
5 वर्षों में 2 लाख 70 हजार युवाओं को मिलेगी नौकरियां
एक लाख सरकार पदों पर भर्ती जारी
नक्सलवाद के पैर नहीं जमने देंगे
सभी योजनाएं चालू रहेंगी
मुख्यमंत्री ने बालाघाट में 326 करोड़ 60 लाख रूपये के 117 विकास कार्यों का किया भूमि-पूजन और लोकार्पण

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट के किसान सम्मेलन में किसानों को अभूतपूर्व सौगात देते हुए कहा कि अब प्रदेश में धान उत्पादक किसानों को 4 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गेहूँ उत्पादक किसानों को भी प्रति क्विंटल 175 रूपये अतिरिक्त बोनस राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मूल्य संवर्धन योजना (प्राइस सपोर्ट स्कीम) अंतर्गत वर्ष 2024 में 6.69 लाख किसानों द्वारा 12.2 लाख हेक्टेयर रकबे में उत्पादित धान का विक्रय किया गया है। धान उत्पादक किसानों को मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना में प्रति हेक्टेयर 4000 रूपये का लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश के किसानों को 488 करोड़ रूपये का अतिरिक्त लाभ होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गेहूँ उत्पादक किसानों को भी समर्थन मूल्य 2425 रूपये के अतिरिक्त 175 रूपये प्रति क्विंटल की बोनस राशि दी जायेगी। इस प्रकार गेहूँ के उपार्जन पर प्रति क्विंटल 2600 रूपये की राशि मिलेगी। इस वर्ष प्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन अनुमानित है। प्रदेश के किसानों को 175 रूपये प्रति क्विंटल बोनस के रूप में मिलने से लगभग 1400 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि का लाभ होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की जा रही है। आने वाले 5 वर्षों में 2 लाख 70 हजार पदों पर विभिन्न सेक्टर में रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। हमारी सरकार वर्ष 2028 तक सरकार 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता पूर्वक कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रदेश में चल रही योजनाएं यथावत चलती रहेगी। कोई भी योजना बंद नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश सभी क्षेत्रों में लगातार नंबर वन पर बना रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसान सम्मेलन में सभी को विकास का संकल्प भी दिलाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मेलन में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने 1412 दिव्यांगजनों और 1040 वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण वितरित करने के साथ अन्य विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर से 5वें नंबर पर आ गई है और अब हम चौथे नंबर पर आने के लिए अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश भारत है, और यह प्रसन्नता की बात है कि वर्तमान में सर्वाधिक जीएसडीपी ग्रोथ रेट 13 प्रतिशत मध्यप्रदेश की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय कलेक्टर को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण का लाभ सभी पात्र हितग्राहियों को दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पक्के मकान के बगैर नहीं रहेगा।


सम्राट विक्रमादित्य ने की थी निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
विक्रमादित्य का न्याय था त्वरित और पारदर्शी : मुख्य न्यायाधिपति श्री कैत

भोपाल :भारतीय न्याय व्यावस्था का आरंभ वैदिक काल में हुआ जहाँ सभा और समिति जैसी संस्थाओं के माध्‍यम से विवादों का निपटारा किया जाता था। सम्राट विक्रमादित्य के समय यह प्रणाली और अधिक सशक्त हुई। हमारे लिए आज भी उनकी न्याय प्रणाली की प्रासंगिकता अत्यंत महत्वपूर्ण है, समय बदल चुका है लेकिन न्याय की अवधारणा वही है जो विक्रमादित्य ने स्थापित की थी। सम्राट विक्रमादित्य ने न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और समान समाज की स्थापना की थी। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमादित्य का न्याय वैचारिक समागम के शुभारंभ अवसर पर कही। मुख्य न्यायाधिपति श्री सुरेश कुमार कैत ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य का शासन व्यवस्था प्रधान था, न कि व्यक्ति प्रधान। विक्रमादित्य का शासन तंत्र न्याय, प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक समरसता पर आधारित था। विक्रमादित्य का शासन एक संगठित और सुव्यवस्थित प्रणाली पर आधारित था। सम्राट विक्रमादित्य का न्याय त्वरित और पारदर्शी था। सम्राट विक्रमादित्य को न्याय और सुशासन का प्रतीक भी माना जाता है तथा आज भी सम्राट विक्रमादित्य न्याय की मिसाल दी जाती है।

विक्रमादित्य का न्यायिक वैभव अमर है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

वैचारिक समागम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन की धरा वैभव के साथ ही सम्राट विक्रमादित्य जैसे न्यायप्रिय की भी जन्मदायनी है। उज्जैन एक समय तक ज्ञान, विज्ञान, कला, संस्कृति, न्याय, सुशासन, व्यापार, व्यवसाय का एक सर्वमान्य केन्द्र रहा है। सभ्यता और संस्कृति की जन्म भूमि भारत अनादि काल से ही अत्यंत वैभवशाली राष्ट्र है।

भारत की उर्वरा भूमि ने पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, सम्राट अशोक, महाराजा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे अनगिनत वीरों का मार्ग प्रशस्त करने का श्रेय जिस वीर को जाता है, वे है उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य। विक्रमादित्य ने जो अदम्य पराक्रम दिखाया वह किसी के बस की बात नहीं। गणतंत्र की स्थापना का श्रेय सम्राट विक्रमादित्य को है। उन्होंने जो दान दिया वह आज तक किसी ने नहीं दिया। उनका नाम सदैव अमर रहेगा। सम्राट विक्रमादित्य‍का न्यायिक वैभव इतिहास में अमर है। भारत का इतिहास न्यास के आदर्शों से परिपूर्ण है। हम सभी ने सिंहासन बत्तीसी में बत्तीस पुतलियों के माध्यम से विक्रमादित्य के न्यायिक वैभव को पढ़ा और सुना है। वह संपूर्ण भारतीय जनमानस में आज भी एक प्रेरक कथा के रूप में जीवित है। विक्रमादित्य के शासन में न्याय केवल एक विधिक प्रक्रिया नहीं था बल्कि यह समाज के सामाजिक और नैतिक दायित्वों को भी ध्यान में रखते हुए एक सशक्त प्रणाली थी, जो समाज को न्याय और सदाचार की दिशा में अग्रसर करती थी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में न्याय व्यवस्था और सुशासन के लिये नवरत्नों का गठन किया गया था। राजा इन्हीं नवरत्नों के परामर्श से न्याय और प्रशासन करता था। सम्राट विक्रमादित्य के राज्य में बेताल कोई प्रेत नहीं थे, बल्कि न्यायविद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के अंदर प्रदेश में न्यायिक प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया जायेगा।


टैक्नोलॉजी हब बनने की ओर अग्रसर है मध्यप्रदेश
आईटी क्षेत्र में 64 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त

भोपाल :प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) भोपाल में कहा है कि देश के विकास में 3टी- टैक्सटाइल, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी की विशेष भूमिका रहेगी। मध्यप्रदेश अब पारंपरिक औद्योगिक राज्य नहीं, बल्कि भारत में टैक्नोलॉजी और इनोवेशन का हब बनने की ओर अग्रसर है। जीआईएस में पहली बार आईटी एवं टैक्नोलॉजी समिट का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह आयोजन राज्य के डिजिटल भविष्य के लिये मील का पत्थर साबित होगा। इस समिट में राज्य को टेक्नोलॉजी के नये केन्द्र के रूप में स्थापित किया। समिट में दुनिया के टेक लीडर्स, उद्योग विशेषज्ञों, निवेशको, इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स आदि ने भाग लिया।

राज्य को आईटी क्षेत्र में 64 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये। इससे प्रदेश में 1.8 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इन रोजगारों में युवाओं की भागीदारी सर्वाधिक रहेगी। टेक कंपनियों जैसे डिजिटल कन्वर्जेंस टेक्नोलॉजीज, थोलोन्स, एलसीना, श्रीटेक, केन्स टेक्नोलॉजी और बियॉन्ड स्टूडियोज आदि ने राज्य में निवेश किया है। ग्लोबल टेक कंपनियों ने भी मध्यप्रदेश में निवेश की रूचि दिखाई, जिनमें आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, बारक्लेज जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। राज्य के तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिये इन कंपनियों से एमओयू भी किये गये। इससे टेक्नोलॉजी, स्किल डेवलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।

जीआईएस भोपाल को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये पहली बार 6 विभागीय समिट का आयोजन किया गया। आईटी एवं टेक्नोलॉजी समिट में उद्यमियों एवं स्टार्ट-अप के लिये 4 विशेष सत्र आयोजित किये गये। इस समिट में सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग के साथ उद्योगों के विशेषज्ञों ने सीधे संवाद किया, राज्य की नीतियों पर चर्चा की और निवेश के नये अवसरों की रूपरेखा तय की। समिट में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिलाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, इनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी, सेमीकंडक्टर और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे उभरते विषयों पर राज्य की सम्भावित रणनीतियों पर चर्चा की गई। राज्य सरकार ने सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष कदम उठाये हैं।

जीआईएस- भोपाल में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की नवीन पॉलिसी को भी लॉन्च किया। प्रदेश को आईटी क्षेत्र निवेश अनुकूल बनाने के लिये मध्यप्रदेश एनीमेशन, वीआर, गेमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति- 2025, जीसीसी नीति- 2025, सेमी कंडक्टर नीति- 2025 और ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति- 2025 को लॉन्च किया गया। इन नीतियों में आईटी एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र निवेश आकर्षित करने के लिये वित्तीय एवं गैर वित्तीय प्रावधान किये गये हैं। भविष्य की संभावनाओं का ध्यान रखते हुये इन नीतियों को व्यापक और दूरदर्शी बनाया गया। आईटी उद्योगों के विशेषज्ञों द्वारा राज्य की नीतियों की सराहना विभागीय समिट के दौरान की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए नए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। इनमें एआई, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉक चेन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी अत्याधिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। जीआईएस- भोपाल ने निवेश आकर्षित करने साथ ही विचार मंथन, नीति निर्माण और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर प्रदान किया। विकसित भारत के साथ विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने के लिये आईटी क्षेत्र मध्यप्रदेश को निवेश, नवाचार और अवसरों की नई ऊंचाईयों तक ले जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने विक्रमोत्सव एवं विक्रम व्यापार मेले का किया शुभारंभ

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाशिवरात्रि के महापर्व पर राजाधिराज भगवान श्री महाकाल को दंडवत प्रणाम करते हुए कहा कि उज्जैन के आदर्श नायक सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन की तरह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष अपने अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। भारत की धरती के महानायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री वीर दुर्गादास राठौर को भी उन्होंने प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि हमारी धरती वीरों की धरती है। उज्जयिनी का हमेशा देश के नायकों में विशिष्ट स्थान रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात दशहरा मैदान, उज्जैन में विक्रमोत्सव-2025 के शुभारंभ अवसर पर कही।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य आदर्श व्यवस्था के पर्याय हैं। जब-जब सुशासन, धर्म, न्याय और कर्म की बात होती है, सम्राट विक्रमादित्य को स्मरण किया जाता है। अदम्य वीरता के साथ ही साथ महाराजा विक्रमादित्य अपने श्रेष्ठ शासन-प्रशासन के लिए विख्यात रहे हैं। महाराजा विक्रमादित्य ने अपनी संगठन शक्ति और शौर्य से विदेशी बर्बर आक्रान्ताओं जैसे शक, हूण, कुषाण अक्रांताओं को पराजित कर उनका समूल नाश किया। सम्राट विक्रमादित्य ने भारत वर्ष में विक्रम संवत की शुरूआत की और भारतीय काल गणना को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम भारतवंशी, विगत 2081 वर्षों से निरंतर विक्रम सम्वत् को अपनाए हुए हैं। सम्राट विक्रमादित्य और उनके नाम से चल रहे विक्रम संवत् की जैसी लोक ख्याति है, वैसी किसी दूसरे राजा या सम्वत्सर की नहीं है। सम्राट विक्रमादित्य की नवरत्न परंपरा आज तक हमारी स्मृतियों में है। कालिदास, वराहमिहिर, शंकु, क्षपणक, अमर सिंह, वररुचि, धनवंतरि, वेताल भट्ट, घटखर्पर जैसे श्रेष्ठ साहित्यकार, वैज्ञानिक और योद्धाओं के सहयोग और परामर्श से उन्होंने भारत की श्रेष्ठतम न्याय प्रणाली की स्थापना की। विक्रमादित्य हमारे लोकसिद्ध, कालसिद्ध जननायक हैं। ऐसे सम्राट जिनका नाम पदनाम बन गया। ऐसे नायक जिनकी गाथा विक्रम चरित्र, कालक-कथा, सिंहासन बत्तीसी, प्रबंध चिंतामणि जैसे ग्रंथों में मिलती है। देश के अनेक स्थानों पर सम्राट विक्रमादित्य ने मंदिरों का निर्माण और पुनर्निर्माण करवाया था।


उज्जैन में हुआ विक्रम उत्सव व्यापार मेले का शुभारंभ

भोपाल :

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्री महाकाल की नगरी में आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो आपके जीवन में सुरक्षा प्रदान करता है। मेले लोगों का जो उत्साह है वो अलग ही प्रतीत हो रहा है। प्रथम वर्ष में ही उज्जैन व्यापार मेले मे अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर ली थी। इस वर्ष उज्जैन व्यापार मेले में उम्मीद से अधिक व्यापार होने का अनुमान है।

उज्जैन में महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय पर्यटन संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं जिंबॉब्वे के उप मंत्री श्री मोदी के मुख्य अतिथ्य में उज्जैन के विक्रम व्यापार मेले का शुभारंभ हुआl इस अवसर पर स्थानीय विधायक श्री अनिल जैन कालूखेड़ा महापौर मुकेश टटवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव और अन्य जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह व्यापार मेला उज्जैन को व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। आज उज्जैन पर्यटन ,संस्कृति, धार्मिक नगरी के साथ व्यापार का भी बड़ा केंद्र बन गया है। उज्जैन विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां यहाँ आकर निवेश कर रही हैl

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश मध्यप्रदेश को प्राप्त हुआ है। उज्जैन जिले को इसका लाभ मिलेगा उज्जैन में भी अनेक कंपनियों के द्वारा निवेश के प्रस्ताव आए हुए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य का व्यापार विस्तृत प्रकार का रहा होगा, यह मेला उज्जैन के उस काल को याद दिलाता है, जब उज्जैनी को स्वर्ण नगरी भी कहा जाता था।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के काल गणना केंद्र के महत्व को भी बताया और यह भी बताया कि राशियों के अध्ययन् केंद्र बिंदु भी उज्जैन रहा है। वैदिक घड़ी इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। राजस्थान के राजा जयसिंह के द्वारा यहां पर कॉल गणना केंद्र स्थापित किया गया जो वैज्ञानिकता का सर्वोच्च उदाहरण है।

उज्जैन का हजारों वर्ष प्राचीन इतिहास है। यहां की धरा में अकूत रत्न स्वर्ण मुद्रा,वस्तुएं सोने के सिक्के हैं। उज्जैन व्यापार मेले में भी ऐसे ही सोने के सिक्के कर की छूट के रूप में प्राप्त हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो छूट आपको प्राप्त हो रही है, वह स्वर्ण के समान ही हैं। उज्जैन के नये युवा नवाचार करने के लिए आगे आए और व्यापार में नए आयाम स्थापित करें। उज्जैन नगरी को विक्रमादित्य की स्वर्ण नगरी के रूप में स्थापित करने के लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।

व्यापार मेले के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्राहकों को शुभकामनाएं देते हुए कार की चाबियाँ भी सौंपी। मेला परिसर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा जिला पंचायत की ग्राम पंचायत को गीला-सूखा कचरा एकत्रित करने के लिए 10 कचरा वाहन की चाबी भी सौंपी।

केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि आज उज्जैन का विकास दिख रहा है। उज्जैन नगरी का यह स्वर्णिम काल दिख रहा है आने वाले सिंहस्थ-2028 के पहले उज्जैन वास्तव में अपने उसे वैभव को प्राप्त कर लेगा जो हमने इतिहास में पढ़ा हैl उन्होंने उज्जैन के व्यापार मेले के नये आयाम स्थापित करने के लिये उज्जैन वासियों को शुभकामनाएं दी।

केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सोच और उनकी परिकल्पना से प्रदेश सभी क्षेत्रों मे प्रगति कर रहा है। दो दिनों तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इसका उदाहरण है।

जिम्बाब्वे के उप मंत्री श्री एम.के. मोदी ने कहा कि यहां आकर लग रहा है कि सरकार के द्वारा आम जनता के लिए बेहतर काम किया जा रहा है। मैं पहली बार देख रहा हूँ कि सरकार टैक्स में भी 50% की छूट देती है। उज्जैन वास्तव में व्यापार का केंद्र बने इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास बहुत ही शानदार हैं। जिम्बाब्वे के लोगों को इसके फायदों से भी हम अवगत कराएंगेl आने वाले समय में जिम्बाब्वे और मध्यप्रदेश एक-दूसरे से सीख कर आगे बढ़ेंगे।

उज्जैन विक्रम व्यापार मेले में 10 से अधिक कार कंपिनयों के द्वारा अपने स्टॉल यहां लगाए गए हैं। इसके साथ ही टू-व्हीलर ,इलेक्ट्रिक व्हीकल, कमर्शियल व्हीकल कंपनी के द्वारा भी अपने स्टॉल लगाए गए हैं।


समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करना, समाज को जागरूक करना और महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलाना आवश्यक
देश को आगे ले जाने के लिए सामाजिक चेतना आवश्यक है : राज्यपाल श्री पटेल
संत, सत्ता और शासन की त्रिवेणी के संगम से बागेश्वर धाम बना रहा है नये कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु की उपस्थिति में बागेश्वर धाम में हुआ 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह, राष्ट्रपति ने उपहार देकर की नव दम्पतियों के सुखमय जीवन की कामना
राज्यपाल श्री पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी दिया आशीर्वाद
नव दम्पतियों को भेंट स्वरूप दिए जाएंगे 51-51 हजार रूपए
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिरों की दान पेटियों की राशि, गरीब परिवारों की बेटियों के उत्थान में लगाने का किया आह्वान

भोपाल : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामय उपस्थिति में बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह महोत्सव हुआ। भव्य समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित सामूहिक विवाह में दाम्पत्य सूत्र में बंध रहे जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि समकालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और समाज को जागरूक करने के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पहल सराहनीय है। गुरूनानक देवजी, संत रविदास, कबीरदास, मीरा बाई जैसे कई संतों ने अपने उपदेशों से छुआछूत जैसी कुरीतियों को दूर करने और महिलाओं को समाज में उचित स्थान दिलाने का संदेश दिया है। समाज को सन्मार्ग दिखाने की संत परम्परा के इस उद्देश्य को बागेश्वर धाम प्रभावी रूप से आगे बढ़ा रहे है।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के सम्मुख जोड़ों की वरमाला रस्म संपन्न हुई, उन्होंने प्रतीक स्वरूप 3 जोड़ों को उपहार भेंट किए। श्री बागेश्वर धाम जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं 251 बेटियों में से 108 बेटियां जनजातीय समुदाय की हैं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के बागेश्वर धाम पहुंचने पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अंगवस्त्रम और तुलसी की माला भेंट कर उनका अभिनंदन किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान यंत्र, बालाजी सरकार का विग्रह, धाम से जुड़ा साहित्य और स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर धाम द्वारा आयोजित छठे सामूहिक विवाह महोत्सव पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन हुआ। समारोह में खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि देश वुमेन लेड डेवलपमेंट को लेकर अग्रसर है। ऐसे समय में बेटियों को सबल और सशक्त बनाने में सहयोग करना समाज और सरकार का कर्तव्य है। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए जन-जन को प्रतिबद्ध होना होगा। बेटियों के सशक्त होने से परिवार, समाज और देश सशक्त होगा। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि वर्ष 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक देश को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ हम अग्रसर हैं। हम ऐसे भारत का निर्माण करें, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हो अपितु सामाजिक समरसता से भी परिपूर्ण हो। देश पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध हो और आध्यात्म से विश्व को राह दिखाने में सक्षम हो। ऐसे राष्ट्र निर्माण में संतों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने संत समाज से मानव कल्याण की भावना के साथ देश में सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया।


शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी को देखते हुए किया जायेगा विकास : मंत्री श्री विजयवर्गीय
अनलॉकिंग लेण्ड वेल्यू विषय पर हुआ सत्र

भोपाल : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत वर्ष-2047 की कल्पना की है। इस लक्ष्य को हासिल करने में शहरों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नियोजित शहरी विकास के लिये केन्द्र सरकार प्रदेश को हरसंभव मदद करेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री खट्टर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मंगलवार को नगरीय प्रशासन द्वारा आयोजित अनलॉकिंग लेण्ड वेल्यू विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।

केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्री श्री खट्टर ने कहा कि मध्यप्रदेश में शहरों के नियोजित विकास को लेकर जो तीन पॉलिसी जारी की गई है, यह प्रदेश सरकार की ओर से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शहरों के विकास की बहुत संभावनाएं हैं। शहरों के समग्र विकास के लिये राज्य सरकार को सघन आबादी वाले शहरों पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने भोपाल, इन्दौर मेट्रो लाईन की चर्चा करते हुए कहा कि मेट्रो लाईन का विस्तार इस तरह से किया जाये कि इसका फायदा समाज के प्रत्येक वर्ग को मिल सके। उन्होंने मेट्रो पॉलिटन सिटी के विकास में एक विस्तृत योजना तैयार करने पर भी जोर दिया। केन्द्रीय मंत्री श्री खट्टर ने बढ़ती शहरी आबादी का आंकलन सही रूप में किये जाने की बात कही। शहरी क्षेत्र के परिवहन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के जरिये पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण और कार्बन क्रेडिट का फायदा देने वाली प्रोत्साहन नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता बताई।


मुख्यमंत्री ने सहकारिता के थीमेटिक सेशन को किया संबोधित
मप्र का सीपीपीपी मॉडल देश की सहकारिता में नई क्रांति लायेगा: सहकारिता मंत्री श्री सारंग
सीपीपीपी मॉडल की म.प्र. में शुरूआत

भोपाल :
मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में एमओयू की जानकारी

मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के अंतर्गत कुल राशि 2305 करोड़ रुपये की राशि के 19 एमओयू हुए हैं।

रिलायंस द्वारा राशि 1,000 करोड़ रुपये

वैद्यनाथ ग्रुप द्वारा निवेश का प्रस्ताव भी प्राप्त हुआ है।

मैजेस्टिक बासमती राइस प्राइवेट लिमिटेड रायसेन द्वारा राशि 1000 करोड़ रुपये

आरएम ग्रुप द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये

मशरूम वर्ल्ड भोपाल द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये

वी विन लिमिटेड भोपाल द्वारा राशि 40 करोड़ रुपये

न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा यूपी द्वारा राशि 30 करोड़ रुपये

एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राशि 25 करोड़ रुपये

सवीर बायोटेक लिमिटेड नोएडा यूपी द्वारा राशि 10 करोड़ रुपये


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। दुग्ध क्षेत्र, पर्यटन, एमएसएमई सहित हर क्षेत्र में सहकारिता का अलग ही महत्व है। सहकारिता के बिना कुछ भी संभव नहीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जीआईएस के दूसरे दिन थीमेटिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि जिस क्षेत्र में भी इन्वेस्टर काम करना चाहते हैं, म.प्र. सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मौजूदगी में 19 एमओयू होना क्रांतिकारी पहल है। यह सहकारिता और अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने के लिये उपयोगी साबित होंगे।


सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने को-ऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल की घोषणा कर सहकारिता क्षेत्र में सीपीपीपी के तहत कुल राशि 2305 करोड़ रूपये की राशि में 19 एमओयू किये गये। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल देश की सहकारिता को बदलने का काम करेगा। बिना सहकार के रोजमर्रा की जिंदगी नहीं जी सकते। सहकारिता क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का नेटवर्क बहुत बड़ा है। हर व्यक्ति तक पहुंच बनाने के लिए सहकारिता बड़ा माध्यम है।


ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सहकारिता क्षेत्र में 2305 करोड़ से अधिक के एमओयू

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्री विश्वास सारंग की उपस्थिति में निवेशकों ने किये 19 एमओयू

मध्यप्रदेश में सीपीपीपी- कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर होगा कार्य

मंत्री विश्वास सारंग ने की है सीपीपीपी मॉडल की शुरुआत

समिट में पहली बार किया गया है सहकारिता क्षेत्र का विशेष सत्र

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने निवेशकों को दी शुभकामनाएं

मंत्री सारंग ने की घोषणा, सहकारिता विभाग में निवेश विंग की होगी स्थापना

रिलायंस, वैधनाथ जैसी बड़ी कम्पनियां करेंगी सहकारिता क्षेत्र में निवेश


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के सपने को पूरा करने के लिये सहकारिता को मूल बनाया तो उस ध्येय तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकार से ही समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।


भोपाल :
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का मंगलवार को भोपाल आगमन पर आत्मीय स्वागत किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह शाम 4 बजे विशेष विमान से के राजकीय विमानतल पर पहुंचे।

राजकीय विमानतल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, खजुराहो सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधयों ने उनका पुष्प-गुच्छ भेंट कर हार्दिक अभिनंदन किया।

डीजीपी श्री कैलाश मकवाना, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायण चारी मिश्रा ने भी उनका स्वागत किया।


जीआईएस भोपाल के समारोह में केन्द्रीय गृह मंत्री ने की मध्यप्रदेश सरकार के नवाचारों की सराहना
जीआईएस से मिले 30.77 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
हमने निवेश के लिए बनाया है नया इको-सिस्टम
हमारी निवेश नीतियों को सबने सराहा, निवेशकों का बढ़ा है मध्यप्रदेश पर विश्वास
आरआईसी के सफल प्रयासों का प्रतिफल मिला जीआईएस में

भोपाल :
केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि भोपाल में सम्पन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सिफ मध्यप्रदेश की नहीं, यह देश की उपलब्धि है। उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, ‍जो मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है। निश्चित ही मध्यप्रदेश टॉप एचीवर बनेगा। केन्द्रीय मंत्री श्री शाह मंगलवार की शाम भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सूत्र वाक्य 'विरासत भी और विकास भी' को मध्यप्रदेश चरितार्थ कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष@2047 तक पूर्ण विकसित भारत का संकल्प किया है। भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इसमें मध्यप्रदेश अपना योगदान देते हुए महत्वपूर्ण सहयोगी राज्य सिद्ध होगा। मध्यप्रदेश ने लोकल और ग्लोबल दोनों स्तर पर प्रगति के प्रयासों में सहभागी बनने का सराहनीय कार्य किया है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बहुत सफल रही है। इसकी सफलता के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम बधाई और अभिनंदन की पात्र हैं। मध्यप्रदेश में इस समिट में हुए एमओयू जल्द ही मूर्त रूप लेकर प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेंगे।

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