×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 809

मुंबई में छुट्टी पर, दफ्तरों में लंच बॉक्स पहुंचानें वाले सभी कर्मचारी

मुंबई : भारत के साथ साथ पुरे विश्व में प्रसिद्ध डिब्बे वालों नें मुंबई में इन दिनों एक बड़ी मुहीम नें दफ्तरों में लोगों की साँसे अटका रखीं हैं. दरअसल मामला ये है कि

मुंबई में प्रतिदिन लाखों लोगों तक खाने का डिब्बा पहुंचाने वाले डिब्बावालों की सेवा अगले दो दिन के लिए बंद रहेगी. ये लोग आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पंढरपुर की वार्षिक यात्रा में शामिल होंगे. मुंबई डिब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तालेकर ने बताया कि आषाढ़ी एकादशी की वजह से 12 और 13 जुलाई को टिफिन सेवाएं बंद रहेंगी. 

स्वच्छता का देंगे संदेश 

अषाढ़ी एकादशी के दिन 12 जुलाई को पंढरपुर में चंद्रभागा नदी के किनारे साफ सफाई करके डिब्बेवाले स्वच्छता का संदेश देंगे. इसके लिए एकादशी के मौके पर मुंबई से हजारों डिब्बेवाले पंढरपुर पहुंचेंगे. मुंबई डिब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तलेकर के अनुसार जब सड़कों पर हजारों लोग चलेंगे तो स्वभाविक रूप से गंदगी होगी. इसलिए हमने लोगों से साफ-सफाई रखने की अपील की है. डब्बा एसोसिएशन के अध्यक्ष तालेकर ने कहा कि “आषाढ़ी एकादशी के मौके पर लाखों लोग पंढरपुर के विठ्ठल- रुक्मिणी मंदिर में दर्शन के लिए जुटेंगे. इसलिए मुंबई के हजारों डिब्बे वाले पंढरपुर के चंद्रभागा नदी के किनारे जाकर साफ-सफाई करेंगे. इसके साथ ही नदी की स्वच्छता के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाएंगे.”

तलेकर ने कहा कि “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के डिब्बेवालों को स्वच्छता दूत बनाया है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है. हम लोग मुंबई में दो दिन तक भोजन पहुंचाने का काम बंद करके पंढरपुर में लोगों को स्वच्छता का संदेश देंगे.” गौरतलब है कि मुंबई में प्रतिदिन लगभग पांच हजार डिब्बेवाले दफ्तरों में लोगों को भोजन पहुंचाते हैं. डिब्बेवाले मुंबई की उपनगरीय लोकल गाडिय़ों में सफर करके भोजन का डिब्बा पहुंचाने का काम करते हैं. बता दें कि डब्बे वालों की ज़िन्दगी पर विश्वभर से आये रिसर्च करने वाले और अलग अलग डाक्यूमेंट्री शूट करनें वालों नें काफी रिसर्च किया है, जिसमें इनके प्रबंधन और कौन सी टिफ़िन किस दफ्तर में जाएगी, इसका अनुमान लगनें और उसी व्यक्ति तक पहुंचनें की अद्भुत कला के मुरीद भी हुए हैं.

डिब्बे वालों पर वैसे तो काफी फिल्में बनीं हैं पर “द लंचबॉक्स” उनमें सबसे प्रचलित फिल्म है.

18 साल के इतिहास में इस बहस में 'मध्य-रात्रि' तक लगी रही संसद, देखें रिपोर्ट

फेसबुक में हमारे पेज को ज़रूर लाइक करें

नीचे दिए स्टार्स में क्लिक करके हमारी खबर को रेटिंग दें

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Saturday, 13 July 2019 20:49

Ads

R.O.NO. 13380/77 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक