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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर कुलदीप यादव आजकल अभ्यास में लगे हुए हैं। कुलदीप ग्रोइन इंजरी के लिए हुई सर्जरी के बाद पहली बार खेलते दिखेंगे। वह आजकल नेशनल क्रिकेट एकेडमी में गेंदबाजी का अभ्यास कर रहे हैं। कुलदीप को इंग्लैंड के खिलाफ 22 जनवरी से शुरू होने वाली टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना नहीं गया है पर उन्हें अगले माह होने वाले एकदिवसीय सीरीज और चैम्पियंस ट्राफी के लिए टीम में जगह मिली है। भारत को फऱवरी के पहले हफ्ते में इंग्लैंड से 3 वनडे खेलने हैं और कुलदीप की नजरे इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में बेहतर प्रदर्शन पर होगी। हालांकि, अभी ये साफ है कि वो 100 फीसदी फिट नहीं है। कुलदीप यादव पिछले साल अक्टूबर से ही मैदान से दूर हैं। वो न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे से भी बाहर थे। वहीं अब पता चला है कि कुलदीप पूरी ताकत से गेंदबाजी कर रहे हैं । उनके अलावा तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी फिट हो गये हैं। वह भी आभी अभ्यास में लगे हैं।

 


मुंबई । दिग्गज एथलीट मो फराह ने कहा है कि भारत में अन्य खेलों के साथ ही एथलेटिक्स भी अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि अधिक से अधिक युवा इस क्षेत्र में आगे आ रहे है जो एक सकारात्मक बात है। युवा खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से एथलेटिक्स के क्षेत्र को बदल सकते हैं। फराह ने कहा है कि आजकल भारत में एथलेटिक्स तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और युवाओं में इतनी क्षमता है कि वे इस क्षेत्र में बेतर प्रदर्शन कर सकते हैं क्योंकि उनमें काफी प्रतिभा है। फराह ने कहा कि जिस प्रकार भारत खेल में तेजी से आगे बढ़ रहा है वह सभी को प्रभावित कर रहा है। टाटा मुंबई मैराथन के 20वें सत्र के ब्रांड दूत बनने पर भारत आये फराह ने कहा, ‘‘देश के विकास, युवा एथलीटों की प्रतिभा को देखना एक शानदार अनुभव है। आप अगर कड़ी मेहनत करें तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है और यही भारत में भी हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि भारत में एथलेटिक्स लगातार आगे बढ़ रहा है। यह हालांकि अभी नंबर एक पर नहीं पहुंचा है पर इसमे तेजी आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे राष्ट्रमंडल खेलों और अन्य चैंपियनशिप के लिए भारत आना याद है। युवा एथलीटों को यहां प्रदर्शन कतरे देखना अच्छा सुखद अनुभव है।

लंदन । इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज माइकल एथरटन भी भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के प्रशंसक बन गये हैं। एथरटन ने कहा कि मैं खुशकिस्मत हूं क्योंकि बुमराह उस समय नहीं थे। बूमराह बॉर्डर गावस्कर सीरीज में 32 विकेट लेने के कारण प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। एथरटन ने पूर्व कप्तान नासिर हुसैन से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात से कितनी राहत मिली है कि उनके खेल करियर के दौरान बुमराह क्रिकेट जगत का हिस्सा नहीं थे। एथरटन को अपने करियर में सबसे अधिक 23 बार ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने अपना शिकार बनाया था।
एथरटन ने जवाब दिया, मुझे खुशी है कि बुमराह मेरे समय में नहीं था। उसका सामना करना एक बुरे सपने जैसा लगता है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अपरंपरागत एक्शन वाले गेंदबाजों का सामना हमेशा कठिन रहा है। जब मैंने एलन डोनाल्ड और ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों का सामना किया, तो उनके पास सुंदर गेंदबाजी एक्शन थे। मैं गेंद को स्पष्ट रूप से देख सकता था और उसके अनुसार अपनी प्रतिक्रियाएं दे सकता था पर बुमराह की गेंदबाजी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जब आप बुमराह को देखते हैं, तो गेंद समझना एक वास्तविक चुनौती बन जाती है। अधिकांश आधुनिक बल्लेबाज गेंद फेंकने से पहले ट्रिगर मूवमेंट का उपयोग करते हैं पर बुमराह ऐसा नहीं करते हैं। गेंद को बल्लेबाज के करीब छोड़ने की उनकी क्षमता, कलाई के विशिष्ट स्नैप और कोहनी के हाइपरएक्सटेंशन की विशेषता, उन्हें सामना करने के लिए एक मुश्किल गेंदबाज बनाती है।

Kuldeep Yadav: भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने 22 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली व्हाइट-बॉल सीरीज और आगामी ICC चैंपियंस ट्रॉफी से पहले टीम इंडिया में वापसी की तैयारी के लिए नेट्स में अभ्यास करना शुरू कर दिया है. इंस्टाग्राम पर कुलदीप ने नेट्स में गेंदबाजी करते हुए एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह अपने अभ्यास सत्र में पूरी तरह से "लटके हुए" दिख रहे हैं. पिछले साल नवंबर से इस साल जनवरी तक आयोजित ऑस्ट्रेलिया के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दौरे के लिए कुलदीप चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे, क्योंकि न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की समाप्ति के बाद उन्हें अपने पुराने बाएं कमर के दर्द के दीर्घकालिक समाधान के लिए BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रेफर किया गया था.

कुलदीप यादव के पास ये खास रिकॉर्ड बनाने का मौका
भारत के लिए उनका आखिरी प्रदर्शन न्यूजीलैंड सीरीज का पहला टेस्ट था, जिसमें उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में तीन विकेट लिए थे. जब वह वापस आएंगे, तो कुलदीप के पास 300 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा. 159 अंतरराष्ट्रीय मैचों में, उन्होंने 22.50 की औसत से 297 विकेट लिए हैं, जिसमें 6/25 का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन रहा है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आठ बार 5 विकेट लिए हैं.

BCCI: ऑस्ट्रेलिया दौरे से हार का जख्म लेने के बाद भारतीय मैनेजमेंट में घमासान देखने को मिल रहा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में एक मीटिंग की थी, जिसमें कप्तान रोहित शर्मा, चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और हेड कोच गौतम गंभीर समेत जरूरी सदस्य मौजूद रहे. जिसके बाद अब बड़ी खबर सामने आ रही है जिससे समझ आता है कि बोर्ड के रडार में मौजूदा अभिषेक नायर हैं और कोचिंग स्टाफ में नए बैटिंग कोच के शामिल होने की संभावना है.

11 जनवरी को BCCI की मुंबई में मीटिंग हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक सहयोगी स्टाफ की भूमिका पर बातचीत हुई. भारतीय पुरुष टीम के कोचिंग स्टाफ में एक नए सदस्य, खास तौर पर बल्लेबाजी कोच को शामिल करने की संभावना तलाश रहा है. हालांकि, इसपर फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है. लेकिन BCCI भविष्य को देखते हुए कोचिंग स्टाफ को मजबूत करने पर विचार कर रहा है.

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ मोर्ने मोर्केल बॉलिंग कोच हैं. वहीं, अभिषेक नायर और रेयान टेन डोशेट सहायक कोच के तौर पर भारतीय कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी ने निराश किया. सीनियर प्लेयर्स पूरी तरह से फ्लॉप नजर आए. जिसके चलते अब बोर्ड नए बैटिंग कोच की तलाश में है. क्रिकबज के मुताबिक कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें घरेलू क्रिकेट के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद BCCI एक्शन में आ चुका है. टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया में फुस्स होने के बाद अब घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते नजर आ सकते हैं. वहीं, ऋषभ पंत ने भी अपनी मौजूदगी की पुष्टि कर दी है.

 


Shefali Verma: शेफाली वर्मा ने अपनी बैटिंग को लेकर हाल में खूब सुर्खियां बटोरी. उन्होंने सीनियर महिलाओं की वनडे चैलेंजर ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए 5 मैचों में 1 शतक और 3 अर्धशतक के साथ 444 रन जड़े. इस शानदार प्रदर्शन के बाद शेफाली की एक बार फिर से टीम इंडिया में वापसी भले ही होती दिखे. लेकिन तब क्या हुआ था जब उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था? भारतीय क्रिकेट की इस महिला ओपनर को पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में नहीं चुना गया था. टीम से निकाले की उस खबर को उस वक्त शेफाली अंदर ही अंदर दबा गईं. उन्होंने उसे अपने पिता को नहीं बताया.

पिता को आया था हार्ट अटैक
20 साल की शेफाली ने टीम से निकाले जाने की खबर पिता को इसलिए नहीं बताई क्योंकि उन्हें 2 दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था. अब ऐसी हालत में वो उन्हें खुद के बाहर होने की खबर सुनाती तो मामला और बिगड़ सकता था. उसने बाद में खबर बताने का फैसला लिया.

शेफाली ने हफ्ते भर बाद बताई पिता को खबर
शेफाली वर्मा ने बताया कि वो पिता को बताना नहीं चाहती थी क्योंकि दो दिन पहले ही उन्हें हार्ट अटैक आया था. उन्होंने तब तक उनसे वो खबर बचाए रखी, जब तक वो ठीक नहीं हो गए. शेफाली ने बताया कि वो अस्पताल में ही थे जब हफ्ते भर बाद उसने टीम से ड्रॉप किए जाने की खबर अपने पिता संजीव वर्मा को बताई.

पिता ही थे शेफाली के पहले कोच
शेफाली के लिए उनके पिता काफी मायने रखते हैं. वही उनके पहले कोच भी हैं. बचपन में वो शेफाली को रोजाना सुबह 5 बजे उठाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस कराने ले जाते थे. अब एक बार फिर से उनकी ख्वाहिश अपनी बेटी को भारतीय टीम की जर्सी में देखने की है. शेफाली की ओर से इसकी कोशिश की जा चुकी है. इंतजार बस अगले टीम सेलेक्शन का है.

पिछले कुछ समय में नतीजे भारतीय टीम के पक्ष में नहीं रहे हैं. पिछले साल T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से ही वनडे और टेस्ट में टीम इंडिया ने संघर्ष किया है. इससे ना सिर्फ कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर बल्कि BCCI पर भी दबाव बढ़ा है. इसलिए वो कई बड़े बदलाव करने के बारे में सोच रही है. इसके लिए उसने मुंबई में एक रिव्यू मीटिंग भी रखी थी. इस दौरान टीम के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए काफी मंथन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काफी सोच-विचार के बाद विराट कोहली की सख्त फिटनेस नीति को वापस लाने का प्रस्ताव सामने रखा गया है, जिसका गंभीर कोच बनने से पहले विरोध कर चुके हैं.

खिलाड़ियों के लिए नया फिटनेस स्टैंडर्ड
विराट कोहली क्रिकेट में अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते हैं. इसी चीज को उन्होंने अपनी कप्तानी के दौरान टीम इंडिया पर भी लागू किया था. वो चाहते थे हर खिलाड़ी फिट हो, जिससे उसके ओवरऑल प्रदर्शन में निखार आए. इसलिए यो-यो टेस्ट को लागू किया था. टीम में जगह पाने के लिए हर खिलाड़ी के लिए इसे पास करना जरूरी होता था. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अब BCCI वापस उनकी इस नीति को लागू करने के बारे में सोच रही है. ज्यादातर खिलाड़ी अपने फिटनेस को लेकर सीरियस हो गए थे. इसलिए BCCI ने इसमें ढील दे दी थी और सारा फोकस उनकी इंजरी की समस्या पर शिफ्ट कर दिया था. लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने इसका फायदा उठाते हुए लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है. यही कारण है कि बोर्ड ने फिर से फिटनेस के लिए कड़े नियम लाने को मजबूर हो गया है. खिलाड़ियों के लिए एक फिटनेस स्टैंडर्ड जल्द ही लागू किया जा सकता है.

नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अभी तक पूरी तरह से फिट नहीं हुए हैं। बुमराह के अगले माह 19 फरवरी से होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के शुरुआती मैचों से बाहर होने की संभावना है। इससे भारतीय टीम को झटका लग सकता है। बुमराह ग्रुप स्तर के मैचों से बाहर हो सकते हैं। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट के दौरान उनकी पीठ में ऐंठन आ गयी थी जिससे वह अभी तक नहीं उबरे हैं।
आज तक की जानकारी के अनुसान बुमराह की पीठ में सूजन है और उन्हें बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में पहुंचने को कहा गया है। इसमें उनके रिहैब का ध्यान रखा जाएगा। भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी के अपने मुकाबले दुबई में खेलेगी।
अब चयनकर्ता इस बात को लेकर विचार कर रहे हैं कि बुमराह को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया जाए या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रिजर्व खिलाड़ियों की सूची में रखा जाए। एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई आईसीसी को एक अस्थायी टीम की सूची देगा। चयनकर्ताओं के पास अभी बुमराह की फिटनेस पर नजर रखने का समय है। इस तेज गेंदबाज की शुरुआती रिपोर्ट में उन्हें फ्रैक्चर नहीं है पर उनकी पीठ में सूजन है। एनसीएक में रिकवरी के बाद वह एक या दो अभ्यास मैच खेलेंगे। इससे पता चलेगा कि वह कितने फिट हैं। ”


मंडी,। मंडी शहर के रहने वाले क्रिकेट प्लेयर ऋषि धवन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रह चुके हैं और कई मैच इन्होंने इंडिया के लिए खेले हैं। यही नहीं ऋषि धवन इंडिया में खेलने के साथ आईपीएल में भी अपने खेल का प्रदर्शन किंग्स इलेवन पंजाब टीम में रहकर दिखा चुके हैं।
ऋषि धवन और उनके छोटे भाई राघव धवन दोनों को क्रिकेट पसंद हैं और दोनों भाई खेलते भी अच्छा हैं जिसकी प्रशंसा लोग करते थे। ऋषि धवन बचपन से ही मंडी के पड्डल मैदान से जुड़े थे और रोज सुबह-शाम प्रैक्टिस करने यहां जाते थे और पसीना बहाते थे और इसकी के फल स्वरूप उनकी मेहनत का फल उन्हें मिला और वह इंडिया में सेलेक्ट हुए। छोटी काशी मंडी ने कई ऐसे रत्न देश को दिए, जिन्होंने देश का नाम रौशन किया।
ऋषि धवन ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके करियर की शुरुआत से लेकर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने तक, यह उनके लिए गर्व का पल रहा है। क्रिकेट उनका जुनून रहा है और हर सुबह जागने का कारण भी। वह अपने कोचों, गुरुओं, टीम के साथियों और सहयोगी स्टाफ को उस बहुमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं, जो उन्हें उस व्यक्ति के रूप में आकार देने में दिया है जो मैं आज हूं। धवन ने प्रशंसकों के लिए कहा कि वह मेरे लिए इस खेल की आत्मा और खून हैं। उनका चीयर करना हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगा। फैंस से जो प्यार मिला है, उसे वह हमेशा संजोकर रखेंगे।

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के मशहूर क्रिकेटर और पूर्व कप्तान शॉन पोलाक ने कहा कि आईसीसी क्रिकेट काउंसिल गेंदबाजों को वाइड पर छूट देने की दिशा में काम कर रही है क्योंकि मौजूदा नियम के मुताबिक यह गेंदबाजों के लिए बहुत सख्त है। खासकर तब जब बल्लेबाज खेलते समय इधर उधर हिलता है। पोलाक आईसीसी के लिए मीडिया का प्रतिनिधत्व करते हैं।
पोलाक ने कहा कि वह आईसीसी क्रिकेट समिति का हिस्सा हैं और हम वाइड गेंद पर गेंदबाजों के लिए कुछ और छूट देनेन पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि इसको लेकर नियम गेंदबाजों के प्रति बहुत सख्त है। अगर कोई बल्लेबाज आखिरी मिनट में हिलता है, तो इससे गेंदबाज की पोजिशन में बदलाव होता है। ऐसे में उसका लय बिगड़ जाता है।
पोलाक ने कहा कि मौजूदा नियमों के मुताबिक अगर गेंदबाज के गेंद को फेंकने से पहले बल्लेबाज अपनी जगह बदलता है तो इससे गेंद वाइड दे दी जाती है। इस नियम में थोड़ा बदलाव चाहता हैं। वह चाहता हैं कि एक गेंदबाज को रन अप के समय पता होना चाहिए कि उसे कब, क्यों या कैसी गेंद फेंकनी है। उन्होंने कहा कि एक गेंदबाज से यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह गेंदबाजी करते समय आखिरी सेकंड में अपनी रणनीति बदल देगा। उसे पहले ही पता होना चाहिए कि उसे कहां गेंद करनी है। इसी पर चर्चा कर किया जा रहा है।

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