रायपुर :राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अपने बीजापुर प्रवास के दौरान एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत कलेक्टोरेट परिसर में वृक्षारोपण किया।
श्री डेका ने सभी अधिकारियों को कम से कम एक पेड़ लगाने एवं उसकी समुचित देख-रेख करने करने के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने कहा।

रायपुर : बीजापुर जिला आगमन पर राज्यपाल श्री रमेन डेका का रेडक्रॉस सोसायटी के वालिंटियर्स ने आत्मीय स्वागत किया।
जिला कार्यालय परिसर में विहान दीदीयों द्वारा आजीविका मिशन से जुड़कर आर्थिक गतिविधियों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई थी जिसका अवलोकन कर श्री डेका उनके आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली।
इस दौरान टीबी के 10 मरीजों को राज्यपाल ने प्रधानमंत्री निक्षय पोषण योजना के तहत पोषण आहार किट प्रदाय किया और उनको अपने सेहत का ध्यान रखने दवाईयों का समय पर सेवन करने की समझाइश दी गई।

रायपुर : बीजापुर जिले में प्रथम बार राज्यपाल का आगमन हुआ। श्री रमेन डेका पहले राज्यपाल हैं जो बीजापुर जिले के प्रवास पर आए। उन्होंने विकास कार्यों का अवलोकन किया और जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।
विभागवार समीक्षा करते हुऐ राज्यपाल श्री रमेन डेका ने बीजापुर में व्याप्त कठिनाईयों के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा जनहित के कार्याे तथा केद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन पर जिला प्रशासन की सराहना की।
बिहान समूह की महिलाओं के आजिविका गतिविधियों को जानकर खुशी जाहिर की। महिलाओं ने अपनी आर्थिक गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। श्री डेका ने बीजापुर जैसे माओवाद प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास के साथ-साथ लोगों को समुचित रूप से योजनाओं से लाभान्वित कर उनके जीवन स्तर में व्यापक सुधार लाने पर जोर दिया। गारमेंट फैक्ट्री में नक्सल पीड़ित परिवारों को रोजगार देने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित करें।
राज्यपाल ने जल संचयन हेतु चेकडेम, स्टाप डेम, अमृत सरोवर जैसे स्ट्रक्चर से जल स्तर पर व्यापक सुधार लाने हेतु कार्य योजना बनाकर काम करने को कहा एवं जिले के जल स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि के लिए जनजागरूकता लाने लोगों के बीच जाएं और उन्हें आमदनी बढ़ाने के लिए प्रेरित करें।
श्री डेका ने टी.बी. की रोकथाम, निक्षय मित्र बनकर पोषण किट प्रदाय कराने, टीबी के प्रति व्यापक स्तर पर जागरूकता लाकर जिले को टीबी मुक्त बनाने, बच्चों के शारीरिक मानसिक, विकास के लिए कार्य करने, जिले में बाल विवाह के प्रति स्थानीय स्तर पर जागरूकता लाने, बाल विवाह के दुष्परिणाम से लोगो को अवगत कराने तथा टीकाकरण की प्रगति के संबंध में चर्चा की।
श्री डेका ने जिला प्रशासन द्वारा शाला त्यागी बच्चों को स्कूल से जोड़ने की पहल को कारगर बताते हुए कहा कि शिक्षा का महत्व हर पालक समझे इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना आवश्यक है ताकि हर बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ सके। जिले में विकास कार्याे में आने वाली बाधाओं का बारीकी से अवलोकन करते हुऐ शासन के योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
आकांक्षी जिला के रूप में बीजापुर जिले की उपलब्धि एवं विभिन्न पैरामीटर में किए गए कार्याे की जानकारी लेते हुए कहा कि जिले के समग्र विकास के लिए अपना शतप्रतिशत दें, विभागीय अमला आपसी समन्वय के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन करें ताकि बीजापुर जिले का समग्र विकास हो सके।
बैठक में राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

रायपुर : 1 मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियों को प्राप्त होने वाली कतिपय सुविधाएं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव तथा पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य एवं डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य राज्य मद से मात्र राज्य छात्रवृत्ति तथा शिष्यवृत्ति प्रदान किये जाने एवं छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के अधीन प्रवेश दिए जाने की सुविधा प्रदान करने की सहमति दी है।

2 मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत घर की छतों में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

 

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 21 जून को जशपुर जिले के तपकरा में आयोजित वृहद एवं भव्य कार्यक्रम में चरण पादुका वितरण योजना प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री इस मौके पर तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को चरण पादुका प्रदान करेंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार का राज्य के तंेदूपत्ता संग्राहकों से किया गया एक और वादा पूरा होगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने संकल्प पत्र में चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किये जाने का वादा किया था, जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बंद कर दिया था। छत्तीसगढ़ की संवेदनशील सरकार द्वारा पुनः शुरू की जा रही यह योजना राज्य के तंेदूपत्ता संग्राहक परिवारों की गरिमा और सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है। यह योजना सीधे-सीधे राज्य के 12 लाख 40 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों की महिलाओं को लाभ पहुंचाएगी, जिन्हें चरण पादुका का निःशुल्क वितरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता हमेशा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक न्याय और सुविधा पहुंचाना है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों का राज्य की अर्थव्यवस्था और वनोपज आधारित आजीविका में अमूल्य योगदान है। चरण पादुका योजना हमारे संकल्प पत्र का वादा था, जिसे हम पूरा करने जा रहे है। यह सिर्फ चरण पादुका का वितरण नहीं, बल्कि संग्राहक परिवार के स्वाभिमान और सुरक्षा का प्रतीक है।

चरण पादुका वितरण योजना की शुरूआत इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार तंेदूपत्ता संग्राहक परिवारों की आवश्यकता, सम्मान और गरिमा का ध्यान रख रही है। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार की महिलाओं को सम्मान देना है, बल्कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में काम करने वाली संग्राहक महिलाओं की सुविधा सुनिश्चित करना भी है।

"एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि योग शरीर का रोग मिटाकर इसे विकार मुक्त करता है। स्वस्थ काया के लिए सबको रोज योग करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पुरातन योग पद्धति को अब अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिल चुकी है और इसीलिए सिर्फ भारत में नहीं, वरन् पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 21 जून को होने वाले आयोजन की तैयारी को लेकर समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम, 2025 का अनुमोदन किया गया है। अनुमोदन अनुसार आरक्षित वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर उनके हितों को संरक्षित किया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिये 20% एवं अनुसूचित जाति के लिये 16% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोकसेवकों को भी मेरिट के आधार पर पदोन्नति प्राप्त करने का अवसर दिया गया है।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर शुरू किया गया जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय सशक्तिकरण और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदाय के नागरिकों का कल्याण, सशक्तिकरण और विकास करना है। सरकार का यह प्रयास है कि जनजातीय समुदाय के जो नागरिक अभी तक सरकार की सेवाओं, सुविधाओं और योजनाओं से वंचित रह गए हैं, उन्हें लाभान्वित किया जाएं। उनकी देश के विकास में सहभागिता को सशक्त नागरिक के रूप में सुनिश्चित किया जाए। राज्यपाल श्री पटेल धरती आबा अभियान के तहत सीहोर जिले के ग्राम झोलियापुर में आयोजित राज्य स्तरीय शिविर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पीएमएफएमई पर एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

भोपाल : प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन की भूमिका महत्वपूर्ण है। डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन और बैंक मिलकर योजनाओं के प्रकरणों की स्वीकृति में समन्वय से कार्य करें, जिससे 7 हजार प्रकरण स्वीकृति का लक्ष्य समय-सीमा में प्राप्त किया जा सकें। यह बात अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्री अनुपम राजन ने आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के सभागार में पीएमएफएमई योजनान्तर्गत बैंकर्स और डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन की संयुक्त कार्यशाला में कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा जिन राज्यों में पीएमएफएमई योजना में बेहतर कार्य हुआ है, वहाँ डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन को केस स्टेडी के लिए भेजा जायेगा।

अपर मुख्य सचिव श्री राजन ने कहा कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए आवश्यक है कि किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर प्रेरित किया जाये, उद्यानिकी फसलों को खाद्य प्र-संस्करण से परिष्कृत किया जाये। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए ही भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना प्रारंभ की गई है। मध्यप्रदेश में योजना का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से किया गया है। योजना के लक्ष्यों की प्रा‍प्ति के लिये जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। नाबार्ड और एनआरएलएम के स्व-सहायता संगठनों से समन्वय स्थापित कर ऋण प्रकरण तैयार कराये जायें।

आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण श्रीमती प्रीति मैथिल ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य डिस्ट्रिक रिसोर्स पर्सन और बैंकर्स को एक मंच पर लाकर योजना के क्रियान्वयन को आसान बनाना है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि उद्योग समागम के माध्यम से खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करने का कार्य प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में अच्छे ऋण प्रकरण तैयार हो सके, बैंकर्स प्रकरणों का गंभीरता से अध्ययन कर समय-सीमा में स्वीकृति प्रदान करें, इस प्रकिया में रिर्सोस पर्सन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि छोटे और नये उद्यमियों को नवीनतम उपकरण उपलब्ध कराये जायें, जिससे उनकी उत्पादन लागत नियंत्रित रहेगी। उन्होंने कहा कि आपसी संवाद की यह प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रखी जायेगी।

 

नई दिल्ली। बॉलीवुड के मशहूर प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला के बेटे सुभान नाडियाडवाला जल्द ही फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रहे हैं। उनकी डेब्यू फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है, और इस प्रोजेक्ट का एक खास कनेक्शन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फिल्म 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री से जुड़ी है। आइए, इस खबर की पूरी डिटेल्स आसान हिंदी में जानते हैं।

सुभान की डेब्यू फिल्म होगी खास
साजिद नाडियाडवाला के बेटे सुभान नाडियाडवाला अपनी पहली फिल्म के साथ निर्देशन में डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म का नाम अभी सामने नहीं आया है, लेकिन यह एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसकी शूटिंग शुरू हो चुकी है। सुभान ने इस प्रोजेक्ट को अपने प्रोडक्शन हाउस, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट (NGE) के तहत बनाया है। फिल्म में नई प्रतिभाओं को मौका दिया गया है, और इसका म्यूजिक भी खास होने वाला है।

दिव्या भारती से खास कनेक्शन
इस फिल्म का सबसे रोचक पहलू इसका दिव्या भारती से कनेक्शन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुभान की यह फिल्म 1997 में रिलीज हुई फिल्म ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं से प्रेरित है, जिसमें दिव्या भारती और जितेंद्र लीड रोल में थे। यह फिल्म उस समय बॉक्स ऑफिस पर औसत रही थी, लेकिन इसका गाना ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं आज भी फैंस के बीच मशहूर है। सुभान की फिल्म इस कहानी को नए अंदाज में पेश करेगी, जिसमें 90 के दशक की रोमांटिक वाइब्स को आज के दौर के साथ जोड़ा जाएगा।

साजिद नाडियाडवाला का सपोर्ट
साजिद नाडियाडवाला अपने बेटे सुभान के इस डेब्यू प्रोजेक्ट में पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। साजिद, जो किक, टाइगर जिंदा है, और सिकंदर जैसी सुपरहिट फिल्मों के प्रोड्यूसर हैं, ने सुभान को क्रिएटिव आजादी दी है। साजिद ने सुभान को सलाह दी कि वे अपनी कहानी पर भरोसा रखें और नए टैलेंट को मौका दें। सुभान ने पहले NGE में इंटर्नशिप की थी, जहां उन्होंने प्रोडक्शन और डायरेक्शन के गुर सीखे।

दिव्या भारती का साजिद नाडियाडवाला से गहरा नाता रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिव्या और साजिद की मुलाकात 1992 में फिल्म शोला और शबनम के सेट पर हुई थी, जहां गोविंदा ने उनकी मुलाकात कराई। दोनों की दोस्ती जल्द ही प्यार में बदली, और 1992 में उन्होंने शादी कर ली। दुर्भाग्यवश, 1993 में सिर्फ 19 साल की उम्र में दिव्या भारती का निधन हो गया। सुभान की यह फिल्म दिव्या के फैंस के लिए एक इमोशनल ट्रिब्यूट की तरह है।

 

Page 1 of 4241
  • R.O.NO.13286/69 "
  • R.O.NO. 13259/63 " A

Ads

R.O.NO. 13286/69

MP info RSS Feed

फेसबुक