ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हेलिकॉप्टर से पचमढ़ी पहुंचे हैं। वे यहां बीजेपी विधायकों-सांसदों के प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ करेंगे। आज से शुरु हो रहा यह कार्यक्रम 16 जून तक चलेगा जिसमें प्रदेश के सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को चुनाव मैनेजमेंट से लेकर स्पीच स्किल और मोबाइल मैनर भी सिखाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पचमढ़ी पहुंच चुके हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम में तीनों दिन मौजूद रहेंगे।इस प्रकार राज्य सरकार 3 दिन तक पचमढ़ी से चलेगी।
पचमढ़ी के कैंट इलाके में बीजेपी विधायकों और सांसदों के तीन दिनी प्रशिक्षण वर्ग की आज से शुरुआत हो रही है।
राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों विधायकों के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक एल मुरूगन, दुर्गादास उईके, सावित्री ठाकुर यहां पहुंच चुके हैं। वरिष्ठ नेताओं ने अटल वाटिका पार्क में एक पेड़ मां के नाम अभियान में पौधे रोपे।
सुबह 6 बजे जागेंगे, करेंगे योग प्राणायाम
राज्य के सभी बीजेपी एमपी, एमएलए यहां 3 दिन तक रहेंगे। उन्हें रोज सुबह 6 बजे जागना होगा, योग प्राणायाम भी करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। जब ब्रेक होगा तब ही एमपी, एमएलए मोबाइल का उपयोग कर सकेंगे।
भोपाल। फ्रांस और मध्यप्रदेश के बीच संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष मुख्यमंत्री निवास, समत्व में एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह मध्यप्रदेश को भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक एवं पर्यटन सहयोग का नया केंद्र बनाएगा।
इस ऐतिहासिक एमओयू पर भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ, प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और अलायंस फ्रांसेज डी भोपाल के अध्यक्ष अखिलेश वर्मा ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता अगले तीन वर्षों के लिए वैध होगा और आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत और फ्रांस के साथ सम्बन्ध हमेशा से अच्छे रहे है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के फ्रांस दौरे के बाद यह और प्रगाढ़ हुए है। मध्यप्रदेश फ्रांस के साथ सांस्कृतिक संबंधों के साथ व्यापारिक सम्बन्धों के लिए भी तत्पर है। उनकी आगामी माह फ्रांस यात्रा प्रस्तावित है।
भारत और फ्रांस के बीच औद्योगिक विकास की दृष्टि से, उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और शिल्प कलाओं को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से परस्पर सहयोग की संभावनाओं पर कार्य किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन मध्यप्रदेश को न केवल देश की सांस्कृतिक राजधानी बल्कि एक प्रगतिशील, वैश्विक पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की हमारी दूरदृष्टि को साकार करता है। प्रदेश के कलाकारों को वैश्विक मंच मिलेगा और फ्रांस तथा यूरोप से आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ ने इस साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "हमें मध्यप्रदेश सरकार के साथ इस महत्वपूर्ण सहयोग को स्थापित करते हुए बहुत खुशी हो रही है। फ्रांस मुख्य रूप से पर्यटन, सुरक्षा, पर्यावरण और शिक्षा पर विशेष रूप से कार्य करता है। यह एमओयू दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा, जिससे कला, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।"
एमओयू के तहत प्रमुख रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संयुक्त आयोजन किया जाएगा, जिसमें कला उत्सव, संगीत, नृत्य, प्रदर्शनियां, फिल्म स्क्रीनिंग, खानपान और संस्कृति से जुड़े अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। प्रतिवर्ष एक समर्पित इंडो-फ्रेंच सांस्कृतिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रदेश की पर्यटन प्रचार सामग्री का फ्रेंच भाषा में अनुवाद किया जाएगा और फ्रांसीसी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। पर्यटन क्षेत्र के अधिकारियों और गाइड्स को फ्रेंच भाषा एवं संस्कृति का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह समझौता प्रदेश की सांस्कृतिक रणनीति को बल देगा और स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों, छात्रों तथा सांस्कृतिक संगठनों को वैश्विक मंच प्रदान करेगा, जिससे मध्यप्रदेश की विशिष्ट पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग राघवेंद्र कुमार सिंह, फ्रांस के कौंसुल जनरल जीन-मार्क सेरे-शार्ले, फ्रांसीसी दूतावास के राजनीतिक परामर्शदाता, शाद जॉयनाल आबेदीन और अलायंस फ्रांसेज़ के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।
राजा रघुवंशी हत्याकांड की आरोपी सोनम रघुवंशी अब पुलिस कस्टडी से निकलकर शिलांग डिस्ट्रिक्ट जेल में शिफ्ट की जाएगी, जहां उसकी हर हरकत पर नजर रखी जाएगी। सोनम ने राजा की हत्या में शामिल होने की बात कबूल ली है लेकिन उसने इस कांड का मास्टरमाइंड अपने कथित बॉयफ्रेंड राज रघुवंशी को बताया है। उसे मेघालय के ही एक जेल में रखा जाएगा। जानिए कौनसी है वो जेल….।
शिलांग जेल में सोनम की होगी एंट्री
राजा रघुवंशी हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी को अब पुलिस कस्टडी से निकालकर शिलांग डिस्ट्रिक्ट जेल में शिफ्ट किया जाएगा। जेल प्रशासन ने उसके लिए विशेष बैरक तैयार कर लिया है, जहां उसकी सुरक्षा को लेकर सख्त इंतज़ाम किए गए हैं। सोनम को जेल वार्डन ऑफिस के पास बने सुरक्षित बैरक में रखा जाएगा। साथ में दो सीनियर महिला विचाराधीन कैदियों को भी तैनात किया गया है, जो 24 घंटे उस पर नजर रखेंगी। इसके अलावा, उसकी हर हरकत CCTV कैमरे की नज़र में रहेगी।
जेल में सोनम की दिनचर्या
शिलांग जेल में इस समय कुल 496 कैदी हैं, जिनमें सिर्फ 19 महिलाएं हैं। सोनम यहां 20वीं महिला कैदी होगी। हत्या के केस में वह दूसरी महिला होगी, जो इस जेल में बंद की जाएगी। इससे पहले एक महिला पहले से हत्या मामले में जेल में है। सोनम को जेल में TV देखने, घरवालों से मिलने और बात करने की तयशुदा सुविधा दी जाएगी। उसे तय समय पर नाश्ता, लंच और डिनर मिलेगा। साथ ही, उसे महिला कैदियों के साथ मिलकर सिलाई, कढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यों में भाग लेना होगा।
हत्या की चौथी कोशिश में सफल हुई साजिश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सोनम और उसके साथियों ने राजा रघुवंशी पर पहले तीन बार जानलेवा हमले किए थे, लेकिन वह बच गया। चौथी बार में सोनम की साजिश कामयाब हुई और राजा की हत्या कर दी गई। अब अगली सुनवाई में यह तय होगा कि सोनम दोषी करार दी जाएगी या नहीं।
रायपुर :उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज लोरमी स्थित अपने विधायक कार्यालय से सोलर बैटरी से भरे वाहन को हरी झंडी दिखाकर अचानकमार के लिए रवाना किया। इन बैटरियों से अचानकमार के 13 गांव रोशन होंगे। वहां सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध कराने ये बैटरियां भेजी जा रही हैं। अचानकमार वनांचल के बिजराकछार क्षेत्र के 13 गांवों में रात में प्रकाश की व्यवस्था के लिए 522 बैटरियां लगाई जाएंगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि अब अचानकमार वनांचल में बरसात के दिनों में अंधियारा नहीं होगा। रात में रोशनी की व्यवस्था हो जाने से वहां के रहवासी जंगली जीव-जंतुओं के खतरे से सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। दूरस्थ गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण काम है।
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज मुंगेली जिले के लोरमी स्थित मातृ-शिशु अस्पताल पहुंचकर महिला वार्ड, प्रसव कक्ष एवं पोस्ट-ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती महिलाओं तथा शिशुओं के परिजनों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य और इलाज के इंतजामों की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों को फल भी वितरित किए। श्री साव ने डॉक्टरों से नवजात शिशुओं के देखभाल के बारे में पूछा। उन्होंने अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाओं और सुविधाओं की समीक्षा कर मरीजों के समुचित इलाज के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव पहुंचे मातृ-शिशु अस्पतालउप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव पहुंचे मातृ-शिशु अस्पताल उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन बाउंड्रीवाल और भवन का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को सभी कार्यों को निर्धारित समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। नए भवन के निर्माण के बाद यहां बिस्तरों की संख्या 50 से अधिक हो जाएगी।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री साय भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में हुए शामिल: सिंधी समाज की सेवा भावना को मुख्यमंत्री ने सराहा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी संपदा है। यदि हम संतुलित आहार लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच कराएं, तो अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के केनाल रोड स्थित झूलेलाल धाम में आयोजित भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहे थे।
पूज्य बाबा गुरुदास राम साहेब जी की 94वीं जयंती के अवसर पर इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन पूज्य शदाणी सेवा मंडल, पूज्य बाबा गरीबदास सेवा मंडल, पूज्य छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, भारतीय सिंधु सभा तथा पूज्य कंधकोट पंचायत द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में नागरिकों ने स्वास्थ्य जांच कराई और आयुष्मान कार्ड भी बनवाए। शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं प्रदान की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज की अनियमित जीवनशैली, मिलावटी खानपान और प्रदूषित वातावरण के कारण बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ अब आम हो चुकी हैं। यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों के मेहनतकश लोग भी अब इन बीमारियों से अछूते नहीं हैं। ऐसे में इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन अत्यंत सराहनीय पहल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सिंधी समाज की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज प्रारंभ से ही सामाजिक सरोकारों में अग्रणी रहा है। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि जब वे रायगढ़ से सांसद थे, तब से वे सिंधी समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं।
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पं. श्री रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार जी ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान श्री साय ने उन्हें कोसा वस्त्र एवं बेल मेटल से बने स्मृति चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया।
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज दैनिक नवप्रदेश के 14वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 'राष्ट्रीय परिदृश्य में उभरता छत्तीसगढ़' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2014 में भारत जहाँ आर्थिक दृष्टि से विश्व में 10वें स्थान पर था, वहीं आज चौथे स्थान पर पहुँच चुका है, और शीघ्र ही हम तीसरे स्थान पर पहुँचने की ओर अग्रसर हैं। प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ हेतु विजन डॉक्यूमेंट और नई औद्योगिक नीति तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दैनिक नवप्रदेश की 14वीं वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की रजत जयंती मना रहे हैं। मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैंने संसद में एक सांसद के रूप में छत्तीसगढ़ निर्माण संबंधी विधेयक पर हुई ऐतिहासिक चर्चा को प्रत्यक्ष रूप से देखा और अनुभव किया। एक आदिवासी परिवार से आने के नाते मैंने प्रदेश में भुखमरी की समस्याएँ देखी हैं। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 2003 में लागू की गई पीडीएस व्यवस्था ने छत्तीसगढ़ को इस गंभीर समस्या से मुक्ति दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। आईआईटी, आईआईएम तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश में समृद्धि बढ़ी है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं आमजन तक पहुँची हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि नई औद्योगिक नीति को उद्यमियों का सकारात्मक प्रतिसाद मिला है। राज्य को लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सेमीकंडक्टर चिप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कार्य प्रारंभ हो चुका है। एनर्जी सेक्टर में भी राज्य को भारी निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर युवाओं को सरकारी नौकरियाँ प्रदान कर रही है, वहीं दूसरी ओर स्किलिंग के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने पर भी बल दिया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति में बिस्पोक पॉलिसी का प्रावधान रोजगार सृजन में एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सिंचाई रकबा में निरंतर वृद्धि हुई है। हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बोधघाट परियोजना पर चर्चा की गई। इस परियोजना से बस्तर अंचल के किसानों को भरपूर सिंचाई जल मिलेगा। साथ ही इंद्रावती और महानदी की इंटरलिंकिंग परियोजना पर भी कार्य प्रारंभ किया गया है, जिससे सिंचाई रकबा बढ़कर 7 लाख हेक्टेयर तक पहुँच जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर अब विकास की मुख्यधारा में है। जहाँ कभी गोलियों की आवाज़ सुनाई देती थी, वहाँ अब स्कूलों की घंटियाँ गूंज रही हैं। धूड़मारास को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पर्यटन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।
रायपुर : विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत गुरुवार को सुकमा जिले के ग्राम चिंगावरम, नागारास, बोदारास, उरमापाल, मड़वाही एवं नुलकातोंग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 29 मई से 12 जून तक पन्द्रह दिनों तक चले विकसित कृषि संकल्प अभियान का समापन कोंटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत मड़वाही में सम्पन्न हुआ। विकसित कृषि संकल्प अभियान से जिले के 800 से अधिक किसानों ने फसल चक्र परिवर्तन के फायदे की जानकारी प्राप्त की।
अभियान के दौरान किसानों को कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं की भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के द्वारा बीज उत्पादन, 17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई।
शिविर में किसानों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती में फसलों के पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु जीवाणु खाद फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट का उपयोग किये जाते हैं। इनके खेत में उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही जैविक खेती में जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु (पीएसबी), कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है। किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर लघु धान्य फसलों के बढ़ती मांग को देखते हुए रागी, कोदो, कुटकी की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को बताया गया कि आधुनिक जीवन शैली में बीमारियों मधुमेह, अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमरियों को रोकने के लिए लघु धान्य फसल पौष्टिक एवं गुणकारी है। किसानों को धान के बदले अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के संबंध में बताया गया। फसल चक्र परिवर्तन से खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं कीटों का प्रकोप भी कम होता है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत मृदा परीक्षण के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसानों को अपने खेतों का मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। इससे मृदा में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करने से फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। किसानों को फसलों में पौध संरक्षण के संबंध में समुचित जानकारी देते हुए रसायनों का उचित प्रयोग करने के लिए बताया गया। उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राईस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैंड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, उद्यानिकी फसल, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए पैक हाऊस के निर्माण हेतु अनुदान, संरक्षित खेती हेतु ग्रीन हाऊस स्ट्रक्चर के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी गई।
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
श्री डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विशेष प्रयास किए जा रहें हैं। इस तारतम्य में सुरजपूर जिले मे कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल के रूप में गोडकटवा नरवा का संवर्धन कार्य संपन्न हुआ। जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, दरहोरा, देवरी, पकनी एवं सेमई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत यह कार्य 58.81 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से पूर्ण किया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू ने बताया कि गोडकटवा नाला, जो कि एक बारहमासी जल स्रोत है, अब ग्रामीणों के लिए केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि आजीविका और समृद्धि का साधन बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में किए गए इस कार्य के अंतर्गत ब्रशवुड, मिट्टी बांध, गली प्लग और बोल्डर चेक डैम जैसे कुल 64 संरचनात्मक कार्यों में 285 स्थायी स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इस सम्पूर्ण कार्य में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, श्रमदान एवं मेहनत का विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से चंदौरा से लेकर सेमई तक के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। इससे लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, कृषकों को रबी एवं खरीफ दोनों मौसमों में अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं, अब किसान गर्मियों में भी गेहूं, उड़द, तथा हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बाजार पर निर्भरता घटने से परिवारों को आर्थिक बचत भी हो रही है।
गोडकटवा नाला के संवर्धन से जल स्तर अब इतना बढ़ गया है कि स्थानीय कृषकों ने उसमें मछली पालन की शुरुआत भी कर दी है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक नया स्रोत प्राप्त हुआ है। एक किसान ने बताया कि धान फसल के समय जब सिंचाई जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है, तब गोडकटवा नरवा उनके फसलों के लिए जीवनदायिनी के रूप में है। जल की समुचित व्यवस्था के चलते अब फसलें अधिक स्वस्थ, हरी-भरी होने से उत्पादन मे वृद्धि हो रही हैं। फसल खराब नहीं हो रही है।
मनरेगा के तहत हुए इस कार्य से न केवल जल संसाधनों का विकास हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। इससे ग्रामवासियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।
इस परियोजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा-निर्देशन, समुदायिक की सहभागिता और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो, तो जल संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। गोडकटवा नाला का यह विकास कार्य अब संपूर्ण जिले में जल प्रबंधन और ग्रामीण पुनरुत्थान का एक अनुकरणीय मॉडल बन चुका है।
रायपुर :छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल जल जीवन मिशन आज गांवों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रहा है। जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बूमतेल के ग्राम कुजरी में यह बदलाव देखा जा सकता है, जहां अब हर घर में नल से पानी पहुंच रहा है।
जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के 63 घरों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से नियमित जल आपूर्ति की जा रही है। उच्चस्तरीय जलागार से जुड़े इन कनेक्शनों ने ग्रामीणों को जल संकट से मुक्त कर दिया है।
ग्रामवासी अशोक भगत बताते हैं, पहले हमें पानी भरने के लिए हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ता था, अब घर पर नल लग गया है और बड़ी राहत मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सुविधा उनके लिए बहुत बड़ी सौगात है।
गांव में जल आपूर्ति पूर्ण रूप से संचालित होने के पश्चात ‘हर घर जल’ सत्यापन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने भाग लेकर योजना के प्रति अपनी संतुष्टि व्यक्त की। इसके बाद कुजरी को हर घर जल ग्राम घोषित किया गया और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जशपुर द्वारा ग्रामीणों को इस उपलब्धि पर बधाई दी गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का कहना है की यह सिर्फ नल जल योजना नहीं, यह सम्मान, सुविधा और स्वाभिमान का जल है। हर गांव, हर घर तक पानी पहुंचाना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, और हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।जल जीवन मिशन के माध्यम से न सिर्फ ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है, बल्कि महिलाओं को भी राहत मिली है।
रायपुर :छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में, जहां कभी गोलियों की गूुज सुनाई देती थीं, वहां अब हर जगह खुशी और उल्लास की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति व नियद नेल्लानार योजना के प्रभाव से माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे युवक-युवतियों और नक्सल पीड़ितों ने नई जिंदगी की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बस्तर संभाग में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह इस बदलाव के साक्षी बने हैं।
सुकमा के मिनी स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ों मौसम महेश-हेमला मुन्नी और मड़कम पाण्डू-रव्वा भीमे ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया। ये चारों जून 2024 में नक्सल संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर श्री साय ने सुकमा जिले को 206 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी। नवदंपतियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।
दंतेवाड़ा में 220 जोड़ों का सामूहिक विवाह, पूवर्ती की नक्सल पीड़िता ने जवान संग रचाई शादी
दंतेवाड़ा के मेंढका डोबरा में मंदिर परिसर में 20 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 220 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन शुरू किया। इनमें पूवर्ती गांव की एक नक्सल पीड़िता और वहां तैनात जवान का जोड़ा भी शामिल था। पूवर्ती, जो कभी खूंखार नक्सली हिड़मा और देवा का गढ़ था, अब सरकार की योजनाओं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भयमुक्त होकर खुशहाली की ओर अग्रसर है। नियद नेल्लानार योजना के तहत धुरली गांव के दो जोड़ों सीमा भास्कर-रमेश भास्कर और सुंदरी तेलाम-धन्नु कुंजाम ने भी विवाह रचाया। सभी नवदंपतियों के बैंक खातों में 35 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
रायपुर :मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का 12 जून को कोरबा जिले के प्रस्तावित दौरे कार्यक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य, उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने शहर के रिसदी में नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर किये जा रहे तैयारियो के संबंध में आवश्यक जानकारी ली और दिशा निर्देश दिये।
कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने स्थल पर मुख्य मंच व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर महापौर कोरबा श्रीमती संजू देवी राजपूत, जिला पंचायत सीईओ श्री दिनेश नाग, एडीएम श्री मनोज बंजारे, एसडीएम और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।