ईश्वर दुबे
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Bhilai
भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की प्रतिक्षा कर रहे लोगों को अभी करीब सात दिन और इंतजार करना होगा। कांग्रेस की सूची प्रदेश में 29-30 को राहुल गांधी के दौरे के बाद घोषित होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं प्रत्याशियों के चयन के लिए भोपाल में 29 अक्टूबर को भाजपा की अंतिम बैठक होगी। 30 को प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सूची लेकर दिल्ली जाएंगे। इसी दिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नामों का फैसला हो जाएगा।
कांग्रेस: प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। कांग्रेस के 110 नाम तय हो गए हैं। लेकिन बाकी के 120 नामों को लेकर पार्टी मुश्किल में यहां तीन से चार नाम का पैनल है। केंद्रीय नेतृत्व को इन्हीं 120 नामों को अंतिम रूप देने में सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी है। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा तय किए गए 110 सिंगल नामों में 46 मौजूदा विधायकों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा 2013 के विधानसभा चुनाव में 3 हजार से कम वोटों से हारने वाले उम्मीदवारों को दोबारा मौका देने के लिए उनके नामों पर सहमति बनी है। दिल्ली में तीन चली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सीटों के लिए तैयार किए गए पैनल में नाम तय करने का काम पूरा कर लिया गया है। जिन सीटों पर पैनल में पांच नाम थे, उनमें से तीन नाम हटा दिए गए हैं और अब सिर्फ दो ही नाम रह गए हैं। जबकि जहां दो से तीन नाम थे वहां पर एक नाम पर सहमित बन गई है।
भाजपा: भारतीय जनता पार्टी की चुनाव सूची में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। करीब 80 के करीब नए उम्मीदवार पार्टी मैदान में उतार सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशी चयन में मुख्यमंत्री को फ्री हैंड दिया गया है। ऐसे में करीब 11 मंत्री और 50 विधायकों के टिकट कट सकते हैं। भाजपा सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है और प्रदेश में शीर्ष पद के लिए मतदाताओं की वह पहली पसंद हैं। ऐसे में सरकार का मुख्य चेहरा जब लोकप्रिय है, तो कुछ अलोकप्रिय विधायकों को दोबारा मैदान में नहीं उतारने से पार्टी को लाभ होगा।
प्रत्याशी की छवि मुख्य आधार: भाजपा ने टिकट के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है उसमें दागदार, आपराधिक पृष्ठभूमि या बाहुबली दावेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। मौजूदा विधायकों में भी सिर्फ उन्हीं विधायकों को टिकट मिलने की उम्मीद है जिनकी छवि अच्छी होगी। भाजपा ने जो सर्वे कराए हैं उनमें टिकट के संभावित दावेदारों की छवि को लेकर बारीकी से जांच कराई गई है।
कम अंतर से जीते विधायकों से किनारा करेगी पार्टी : विधानसभा क्षेत्र में जिस जाति विशेष के अधिक वोट होंगे। उस जाति के प्रत्याशी को टिकट में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही पिछले विधानसभा चुनाव में जिन विधायकों की जीत का अंतर एक हजार या उससे भी बहुत कम रहा है ऐसे प्रत्याशियों को दोबारा चुनाव मैदान में उतारने से पार्टी परहेज करेगी। जिन सीट पर पार्टी 20 हजार या उससे अधिक वोटों से जीती है उन प्रत्याशियों को दोबारा टिकट दी जा सकती है।
सख्त होगा अनुशासन: भाजपा सूत्रों का कहना है कि किसी प्रत्याशी की टिकट काटे जाने की स्थिति में उसके द्वारा बगावत करने या पार्टी का माहौल खराब करने की कोशिश की गई अथवा निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया गया तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।