जिला कोर्ट ने आरोपी को एक साल में किया था बरी, उसे हाईकोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई Featured

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने जिला न्यायालय कटनी के आदेश को निरस्त करते हुए कटनी में 20 साल पहले 9 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है।
कटनी की जिला अदालत ने करीब 19 साल पहले आरोपित को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की थी। कोर्ट ने आरोपी को 7 साल के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कटनी निवासी 9 साल की बच्ची 1998 में पानी भरने गई थी, तभी आरोपी राजेश सिंह उसे 10 रुपए का लालच देकर एक सूने मकान में ले गया और दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
इसी बीच बच्ची को आवाज देते हुए उसका पिता उस ओर आने लगा। आरोपित बच्ची का गला दबाते हुए जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। कटनी थाना पुलिस ने आरोपित राजेश के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया था।
1999 में जिला कोर्ट ने आरोपी कर दिया था दोषमुक्त : कोर्ट ने नवम्बर 1999 में आरोपी को दोषमुक्त करार दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने यह अपील दायर की थी। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता नम्रता केशरवानी ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के नाजुक अंग में सूजन आ गई थी। ऐसा कृत्य भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। अंतिम सुनवाई के बाद बेंच ने पाया कि जिला अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट का उचित निरीक्षण नहीं किया। इसी आदेश को निरस्त कर कोर्ट ने आरोपित को दोषी ठहराया।

Rate this item
(0 votes)

Ads

R.O.NO. 13380/77 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक