ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
मेला ग्राउंड के पास कुशवाह मोहल्ले की घटना- टीवी सीरियल में सुसाइड सीन देखकर नकल कर रहा था मनीष
ग्वालियर . टीवी पर सीरियल में सुसाइड सीन देखकर सोमवार सुबह एक 14 साल के किशोर ने फांसी लगा ली। किशोर ने अपनी मां के दुपट्टे का फंदा बनाकर गले में डाला और घूमने लगा। पास में ही उसकी 8 साल की बहन और छोटा भाई खेल रहे थे।
घूमते-घूमते दुपट्टे में अंटे लग गए और फांसी लग गई। फांसी लगते ही किशोर छटपटाया और उसकी आंखें बंद हो गई। छोटी बहन ने जब देखा तो वह दौड़कर भाई को बचाने गई, उसने फंदा खोलने का प्रयास भी किया लेकिन फंदा नहीं खोल पाई। वह भागकर पड़ोसी को बुलाकर लाई, लेकिन तब तक किशोर की सांसें थम चुकी थीं। उसे अस्पताल भी ले गए लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। यह दर्दनाक घटना गोला का मंदिर क्षेत्र की है। किशोर के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द कर दिया। भिंड के रहने वाले पुत्तूलाल शाक्य पेशे से किसान हैं। पढ़ाई के लिए उन्होंने अपनी पत्नी और तीनों बच्चों को तीन साल पहले ग्वालियर में शिफ्ट कर दिया। उनकी पत्नी कमला बड़ा बेटा मनीष, बेटी अंजलि उम्र 8 साल और बेटा कपिल उम्र 7 साल मेला ग्राउंड के पास स्थित कुशवाह मोहल्ला में किराए से रहते थे। पुत्तूलाल भिंड में ही रहते हैं। कमला भी यहां नौकरी करती है। सोमवार सुबह 10 बजे वह काम पर निकल गई। घर में तीनों बच्चे थे। सुबह करीब 11 बजे मनीष, अंजलि और कपिल एक ही कमरे में खेल रहे थे। मनीष टीवी पर एक सीरियल देख रहा था।
अचानक वह अंदर से अपनी मां का दुपट्टा उठाकर लाया। कमरे में ही कपड़े टांगने के लिए तार लगा हुआ था। तार पर उसने दुपट्टा डालकर फंदा बनाया। जब वह यह काम कर रहा था तो उसके छोटे, भाई बहन भी देख रहे थे। उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया। फंदा उसने गले में डाला और गोल गोल घूमने लगा। अचानक फंदा कस गया और वह बेहोश होने लगा। कुछ देर तक जब कोई हलचल नहीं हुई तो उसकी बहन ने देखा। उसने फंदा खोलने की कोशिश की। फंदा न खुलने पर भागकर गई और पड़ोसी को बुलाकर लाई। पड़ोसी आए और तुरंत फंदा खोलकर उसे जमीन पर लिटाया।
एंबुलेंस को सूचना दी तो कुछ देर में एंबुलेंस आ गई। एंबुलेंस जेएएच लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से पुलिस को सूचना दी गई। घटना की सूचना मिलने पर उसके पिता भी ग्वालियर आ गए। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ। पुत्तूलाल खुद कम पढ़े लिखे हैं। बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा सकें, इसके लिए ग्वालियर में शिफ्ट कराया। बेटे को बड़ा अफसर बनाना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना टूट गया। पीएम हाउस पर बेटे का शव देखकर रो पड़े। उसकी मां भी बेसुध हो गई।
3 माह में तीसरा हादसा, खेल-खेल में चली गई मासूमों की जान
28 सितंबर: रुचि उर्फ राधिका पुत्री स्व. सुनील रायकवार उम्र 11 साल गले में दुपट्टा डालकर खेल रही थी, तभी फांसी लगने से उसकी मौत हो गई।
3 दिसंबर: गोला का मंदिर स्थित रचना नगर के रहने वाले रामखिलाड़ी के 12 साल के बेटे देवेंद्र ने खेल-खेल में मां के दुपट्टे से फांसी लगा ली थी।