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News Creation - न्यूज क्रिएशन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. श्री अग्रवाल को दी श्रद्धांजलि

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*बस्तर बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद करें सुनिश्चित - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय*

 

*प्रभारी सचिव बाढ़ प्रभावित जिलों का भ्रमण कर राहत कार्यों का करें निरीक्षण - मुख्यमंत्री श्री साय* 

 

*मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों की समीक्षा के दौरान दिए दिशानिर्देश*

 

रायपुर, 28 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार तक हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की पीड़ा को शीघ्र कम करना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है।

 

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों व वरिष्ठ अधिकारियों से राहत एवं पुनर्वास कार्यों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ से हुई जनहानि और पशुहानि प्रभावित परिवारों को राहत राशि बिना विलंब के उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त आवासों के सुधार हेतु तिरपाल, बाँस-बल्ली और राहत राशि का वितरण प्राथमिकता से किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों का भ्रमण करें और राहत कार्यों का सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें। 

 

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों से सड़क संपर्क बहाल करने, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति पुनर्स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली राहत कार्यों की सफलता की कुंजी है।

 

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों से कहा कि यदि उन्हें शासन स्तर से अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो वे तुरंत प्रस्ताव भेजें, ताकि शासन स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और सूखा राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में स्वास्थ्य शिविर और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।

 

बैठक के प्रारंभ में राजस्व सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को बस्तर में बाढ़ की स्थिति और अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को अतिरिक्त राशन का आबंटन भी कर दिया गया है और सामग्री प्रभावित परिवारों तक पहुँचाई जा रही है।

 

इसके उपरान्त मुख्यमंत्री श्री साय ने चारों जिलों के कलेक्टरों से सीधे संवाद कर उनके-अपने जिलों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि अब अधिकांश बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है और स्थिति नियंत्रण में है। समीक्षा बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रशासन का पूरा ध्यान राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने पर केंद्रित है। 

 

समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह और पुलिस महानिरीक्षक श्री पी. सुन्दरराज उपस्थित थे।

*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश हेतु किया आमंत्रित*

 

*औद्योगिक नीति 2024–30, प्राकृतिक संसाधन, कुशल मानव संसाधन और मजबूत कनेक्टिविटी से छत्तीसगढ़ बना वैश्विक साझेदारी का आदर्श गंतव्य : मुख्यमंत्री*

 

रायपुर 28 अगस्त 2025/

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन और निवेशकों के समक्ष छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी प्रो-एक्टिव एवं विकासोन्मुख औद्योगिक नीति 2024–30, प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और प्रशिक्षित जनशक्ति के बल पर वैश्विक निवेश और औद्योगिक सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कोरियाई ब्रांड हर भारतीय घर का हिस्सा हैं। एलजी, सैमसंग, हुंडई जैसी कंपनियां गांव-गांव तक पहुंच चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में जल, ऊर्जा, लौह अयस्क व स्टील और बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध है। ये संसाधन दक्षिण कोरियाई निवेशकों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलते हैं। 

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, व्यवसाय सुगमता और उद्योग-अनुकूल नीतियों के माध्यम से प्रत्येक निवेशक को हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज खनिज, ऊर्जा, इस्पात, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और आईटी-स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में वैश्विक निवेश का स्वागत कर रहा है।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को रोजगार, महिलाओं को स्वावलंबन और किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक निवेश के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण भी हमारी प्राथमिकता है।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत के राजदूत श्री अमित कुमार से भारतीय दूतावास, सियोल में मुलाक़ात कर छत्तीसगढ़ में निवेश संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने स्टील और खनिज से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स व फूड प्रोसेसिंग तक, मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया है। 

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने दक्षिण कोरिया और छत्तीसगढ़ के बीच सांस्कृतिक एवं कारोबारी रिश्तों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन साझेदारियों से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान एवं नवाचार और उच्च मूल्य रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कोरियाई निवेशकों से आग्रह किया कि वे छत्तीसगढ़ को अपने नए औद्योगिक निवेश स्थल के रूप में चुनें और साझा समृद्धि की इस यात्रा का हिस्सा बनें।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं निवेश संवर्धन एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*दक्षिण कोरिया के कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सार्थक मुलाकात*

 

*निवेश, तकनीकी सहयोग और स्किलिंग से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने पर हुई चर्चा*

 

28 अगस्त 2025/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सियोल में दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े व्यापार संगठन कोरिया इंटरनेशनल ट्रेड एसोसिएशन (KITA) के चेयरमैन श्री जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट श्री किम की ह्यून से मुलाकात की। 77,000 से अधिक सदस्यों वाला यह संगठन एशिया का अग्रणी व्यापारिक मंच है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024–30, प्राकृतिक संसाधनों और कुशल मानव संसाधन की ताकत को रेखांकित करते हुए निवेश, तकनीकी हस्तांतरण और स्किलिंग के क्षेत्र में संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “दक्षिण कोरिया के साथ हमारे संबंध केवल व्यापारिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भी हैं। आज के इस संवाद से छत्तीसगढ़ और कोरिया के बीच निवेश, तकनीकी सहयोग और कौशल विकास के नए द्वार खुलेंगे। इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को आधुनिक उद्योगों में अवसर प्राप्त होंगे और प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।”

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार निवेशकों को सुगम वातावरण, त्वरित स्वीकृतियाँ और आवश्यक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि KITA के साथ यह सहयोग छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा।

 

बैठक के दौरान KITA के चेयरमैन श्री जिन सिक युन और वाइस प्रेसिडेंट श्री किम की ह्यून ने भी छत्तीसगढ़ की निवेश-अनुकूल नीतियों और संसाधनों में गहरी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कोरियाई कंपनियाँ छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं और आने वाले समय में साझेदारी के ठोस कदम उठाए जाएंगे।

 

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस सहयोग से छत्तीसगढ़ के किसानों, श्रमिकों और स्थानीय उद्यमियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश से रोजगार के हजारों अवसर सृजित होंगे। साथ ही, तकनीकी हस्तांतरण से स्थानीय उद्योगों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ न केवल प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, बल्कि यहाँ का युवा वर्ग मेहनती और कुशल है। कोरियाई कंपनियों के साथ जुड़कर उन्हें स्किलिंग और तकनीकी प्रशिक्षण के नए अवसर मिलेंगे, जिससे प्रदेश की मानव संसाधन क्षमता वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी।यह साझेदारी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी और आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारी का आदर्श उदाहरण बनेगा।


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