ईश्वर दुबे
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Bhilai
मुंबई । एअर इंडिया की कुछ घरेलू फ्लाइट्स में अब वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। फिलहाल ये सर्विस एयरबस, बोइंग 787-9 और कुछ ए321 निओ विमानों में ही मिलेगी। एअर इंडिया घरेलू फ्लाइट्स में वाई-फाई इंटरनेट सर्विस देने वाली देश की पहली एयरलाइन बन गई है।
इंट्रोडक्टरी पीरियड के लिए वाई-फाई फ्री है और समय के साथ धीरे-धीरे इसे बेड़े के अन्य विमानों में शामिल किया जाएगा। इन-फ्लाइट वाई-फाई 10,000 फीट से ऊपर होने पर एक साथ कई डिवाइस कनेक्ट करने की अनुमति देगा। ये सर्विस सैटेलाइट कनेक्टिविटी और गवर्नमेंट रेस्ट्रिक्शन्स जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करेगी।
अभी तक वाई-फाई सर्विस एयरबस ए350, चुनिंदा एयरबस ए321 नियो और बोइंग बी787-9 विमानों में पायलट प्रोग्राम के तहत इंटरनेशनल रूट पर मिलती थी। सक्सेसफुल पायलट रन के बाद अब सर्विस को घरेलू रूट पर शुरू किया जा रहा है।
मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित 5,286 एकड़ भूमि के एक बड़े औद्योगिक पैमाने को 2,200 करोड़ रुपये में खरीदा है। यह जमीन नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक प्रोजेक्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) जैसी प्रमुख परियोजनाओं के पास मौजूद है। इस भूमि की बिक्री जय कॉर्प लिमिटेड द्वारा की गई, इसमें अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी द्रोणागिरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड (पहले नवी मुंबई एसईजेड) में अपनी 74 प्रतिशत हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेची है।
रिलायंस ने 13 दिसंबर 2024 को बताया था कि उसने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के 57.12 करोड़ इक्विटी शेयरों को 28.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खरीदा है, इससे इस परियोजना की कुल मूल्यांकन 2,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह जमीन नवी मुंबई के द्रोणागिरी और कलंबोल क्षेत्रों के स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी के तहत आती है। इस परियोजना के माध्यम से रिलायंस ने न केवल अपनी औद्योगिक निवेश योजनाओं को और मजबूती दी है, बल्कि इस रणनीतिक स्थान पर भूमि अधिग्रहण करके खुद को भविष्य में कई प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं से जोड़ लिया है।
नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड के पास करीब 2,140 हेक्टेयर (करीब 5,286 एकड़) भूमि है, और यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित की जा रही है। इसके विकास के बाद इस क्षेत्र में अत्यधिक आर्थिक गतिविधियों की संभावना है, खासकर जब नवी मुंबई एयरपोर्ट और ट्रांस हार्बर लिंक जैसी परियोजनाएं पूरी होंगी। इन प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के पास स्थित इस भूमि का उपयोग औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए होगा, जिससे इस क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी।
इस निवेश से रिलायंस ने अपनी औद्योगिक गतिविधियों में और मजबूती लाई है और यह परियोजना न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास का कदम साबित होगी। अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके साझेदारों के लिए यह सौदा एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है, जिससे रिलायंस ने एक मजबूत और रणनीतिक निवेश किया है। इस निवेश के द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज भविष्य में इस क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक विकास की दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
अहमदाबाद । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि हमारी असली चुनौती अपनी पूंजी को प्रभावी ढंग से तैनात करने की है और हमें उन दो टी को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आज की दुनिया में सबसे बड़े डिफ्रेंशिएटर को तौर पर काम रहे हैं, वे हैं टेक्नोलॉजी और टैलेंट। अपने नववर्ष संदेश में अदाणी ने कहा कि हमारा ध्यान अपने लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने पर है। अदाणी ने कहा, सबसे पहले मैं टेक्नोलॉजी के बारे में बात करूंगा। आज के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में हर कंपनी को एक तकनीकी कंपनी के रूप में सोचना और कार्य करना चाहिए या महत्वहीन होने का जोखिम उठाना चाहिए। प्रभावी ढंग से स्केलिंग के लिए केवल सॉफ्टवेयर टूल लागू करने से कहीं अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमारे संगठन के मूल ढांचे में टेक्नोलॉजी फर्स्ट की मानसिकता को शामिल करना आवश्यक है।
अदाणी समूह के प्रमुख ने कहा, यह वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आवश्यक है और इसकी शुरुआत हमारे शीर्ष 100 लीडर्स द्वारा माहौल तय करने से होती है। हमसे हर एक को टेक्नोलॉजी रूप से कुशल होने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यह किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सोचने के तरीके के रूप में भी है। आवश्यक होने की दौड़ में तकनीक ही रेसट्रैक है और नेतृत्व वह कदम है, जो सुनिश्चित करता है कि हम पहले स्थान पर रहें।
कर्मचारियों को अपने संदेश में अदाणी ने कहा, एआई-संचालित दुनिया में भविष्य इस बारे में है कि हम कैसे काम करते हैं और अपने लक्ष्यों को कैसे पाते हैं। मैं आप सभी को चुनौती देता हूं कि आप इनोवेशन करने और उत्कृष्टता के नए स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए तकनीक को एक लीवर के रूप में अपनाएं। आपका करियर विकास और हमारी सामूहिक सफलता इस पर निर्भर करती है। टैलेंट के बारे में गौतम अदाणी ने कहा कि यह हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है और यह हमारी दीर्घकालिक सफलताओं निर्धारित करेगी। “टैलेंट केवल रिज्यूमे या क्रेडेंशियल्स नहीं है, बल्कि यह एडेप्ट, इनोवेशन और लीडरशीप है। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, “हमारा लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करना है। हम जो सबसे बड़ा निवेश कर सकते हैं, वह केवल सिस्टम या रणनीतियों में नहीं है, बल्कि हमारे लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने में है, जो नेतृत्व करने और इनोवेशन करने का साहस करते हैं।”
नई दिल्ली वित्तीय कंपनी क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग के माध्यम से अपनी प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। यह घटनाक्रम पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान कंपनी के स्वामित्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हुआ है। क्रेडिला ने एक सार्वजनिक घोषणा में सेबी और स्टॉक एक्सचेंज के साथ प्री-ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिए हैं। ईक्यूटी और क्रिसकैपिटल के एक निजी इक्विटी कंसोर्टियम ने क्रेडिला में 90.01 प्रतिशत हिस्सेदारी 9,060 करोड़ रुपये में खरीदी, जिसमें 2,003.61 करोड़ रुपये की नई इक्विटी शामिल है। कंसोर्टियम ने क्रेडिला का प्री-मनी मूल्यांकन 10,350 करोड़ रुपये किया है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक ईक्यूटी के पास 72.01 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, क्रिसकैपिटल के पास 18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और एचडीएफसी बैंक के पास 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
शिमला । मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ऊना जिले में लगभग 20 करोड़ रुपये के निवेश से आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इस संयंत्र की न्यूनतम प्रसंस्करण क्षमता होगी 500 किलोग्राम प्रति घंटा और यह आलू के गुच्छे के उत्पादन पर केंद्रित होगा। सुक्खू ने बताया कि राज्य में कुल सब्जी खेती में आलू का हिस्सा लगभग 20 प्रतिशत है। यह 16,960 हेक्टेयर से लगभग 2,38,317 टन उपज देता है। आलू प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना से किसानों को अधिक लाभकारी मूल्य मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आलू को फ्लेक्स जैसे मूल्य-संवर्धित उत्पादों में प्रसंस्कृत करने से यह संयंत्र आलू बाजार को स्थिर करेगा और किसानों की संवेदनशीलता में कमी आएगी। ऊना जिला में दोनों मौसमों में अच्छे उत्पादन के लिए संयंत्र की स्थापना करने के लिए अच्छी स्थिति है। सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कृषि विभाग को इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है और उम्मीद है कि यह योजना किसानों के लिए एक क्रांति लाएगी।
नई दिल्ली । पाम और पामोलीन तेल की कीमतें सर्दियों की मांग के कारण बढ़ गई हैं। बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहनों की कीमतें मजबूती के साथ बंद हुईं। पाम और पामोलीन तेल के दाम बढ़े हैं, जिसके कारण इसकी आम उपभोक्ता की पहुंच से दूर हो गई है। सूत्रों के अनुसार सोयाबीन और सरसों जैसे तिलहनों की मांग बढ़ने के कारण बाकी तेल-तिलहन की कीमतें भी सुधार रही हैं। पिछले सप्ताह सीपीओ का दाम मजबूती के साथ 1,240-1,245 डॉलर प्रति टन हो गया है। एक साधारण उपभोक्ता के लिए पामोलीन तेल का आयात पहले की तुलना में लगभग 17 रुपये किलो महंगा हो गया है। मौजूदा महंगाई के चलते तेलों की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन तेलों का खपना मुमकिन नहीं है। केवल तेलों के दाम में ही बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि सोयाबीन के डी-आयल्ड केक की स्थानीय मांग बढ़ रही है और इससे तेल-तिलहनों में सुधार हुआ है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में कपास की खेती का रकबा घटकर 112.60 लाख हेक्टेयर रह गया है। किसानों के लिए बिनौला खल का दाम वायदा कारोबार में 2,660 रुपये क्विंटल रह गया है, जो मूंगफली किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। अब बिनौला तेल का दाम 12,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा सरसों और सोयाबीन तेलों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है। मूंगफली तिलहन की कीमत 5,925-6,250 रुपये क्विंटल, और मूंगफली तेल 14,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यह महंगाई सामान्य जनता पर असर डाल रही है, जिससे उन्हें और भी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ताओं का बजट बिगड़ रहा है।
नई दिल्ली । रतन टाटा भारत के एक प्रमुख उद्यमी और विचारक, एक शख्सियत है जिसने देश और विश्व को अपनी साफ़, सजीव और प्रेरणास्त्रोत शक्ति से प्रेरित किया है। उनका कारोबारिक जीवन और नेतृत्व और काबिलियत ने टाटा ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया है और उन्हें एक सफल उद्यमपीठ के रूप में माना गया है। रतन टाटा ने हमेशा अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्य की भावना से देखा है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। उनकी सादगी, सम्मानवादिता और व्यवहार का ताज और सच्चाई के साथ ही उन्हें सबके दिलों में एक अजेय स्थान दिलाया है। एक खास कहानी जिसने रतन टाटा की महानता को और भी उजागर किया, वह है फोर्ड मोटर्स के साथ की एक घटना। जब टाटा इंडिका कार बाजार में मना नहीं पा रही थी, तो रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार व्यावसाय को बेचने का फैसला किया। इसमें फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड के मजाक का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी अपने अपमान को भूला नहीं। रतन टाटा ने फोर्ड के जैगुआर और लैंड रोवर ब्रांड को खरीदा और उसके उतार चढ़ाव में सहायक बने, जिससे टाटा मोटर्स ने अपने आदर्श और समर्पण की यात्रा को विस्तारित किया। इस्तीफा देने के बजाय, रतन टाटा ने अपनी निर्णयकता और सहनशीलता से विश्वास दिखाया और एक महान उपलब्धिस्तर को हासिल किया। रतन टाटा के लिए काम करने का मतबल पूजा था। उनका कहना था कि काम तभी बेहतर होगा, जब आप उसकी इज्जत करेंगे। उनमें एक और खासियत ये थी कि वे हमेशा शांत और सौम्य रहते थे, अपनी कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी तक से वे बड़े प्यार से मिलते थे, उनकी जरूरतों को समझते थे और उनकी हर संभव मदद करते थे। रतन टाटा के जीवन और कार्य का अद्वितीय उदाहरण है कि कभी भी असफलता के साथ जुड़ापन बेहतर कर्मचारी कर सकता है और सफलता के रास्ते पर निर्णयकता और संकल्प से निरंतर चलना अहम है। उनकी उदारता, विनम्रता और प्रेरणाप्रद प्रेरणा को हम सभी को अनुसरण करना चाहिए।
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के प्रमोटर आकाश चौधरी को अपने नए वेंचर स्पार्कल एडवेंचर के लिए जोमैटो के दीपिंदर गोयल और जेरोधा के नितिन कामथ से सहायता मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार कामथ का रेनमैटर फंड, जो फिनटेक और सस्टेनबिलिटी पर अपने फोकस के लिए जाना जाता है, गोयल के साथ 4 मिलियन डॉलर के सीड फंडिंग राउंड में भाग ले रहा है। एडिशनल मार्की निवेशकों के भी इस राउंड में शामिल होने की उम्मीद है।
आकाश ने इस साल अक्टूबर में मेरिटनेशन डॉट कॉम के संस्थापकों पवन चौहान और रितेश हेमराजानी के साथ साझेदारी में स्पार्कल लॉन्च किया। मेरिटनेशन, एक एडटेक प्लेटफॉर्म है, जिसे चौधरी के फैमिली बिजनेस, आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने साल 2020 में अधिग्रहित किया था। यह इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह वेंचर 2021 में एईएसएल की बायजू को 950 मिलियन डॉलर की ऐतिहासिक बिक्री के बाद है, जो भारत के सबसे बड़े एडटेक सौदों में से एक है। चौधरी के पास एईएसएल में 11 फीसदी की हिस्सेदारी है। स्पार्कल का लक्ष्य 6 से 12वीं कक्षा के छात्रों को ऑनलाइन ट्यूशन देना है, जिसमें इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) और कैम्ब्रिज पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विस्तार करने की योजना
अब अपनी तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाकर आगे विस्तार करने की योजना बना रहा है। एक सूत्र ने कहा, प्लेटफॉर्म को शुरू में 2025 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन तय समय से पहले उत्पाद तैयार होने के कारण, समयसीमा को तेजी से आगे बढ़ाया गया। सीड फंडिंग से स्पार्कल के रोलआउट में तेजी आने की उम्मीद है।
नई दिल्ली। जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल यूजर्स को जल्द ही सस्ते रिचार्ज का ऑप्शन मिल सकता है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कंज्यूमर्स के लिए कॉलिंग और एमएसएस फोकस प्लान्स लॉन्च करने के लिए कहा है, जिसमें वैलिडिटी भी मिलती हो। टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पोर्टफोलियो पर नजर डालें तो इसमें सभी प्लान्स डेटा पर फोकस्ड मिलते हैं यानी इसमें कॉलिंग, एसएमएस और डेटा तीनों मिलता है। ऐसे में कई यूजर्स जिन्हें डेटा नहीं चाहिए होता है, उन्हें भी डेटा के लिए भुगतान करना पड़ता है।
इस तरह का प्लान ना होने की वजह से जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के यूजर्स को अपना सिम एक्टिव रखने के लिए हर महीने करीब 200 रुपए खर्च करने होते हैं। वहीं कुछ ऐसे यूजर्स भी हैं, जिन्हें लॉन्ग टर्म प्लान्स चाहिए होता है। आपको ऐसा लॉन्ग टर्म प्लान नहीं मिलेगा, जो सिर्फ कॉलिंग और एसएमएस पर फोकस्ड करता हो।
ट्राई ने 23 दिसंबर को जारी अपने आदेश में कहा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को ऐसे एसटीवी जारी करने होंगे, जो सिर्फ वॉयस कॉलिंग और एसएमएस की सुविधा के साथ आते हों, जिससे कंज्यूमर्स सिर्फ उस सर्विस के लिए ही भुगतान करें, जो वह यूज करते हैं। इसका टेलीकॉम कंपनियों के कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा। ट्राई ने पहले भी इस पर कंपनियों से सुझाव मांगा था, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया था। कंपनियों का कहना था कि इस तरह के किसी नए प्लान की जरूरत नहीं है। कंज्यूमर्स के लिए ऐसे प्लान्स पहले से ही मौजूद हैं। बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों ने कुछ साल पहले ही लाइफटाइम फ्री इनकमिंग की सुविधा खत्म कर दी है।
इसके बाद ग्राहकों को अपना सिम कार्ड एक्टिव रखने के लिए हर महीने मिनिमम रिचार्ज करना होता है। वहीं इस साल जुलाई में टेलीकॉम कंपनियों ने अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में भी वृद्धि की है। इसकी वजह से कंज्यूमर्स को करीब 200 रुपए हर महीने सिर्फ सिम एक्टिव रखने के लिए खर्च करने होते हैं। वहीं सभी प्लान्स में डेटा दिया जाता है। ऐसे में जिन यूजर्स को डेटा की जरूरत नहीं होती है, उन्हें भी इस सर्विस के लिए भुगतान करना पड़ता है। वहीं बीएसएनएल में 30 दिनों का प्लान 147 रुपए का आता है, जिसमें यूजर्स को कॉलिंग और एसएमएस के साथ 10जीबी डेटा मिलता है। ऐसे यूजर्स जिन्हें इस डेटा की जरूरत नहीं है, उन्हें भी इसके लिए भुगतान करना होता है।
मुंबई । एप आधारित चीनी ई-कॉमर्स कंपनी शीन अब रिलायंस रिटेल में साझेदारी के जरिये भारतीय बाजार में प्रवेश कर रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अजियो पर शीन ने अपने कपड़ों के ताजा कलेक्शन की टेस्टिंग और कैटलॉगिंग भी शुरू कर दी है।
रिलायंस इस ब्रांड को अपने अन्य प्लेटफॉर्म तक भी ले जाएगी। इससे भारतीय बाजार में रिलायंस की फास्ट-फैशन सेगमेंट में टाटा समूह के जुडियो और फ्लिपकार्ट के मिंत्रा के साथ प्रति स्पर्धा और बढ़ेगी। वहीं उपभोक्ताओं को अधिक वैरायटी मिलेगी। सरकार ने साल 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच ही शीन सहित 50 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था।
शीन की हालांकि भारतीय डेटा तक पहुंच नहीं रहेगी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि शीन का संचालन देश के एक स्वदेशी रिटेल प्लेटफॉर्म पर होगा। शीन उसक समय भारतीय बाजार में दोबारा प्रवेश कर रहा है, जब उसके राजस्व में कमी देखी गई है। इस साल की पहली छमाही शीन का राजस्व गत वर्ष के 40 फीसदी से घटकर 23 फीसीदी रह गया है। रेडसीर स्ट्रेटजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक भारत में गत वित्त वर्ष में फास्ट फैशन सेगमेंट में 40 फीसदी बढ़त हुई है। ये कुल रिटेल सेगमेंट की 6 फीसदी ग्रोथ से 5 गुना है। 2031 तक यह बाजार 4.5 लाख करोड़ का होगा। शीन ने गत वर्ष 3.83 लाख करोड़ के कपड़े बेचे एप बेस्ड ई-कॉमर्स कंपनी शीन की 170 से अधिक देशों में मौजूदगी है। 5.3 करोड़ यूजर्स हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को देश का आम बजट पेश कर सकती हैं। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बजट तैयार करने से पहले वित्त मंत्री सीतारमण विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें कर रही हैं। गुरुवार को भी वित्त मंत्री ने निर्यात, व्यापार और उद्योग क्षेत्र के हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बजट पूर्व बैठकों में हिस्सा लिया।
वित्त मंत्री ने बजट पूर्व बैठक में हिस्सा लिया
वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 के संबंध में नई दिल्ली में निर्यात, व्यापार और उद्योग क्षेत्र के हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ चौथे बजट पूर्व परामर्श की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव, दीपम सचिव, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के सचिव भी शामिल हुए।
मुंबई । आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और अनुकूल बाजार परिस्थितियों के साथ, 2024 में आईपीओ के बाजार में भारी चल रही है। इस साल कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से भारी राशि जुटाई है। इस वृद्धि में निवेशकों का भरोसा और नियामकीय ढांचे में सुधार का महत्वपूर्ण योगदान है। साल के दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। एक्सचेंज के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 90 आईपीओ आए जिनके जरिये सामूहिक रूप से 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। माना जा रहा है कि अगला साल भी आईपीओ के लिए काफी अच्छा रहेगा। आईपीओ के लिए असाधारण रहा यह साल न केवल निर्गम लाने वाली कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है, बल्कि इससे निवेशकों के विश्वास का भी पता चलता है। आईपीओ ने न केवल निगमों के भरोसे को बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी प्रमाणित किया है। निवेशकों ने सिर्फ लाभ कमाने के लिए नहीं बल्कि दीर्घकालिक निवेश के लिए भी कंपनियों में विश्वास जताया है। हुंदै मोटर इंडिया का ऐतिहासिक 27,870 करोड़ रुपये का आईपीओ इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ हुआ है। छोटी, मझोली और बड़ी कंपनियों ने साझेदारी जुटाते हुए धन जुटाया है। निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के साथ आईपीओ के बाजार में आने वाले साल में भी तेजी की संभावना है। साल के तैयारी में हैं कंपनियां, जो आईपीओ के माध्यम से और अधिक धन जुटाने की सोच रही हैं। जब बाजार विश्लेषकों का यह मानना है कि 2025 में आईपीओ से जुटने वाली राशि अब कि आंकड़ों को पार कर सकती है, तो निवेशकों की उम्मीदें और भी ऊंचाई पर चढ़ गई हैं। आगामी साल में भी आईपीओ बाजार ऐसे ही गतिविधियों में आगे बढ़ते रहने की संभावना है।
नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक जैसलमेर में आयोजित हुई, जहां पॉपकॉर्न पर नए टैक्स रेट्स के फैसले लिए गए। इसमें काउंसिल ने पॉपकॉर्न को तीन विभिन्न जीएसटी स्लैब में शामिल करने की योजना बनाई है, जो उसके फ्लेवर के अनुसार होंगे।टैक्स की विवरण इस प्रकार हैं- 1. साधारण नमक और मसालों से तैयार किया गया पॉपकॉर्न (पैकेज्ड और लेबल्ड न हो) पर 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा। 2. पैकेज्ड और लेबल्ड साधारण नमक और मसालों वाले पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा। 3. चीनी या सुगर फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी लागू होगा। पॉपकॉर्न का व्यापार न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में भी बड़ा है। बीते साल में भारत में पॉपकॉर्न का व्यापार लगातार बढ़ रहा है और एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में इसका मार्केट 8 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में अन्य फैसले भी लिए गए, जिसमें पुरानी कारों पर 18 फीसदी जीएसटी, फोर्टिफाइड चावल पर 5 फीसदी जीएसटी और जीन थेरेपी के लिए पूरी छूट शामिल हैं। हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर कम करने के प्रस्ताव टल गए हैं, जबकि जोमेटो और स्विगी पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर भी कोई राहत नहीं मिली। कुल मिलाकर जीएसटी काउंसिल की बैठक ने व्यापारिक मामलों को ध्यान में रखते हुए पॉपकॉर्न पर टैक्स में बड़े बदलाव किए हैं, जो आम जनता को सीधे असर पहुंचा सकते हैं।
जैसलमेर । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक के बाद बड़े फैसले किए। उन्होंने घोषित किया कि चावल पर कर दर को 18 से 5 प्रतिशत कम किया जाएगा। इसके साथ ही, जीवन रक्षक जीन थेरेपी और एसएएम मिसाइलों के लिए उपयोग होने वाले पुर्जों पर जीएसटी छूट की अवधि भी बढ़ा दी गई है। सभी एसएएम मिसाइलों के निर्माण में उपयुक्त पुर्जों को जीएसटी से छूट दी जाएगी। उन्होंने छोटे व्यवसायों की मदद के लिए कई और कदम उठाए, जैसे 2,000 रुपये से कम के लेन-देन के लिए छूट देना। वित्त मंत्री ने महसूस किया कि ई-कॉमर्स कंपनियों और खाद्य पदार्थों की डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी को लेकर और चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ ही, बैठक में और विस्तृत चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्री ने उधारकर्ताओं के लिए भी शुल्कों में कई बदलाव की घोषणा की। उन्होंने संशोधन के लिए एक अवधारणा नोट को मंजूरी दी और वस्तुओं की परिभाषा को स्पष्ट करने के उद्देश्य के साथ खुदरा बि के लिए पहले से पैक और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन किया। इन सभी निर्णयों से सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करने का निशाना साबित किया है।