मुंबई सोशल मीडिया में फिल्म अभिनेत्री और जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आज़मी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उनके आलोचकों को शबाना आज़मी नें सोशल मीडिया में ही करारा जवाब दिया है. असल में शबाना नें इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान जन समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि “इस देश में अगर कोई व्यक्ति सरकार की आलोचना करे तो उसे देश द्रोही या राष्ट्र विरोधी कह दिया जाता है, जो सरासर गलत है” ये बात उन्होनें 6 जुलाई को जनसभा संबोधित करते हुए कहीं थीं. बता दें की शबाना आज़मी साहित्य और अभिनय के साथ साथ सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक बयानों के लिए अक्सर सुर्ख़ियों में रहती हैं.

इसी बात को शबाना नें ट्वीट कर एक नए मुद्दे को जन्म दे दिया, उनके इस ट्वीट पर लोगों में उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था, जिसका जव्वाब शबाना नें ट्विटर पर ही लोगों को दिया, शबाना नें ट्वीट कर जवाब दिया कि "मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामा? मुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं.” शबाना आगे लिखतीं हैं, “दीपा मेहता की फिल्म वाटर में मुझे सर मुंडवाना पड़ा था, जिसके लिए मुस्लिम चरमपंथियों नें मेरे खिलाफ फतवा जारी कर दिया था, जिसपर जावेद अख्तर नें उनको जवाब देते हुए ‘चुप रहो’ कहा था”

इसके बाद उन्होनें दूसरा ट्वीट कर लिखतीं हैं कि “मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि कांग्रेस के केंद्रीय सत्ता में रहते मेरे पिता कैफी आज़मी ने विरोध में अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया था, जब यू.पी. के एक नेता ने कहा था कि उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करने वालों का मुंह काला करके गधे पर घुमाना चाहिए”

बता दें कि शनिवार को शबाना आज़मी नें किसी राजनैतिक पार्टी का नाम लिए बिना इशारों में तंज कसते हुए बताया कि “लोगों को देश हित के लिए अपने मन की बात कहनें से डरना नहीं चाहिए” उन्हों नें आगे कहा “अगर हम कमियों में ध्यान नहीं देंगे तो हालत कैसे सुधरेंगे?”

 

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