हालांकि आरटीओ का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
शनिवार को ऑटो यूनियन द्वारा लगभग 90 ई-बाइकों को यात्रा के लिए बुक कराया गया. जब सभी बाइक वाले बताए गए स्थान पर यात्री को लेने पहुंचे तो ऑटो चालकों ने उन्हें घेर लिया. उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी गई और आरटीओ के अमले को मौके पर बुलवाकर बाइकों को जब्त करवा दिया गया.
इंदौर आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि एप आधारित बाइक और टैक्सी सेवा मुहैया करने वाली 6 कंपनियों ओला केब्स, उबर इंडिया टेक्नोलॉजी प्रालि, जुगनू, एनबीए टैंक सोल्यूशन प्रालि, ट्रेवल लिंक और रेपीडो बाइक टैक्सी को परिवहन विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था. नोटिस में उन्हें उक्त सेवाएं तुरंत बंद करने को कहा गया था. इसके बावजूद यह सेवाएं जारी थी. जिसके चलते शनिवार को कार्रवाई करते हुए लगभग 90 बाइकों को जब्त किया गया है.
हम पर नहीं कंपनी पर हो कार्रवाई
जिन लोगों की बाइक आरटीओ द्वारा जब्त की गई है उनका कहना है कि आरटीओ को हम पर कार्रवाई करने के बजाय कंपनियों पर कार्रवाई करना चाहिए. कंपनी अपने एप पर यात्रियों को लाने-ले जाने की सुविधा उपलब्ध करा रही है तो उसकी अनुमति लेने का काम भी कंपनी का है ना कि उनसे जुड़े बाइक मालिकों का. शनिवार को आरटीओ द्वारा जिन बाइकों को जब्त किया है उनमें से अधिकांश बाइक छात्रों की है जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ एप से जुड़कर यात्रियों को लाने-ले जाने का पार्ट टाइम जाब करते है।
यह कहा था नोटिस में
नोटिस में कहा गया है कि एप आधारित टैक्सी व बाइक राइड उपलब्ध करा रही कंपनियों द्वारा इन सेवाओं के एवज में यात्रियों से जो किराया वसूला जा रहा है वह आरटीओ द्वारा निर्धारित शुल्क से अलग है. इन कंपनियों द्वारा यात्रियों को बाइक पर यहां से वहां छोड़ने की सुविधा प्रदान की जा रही है. नोटिस में कहा गया है कि रेंट-ए मोटरसाइकिल स्कीम के तहत कोई भी व्यक्ति निर्धारित नियमों का पालन कर प्रचालक से बाइक व स्कूटर किराए पर ले सकता है, और स्वंय चला सकता है. नोटिस में इन सेवाओं को तत्काल बंद करने को कहा गया था.
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