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Desk News Creation : ट्विटर में इन दिनों साड़ी का ट्रेंड चल रहा है, इसमें बहुत सी महिलाएं और खास कर सेलिब्रिटीज अपनें पसंद की साड़ीयों में अपनी फोटो शेयर कर रहीं हैं, इस मुहिंम को #sareetwitter के नाम से जाना जा रहा है. सोमवार की सुबह ये  ट्रेंड की शुरुआत हुई और मंगलवार आते आते तो मानो इस ट्रेंड में महिलाओं की साड़ी पहनीं तस्वीरों की बाढ़ सी आ गयी. Read

मुंबई सोशल मीडिया में फिल्म अभिनेत्री और जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आज़मी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उनके आलोचकों को शबाना आज़मी नें सोशल मीडिया में ही करारा जवाब दिया है. असल में शबाना नें इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान जन समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि “इस देश में अगर कोई व्यक्ति सरकार की आलोचना करे तो उसे देश द्रोही या राष्ट्र विरोधी कह दिया जाता है, जो सरासर गलत है” ये बात उन्होनें 6 जुलाई को जनसभा संबोधित करते हुए कहीं थीं. बता दें की शबाना आज़मी साहित्य और अभिनय के साथ साथ सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक बयानों के लिए अक्सर सुर्ख़ियों में रहती हैं.

इसी बात को शबाना नें ट्वीट कर एक नए मुद्दे को जन्म दे दिया, उनके इस ट्वीट पर लोगों में उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था, जिसका जव्वाब शबाना नें ट्विटर पर ही लोगों को दिया, शबाना नें ट्वीट कर जवाब दिया कि "मेरी एक टिप्पणी को लेकर इतना हंगामा? मुझे नहीं पता था कि मैं दक्षिणपंथियों की नजरों में इतना महत्व रखती हूं.” शबाना आगे लिखतीं हैं, “दीपा मेहता की फिल्म वाटर में मुझे सर मुंडवाना पड़ा था, जिसके लिए मुस्लिम चरमपंथियों नें मेरे खिलाफ फतवा जारी कर दिया था, जिसपर जावेद अख्तर नें उनको जवाब देते हुए ‘चुप रहो’ कहा था”

इसके बाद उन्होनें दूसरा ट्वीट कर लिखतीं हैं कि “मैं लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि कांग्रेस के केंद्रीय सत्ता में रहते मेरे पिता कैफी आज़मी ने विरोध में अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया था, जब यू.पी. के एक नेता ने कहा था कि उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करने वालों का मुंह काला करके गधे पर घुमाना चाहिए”

बता दें कि शनिवार को शबाना आज़मी नें किसी राजनैतिक पार्टी का नाम लिए बिना इशारों में तंज कसते हुए बताया कि “लोगों को देश हित के लिए अपने मन की बात कहनें से डरना नहीं चाहिए” उन्हों नें आगे कहा “अगर हम कमियों में ध्यान नहीं देंगे तो हालत कैसे सुधरेंगे?”

 

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न्यूज़ डेस्क News Creation भूपेश बघेल मां की तबियत जानने रामकृष्ण हॉस्पिटल पहुंचे थे, तभी मां ने ली अंतिम सांस, उन्होंने रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. वह कई दिनों से वह बीमार चल रही थीं। मुख्यमंत्री की मां बिंदेश्वरी बघेल की तबीयत  29 मई को दोपहर में अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के आई.सी.यू. में उनका इलाज चल रहा था. तब चिकित्सकों ने उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई थी, लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें कुछ दिन अस्पताल में ही रहने की सलाह भी दी गई थी. जब मुख्यमंत्री की मां की तबीयत खराब हुई, तब भूपेश बघेल मंत्रालय में कामकाज निपटा रहे थे. खबर मिलने के बाद वे मां को देखने सीधे अस्पताल पहुंचे. वहां उन्होंने चिकित्सकों से अपनी मां का हालचाल लेने के बाद वहां से निकल गए थे. हालांकि बाद में फिर से उन्हें लौटना पड़ा और उनके सामने ही मां ने अंतिम सांसें लीं.

पंजाब के मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह समेत कई लोगों नें tweet कर भूपेश बघेल की माता के निधन पर शोक व्यक्त किया

 

 

 

 

 

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मां बिंदेश्वरी बघेल का पार्थिव शरीर भिलाई-3 स्थित घर में रखा गया. अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री कवासी लखमा, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी और चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन पहुंचे कांग्रेसी नेताओं सहित अन्य दलों के भी नेता और विधायक उनकी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे. सुबह तक़रीबन 11 बजे अंतिम यात्रा निवास से भिलाई-3 स्थित मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई, और वहां अंतिम संस्कार किया गया.

नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री दयाल दास बघेल और बीजेपी विधायक नारायण चंदेल अंतिम दर्शन के लिए भिलाई 3 पहुंचे. इसके अलावा डीजीपी डीएम अवस्थी, डीजी आरके विज, डीजी एएन उपाध्याय, आईजी हिमांशु गुप्ता, आईजी आनंद छाबड़ा, आईजी जीपी सिंह, एसएसपी संजीव शुक्ला, एसपी रायपुर ऐरफ शेख सहित कई अधिकारी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

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