ईश्वर दुबे
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Bhilai
*बेटियों की शिक्षा से पीढ़ियाँ होती हैं शिक्षित : मुख्यमंत्री श्री साय*
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना का किया शुभारंभ*
*प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु मिलेगी वित्तीय सहायता*
*देश के किसी भी संस्थान में पढ़ाई के लिए बालिकाओं को मिलेंगे वार्षिक 30 हजार रुपए*
*बेटियों की उच्च शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान, आर्थिक दिक्कतें नहीं बनेंगी बाधा*
रायपुर, 10 सितम्बर 2025// बेटियों को शिक्षा मिलने से हमारी पीढ़ियाँ शिक्षित होती हैं। प्रदेश सरकार बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से अजीम प्रेमजी स्कॉलरशिप योजना के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को बधाई देते हुए कहा कि इस छात्रवृत्ति योजना से हजारों बेटियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हुआ है और इसमें बेटियों ने भी अपनी भूमिका निभाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। बेटियाँ आर्थिक दिक्कतों के कारण अपनी पढ़ाई अधूरी न छोड़ें—इसी उद्देश्य से यह पहल की गई है। यह योजना प्रदेश में बालिकाओं की उच्च शिक्षा में नामांकन दर को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगी।
श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संकल्प को यह स्कॉलरशिप आगे बढ़ाएगी। इसके माध्यम से शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली निम्न आय वर्ग की छात्राओं को विशेष रूप से मदद मिलेगी और वे अपनी उच्च शिक्षा जारी रख पाएँगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बेटियाँ पढ़ती हैं तो वे केवल दो परिवारों को ही नहीं बल्कि पूरी पीढ़ियों को शिक्षित करती हैं। उन्होंने सभी महाविद्यालयों में इस योजना की जानकारी व्यापक रूप से पहुँचाने के निर्देश दिए।
उल्लेखीय है कि इस योजना के तहत प्रदेश के शासकीय विद्यालयों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली नियमित छात्राएँ पात्र होंगी। जो छात्राएँ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक के प्रथम वर्ष अथवा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में देश के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश लेंगी, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।योजना का लाभ पाने के लिए वेबसाइट https://azimpremjifoundation.org/what-we-do/education/azim-premji-scholarship/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही, क्यूआर कोड स्कैन कर भी आवेदन किया जा सकता है।
आवेदन दो चरणों में स्वीकार किए जाएँगे—पहला चरण 10 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तथा दूसरा चरण 10 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक। फाउंडेशन द्वारा छात्रवृत्ति योजना की पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क संचालित की जाएगी। यदि योजना से संबंधित किसी प्रकार की धोखाधड़ी या शिकायत की जानकारी हो, तो उसे This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. पर प्रेषित किया जा सकता है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री संतोष देवांगन, संचालक तकनीकी शिक्षा श्री विजय दयाराम के., तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के स्टेट हेड श्री सुनील शाह उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की आत्मीयता ने छुआ श्रमिक परिवार का दिल, बेटी प्रतिज्ञा ने थामा सपनों का रास्ता*
*अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से प्रतिज्ञा का फौज में जाने का सपना होगा पूरा*
रायपुर, 10 सितम्बर 2025/एक माँ की आँखों में उमड़ी खुशी, चेहरे पर झलकता गर्व और शब्दों में छलकता भावातिरेक इस बात का प्रमाण है कि सरकार की दिशा सही है और योजनाएँ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुँच रही हैं। रायपुर की नंदिनी यादव, जो रोज़ी-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करती हैं, आज अपनी बेटी प्रतिज्ञा को छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल, टाटीबंध में प्रवेश दिलाकर गदगद हैं। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू की गई अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से।
नंदिनी यादव बताती हैं कि वह हमेशा चाहती थीं कि उनके बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ें, लेकिन सीमित आर्थिक स्थिति के कारण यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। घर के अन्य बच्चों को देख वह कई बार सोचती थीं कि उनकी बिटिया भी अच्छे स्कूल में पढ़े। जब प्रतिज्ञा का चयन अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना में हुआ तो उनकी आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े। उन्होंने कहा मेरे लिए यह क्षण अविस्मरणीय है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात के दौरान नंदिनी यादव ने अपने मन की भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि अब बेटी का भविष्य संवर जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने भी नंदिनी यादव को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह योजना श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन की नई दिशा देने का माध्यम बनेगी।
नंदिनी ने बताया कि बेटी प्रतिज्ञा का सपना बड़ा है। वह हमेशा से कहती आई है कि उसे फौज में जाना है और देश की सेवा करनी है। बिटिया का यह सपना अब हकीकत बनने की राह पर है। इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई और बेहतर संसाधनों की उपलब्धता से वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सकेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्ची की इस सोच की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सपनों से ही देश की नींव मजबूत होती है।
नंदिनी यादव ने अपनी खुशी साझा करते हुए बताया कि केवल बच्ची की शिक्षा की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उन्हें पक्का मकान मिला है, उज्ज्वल योजना से रसोई गैस कनेक्शन मिला और उनकी सासू माँ को शासन से सिलाई मशीन भी प्राप्त हुई है। इन योजनाओं ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है। उन्होंने कहा सरकार की योजनाएँ मेरे परिवार के लिए संबल बन गई हैं, यही तो सच्चा अंत्योदय है।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी के कारण आज मेरी बच्ची को बेहतर शिक्षा मिल रही है। मैं मुख्यमंत्री जी के पास अपनी भावनाएँ व्यक्त करने आई हूँ। यह खुशी शब्दों में बयान करना मुश्किल है। माँ की भावुकता देखकर उपस्थित लोग भी प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि बेटी की पढ़ाई पूरी जिम्मेदारी से होगी और परिवार को लगातार सहयोग मिलता रहेगा।
उल्लखेनीय है कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत छठी से बारहवीं तक पढ़ाई का पूरा दायित्व सरकार उठाती है। नंदिनी यादव अब निश्चिंत हैं कि उनकी बच्ची का भविष्य सुरक्षित है। महतारी वंदन योजना से मिलने वाले सहयोग ने उनके परिवार को आर्थिक संबल दिया है। यह कहानी केवल एक माँ-बेटी की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उन हजारों परिवारों की है जिनके सपने सरकार की योजनाओं से साकार हो रहे हैं।
*आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय*
*मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये किया गया*
रायपुर 10 सितंबर 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के बाद आज की यह प्रथम बैठक एक नए संकल्प और दृष्टिकोण के साथ आयोजित हो रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण और समग्र विकास के लिए सरकार सभी ठोस कदम उठा रही है। विकास कार्यों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मध्य क्षेत्र अंतर्गत निवासरत अनुसूचित जनजाति समुदाय के बेहतर विकास के लिए प्राधिकरण की बजट राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये करने की घोषणा की।
*जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने प्राधिकरणों का पुनर्गठन*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, सरगुजा और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों का गठन कर समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्राधिकरणों का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और जनसुविधाओं को हर गाँव, हर परिवार तक पहुँचाना है। पूर्व सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण प्राधिकरणों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी रही। निगरानी के अभाव में कई योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर पाईं। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया है।
प्राधिकरण में जनप्रतिनिधित्व को और व्यापक बनाने के लिए सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई है। अब प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि इसके सदस्य बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, आदिवासी विकास के क्षेत्र में कार्यरत दो समाजसेवियों और विशेषज्ञों को प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है, ताकि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ विकास योजनाओं को मिल सके।
*पीएम जनमन योजना ने खोलीं नई संभावनाएँ*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएँ लागू करने पर सरकार विशेष जोर दे रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुरू की गई धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना ने छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई संभावनाएँ खोली हैं। इन योजनाओं के तहत आवास, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढाँचों का विकास तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मध्य क्षेत्र में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्व-सहायता समूहों को और मजबूत करने पर बल दिया जा रहा है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएँ और बाजार से जोड़ने की पहल की जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मध्य क्षेत्र के युवाओं के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार और स्व-रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति समृद्ध है। हमें जनजातीय संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि की व्यवस्थाओं में प्राधिकरण मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित करने हेतु पुनर्वास केंद्र, प्रारंभिक शिक्षा, खेल और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु स्थायी पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने के सुझाव दिए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं पूरी सरकार के साथ बैठक करने कोरबा आए हैं। 30 नवंबर 2019 के बाद यह बैठक नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री स्वयं अनुसूचित क्षेत्र में जाकर बैठक कर रहे हैं। यह उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री प्रणव कुमार मरपच्ची ने कहा कि बजट राशि बढ़ाए जाने से आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यों में वृद्धि होगी।
*शिक्षा, खेल, पर्यटन और सिंचाई को मिली सौगात*
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिवासी बच्चों और युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष घोषणाएँ कीं। उन्होंने कोरबा में बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर के निर्माण और संचालन के लिए 10-10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी तरह विशेष पिछड़ी जनजातियों के खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए दो बालक-बालिका खेल परिसरों हेतु 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करने हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी घोषणा की।
*आधारभूत संरचना और पर्यटन*
मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा शहर में आवागमन को सुव्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपये की घोषणा की। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुका-सतरेंगा पर्यटन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने वन विभाग को 2 माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले की 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 2,800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर लगभग 76 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मध्य क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के 544 विकास कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 539 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ 72 लाख रुपये के कुल 491 स्वीकृत कार्यों में से 482 कार्य पूर्ण हो गए। वर्ष 2023-24 में 32 करोड़ 67 लाख रुपये के कुल 464 स्वीकृत कार्यों में से 424 कार्य पूर्ण हुए। वर्ष 2024-25 में 48 करोड़ 28 लाख रुपये के कुल 508 स्वीकृत कार्यों में से 123 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं तथा शेष कार्य प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मंत्रीगण श्री रामविचार नेताम, श्री दयालदास बघेल, श्री केदार कश्यप, श्री लखनलाल देवांगन, श्री श्याम बिहारी जायसवाल, श्री ओ.पी. चौधरी, श्री टंकराम वर्मा, श्री गजेंद्र यादव, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री राजेश अग्रवाल, सांसद लोकसभा श्री संतोष पांडेय सहित विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यगण, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, श्री मनोज पिंगुआ, प्राधिकरण के सचिव श्री बसवराजू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, बिलासपुर संभागायुक्त श्री सुनील जैन, प्रभारी आईजी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी. श्रीनिवास राव, कलेक्टर कोरबा श्री अजीत वसंत सहित अन्य जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" का शुभारंभ किया। उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। श्री साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएँ, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने।इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी। इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है। हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी।
श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।
श्रम मंत्री श्री देवांगन ने आगे कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुँचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव श्री हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव श्रीमती फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव श्री गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।
तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या दोगुनी, 17 से बढ़कर हुई 35
छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक सम्पन्न
रायपुर, छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या पिछले तीन वर्षों में दोगुनी हो गई है। वर्ष 2022 में जहां बाघों की संख्या 17 थी, वहीं अप्रैल 2025 के सर्वेक्षण में यह बढ़कर 35 हो गई। यह जानकारी आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सम्पन्न छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव कल्याण बोर्ड की 15वीं बैठक में दी गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणियों का संरक्षण और संवर्धन हमारी प्राथमिकता है। हमारा राज्य वन संपदा और वन्य प्राणियों के मामले में अत्यंत समृद्ध है। इन्हें सुरक्षित और विकसित करने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में बाघों की संख्या में तीन वर्षों के भीतर हुई दोगुनी वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बाघों की संख्या 17 से बढ़कर 35 होना इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में संतोषजनक कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि अब हमें अन्य वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी ठोस प्रयास करने होंगे। छत्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं जिन्हें वन्यजीव संरक्षण के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। जशपुर जिले के नीमगांव में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यहां प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु आवश्यक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों की पहचान कर उनका भी विकास किया जाना चाहिए। इससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में बाघों की संख्या के साथ-साथ अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन में भी वृद्धि हुई है तथा उनके रहवासों में सुधार के प्रयास जारी हैं। आगे इसके और बेहतर परिणाम जनता के सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आज पारित प्रस्ताव जनहित के महत्वपूर्ण कार्य हैं, जो शांति का वातावरण स्थापित करने में सहायक होंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वन्यजीवों एवं जैव विविधता को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे।
बोर्ड के सदस्य सचिव श्री अरुण कुमार पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा विभागीय उपलब्धियों और एजेण्डा पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सदस्य सचिव ने बताया कि राज्य में सर्वाधिक बाघ अचानकमार टाइगर रिज़र्व में हैं। राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक में पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व और गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में मध्यप्रदेश से बाघ एवं बाघिन के ट्रांसलोकेशन की अनुमति मिल चुकी है। शीघ्र ही ट्रांसलोकेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राजकीय पशु वनभैंसा की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। असम से लाए गए वनभैंसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसी प्रकार राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संरक्षण हेतु भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। “मैना मित्र” नामक समूह का गठन किया गया है, जो मैना के संरक्षण और उनके रहवास की निगरानी करता है। टाइगर रिज़र्व और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अन्य सुविधाएं विस्तारित की जा रही हैं, जिससे समीपवर्ती ग्रामवासियों को रोजगार मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण में भी सहयोग प्राप्त होगा।
बैठक में वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन हेतु गश्ती मार्ग निर्माण तथा संरक्षित क्षेत्र के युक्तियुक्तकरण के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व, गरियाबंद अंतर्गत धवलपुर से कुकरार तक सड़क निर्माण कार्य; मिशन अमृत योजना के तहत पाइपलाइन विस्तार कार्य; तथा कवर्धा वनमंडल में इंटरनेट सुविधा के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की अनुमति प्रदान की गई। इससे वन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों को मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी, शासकीय योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान की सुविधा मिलेगी, ग्रामीणों के सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार होगा और क्षेत्रीय अमलों के लिए सूचना संप्रेषण मजबूत होगा।
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 11 सितंबर को बस्तर में आयोजित होने वाले छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट का शुभारंभ करेंगे। यह आयोजन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति देने के साथ-साथ अवसरों के नए द्वार खोलने वाला साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में बस्तर का विकास सदैव अग्रणी रहा है। इन्वेस्टर कनेक्ट इसी संकल्प को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समावेशी विकास की इस सोच के अंतर्गत उद्योग और निवेश को केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित न रखकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे मूलभूत क्षेत्रों से जोड़ा गया है, ताकि बस्तर का विकास केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित न रहकर सामाजिक उन्नति का आधार भी बन सके।
इन्वेस्टर कनेक्ट न केवल बस्तर में नए उद्योगों और व्यापक रोजगार के अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि विकास की प्रत्येक उपलब्धि का लाभ सीधे स्थानीय समुदायों तक पहुँचे और वे इस प्रगति यात्रा के सक्रिय भागीदार बनें।