ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर न्यायपालिका पर दबाव बनाने का आरोप लगाकर कहा कि चुनाव में बार-बार हारे लोग इस तरह से राजनीति को नियंत्रित नहीं कर सकते। लॉकडाउन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के सवाल उठाने पर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी की उनके मुख्यमंत्री ही नहीं सुनते। इसका यहीं मतलब है कि उनकी बात में या तो कोई वजन नहीं है या उनकी बातों को उनके मुख्यमंत्री गंभीरता से नहीं लेते। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वक्त एकजुटता का है, राजनीति तो बाद में भी की जा सकती है। उन्होंने कहा,राहुल गांधी ने लॉकडाउन का विरोध किया। डॉक्टरों, कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में ताली-थाली बजाने का विरोध किया। देश में दीप जला, देश में झोपड़ियों में भी दीप जले लेकिन उसका भी विरोध किया।'
लॉकडाउन को लेकर राहुल गांधी के हमलों पर पलटवार कर प्रसाद ने कहा कि उनकी खुद उनके मुख्यमंत्री ही नहीं सुनते। कानून मंत्री ने कहा,सवाल यह है कि राहुल गांधी की बात उनके मुख्यमंत्री क्यों नहीं सुनते? अमरिंदर सिंह ने पंजाब में सबसे पहले कर्फ्यू लगाकर लॉकडाउन लगाया। राजस्थान ने भी यहीं किया। महाराष्ट्र में यह हुआ या नहीं हुआ? उन्होंने प्रधानमंत्री की बैठक से पहले ही कह दिया कि 31 मई तक हमने बढ़ा दिया। अभी देश को एक साथ संकल्प के साथ कोरोना से लड़ना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार मजदूरों की पीड़ा कम करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा,हमारे प्रवासी मजदूरों की पीड़ा से हम सभी दुखी हैं। मैं तो बिहार से आता हूं, वहां बड़ी संख्या में मजदूर लौट के गए हैं। ये त्रासदी है। उनके लिए 3500 गाड़ियां की गई या नहीं, 3 महीने का भोजन दिया गया या नहीं। भारत सरकार ने मजदूरों के क्वारंटीन, स्क्रीनिंग वगैरह के लिए राज्यों को आपदा फंड से 11 हजार करोड़ रुपये दिया या नहीं? उनके लिए मनरेगा में 40 हजार करोड़ रुपये दिया है या नहीं।'